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स्वच्छ एवं सुरक्षित मीठे पानी की तीव्र कमी को हल करने के लिए वैकल्पिक प्रौद्योगिकियां
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विश्व को स्वच्छ एवं सुरक्षित मीठे पानी की अत्यधिक कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस संकट का समाधान करने के लिए कौन-सी वैकल्पिक तकनीकें हैं? ऐसी किन्हीं तीन तकनीकों के मुख्य गुणों और दोषों का उल्लेख करते हुए संक्षेप में चर्चा कीजिए।
रूपरेखा
- प्रस्तावना: प्रासंगिक आँकड़ों के साथ वैश्विक जल संकट पर प्रकाश डालना।
- मुख्य बिंदु: तीन वैकल्पिक तकनीकों की उनके गुण-दोषों सहित चर्चा।
- उपसंहार: टिकाऊ जल प्रबंधन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण।
रूपरेखा
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दुनिया इस समय मीठे पानी के गंभीर संकट का सामना कर रही है, जिसमें करीब 2 बिलियन लोगों के पास सुरक्षित पेयजल नहीं है (WHO, 2021)। भारत पानी की भारी कमी का सामना कर रहा है, जहाँ वैश्विक आबादी का 18% हिस्सा रहता है, लेकिन यहाँ दुनिया के मीठे पानी का केवल 4% ही उपलब्ध है। नीति आयोग के अनुसार, लगभग 600 मिलियन भारतीय उच्च से लेकर चरम जल तनाव का अनुभव करते हैं। बढ़ती मांग, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण ने इस मुद्दे को और बढ़ा दिया है, जिससे स्वच्छ और सुरक्षित पानी सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक तकनीकों की तत्काल आवश्यकता है।
जल संकट शमन के लिए वैकल्पिक तकनीकें
कुछ आशाजनक वैकल्पिक तकनीकों में निम्न शामिल हैं:
- अलवणीकरण (डिसेलिनेशन) - समुद्री जल को मीठे जल में परिवर्तित करना
- सौर ऊर्जा से संचालित जल निस्पंदन - जल को शुद्ध करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग।
- ग्रेवाटर पुनर्चक्रण - घरेलू अपशिष्ट जल का उपचार और पुन: उपयोग।
- फॉग हार्वेस्टिंग - वायुमंडलीय नमी से जल एकत्र करना।
- कृमि निस्पंदन (वर्मीफिल्ट्रेशन) - अपशिष्ट जल के उपचार के लिए केंचुओं का उपयोग।
- वायुमंडलीय जल उत्पादन (AWG) - वायु से सीधे जल का निष्कर्षण।
तीन प्रमुख तकनीकें, उनके गुण एवं दोष निम्नलिखित हैं:अलवणीकरण तकनीक
गुण:
- प्रचुर संसाधन: समुद्री जल से पीने योग्य जल उपलब्ध कराता है, जो तटीय क्षेत्रों के लिए मूल्यवान है।
- तकनीकी दक्षता: रिवर्स ऑस्मोसिस (विपरीत परासरण) जैसी आधुनिक विधियाँ इज़राइल, चेन्नई और कैलिफ़ोर्निया जैसी जगहों पर विश्वसनीय जल आपूर्ति प्रदान करती हैं।
दोष:
- ऊर्जा का गहन उपयोग: उच्च ऊर्जा खपत (15 kWh/1,000 गैलन)।
- पर्यावरणीय प्रभाव: हानिकारक लवणीय पानी का उत्पादन करता है जो समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
वायुमंडलीय जल उत्पादन (AWG)
गुण:
- वायु से जल: प्रत्यक्ष स्रोतों के बिना शुष्क क्षेत्रों से पानी निकालना।
- टिकाऊ: सौर ऊर्जा से संचालित, ऑफ-ग्रिड क्षमता दूरस्थ क्षेत्रों के लिए आदर्श है।
दोष:
- उच्च प्रारंभिक लागत: सेटअप महँगा है।
- सीमित दक्षता: कम आर्द्रता वाले वातावरण में अप्रभावी है।
कृमि निस्पंदन (वर्मीफिल्ट्रेशन)
गुण:
- पर्यावरण के अनुकूल: केंचुओं से सीवेज का उपचार, कम लागत और विकेन्द्रित।
- कम ऊर्जा उपयोग: न्यूनतम ऊर्जा उपयोग, निम्न परिचालन लागत।
दोष:
- सीमित क्षमता: बड़े पैमाने पर उपचार के लिए उपयुक्त नहीं है।
- गहन रखरखाव: नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में।
निष्कर्ष
मीठे पानी के संकट से निपटने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इस समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार ने जल जीवन मिशन जैसी प्रमुख पहल शुरू की है, जिसका लक्ष्य 2024 तक हर ग्रामीण घर में प्रति व्यक्ति 55 लीटर सुरक्षित नल का पानी उपलब्ध कराना है, और अटल भूजल योजना, जो जल-संकटग्रस्त क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करती है। वैकल्पिक तकनीकों के साथ मिलकर ऐसे प्रयास भारत और दुनिया के जल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक हैं।