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सेनकाकू द्वीप: इतिहास, भौगोलिक अवस्थिति, विवाद और नवीनतम अपडेट
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प्रारंभिक परीक्षा के लिए विषय |
सेनकाकू द्वीप, विवाद, शामिल देश |
मुख्य परीक्षा के लिए विषय |
द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंध, क्षेत्रीय वैश्विक समूह, अंतर्राष्ट्रीय संगठन |
सेनकाकू द्वीप का इतिहास
सेनकाकू द्वीप (Senkaku Dweep) पूर्वी चीन सागर में चीन , जापान और ताइवान के बीच हैं। सेनकाकू श्रृंखला में पाँच टापू शामिल हैं - कुबा द्वीप, ऊत्सुरी द्वीप, ताइशो द्वीप, मिनामिकोजिमा द्वीप और किताकोजिमा द्वीप - और तीन चट्टानें - टोबीस द्वीप, ओकिनोमिनामीवा द्वीप और ओकिनोकिताईवा द्वीप। ये द्वीप रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शिपिंग मार्गों के पास हैं, मछली पकड़ने के लिए समृद्ध वातावरण प्रदान करते हैं और माना जाता है कि इनमें तेल के भंडार हैं। पीआरसी का आधिकारिक हिस्सा यह है कि ''इयाओयू दाओ सभी ऐतिहासिक, भौगोलिक और वैध शर्तों में चीन का अंतर्निहित क्षेत्र है ,'' मिंग और किंग राजवंशों के बाद से द्वीपों को ताइवान के क्षेत्र के रूप में प्रशासित किए जाने के ऐतिहासिक प्रमाण के अनुसार।
सेनकाकू द्वीप समूह को क्षेत्रीय विवाद का सामना क्यों करना पड़ा?
क्षेत्रीय संघर्ष के कारण चीन और जापान के बीच द्वीप विवाद और भी बदतर हो गया। इस खराब रिश्ते के पीछे मुख्य कारण यह है कि उन्हें पास में गैस और तेल के भंडार मिले हैं। अब, दोनों देश दावा करते हैं कि उनके पास इन क्षेत्रों पर श्रेष्ठता है। कुछ प्रमुख कारण नीचे दिए गए हैं:
- सेनकाकू द्वीप पर 1895 में जापान ने कब्ज़ा कर लिया था।
- 1972 में जापान ने अमेरिका से पुनः नियंत्रण प्राप्त कर लिया।
- चीन का कहना है कि ये द्वीप सदियों से उसके हैं।
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने इन द्वीपों पर अधिकार कर लिया।
- चीन ने एक बार फिर नियंत्रण स्थापित करना शुरू कर दिया और इस पर आपत्ति जताई।
सेनकाकू द्वीप समूह का स्थान और वे क्यों महत्वपूर्ण हैं?
सेनकाकू द्वीप (Senkaku Islands in Hindi) समूह एक कठिन चुनौती बना हुआ है। यह पूर्वी एशिया में प्रमुख शक्तियों के बीच संबंधों को प्रभावित करता रहता है। सेनकाकू द्वीप समूह का स्थान रणनीतिक महत्व रखता है। ये द्वीप पूर्वी चीन सागर में ताइवान और जापान के करीब स्थित हैं।
सेनकाकू द्वीप समूह के स्थान का सामरिक महत्व
चीन और जापान सेनकाकू द्वीप समूह पर अपना दावा क्यों नहीं खोना चाहते हैं, इसका कारण नीचे दिया गया है –
- ये द्वीप ताइवान से 170 किमी. उत्तर-पूर्व में स्थित हैं।
- ये द्वीप जापान के ओकिनावा के पश्चिम में स्थित हैं।
- ये स्थान वाणिज्य के लिए उपयोग किये जाने वाले प्रमुख समुद्री मार्गों के निकट हैं।
- इस क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस हो सकती है।
- मछलियों की प्रचुरता भी इन क्षेत्रों को मूल्यवान बनाती है।
सेनकाकू द्वीप समूह की वर्तमान स्थिति
चूंकि चीन और जापान अभी भी पीछे नहीं हटे हैं, इससे पूर्वी-एशिया क्षेत्र में संघर्ष पैदा हो रहा है।
नियंत्रण और विवाद
- वर्तमान में जापान इन द्वीपों पर नियंत्रण रखता है।
- संघर्ष तब उत्पन्न होता है जब कोई भी राष्ट्र अपनी सेना की उपस्थिति बढ़ाता है।
- चीन नियमित रूप से गश्ती नौकाएं और विमान भेजता था।
- कम सक्रियता से, ताइवान भी द्वीप की श्रेष्ठता का दावा करता है।
यह भी पढ़ें – भारत में अंतर्राज्यीय जल विवादों की सूची
सेनकाकू द्वीप पर चीन का रुख
चीन अक्सर यह तर्क देता है कि सेनकाकू क्षेत्र पर उसका प्राचीन अधिकार है। चीन और जापान के बीच सेनकाकू द्वीप पर चीन ने चुनौतीपूर्ण स्थिति बना ली है।
चीन का कानूनी और ऐतिहासिक दृष्टिकोण
- चीन ने दावा किया कि एक प्राचीन चीनी मानचित्र में इस द्वीप को चीन का वैधानिक हिस्सा दर्शाया गया है।
- चीन अक्सर कहता है कि जापान ने युद्ध के दौरान इस द्वीप पर कब्ज़ा कर लिया था।
- चीन और जापान का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत ये द्वीप उन्हें सौंप दिए जाने चाहिए।
- यद्यपि जापान सही है, फिर भी चीन किसी भी अंतर्राष्ट्रीय मामले पर जापान का दृढ़तापूर्वक विरोध करता है।
सेनकाकू द्वीप पर जापान का रुख
जापान का दावा है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार सेनकाकू द्वीप केवल उनका है। यह कथन पूर्वी एशिया में सेनकाकू द्वीप विवाद पर तनाव पैदा करता है।
सेनकाकू द्वीप पर जापान के दावे और कार्रवाई
- जापान ने खुलासा किया है कि उन्होंने 1895 में इस द्वीप को कानूनी रूप से हासिल किया था।
- उन्होंने शिकायत की कि क्षेत्र के निकट तेल पाए जाने के बाद चीन ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी।
- जापान ने वहां बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया है और वह इस क्षेत्र पर नियंत्रण रखता है।
- जापान का यह भी कहना है कि निर्विवाद क्षेत्र जापानी भूभाग का हिस्सा है।
सेनकाकू द्वीप विवाद पर भारत का दृष्टिकोण
भारत ने सेनकाकू द्वीप विवाद मुद्दे का कभी समर्थन नहीं किया। हालाँकि, इस क्षेत्र की स्थिरता हमेशा भारत की विदेश नीति को प्रभावित करती है। भारत की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी और उसने ज़्यादातर संघर्ष से परहेज़ किया।
सेनकाकू द्वीप समूह पर भारत का दृष्टिकोण
- भारत पूर्वी एशिया में शांति का पक्ष लेता है।
- भारत के जापान और चीन के साथ मजबूत संबंध बने हुए हैं।
- भारत सेनकाकू द्वीप समूह में जापान और चीन के बीच विवाद से दूर रहता है।
- भारत सदैव अपने समुद्री क्षेत्र में मुक्त नौवहन चाहता है।
अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उनके मुख्यालयों के बारे में यहां जानें !
सेनकाकी द्वीप विवाद का वैश्विक प्रभाव
सेनकाकू द्वीप (Senkaku Dweep) पर आदर्श विवाद एक वैश्विक मुद्दा बन गया है। इस वैश्विक मुद्दे के पीछे कुछ तथ्य नीचे दिए गए हैं:
- क्षेत्रीय या भू-राजनीतिक मुद्दे जैसे असंतुलित मुद्दे भी पाए गए।
- सेनकाकू द्वीप विवाद भविष्य में सबसे प्रमुख सैन्य संघर्ष का संकेत देता है ।
- संयुक्त राज्य अमेरिका सुरक्षा समझौतों के माध्यम से लगातार जापान का पक्ष लेता रहता है।
- आसियान के सदस्य इस संघर्ष को करीब से देख रहे हैं।
- चीन संयुक्त राज्य अमेरिका को एक अतिक्रमणकारी तथा विवाद में उसका अवांछित हस्तक्षेप मानता है।
यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए सेनकाकू द्वीप पर महत्वपूर्ण जानकारी:
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यूपीएससी के लिए सेनकाकू द्वीप विषय अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीति और क्षेत्रीय विवादों से जुड़ा एक वैश्विक मुद्दा है। यूपीएससी उम्मीदवारों को इस विषय को जड़ से समझने के लिए ध्यान देना चाहिए।
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आईएएस की तैयारी के लिए और लेख:
सेनकाकू द्वीप यूपीएससी FAQs
सेनकाकू द्वीप विवाद के पीछे क्या कारण हैं?
तेल और प्राकृतिक गैस की प्रचुर उपलब्धता, मछली पकड़ने के अधिकार और प्राचीन मांगें विवाद का कारण हैं।
सेनकाकू द्वीप विवाद में कौन से देश शामिल हैं?
सेनकाकू द्वीप विवाद में जापान और चीन सक्रिय रूप से शामिल थे। ताइवान आंशिक रूप से इसमें शामिल है।
सेनकाकू द्वीप की वर्तमान स्थिति क्या है?
सेनकाकू द्वीप विवाद को फिलहाल जापान संभाल रहा है, लेकिन चीन लगातार विवादित क्षेत्र के करीब अपनी सेना बढ़ाता जा रहा है।
सेनकाकू द्वीप विवाद पर भारत का क्या दृष्टिकोण है?
भारत ने इस विवाद में कभी रुचि नहीं दिखाई, लेकिन इससे भारत की विदेश नीति को लगातार नुकसान पहुंच रहा है।
सेनकाकू द्वीप कहां स्थित है?
पूर्वी चीन सागर में स्थित सेनकाकू द्वीप, ताइवान के उत्तर-पूर्वी भाग और जापान के ओकिनावा के पश्चिमी भाग को भी कवर करता है।