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ऑपरेशन मैत्री: अवलोकन, बहु चरण, भारत-नेपाल संबंध यूपीएससी नोट्स
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25 अप्रैल, 2015 को नेपाल में 7.8 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। इसने व्यापक विनाश किया और 9,000 से अधिक लोग मारे गए। सड़कें, अस्पताल और ऐतिहासिक स्मारक मलबे में तब्दील हो गए। हज़ारों लोग घायल हुए। लाखों लोगों ने अपने घर खो दिए। जवाब में, भारत ने 26 अप्रैल, 2015 को ऑपरेशन मैत्री (Operation Maitri in Hindi) शुरू किया। यह भारत सरकार के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर बचाव और राहत अभियान था। भारतीय सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों ने इसमें हिस्सा लिया। भारत ने विमान, हेलीकॉप्टर, डॉक्टर, दवाइयाँ, भोजन और टेंट भेजे। 43,000 से अधिक भारतीयों को नेपाल से सुरक्षित निकाला गया। इस ऑपरेशन से कई नेपाली नागरिकों और विदेशियों को भी मदद मिली।
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ऑपरेशन मैत्री | Operation Maitri in Hindi
ऑपरेशन मैत्री (Operation Maitri in Hindi) एक बचाव और राहत अभियान है। इसे भारत सरकार ने अप्रैल 2015 में लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य भूकंप के बाद नेपाल की मदद करना था। 'मैत्री' शब्द का अर्थ है दोस्ती। यह नाम भारत और नेपाल के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को दर्शाता है।
25 अप्रैल 2015 को भूकंप आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 थी। यह इस क्षेत्र में आए सबसे भयानक भूकंपों में से एक था। हज़ारों लोगों की जान चली गई। लाखों लोग बेघर हो गए। नेपाल का बुनियादी ढांचा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
भारत ने इस आपदा पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। कुछ ही घंटों में भारत ने ऑपरेशन मैत्री शुरू कर दिया। भारतीय वायुसेना और थलसेना को तैनात किया गया। राहत दल और चिकित्सा सहायता तुरंत भेजी गई। इस ऑपरेशन ने भारत की त्वरित कार्रवाई और बड़े पैमाने पर समर्थन को दर्शाया।
यूपीएससी की तैयारी के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल विषय पर एक लेख पढ़ें!
ऑपरेशन मैत्री का विवरण
ऑपरेशन मैत्री (Operation Maitri in Hindi) का नेतृत्व भारतीय सशस्त्र बलों ने किया था। यह भारत द्वारा किए गए अब तक के सबसे बड़े बचाव अभियानों में से एक था। इस ऑपरेशन के कई भाग थे। इसमें खोज और बचाव, चिकित्सा सहायता और परिवहन सहायता शामिल थी।
यहां कुछ तथ्यात्मक विवरण दिए गए हैं:
पहलू |
विवरण |
ऑपरेशन का नाम |
ऑपरेशन मैत्री |
प्रक्षेपण की तारीख |
26 अप्रैल, 2015 |
द्वारा आरंभ किया गया |
भारत सरकार |
लॉन्च का कारण |
25 अप्रैल 2015 को नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया |
नेपाल में मृतकों की संख्या |
9,000 से अधिक |
नेपाल में घायल |
23,000 से अधिक |
शामिल एजेंसियां |
भारतीय सशस्त्र बल, एनडीआरएफ, विदेश मंत्रालय, भारतीय रेलवे |
प्रारंभिक प्रतिक्रिया समय |
6 घंटे के भीतर |
प्रथम विमान प्रकार |
सी-130जे सुपर हरक्यूलिस |
कुल भारतीय वायुसेना उड़ानें |
500 से अधिक |
राहत सामग्री आपूर्ति की गई |
1,700 टन से अधिक |
भारतीयों को निकाला गया |
43,000 से अधिक |
विदेशी नागरिकों को निकाला गया |
अमेरिका, ब्रिटेन, रूस सहित 15+ देशों से |
चिकित्सा शिविरों की संख्या |
13 चिकित्सा राहत शिविर |
हेलीकॉप्टर तैनात |
एमआई-17 और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर |
चरण 1 |
खोज और बचाव |
चरण 2 |
चिकित्सा सहायता और खाद्य वितरण |
चरण 3 |
निकासी और प्रत्यावर्तन |
चरण 4 |
बुनियादी ढांचा सहायता और दीर्घकालिक समर्थन |
यूपीएससी के लिए महत्व |
जीएस पेपर II (आईआर), जीएस पेपर III (आपदा प्रबंधन), निबंध, साक्षात्कार |
यूपीएससी की तैयारी के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 पर लेख देखें!
ऑपरेशन मैत्री इंडिया रिस्पांस
नेपाल के संकट पर भारत की प्रतिक्रिया तत्काल थी। प्रधानमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठकें कीं। छह घंटे के भीतर राहत उड़ानें शुरू हो गईं। भारतीय वायुसेना ने सी-130 और सी-17 विमानों का इस्तेमाल किया। इन विमानों में भोजन, टेंट और चिकित्सा आपूर्तियां ले जाई गईं।
पूर्वी कमान से भारतीय सेना की टुकड़ियाँ भेजी गईं। उन्होंने मलबा हटाने और घायल लोगों के उपचार में मदद की। NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें भी शामिल हुईं। उन्होंने मलबे में फंसे लोगों को बचाया।
भारतीय रेलवे ने रसद सहायता प्रदान की। मोबाइल अस्पताल स्थापित किए गए। मेडिकल टीमों ने सर्जरी और ट्रॉमा केयर की। ऑपरेशन मैत्री (Operation Maitri in Hindi) ने आपदाओं के लिए भारत की मजबूत तैयारी को दर्शाया। इसने कठिन समय में पड़ोसियों के लिए भारत के समर्थन को भी दर्शाया।
Subjects | PDF Link |
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ऑपरेशन मैत्री बहु-चरणीय, बहु-एजेंसी ऑपरेशन
ऑपरेशन मैत्री (Operation Maitri in Hindi) के कई चरण थे। यह एक बार का प्रयास नहीं था। इसमें त्वरित प्रतिक्रिया, मध्यावधि सहायता और दीर्घकालिक सहायता शामिल थी। इस मिशन में कई भारतीय एजेंसियां शामिल थीं।
चरण |
निष्पादित गतिविधियाँ |
शामिल प्रमुख एजेंसियां |
चरण 1 तत्काल प्रतिक्रिया |
- बचाव दलों की त्वरित तैनाती - आपूर्ति का हवाई मार्ग से पहुंचना - नियंत्रण कक्षों की स्थापना |
- भारतीय वायु सेना (आईएएफ)- भारतीय सेना- विदेश मंत्रालय (एमईए) |
चरण 2 खोज और बचाव |
- मलबा हटाना- फंसे हुए लोगों को बचाना- हेलीकॉप्टरों के जरिए दूरदराज के इलाकों तक पहुंचना |
- राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ)- भारतीय सेना- गोरखा रेजिमेंट के पूर्व सैनिक |
चरण 3 चिकित्सा एवं खाद्य राहत |
- चिकित्सा शिविर लगाना - आघात देखभाल और सर्जरी प्रदान करना - भोजन, पानी, दवाइयां वितरित करना |
- सेना चिकित्सा कोर- सिविल अस्पताल- भारतीय वायुसेना चिकित्सा दल |
चरण 4 निकासी |
- 43,000 से अधिक भारतीयों और विदेशी नागरिकों को निकालना- सड़क और हवाई मार्ग से निकासी- सीमा पर आश्रय और परिवहन उपलब्ध कराना |
- भारतीय रेलवे- विदेश मंत्रालय- राज्य आपदा प्रतिक्रिया इकाइयाँ |
चरण 5 बुनियादी ढांचा और दीर्घकालिक समर्थन |
- सड़कों और संचार का पुनर्निर्माण - भूस्खलन को साफ करना - जनरेटर और सैटेलाइट फोन उपलब्ध कराना |
- भारतीय सेना के इंजीनियर- सीमा सड़क संगठन (बीआरओ)- विदेश मंत्रालय |
रसद सहयोग |
- भूमि, वायु और समुद्र के माध्यम से आपूर्ति का परिवहन - कामराजर बंदरगाह जैसे रणनीतिक स्थानों का उपयोग यूपीएससी |
- भारतीय नौसेना- जहाजरानी मंत्रालय- हवाई अड्डा और बंदरगाह प्राधिकरण |
यूपीएससी की तैयारी के लिए भूकंप पर लेख देखें!
प्रमुख परिचालनात्मक विशेषताएं
ऑपरेशन मैत्री (Operation Maitri in Hindi) की कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- तीन दिनों में 43 से अधिक विमानों ने उड़ानें भरीं।
- 50 टन से अधिक खाद्यान्न एवं दवाइयां वितरित की गईं।
- दूरदराज के गांवों के लिए एमआई-17 हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया।
- भारतीय दूरसंचार कम्पनियों ने नेटवर्क बहाल करने में मदद की।
- इंजीनियरों ने सड़कों और पुलों को बहाल करने में मदद की।
- नेपाल ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भारत की मदद की प्रशंसा की।
ऑपरेशन मैत्री भारत-नेपाल संबंध
भारत और नेपाल के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं। वे सीमाएँ और खुली प्रवास नीतियाँ भी साझा करते हैं। ऑपरेशन मैत्री ने इन संबंधों को बेहतर बनाया। इसने नेपाल के पहले प्रतिक्रियादाता के रूप में भारत की भूमिका को दर्शाया।
नेपाल की सरकार और जनता ने भारत की मदद की प्रशंसा की। भारत के सहयोग से सद्भावना पैदा हुई। इससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध बेहतर हुए। नेपाल ने आधिकारिक बयानों में भारत को धन्यवाद दिया। दोनों देशों के नेताओं ने मित्रता और समर्थन व्यक्त किया।
यूपीएससी के उम्मीदवारों को ऑपरेशन मैत्री (Operation Maitri in Hindi) को भारत की पड़ोस पहले नीति से जोड़ना चाहिए। यह भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यूपीएससी के लिए भारत में मिट्टी का वर्गीकरण यहां पढ़ें!
ऑपरेशन मैत्री मानवतावादी कूटनीति
ऑपरेशन मैत्री मानवीय कूटनीति का एक स्पष्ट उदाहरण है। भारत ने बिना किसी शर्त के मदद की। इस मिशन का उद्देश्य केवल लोगों की जान बचाना और उनकी मदद करना था।
मानवीय कूटनीति का मतलब संकट के समय दूसरे देशों की मदद करना है। यह सद्भावना बनाने और वैश्विक जिम्मेदारी दिखाने के लिए किया जाता है। ऑपरेशन मैत्री (Operation Maitri in Hindi) की वजह से भारत की सॉफ्ट पावर बढ़ी है।
अन्य देशों ने भी इस पर ध्यान दिया। भारत की इस कार्रवाई की संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रशंसा की गई। इससे पता चला कि भारत दक्षिण एशिया में नेतृत्व कर सकता है। यूपीएससी मेन्स के लिए, यह बिंदु निबंध और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में उपयोगी है।
यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए मुख्य बातें
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निष्कर्ष
ऑपरेशन मैत्री सिर्फ़ राहत अभियान नहीं था। यह नेपाल के साथ भारत की दोस्ती का प्रतीक था। इसने मदद करने और नेतृत्व करने की भारत की शक्ति को दिखाया। इसमें सैन्य, नागरिक और कूटनीतिक प्रयासों का समावेश था। इसने भारत की वैश्विक छवि को बढ़ाया।
अपने उत्तरों में ऑपरेशन मैत्री यूपीएससी अंतर्दृष्टि को शामिल करना सुनिश्चित करें। बेहतर स्कोर करने के लिए तथ्यों, उदाहरणों और विश्लेषण का उपयोग करें। ऐसे मिशनों को समझना आपको GS पेपर, निबंध और साक्षात्कार में मदद करेगा। आइए हम ज्ञान और सहानुभूति के साथ राष्ट्र की सेवा करने का लक्ष्य रखें, जैसे ऑपरेशन मैत्री ने नेपाल की सेवा की थी।
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ऑपरेशन मैत्री यूपीएससी FAQs
ऑपरेशन मैत्री के तहत कितने लोगों को निकाला गया?
43,000 से अधिक भारतीय नागरिकों और कई विदेशी नागरिकों को नेपाल से सुरक्षित निकाला गया।
ऑपरेशन मैत्री में कामराजार पोर्ट यूपीएससी की क्या भूमिका थी?
कामराजर पोर्ट यूपीएससी ने नेपाल तक हवाई और सड़क रसद का समर्थन करने के लिए राहत सामग्री को शीघ्रता से पहुंचाने में भूमिका निभाई।
ऑपरेशन मैत्री में कौन सी भारतीय एजेंसियां शामिल थीं?
इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, विदेश मंत्रालय, भारतीय रेलवे और बीआरओ प्रमुख भागीदार थे।
नेपाल के भूकंप पर भारत ने कितनी तेजी से प्रतिक्रिया दी?
भारत ने 25 अप्रैल 2015 को आए भूकंप के 6 घंटे के भीतर ही यह अभियान शुरू कर दिया था।
ऑपरेशन के दौरान नेपाल को किस प्रकार की सहायता भेजी गई?
भारत ने भोजन, पानी, दवाइयां, टेंट, चिकित्सा दल, हेलीकॉप्टर और बचाव उपकरण भेजे।
क्या ऑपरेशन मैत्री केवल बचाव और निकासी के लिए था?
नहीं, इसमें चिकित्सा सहायता, बुनियादी ढांचे की मरम्मत और दीर्घकालिक समर्थन के लिए मानवीय कूटनीति प्रयास भी शामिल थे।
ऑपरेशन मैत्री यूपीएससी आपदा प्रतिक्रिया के लिए एक आदर्श मामला क्यों है?
यह बहु-एजेंसी समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया समय तथा पड़ोसी देशों को मानवीय सहायता प्रदान करने में भारत की अग्रणी भूमिका को दर्शाता है।
ऑपरेशन मैत्री क्या है?
ऑपरेशन मैत्री एक मानवीय राहत और बचाव मिशन है जिसे भारत द्वारा 26 अप्रैल, 2015 को भूकंप प्रभावित नेपाल की मदद के लिए शुरू किया गया था।
यूपीएससी के लिए ऑपरेशन मैत्री क्यों महत्वपूर्ण है?
यह GS पेपर II (भारत के पड़ोसी संबंध) और GS पेपर III (आपदा प्रबंधन) के लिए प्रासंगिक है। यह भारत की विदेश नीति और सॉफ्ट पावर को दर्शाता है।