आधुनिक काल MCQ Quiz - Objective Question with Answer for आधुनिक काल - Download Free PDF
Last updated on May 7, 2025
Latest आधुनिक काल MCQ Objective Questions
आधुनिक काल Question 1:
"ठकुरी बाबा" के अनुसार ठकुरी बाबा की पत्नी की मृत्यु का क्या कारण था?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 1 Detailed Solution
उत्तर है - प्रसूति ज्वर और उचित चिकित्सा के अभाव में
विश्लेषण: ठकुरी बाबा की पत्नी की मृत्यु प्रसूति ज्वर से हुई थी, जो उनकी बेटी बेला के जन्म के डेढ़ वर्ष बाद हुई। उचित चिकित्सा और विश्राम के अभाव ने उनकी स्थिति को और गंभीर बना दिया, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। यह ग्रामीण समाज में चिकित्सा सुविधाओं की कमी को दर्शाता है।
आधुनिक काल Question 2:
"माटी की मूरतें" के अनुसार सुभान खाँ ने गाँव में किस बात का कड़ा प्रतिरोध किया?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 2 Detailed Solution
उत्तर है - हिंदू-मुसलमान तनाव बढ़ाने वाली गाय की कुर्बानी का
विश्लेषण: सुभान खाँ ने गाँव में हिंदू-मुसलमान तनाव को बढ़ाने वाली गाय की कुर्बानी का कड़ा प्रतिरोध किया। उसने कहा, "मैं मुसलमान हूँ, कभी अल्लाह को नहीं भूला हूँ। मैं मुसलमान की हैसियत से कहता हूँ, मैं गाय की कुर्बानी न होने दूँगा।" यह उसकी हिंदू-मुसलिम एकता की भावना को दर्शाता है।
आधुनिक काल Question 3:
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक किसे मानते हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 3 Detailed Solution
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक मानते हैं - भाषायोग वशिष्ठ
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने "भाषायोग वाशिष्ठ" को परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक माना है, उन्होंने इसे खड़ी बोली गद्य का आरंभ भी माना है।
Key Pointsभाषायोग वशिष्ठ-
- रचनाकार- रामप्रसाद 'निरंजनी'
- समय- 1741 ई.
- विषय-
- इसकी भाषा पंजाबी-ब्रजभाषा मिश्रित खड़ी बोली है।
- आचार्य शुक्ल ने 'भाषा योगवाशिष्ट को परिमार्जित गद्य की प्रथम पुस्तक और 'रामप्रसाद निरंजनी' को 'प्रथम प्रौढ़ गद्य लेखक' माना है।
Important Pointsनासिकेतोपाख्यान-
- रचनाकार- पं० सदल मिश्र
- समय- 1803 ई.
- अन्य नाम- चंद्रावली
- विषय-
- इसकी रचना यजुर्वेद के आधार पर काठोपनिषद् में वर्णित नचिकेता की कथा को आधार बनाकर की गई है।
सुखसागर -
- रचनाकार- मुंशी सदासुखलाल
- समय- 1800 ई.
- विषय-
- सुखसागर सनातन मतावलम्बियों का एक विशिष्ट धार्मिक ग्रन्थ है।
- आपने श्रीमद्भागवद् का अनुवाद 'सुखसागर' नाम से किया।
प्रेमसागर-
- रचनाकार- लल्लू लाल
- समय- 1810 ई.
- भाषा - प्रारम्भिक हिन्दी खड़ीबोली
- विषय-
- इस ग्रंथ में भागवत पुराण के दशम स्कंध की कथा है, जिसमें कृष्ण लीला का वर्णन है।
Additional Informationआचार्य रामचन्द्र शुक्ल-
- (4 अक्टूबर 1884 - 2 फरवरी 1941)
- हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- आलोचनात्मक ग्रंथ -
- सूर, तुलसी, जायसी पर की गई आलोचनाएँ, काव्य में रहस्यवाद,
- काव्य में अभिव्यंजनावाद, रसमीमांसा आदि शुक्ल की आलोचनात्मक रचनाएँ हैं।
- निबन्धात्मक ग्रन्थ -
- उनके निबन्ध चिंतामणि नामक ग्रंथ के दो भागों में संग्रहीत हैं।
आधुनिक काल Question 4:
निम्न में से हिन्दी और उर्दू के संघर्ष में शुद्ध भारतीय संस्कारवती हिन्दी को ही हिन्दी का वास्तविक रूप किसने माना ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 4 Detailed Solution
हिन्दी और उर्दू के संघर्ष में शुद्ध भारतीय संस्कारवती हिन्दी को ही हिन्दी का वास्तविक रूप राजा लक्ष्मण सिंह ने माना
Key Pointsराजा लक्ष्मण सिंह-
- राजा लक्ष्मण सिंह ने 'शकुंतला नाटक' की रचना की।
- इन्होने हिन्दी को हिन्दी संस्कृति के अनुकूल संस्कृतनिष्ठ बनाने की चेष्टा की।
- इन्होने आगरा से प्रजा-हितैषी पत्र निकाला और कालिदास के अभिज्ञान शाकुन्तलम्, रघुवंश एवं मेघदूतम् का हिन्दी में अनुवाद किया।
Important Points राजा शिवप्रसाद 'सितारेहिन्द'
- राजा शिवप्रसाद 'सितारेहिन्द' (1824-1895) हिन्दी के उन्नायक एवं साहित्यकार थे।
- शिवप्रसाद शिक्षा-विभाग में कार्यरत थे।
- शिवप्रसाद के प्रयत्नों से स्कूलों में हिन्दी को प्रवेश मिला।
- उस समय हिन्दी की पाठ्यपुस्तकों का बहुत अभाव था।
- शिवप्रसाद ने स्वयं इस दिशा में प्रयत्न किया और दूसरों से भी लिखवाया।
- शिवप्रसाद ने 'बनारस अखबार(1845)' नामक एक हिन्दी पत्र निकाला और इसके माध्यम से हिन्दी का प्रचार-प्रसार किया।
- यह पत्रिका साप्ताहिक थी।
- इनकी भाषा में फारसी-अरबी के शब्दों का अधिक प्रयोग होता था।
केशवदास-
- जन्म- 1555-1617 ई.
- रीतिकाल की रीतिबद्ध शाखा के प्रमुख कवि है।
- यह निम्बार्क सम्प्रदाय में दीक्षित थे।
- उपनाम- वेदांती मिश्र।
- ये इंद्रजीत सिंह के दरबारी कवि थे,'कविप्रिया' ग्रन्थ की रचना इंद्रजीत सिंह की प्रेमिका गणिका प्रवीण राय को शिक्षा देने के लिए की गयी थी।
- रचनाएँ-
- रसिकप्रिया(1591 ई.)
- कविप्रिया(1601 ई.)
- रामचंद्रिका(1601 ई.)
- रतनबावनी(1607 ई.) आदि।
- रामचन्द्र शुक्ल-
- "केशवदास जी संस्कृत के पंडित थे अतः शास्त्रीय पद्धति से साहित्यचर्चा का प्रचार भाषा मे पूर्ण रूप से करने की इच्छा उनके लिए स्वभाविक थी।"
आधुनिक काल Question 5:
खड़ी बोली में लिखित रचना 'प्रेमसागर' के लेखक हैं
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 5 Detailed Solution
खड़ी बोली में लिखित रचना 'प्रेमसागर' के लेखक हैं- लल्लूलाल
Key Pointsप्रेमसागर-
- रचनाकार-लल्लू लाल
- प्रकाशन वर्ष-1810ई.
- भाषा-खड़ी बोली
- विषय-
- यह चतुर्भुज मिश्र द्वारा ब्रजभाषा अनुवाद में रचित भागवत पुराण के दशम स्कन्ध का खड़ी बोली में अनुवाद है।
Important Pointsलल्लू लाल-
- जन्म-1763-1825 ई.
- अन्य रचनाएँ-
- सिंहासन बत्तीसी(1801 ई.)
- बैताल पच्चीसी(1801 ई.)
- राजनीति(1802 ई.) आदि।
- शुक्ल के अनुसार-
- "पर लल्लू लाल की भाषा कृष्णोपासकों व्यासों की-सी ब्रजरंजित खड़ी बोली है।"
Additional Informationसदल मिश्र-
- जन्म-1767-1848 ई.
- अन्य रचनाएँ-
- रामचरित्र(1806 ई.)
- हिंदी पर्शियन वकेबुलरी(1809 ई.) आदि।
मुंखी सदासुखलाल-
- जन्म-1746 - 1824 ई.
- खड़ी बोली के प्रारंभिक गद्यलेखकों में उनका ऐतिहासिक महत्व है।
- उपनाम-नियाज
- रचनाएँ-
- मुतख़बुत्तवारीख,सुखसागर आदि।
राजा लक्ष्मण सिंह-
- जन्म-1826-1896ई.
- रचनाएँ-
- शकुंतला(1862ई.)
- रघुवंश(1878ई.)
- मेघदूत(1882ई.) आदि।
- रामचन्द्र शुक्ल-
- "प्रकृतिविरुद्ध भाषा खटकी टो बहुत लोगों को होगी,पर असली हिन्दी का नमूना लेकर उस समय राजा लक्ष्मण सिंह ही आगे बढ़े।"
Top आधुनिक काल MCQ Objective Questions
कालिदास के 'शकुंतला' नाटक का खड़ी बोली में अनुवाद किसने किया?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFकालिदास के 'शकुंतला' नाटक का खड़ी बोली में अनुवाद राजा लक्ष्मण सिंह ने किया।
Key Pointsराजा लक्ष्मण सिंह-
- राजा लक्ष्मण सिंह ने 'शकुंतला नाटक' की रचना की।
- इन्होने हिन्दी को हिन्दी संस्कृति के अनुकूल संस्कृतनिष्ठ बनाने की चेष्टा की।
- इन्होने आगरा से प्रजा-हितैषी पत्र निकाला और कालिदास के अभिज्ञान शाकुन्तलम्, रघुवंश एवं मेघदूतम् का हिन्दी में अनुवाद किया।
Important Pointsलल्लू लाल-
- जन्म-1763-1825 ई.
- अन्य रचनाएँ-
- सिंहासन बत्तीसी(1801 ई.)
- बैताल पच्चीसी(1801 ई.)
- राजनीति(1802 ई.) आदि।
सदल मिश्र-
- जन्म-1767-1848 ई.
- अन्य रचनाएँ-
- रामचरित्र(1806 ई.)
- हिंदी पर्शियन वकेबुलरी(1809 ई.) आदि।
सूची I का सूची II से मिलान कीजिए
सूची I पंक्ति |
सूची II पुस्तक / कविता |
||
A. |
पूछेगा जग किन्तु पिता का नाम न बोल सकेंगे |
I. |
साकेत |
B. |
न कुछ कह सकी अपनी, न उन्हीं की पूछ में सकी भय से |
II. |
गीत फ़रोश |
C. |
तोड़ दो यह क्षितिज मैं भी देख तूं उस ओर क्या है |
III. |
रश्मिरथी |
D. |
जी, लोगों ने तो बेच दिये ईमान |
IV. |
सांध्यगीत |
निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसूची I का सूची II से मिलान 1) A - III, B - I, C - IV, D – II
Key Points
सूची I का सूची II से मिलान
सूची I पंक्ति |
सूची II पुस्तक / कविता |
||
A. |
पूछेगा जग किन्तु पिता का नाम न बोल सकेंगे |
III. |
रश्मिरथी |
B. |
न कुछ कह सकी अपनी, न उन्हीं की पूछ में सकी भय से |
I. |
साकेत |
C. |
तोड़ दो यह क्षितिज मैं भी देख तूं उस ओर क्या है |
IV. |
सांध्यगीत |
D. |
जी, लोगों ने तो बेच दिये ईमान |
II. |
गीत फ़रोश |
Important Points
- रश्मिरथी –
- यह रामधारी सिंह दिनकर का प्रबंध काव्य
- यह 1952 में प्रकाशित हुआ
- इसमें कुंती के पुत्र कर्ण की कथा है।
- साकेत –
- मैथिलीशरण गुप्त की रचना है।
- यह 1931 में प्रकाशित हुआ
- इसमें 12 सर्ग है यह महाकाव्य है।
- इस पर मंगला प्रसाद पारितोषिक मिला।
- इसकी प्रेरणा महावीर प्रसाद द्विवेदी के लेख उर्मिला कवियों की उर्मिला विषयक उदासीनता जो सरस्वती में 1908 में प्रकाशित हुआ।
- इसका सबसे बड़ा व महत्वपूर्ण सर्ग है।
- 9 सर्ग में उर्मिला का विरह वर्णन है।
- इस रचना में 15 वर्ष लगे
- संध्या गीत –
- यह महादेवी वर्मा की रचना है।
- यह 1936 में प्रकाशित हुई।
- इसमें 45 गीत का संकलन है।
- गीत फरोश-
- यह भवानी प्रसाद मिश्र की रचना है।
Additional Information
- रामधारी सिंह दिनकर –
- रचनाएं –
- रेणुका 1935 ( प्रथम काव्य संग्रह)
- हुंकार 1938
- रसवंती 1940,
- द्वद्वगीत 1940
- समाधेनी 1946
- कुरुक्षेत्र 1946 ( प्रबंध काव्य 7 सर्गो में )
- उर्वशी 1961 ( खंडकाव्य )
- यशोधरा 1946
- परशुराम की प्रतीक्षा 1963,
- हारे को हरिनाम 1970.
- मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएं –
- रंग में भंग 1909
- जयद्रथ वध 1910
- भारत - भारती 1912
- किसान 1917,
- शकुंतला 1923,
- पंचवटी 1925,
- झंकार 1929
- यशोधरा 1933
- द्वापर 1936,
- सिद्धराज 1936
- जय भारत 1952,
- विष्णुप्रिया 1957
- नहुष काव्य 1940.
- महादेवी वर्मा की रचनाएं-
- नीहार 1930
- रश्मि 1932,
- नीरजा 1935,
- सांध्यागीत 1936,
- दीपशिखा 1942
- सप्तपर्णा 1960
- याम 1940
- अग्निरेखा 1990.
- भवानी प्रसाद मिश्र की रचनाएं-
- गीत फरोश,
- अनाम तुम आते हो,
- त्रिकाल संध्या
- बुनी हुई रस्सी (साहित्य अकादमी)
- खुशबू के शिलालेख, कालजयी.
कवि ने बहुत दिनों के बाद किसकी मुस्कान देखी ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- कविता की संदर्भित पंक्तियाँ:
- बहुत दिनों के बाद
अबकी मैंने जी भर देखी
पकी-सुनहली फ़सलों की मुस्कान
—बहुत दिनों के बाद
- बहुत दिनों के बाद
कवयित्री ने झाँसी की रानी की कहानी किससे सुनी थी ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF- सुभद्राकुमारी चौहान ने अपनी कविता झाँसी की रानी में निम्न पंक्ति को दोहराया है:
- बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी।
- इससे स्पष्ट है कि झाँसी की रानी की कहानी हरबोलों से सुनी गयी।
मजदूरनी कहाँ पत्थर तोड़ रही थी ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- वह तोड़ती पत्थर;
- देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर—
- वह तोड़ती पत्थर।
भारतीय सपूतों से कौन पुकारकर कहती है कि जयी बनो ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - स्वतंत्रता।
Key Points
- यह प्रश्न जयशंकर प्रसाद कि कविता "हिमाद्रि तुंग श्रृंग से" से लिया गया है।
- इसकी मुख्य पंक्ति है - हिमाद्रि तुंग श्रृंग से स्वतंत्रता पुकारती।
- यह वीर रस की कविता है।
आधुनिक काल Question 12:
ध्रुव श्वमिनी नाटक का मुख्य संदेश क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 12 Detailed Solution
सही उत्तर है - सत्य और न्याय हमेशा जीतते हैं।
Key Points
- नाटक ध्रुव श्वमिनी का मुख्य संदेश यह है कि सत्य और न्याय हमेशा जीतते हैं।
- ध्रुव के पिता अंततः अपने पुत्र के स्वामिनी के लिए प्यार को स्वीकार करते हैं, और ध्रुव और स्वामिनी स्वर्ग में फिर से मिलते हैं।
- यह दिखाता है कि भले ही ध्रुव को अंत में कष्ट उठाना पड़ा, लेकिन उसका बलिदान अंततः सार्थक था।
- नाटक यह भी दिखाता है कि सत्य और न्याय हमेशा मौजूद रहते हैं, भले ही वे हमेशा स्पष्ट न हों।
- ध्रुव के पिता अंत में अपने पुत्र के प्यार को स्वीकार करते हैं क्योंकि वे देखते हैं कि यह सत्य और न्याय है।
आधुनिक काल Question 13:
कालिदास के 'शकुंतला' नाटक का खड़ी बोली में अनुवाद किसने किया?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 13 Detailed Solution
कालिदास के 'शकुंतला' नाटक का खड़ी बोली में अनुवाद राजा लक्ष्मण सिंह ने किया।
Key Pointsराजा लक्ष्मण सिंह-
- राजा लक्ष्मण सिंह ने 'शकुंतला नाटक' की रचना की।
- इन्होने हिन्दी को हिन्दी संस्कृति के अनुकूल संस्कृतनिष्ठ बनाने की चेष्टा की।
- इन्होने आगरा से प्रजा-हितैषी पत्र निकाला और कालिदास के अभिज्ञान शाकुन्तलम्, रघुवंश एवं मेघदूतम् का हिन्दी में अनुवाद किया।
Important Pointsलल्लू लाल-
- जन्म-1763-1825 ई.
- अन्य रचनाएँ-
- सिंहासन बत्तीसी(1801 ई.)
- बैताल पच्चीसी(1801 ई.)
- राजनीति(1802 ई.) आदि।
सदल मिश्र-
- जन्म-1767-1848 ई.
- अन्य रचनाएँ-
- रामचरित्र(1806 ई.)
- हिंदी पर्शियन वकेबुलरी(1809 ई.) आदि।
आधुनिक काल Question 14:
ध्रुव श्वमिनी नाटक के कथानक में किसका वर्णन है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 14 Detailed Solution
सही उत्तर है - एक युवा जो अपने प्रेमी के लिए अपने जीवन का बलिदान देता है।
Key Points
- नाटक ध्रुव श्वमिनी में, ध्रुव एक युवा राजकुमार है जो एक युवा महिला स्वामिनी से प्यार करता है।
- ध्रुव के पिता, राजा उत्तानपाद, इस विवाह को अस्वीकार करते हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि ध्रुव एक राजकुमारी से शादी करे।
- ध्रुव को अपने प्यार और अपने पिता के प्रति कर्तव्य के बीच में से चुनना पड़ता है।
- अंत में, ध्रुव अपने प्रेमी के लिए अपने जीवन का बलिदान देता है।
- यह कहानी प्रेम और कर्तव्य के बीच के संघर्ष को दर्शाती है।
- ध्रुव अपने प्रेम को चुनने के लिए एक साहसी निर्णय लेता है, और भले ही उसे अंत में कष्ट उठाना पड़ा, लेकिन उसका बलिदान अंततः सार्थक था।
आधुनिक काल Question 15:
गंगी के पति जोखू की क्या हालत हुई जब गंगी ने ठाकुर के कुएँ से पानी भरकर लाया?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 15 Detailed Solution
सही उत्तर है - जोखू को बहुत खुशी हुई और उसने गंगी की बहुत तारीफ की।
- यह प्रश्न प्रेमचंद्र के कहानी ठाकुर का कुआँ से लिया गया है।
Additional Information
-
जब गंगी ने ठाकुर के कुएँ से पानी भरकर लाया, तो जोखू बहुत खुश हुआ। उसने गंगी की बहुत तारीफ की और कहा कि वह एक बहुत ही मजबूत और साहसी महिला है। जोखू को इस बात से भी खुशी हुई कि गंगी ने छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाई थी।
-
जोखू के खुश होने का एक कारण यह भी था कि गंगी ने उसके लिए पानी भरने में बहुत मेहनत की थी। गंगी को ठाकुर के कुएँ से पानी भरने के लिए बहुत दूर जाना पड़ा था और वह बहुत थक गई थी। लेकिन फिर भी, उसने अपने साहस और दृढ़ता से पानी भर लिया।
-
जोखू को यह भी खुशी हुई कि गंगी ने छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाई थी। जोखू एक दलित था और वह भी छुआछूत का शिकार हुआ था। इसलिए, वह गंगी के साहस से प्रेरित था और वह भी छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाना चाहता था।