आधुनिक काल MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for आधुनिक काल - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें
Last updated on Mar 10, 2025
Latest आधुनिक काल MCQ Objective Questions
Top आधुनिक काल MCQ Objective Questions
आधुनिक काल Question 1:
आधुनिक काल का प्रारंभ किस सन् से माना गया है ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 1 Detailed Solution
आधुनिक काल का प्रारंभ सन् 1850 ई. से माना गया है।
Key Points
- आधुनिक काल का प्रारंभ सामान्यतः संवत 1900 (सन् 1843 ई.) से माना जाता है।
- कुछ विद्वानों ने भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के जन्मवर्ष सन् 1850 से आधुनिक काल का प्रारंभ माना है।
Important Pointsहिन्दी साहित्य का इतिहास: एक परिचय-
- आदिकाल (1000 ई. से 1350 ई. तक)
- भक्तिकाल (1350 ई. से 1650 ई. तक)
- रीतिकाल (1650 ई. से 1850 ई. तक)
- आधुनिक काल (1850 ई. से अब तक)
- भारतेन्दु युग
- द्विवेदी युग
- छायावादी युग
- प्रगतिवादी युग
- प्रयोगवाद
- नवलेखन युग
आधुनिक काल Question 2:
कवि ने बहुत दिनों के बाद किसकी मुस्कान देखी ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 2 Detailed Solution
- कविता की संदर्भित पंक्तियाँ:
- बहुत दिनों के बाद
अबकी मैंने जी भर देखी
पकी-सुनहली फ़सलों की मुस्कान
—बहुत दिनों के बाद
- बहुत दिनों के बाद
आधुनिक काल Question 3:
कवयित्री ने झाँसी की रानी की कहानी किससे सुनी थी ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 3 Detailed Solution
- सुभद्राकुमारी चौहान ने अपनी कविता झाँसी की रानी में निम्न पंक्ति को दोहराया है:
- बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी।
- इससे स्पष्ट है कि झाँसी की रानी की कहानी हरबोलों से सुनी गयी।
आधुनिक काल Question 4:
मजदूरनी कहाँ पत्थर तोड़ रही थी ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 4 Detailed Solution
- वह तोड़ती पत्थर;
- देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर—
- वह तोड़ती पत्थर।
आधुनिक काल Question 5:
भारतीय सपूतों से कौन पुकारकर कहती है कि जयी बनो ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है - स्वतंत्रता।
Key Points
- यह प्रश्न जयशंकर प्रसाद कि कविता "हिमाद्रि तुंग श्रृंग से" से लिया गया है।
- इसकी मुख्य पंक्ति है - हिमाद्रि तुंग श्रृंग से स्वतंत्रता पुकारती।
- यह वीर रस की कविता है।
आधुनिक काल Question 6:
कहानी में, ठाकुर का कुआँ किसके लिए एक प्रतीक है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 6 Detailed Solution
सही उत्तर है - सभी विकल्प सही हैं।
- कहानी में, ठाकुर का कुआँ गरीबी, असमानता और शोषण का प्रतीक है।
- कुआँ ठाकुर के घर के पास स्थित है, लेकिन गरीबों को उससे पानी नहीं लेने दिया जाता है।
- गरीबों को दूर के कुएं से पानी लाना पड़ता है, जो बहुत मुश्किल और थकाऊ काम होता है। य
- ह ठाकुर के द्वारा गरीबों के शोषण का प्रतीक है।
Key Points
अन्य विकल्प गलत हैं
- विकल्प (1) गलत है क्योंकि कहानी में ठाकुर के घर के पास अन्य कुएँ भी हैं, जो गरीबों द्वारा इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
- विकल्प (2) गलत है क्योंकि कहानी में असमानता का केवल एक उदाहरण है।
- विकल्प (3) गलत है क्योंकि कहानी में शोषण का केवल एक उदाहरण है।
Additional Information
- कहानी में, ठाकुर का कुआँ गरीबी, असमानता और शोषण का प्रतीक है। कुआँ ठाकुर के घर के पास स्थित है, लेकिन गरीबों को उससे पानी नहीं लेने दिया जाता है। गरीबों को दूर के कुएं से पानी लाना पड़ता है, जो बहुत मुश्किल और थकाऊ काम होता है। यह ठाकुर के द्वारा गरीबों के शोषण का प्रतीक है।
- ठाकुर का कुआँ गरीबी का प्रतीक है क्योंकि यह गरीबों के लिए उपलब्ध नहीं है। गरीबों को पानी के लिए दूर जाना पड़ता है, जो उन्हें बहुत मुश्किल और थकाऊ लगता है। यह दर्शाता है कि गरीबों को जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
- ठाकुर का कुआँ असमानता का प्रतीक है क्योंकि यह गरीबों और ठाकुर के बीच का अंतर दिखाता है। ठाकुर के पास कुआँ है, लेकिन गरीबों के पास नहीं है। यह दर्शाता है कि समाज में बहुत असमानता है और गरीबों को हमेशा ठाकुरों और अन्य धनी लोगों के द्वारा शोषण का शिकार होना पड़ता है।
- ठाकुर का कुआँ शोषण का प्रतीक है क्योंकि यह गरीबों के द्वारा ठाकुर के द्वारा किए जा रहे शोषण को दिखाता है। ठाकुर गरीबों को पानी के लिए दूर जाना पड़ता है, जिससे उन्हें बहुत मुश्किल और थकाऊ काम करना पड़ता है। यह दर्शाता है कि ठाकुर गरीबों का शोषण कर रहे हैं और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर रहे हैं।
आधुनिक काल Question 7:
ठाकुर का कुआँ कहानी का क्या सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर है - यह कहानी हमें छुआछूत की समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाती है।
- यह प्रश्न प्रेमचंद्र के कहानी ठाकुर का कुआँ से लिया गया है।
Additional Information
-
इस कहानी का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व यह है कि यह हमें छुआछूत की समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाती है। यह हमें दिखाती है कि छुआछूत एक गलत सामाजिक व्यवस्था है और सभी लोगों को समान रूप से सम्मान दिया जाना चाहिए। यह कहानी हमें समानता और भाईचारे के मूल्यों को भी सिखाती है।
-
इस कहानी का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह हमें एक ऐसे समय में छुआछूत की समस्या के बारे में बताती है जब यह समस्या बहुत ही गंभीर थी। यह कहानी हमें यह भी बताती है कि कैसे एक व्यक्ति भी छुआछूत के खिलाफ आवाज उठा सकता है और इस तरह, वह पूरे समाज को बदल सकता है।
आधुनिक काल Question 8:
क्या प्रेमचंद ने ठाकुर का कुआँ कहानी में छुआछूत की समस्या को उजागर किया है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 8 Detailed Solution
सही उत्तर है - हाँ, उन्होंने इस कहानी में छुआछूत की समस्या को बहुत ही स्पष्ट रूप से उजागर किया है।
- यह प्रश्न प्रेमचंद्र के कहानी ठाकुर का कुआँ से लिया गया है।
Additional Information
-
हाँ, प्रेमचंद ने इस कहानी में छुआछूत की समस्या को बहुत ही स्पष्ट रूप से उजागर किया है। उन्होंने दिखाया है कि कैसे छुआछूत के कारण गंगी को ठाकुर के कुएँ से पानी नहीं भरने दिया जाता था। उन्होंने यह भी दिखाया है कि कैसे गंगी ने अपने साहस और दृढ़ता से छुआछूत के खिलाफ आवाज उठाई।
-
प्रेमचंद ने इस कहानी के माध्यम से छुआछूत की समस्या को लोगों के सामने रखने की कोशिश की है। उन्होंने दिखाया है कि छुआछूत एक गलत सामाजिक व्यवस्था है और इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है।
आधुनिक काल Question 9:
पालक पांवड़े कविता में सुनहली चादरें क्यों बिछी हुई हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 9 Detailed Solution
सही उत्तर है - झील, तालाब और नदियों में
Key Points
- कविता की निम्न पंक्तियों में यह भाव स्पष्ट होता है:-
- लाल नीले सफेद पत्तों में ।
भर गए फूल बेलि बहली क्यों।।
झील तालाब और नदियों में ।
बिछ गईं चादरें सुनहली क्यों।।
- लाल नीले सफेद पत्तों में ।
Important Points
- पाठ:- पालक पांवड़े
- लेखक:- अयोध्या सिंह हरिऔध
- विधा:- कविता
Additional Information
- पलक पाँवड़े' में प्रकृति का व्यापक मनोहारी रूप प्रकट हुआ है।
- इस कविता में प्रकृति - सौन्दर्य - प्रेम तथा स्वतंत्रता के भाव संश्लिष्ट रूप में व्यक्त हुए हैं।
- कवि को अपने प्रिय के आने की आस में उसे प्रकृति में होने वाली सभी -माएँ मनभावन लगती है।
- कवी को अपने प्रिय के आने की आस है इसीलिए उसे प्रकृति के जितने व्यापार हैं, घटनाएँ सभी अलग नजर आते हैं ।
- प्रकृति का सौंदर्य इस कविता में अलग ही निखरा है।