अलंकार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for अलंकार - Download Free PDF

Last updated on Jun 5, 2025

Latest अलंकार MCQ Objective Questions

अलंकार Question 1:

पाइ महावर दैंन क नाइनि बैठी आइ ।

फिरि फिरि जानि महावरी एड़ी मीड़ति जाइ ।।"

में अलंकार है-

  1. उपमा
  2. सन्देह
  3. भ्रान्तिमान
  4. उत्प्रेक्षा
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : भ्रान्तिमान

अलंकार Question 1 Detailed Solution

पाइ महावर दैंन क नाइनि बैठी आइ ।

फिरि फिरि जानि महावरी एड़ी मीड़ति जाइ ।।"

में अलंकार है - भ्रान्तिमान

Key Points

  • यहां "महावर दैंन क नाइनि" (नाइन का महावर लगाना) और "एड़ी मीड़ति जाइ" (एड़ी को रगड़ना) दोनों कार्यों को इस तरह से प्रस्तुत किया गया है
  • कि यह भ्रम उत्पन्न होता है कि महावर स्वयं एड़ी को रगड़ रही है, जबकि यह कार्य नाइनि कर रही है।
  • इसलिए इन पंक्तियों में भ्रान्तिमान अलंकार का सुंदर प्रयोग किया गया है।

Important Pointsभ्रान्तिमान:-

  • जब कोई वस्तु को देखकर हम उसे उसके समान गुणों
    • या विशेषताओं वाले किसी अन्य पदार्थ (उपमान) के रूप में मान लेते हैं तो वहाँ भ्रांतिमान अलंकार माना जाता है।
  • उदाहरण -
    • जानि स्याम को स्याम-घन नाचि उठे वन मोर।
  • (ऊपर दिए गए वाक्य में मोर श्री कृष्ण को सदृश्य के कारण श्याम मेघ ( काले बादल ) समझ रहे हैं
  • तथा श्याम के काले रंग के कारण मोरो को काले बादलो का भ्रम हो गया है।)

Additional Information

उपमा:-

  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

उदाहरण-

  •  ​लघु तरनि हंसिनी सी सुन्दर। 
  • (यहाँ पर नदी के तट को हंस के समान माना है।)

संदेह:-

  • जब सादृश्य के कारण एक वस्तु में अनेक वस्तु के होने की संभावना दिखायी पड़े और निश्चय न हो पाये, तब संदेह अलंकार माना जाता है।

उदाहरण-

  • कहहिं सप्रेम एक एक पाहीं।
  • राम-लखन सखि। होहिं कि नाहीं।।
  • (यहाँ भरत-शत्रुघ्न को देखकर ग्रामों की स्त्रियों को, सादृश्य के कारण, उनके राम-लक्ष्मण होने का संदेह होता है।)

उत्प्रेक्षा:-

  • जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। पहचान- जनु, मनु, इव, मानो, मनो, मनहुँ, आदि।

उदाहरण-

  • सिर फट गया उसका वहीं।
  • मानो अरुण रंग का घड़ा हो।। 
  • (इन पंक्तियों में सिर पर लाल रंग का घड़ा होने कि कल्पना की जा रही है। यहाँ सिर - उपमेय है एवं लाल रंग का घड़ा - उपमान है।)

अलंकार Question 2:

नीचे दी गई पंक्तियों में निम्न में से कौन-सा अलंकार है?

"नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास इहिकाल।

अली कली ही सौं बंध्यो, आगैं कौन हवाल॥"

  1. श्लेष अलंकार
  2. अन्योक्ति अलंकार
  3. उत्प्रेक्षा अलंकार
  4. रूपक अलंकार
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अन्योक्ति अलंकार

अलंकार Question 2 Detailed Solution

अलंकार है - अन्योक्ति अलंकार

Key Points

  • (यहाँ पर अप्रस्तुत के वर्णन द्वारा प्रस्तुत का बोध कराया गया है अतः यहाँ अन्योक्ति अलंकार है।
  • यहाँ उपमान ‘कली’ और ‘भौरे’ के वर्णन के बहाने उपमेय (राजा जय सिंह और उनकी नवोढ़ा नायिका) की ओर संकेत किया गया है।)
  • जहाँ किसी वस्तु या व्यक्ति को लक्ष्य कर कही जाने वाली बात दूसरे के लिए कही जाए, वहाँ अन्योक्ति अलंकार होता है। 
  • उदाहरण-
    • जिन दिन देखे वे कुसुम, गई सुबीति बहार।
      अब अलि रही गुलाब में, अपत कँटीली डार।।

Additional Information

श्लेष:-

  • श्लेष का अर्थ है चिपकाना,
  • जहां शब्द तो एक बार प्रयुक्त किया जाए पर उसके एक से अधिक अर्थ निकले वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
  • पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।
  • (इस उदाहरण में यहां तीसरे पानी शब्द के तीन अर्थ हैं। चमक, प्रतिष्ठा और जल। अतः यह श्लेष अलंकार का उदाहरण है।)

उत्प्रेक्षा:-

  • जब समानता होने के कारण उपमेय में उपमान के होने कि कल्पना की जाए या संभावना हो तब वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। 
  • यदि पंक्ति में -मनु, जनु, जनहु, जानो, मनहुँ मानो, निश्चय, ईव, ज्यों आदि आता है।

उदाहरण-

  • फूले कास सकल महि छाई।
  • जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई।।
  • (यहाँ ‘कास के फूल’ (उपमेय) में ‘वर्षाऋतु के बुढ़ापे’ (उपमान ) की सम्भावित कल्पना की गयी है।
  • इस कल्पना से अर्थ का चमत्कार प्रकट होता है। वस्तुतः अन्त में वर्षाऋतु की गति और शक्ति बुढ़ापे की तरह शिथिल पड़ जाती है।)

रूपक:-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।

उदाहरण-

  • संध्या का लाल गुलाब खिल उठा।
  • (यहाँ संध्या को सीधे लाल गुलाब कहा गया है।)

अलंकार Question 3:

‘मखमल के झूले पड़े, हाथी सा टीला' में कौन सा अलंकार है? 

  1. रूपक
  2. अतिशयोक्ति 
  3. पूर्णोपमा 
  4. लुप्तोपमा
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : लुप्तोपमा

अलंकार Question 3 Detailed Solution

'मखमल के झूले पड़े, हाथी सा टीला' इस पंक्ति में 'लुप्‍तोपमा अलंकार' है। 

Key Points

  • 'मखमल के झूले पड़े हाथी सा टीला।' पंक्ति में लुप्‍तोपमा अलंकार है। क्योंकि प्रस्तुत वस्तु 'टीला' की तुलना अप्रस्तुत वस्तु 'हाथी' से की गई है।
  • लुप्‍तोपमा अलंकार उपमा अलंकार का भेद है। 
परिभाषा  उदाहरण 
लुप्‍तोपमा- जहॉं उपमा में उपमेय, उपमान, वाचक तथा धर्म इनमें से एक, दो या तीन का लोप रहता है, वहॉं लुप्‍तोपमा अलंकार होता है।  मखमल के झूले पड़े, हाथी सा टीला।

Additional Information

अलंकार  परिभाषा  उदाहरण
रूपक  जहॉं उपमेय पर उपमान का आरोप हो या उपमान और उपमेय का अभेद हो, वहॉं रूपक अलंकार होता है।  'बन्‍द नहीं, अब भी चलते हैं, नियति-नटी के कार्य कलाप।'
अतिशयोक्ति  जहॉं किसी विषय या वस्‍तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर चमत्‍कारपूर्ण वर्णन किया जाए, वहॉं अतिशयोक्ति अलंकार होता है। 

हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग, लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग। 

पूर्णोपमा  यह उपमा अलंकार का ही भेद है। जहॉं उपमा के चारों अंग का अर्थ अर्थात् उपमेय, उपमान, साधारण धर्म तथा वाचक शब्‍द हों, उसे पूर्णोपमा अलंकार कहते हैं।   'उसी तपस्‍वी से लम्‍बे थे देवदारु दो चार खड़े।' 

अलंकार Question 4:

विकसते मुरझाने को फूल, दीप जलता होने को मंद।

बरसते भर जाने को मेघ, उदय होता छिपने को चाँद। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है-

  1. रूपक
  2. विरोधाभास
  3. श्लेष
  4. यमक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विरोधाभास

अलंकार Question 4 Detailed Solution

विकसते मुरझाने को फूल, दीप जलता होने को मंद।

बरसते भर जाने को मेघ, उदय होता छिपने को चाँद। इस पंक्ति में कौन-सा अलंकार है- विरोधाभास

Key Pointsस्पष्टीकरण-

  • "विकसते मुरझाने को फूल": फूल खिलता है लेकिन अंतत: मुरझा जाता है।
  • "दीप जलता होने को मंद": दीप जलता है लेकिन धीरे-धीरे उसकी चमक कम हो जाती है।
  • "बरसते भर जाने को मेघ": मेघ बरसते हैं और अंततः खत्म हो जाते हैं।
  • "उदय होता छिपने को चाँद": चाँद उदय होता है लेकिन बाद में छिप जाता है।
  • इन सभी कथनों में विपरीत विचारों का समावेश किया गया है, इसलिए यहाँ विरोधाभास अलंकार है।

Important Points

  • जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध नहीं होने पर भी विरोध का आभास होता है उसे ही विरोधाभास अलंकार कहते है 
  • अर्थात जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास प्रतीत होता हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।
  • उदाहरण- भर लाऊँ सीपी में सागर
    • प्रिय ! मेरी अब हार विजय क्या ?
  • (इस उदाहरण सीपी में भला सागर कैसे भरा जा सकता है इसिलए यंहा पर विरोध का आभास हो रहा है ? अतः यहाँ विरोधाभास अलंकार है।)

Additional Information 

यमक:-

  • जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो, पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय।
  • या खाए बौरात नर या पाए बौराय।।
  • (यहां 'कनक' शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है, लेकिन दोनों बार अलग-अलग अर्थों में: पहले 'कनक' का अर्थ सोना (धातु) है। दूसरे 'कनक' का अर्थ धतूरा (एक नशीला पौधा) है।)

रूपक:-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।

उदाहरण-

  • संध्या का लाल गुलाब खिल उठा।
  • (यहाँ संध्या को सीधे लाल गुलाब कहा गया है।)

श्लेष:-

  • श्लेष का अर्थ है चिपकाना,
  • जहां शब्द तो एक बार प्रयुक्त किया जाए पर उसके एक से अधिक अर्थ निकले वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
  • पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।
  • (इस उदाहरण में यहां तीसरे पानी शब्द के तीन अर्थ हैं। चमक, प्रतिष्ठा और जल। अतः यह श्लेष अलंकार का उदाहरण है।)

अलंकार Question 5:

'मिलि चंदन-बेंदी रही, गौंरें मुँह न लखाइ ।
ज्यों-ज्यों मद-लाली चढ़े, त्यों-त्यों उघरति जाइ ।।' -
इस दोहे में प्रयुक्त अलंकार है-

  1. तद्गुण अलंकार
  2. उन्मीलित अलंकार
  3. व्यतिरेक अलंकार
  4. परिसंख्या अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : व्यतिरेक अलंकार

अलंकार Question 5 Detailed Solution

'मिलि चंदन-बेंदी रही, गौंरें मुँह न लखाइ ।
ज्यों-ज्यों मद-लाली चढ़े, त्यों-त्यों उघरति जाइ ।।' -
इस दोहे में प्रयुक्त अलंकार है- व्यतिरेक अलंकार

Key Points

  • यहाँ व्यतिरेक अलंकार स्पष्ट होता है क्योंकि सफेद और लाल का विरोधाभास प्रस्तुत किया गया है।
    • चंदन और बेंदी की सफेदी और मद की लालिमा के बीच तुलना की गई है, और इसी तुलना से व्यतिरेक (अंतर) का बोध होता है।
  • व्यतिरेक अलंकार एक ऐसा अलंकार है जहाँ उपमेय को उपमान से किसी विशिष्ट गुण या विशेषता में श्रेष्ठ बताया जाता है,
  • अर्थात उपमेय की श्रेष्ठता को स्पष्ट करने के लिए उपमान की कमी या निर्बलता का उल्लेख किया जाता है।
  • हिंदी साहित्य में, व्यतिरेक अलंकार को "अतिशय उत्कृष्ट" अलंकार के रूप में भी जाना जाता है।

उदाहरण:

  • "साधु ऊँचे शैल सम, किंतु प्रकृति सुकुमार।"
  • (यहाँ सज्जनों को पर्वतों के समान ऊँचा बताया गया है,
  • लेकिन उनकी कोमल प्रकृति को विशेष रूप से उजागर किया गया है, जबकि पर्वत कठोर होते हैं।)

Additional Informationतद्गुण अलंकार-

  • एक ऐसा अलंकार है जिसमें प्रस्तुत वस्तु, किसी अप्रस्तुत वस्तु के गुण को ग्रहण कर लेती है।
  • यह तब होता है जब कोई वस्तु अपने वास्तविक रूप को छिपाकर,
  • किसी समीपस्थ विशेष गुणवाले पदार्थ के प्रभाव से प्रभावित हो जाती है और उसी के समान दिखती है। 

उदाहरण:

  • "बादल में बिजली चमक रही थी, जैसे कि उसकी आंखें चमक रही हों।"
  • (यहाँ बादल की आंखें अप्रस्तुत हैं, और बिजली की चमक प्रस्तुत, जो बादलों के गुण को ग्रहण कर रही है।) 

उन्मीलित अलंकार-

  • कोई वस्तु अपने जैसे किसी अन्य वस्तु में इतनी अच्छी तरह से मिल जाती है कि उसका अलग अस्तित्व नहीं रह जाता।

उदाहरण:

  • "अरुण वरन तिय चरन पर जावक लख्यो न जाय।"
  • (नायिका के लाल चरण में लाख्यारस लगा है, लेकिन वह चरण के रंग में इस तरह मिल गया है कि अलग दिखाई नहीं देता।)

परिसंख्या अलंकार-

  • एक अर्थालंकार है, जहाँ एक ही वस्तु के कई स्थानों में होने के बावजूद, उसे केवल एक स्थान पर ही वर्णित किया जाता है और अन्य स्थानों पर उसका निषेध किया जाता है

उदाहरण:

  • राम के राज्य में वक्रता केवल सुन्दरियों के कटाक्ष में थी

Top अलंकार MCQ Objective Questions

“रघुपति राघव राजा राम।” में कौन सा अलंकार है?

  1. श्लेष
  2. अनुप्रास
  3. रूपक
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अनुप्रास

अलंकार Question 6 Detailed Solution

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अनुप्रास अलंकर, यहाँ सही विकल्प है, अन्य विकल्प असंगत है।

यहाँ रघुपति राघव राजा राम में वर्ण की आवृति हुई है, अत: यह 2 अनुप्रास अलंकर है।

  • जब  वाक्य में एक ही वर्ण का बार-बार प्रयोग किया जाता है तो उसे अनुप्रास अलंकर कहते है। जैसे- सेवक सचिव सुमंत्र बुलाए

अन्य अलंकार:-

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

श्लेष

जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त हो

पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।

रूपक

उपमेय और उपमान को अभेद रूप में बताना।

अम्बर-पनघट, रात-दिन, चन्द्र खिलौना

उपमा

किसी से किसी की तुलना।

राम का चाँद सा मुखड़ा।

“यह जीवन क्या है, निर्झर है।” इस वाक्य में प्रयुक्त अलंकार पहचानिए।

  1. उत्प्रेक्षा अलंकार
  2. अतिशयोक्ति अलंकार
  3. व्यतिरेक अलंकार
  4. रूपक अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : रूपक अलंकार

अलंकार Question 7 Detailed Solution

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रूपक अलंकार, यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है। अत: सही विकल्प 4 'रूपक अलंकार' है।

इस उदाहरण में जीवन को निर्झर के समान न बताकर जीवन को ही निर्झर कहा गया है। अतएव, यहाँ रूपक अलंकार हुआ। जब उपमेय पर उपमान का निषेध-रहित आरोप करते हैं, तब रूपक अलंकार होता है।

अन्य विशेष

अलंकार

परिभाषा

उदहारण

उत्प्रेक्षा

जहाँ उपमेय में उपमान की संभावना का वर्णन हो, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

फूले कास सकल महि छाई।

जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई।।

अतिश्योक्ति

जहाँ किसी का वर्णन इतना बढ़ा-चढ़ाकर किया जाय कि सीमा या मर्यादा का उल्लंघन हो जाय, वहाँ 'अतिशयोक्ति अलंकार' होता है।

बाँधा था विधु को किसने, इन काली जंजीरों से,

मणिवाले फणियों का मुख, क्यों भरा हुआ हीरों से।

व्यतिरेक

 जहाँ कारण बताते हुए उपमेय की श्रेष्ठता उपमान से बताई जाए वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।

स्वर्ग कि तुलना उचित ही है यहाँ,

किन्तु सुर सरिता कहाँ सरयू कहाँ।

अलंकार के मुख्य भेद कितने होते है?

  1. दस
  2. पाँच
  3. तीन
  4. छ:

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : तीन

अलंकार Question 8 Detailed Solution

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अलंकार मुख्यतः तीन प्रकार के होते है-शब्दालंकार, अर्थालंकार, उभयालंकार। अत: 3 तीन सही विकल्प है।

अलंकार-

  • जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है।
  • दूसरे अर्थ में- काव्य अथवा भाषा को शोभा बनाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते है।

अलंकार

परिभाषा

उदहारण

शब्दालंकार

जहाँ अलंकार शब्द पर आश्रित हों अर्थात शब्द के बदल देने पर अलंकारत्व नष्ट हो जाता हो।

अनुप्रास, यमक अलंकार इत्यादि।

अर्थालंकार

जहाँ अलंकार अर्थ पर आश्रित हों। अर्थालंकार में शब्द बदल देने पर भी अलंकारत्व नष्ट नहीं होता।

उपमा, रूप, उत्प्रेक्षा अलंकार इत्यादि।

उभयालंकार

जो अलंकार शब्द और अर्थ दोनों पर आश्रित रहकर दोनों को चमत्कृत करते है, वे 'उभयालंकार' कहलाते है।

 संसृष्टि, संकर अलंकार।

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है|

रघुपति राघव राजा राम

  1. अनुप्रास अलंकार
  2. यमक अलंका
  3. रूपक अलंकार
  4. उमपा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अनुप्रास अलंकार

अलंकार Question 9 Detailed Solution

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रघुपति राघव राजा राम में अनुप्रास अलंकार है, अत: विकल्प 1 अनुप्रास अलंकार सही है |

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अनुप्रास अलंकार - जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है। जैसे - चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में।

 

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अलंकार
· काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।
1. अनुप्रास अलंकार - जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है। जैसे - चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में।
2. यमक अलंकार - जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे। जैसे - काली ‘घटा’ का घमंड ‘घटा’।
3. श्लेष अलंकार - जब एक ही शब्द के विभिन्न अर्थ निकलते हों। जैसे – ‘रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून ‘पानी’ गए न ऊबरे मोती मानस चून’ यहाँ ‘पानी’ मोती के सन्दर्भ में ‘चमक’, मनुष्य के सन्दर्भ में ‘विनम्रता’ तथा ‘चून (आटा)’ के सन्दर्भ में ‘जल अर्थात पानी’ है।

काली घटा का घमंड घटा। इसमें किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?

  1. यमक अलंकार
  2. उपमा अलंकार
  3. श्लेष अलंकार
  4. अनुप्रास अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : यमक अलंकार

अलंकार Question 10 Detailed Solution

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उपर्युक्त पंक्ति मेंयमक अलंकार है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 1 यमक अलंकार है। अन्य विकल्प सही नहीं हैं।

  • काली घटा का घमंड घटा। अर्थात कवि कहना चाहता है की काली घटा अथवा बदली का घमंड घट गया है घट गया अर्थात कम हो गया।
    • हम जानते हैं की यहाँ घटा का अर्थ: ऊपर पर छाने वाली घटा, दूसरा अर्थात घटना , कम होना।

Key Points

स्पष्टीकरण:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

यमक

जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा।

Additional Information

अन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

मधुवान की छाती को देखो,

सुखी कितनी इसकी कलियाँ।

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणे,

खेल रही थी जल थल में

उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई। में अलंकार है।

  1. उपमा अलंकार 
  2. मानवीकरण अलंकार
  3. अतिशयोक्ति अलंकार
  4. विशेषोक्ति अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मानवीकरण अलंकार

अलंकार Question 11 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 मानवीकरण अलंकार इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

  • ‘उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।’ पंक्ति में मानवीकरण अलंकार है।
  •  दिए गए उदाहरण में उषा यानी भोर को सुनहरे तीर बरसाती हुई नायिका के रूप में दिखाया जा रहा है। यहाँ भी निर्जीवों में मानवीय भावनाओं का होना दिख रहा है। हम जानते हैं की नायिका एक मनुष्य होती हैं ना की एक निर्जीव अतः यह संभव नहीं है। हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।


अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा 

जब काव्य में किसी वस्तु या व्यक्ति की तुलना किसी अत्यंत प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति से की जाती है तो

उसे उपमा अलंकार कहते हैं।

पीपर पात सरिस मन डोला।

अतिशयोक्ति

जहाँ किसी व्यक्ति, वस्तु आदि को गुण, रूप सौंदर्य आदि का वर्णन इतना बढ़ा-चढ़ाकर किया जाए कि जिस पर विश्वास करना कठिन हो, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है।

एक दिन राम पतंग उड़ाई। देवलोक में पहुँची जाई।।

विशेषोक्ति

जहाँ कारण के रहने पर भी कार्य नहीं होता है वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है।

पानी बिच मीन पियासी।

मोहि सुनि सुनि आवै हासी।।

अलंकार के कितने भेद होते है ?

  1. दो
  2. तीन
  3. चार
  4. पाँच

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : तीन

अलंकार Question 12 Detailed Solution

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अलंकार के 'तीन’ भेद हैं। ​Key Pointsअलंकार 

  • काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं। 
  • अलंकार के तीन भेद हैं -
    • शब्दालंकार
    • अर्थालंकार
    • उभयालंकार 

शब्दालंकार - 

  • जहाँ शब्दों के प्रयोग से सौंदर्य में वृद्धि होती है और काव्य में चमत्कार आ जाता है, वहाँ शब्दालंकार होता है।
  • शब्दालंकार के भेद -
    • 1. अनुप्रास अलंकार
    • 2. श्लेष अलंकार
    • 3. यमक अलंकार
    • 4. वक्रोक्ति अलंकार

अर्थालंकार - 

  • जिस वाक्य पंक्ति में अर्थ के कारण चमत्कार या सुंदरता उत्पन्न हो, उसे अर्थालंकार कहते हैं।
  • अर्थालंकार के भेद -
    • 1. उपमा
    • 2.रूपक
    • 3. उत्प्रेक्षा 
    • 4. विभावना

उभयालंकार - 

  • जहाँ काव्य में शब्द और अर्थ दोनों का चमत्कार एक साथ उत्पन्न होता है वहाँ उभयालंकार होता है।

'बिनु पद चलै सुनै बिनु काना' – पंक्ति में कौन सा अलंकार है ? 

  1. विभावना
  2. विशेषोक्ति
  3. विरोधाभास
  4. अतिशयोक्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विभावना

अलंकार Question 13 Detailed Solution

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उपर्युक्त पद्य में विभावना अलंकार है। जब कोई कार्य किसी कारण के न होते हुए भी हो रहा हो तो वहां विभावना अलंकार होता है।

  • "बिनु पद चलइ, सुनइ बिनु काना। कर बिनु करम, करइ बिधि नाना॥" का अर्थ है कि वह ईश्वर बिना पैरों के चलता है, बिना कान के सुनता है, हाथ न होते हुए भी विभिन्न तरह के कार्य करता है अर्थात यहाँ बिना किसी कारण के ही कार्य हो रहा है। इसीलिए सही उत्तर - 1 'विभावना अलंकार' है।

Key Points

  • विषेशोक्ति अलंकार - जहाँ कारण के होते हुए भी कार्य नहीं होता वहां विषेशोक्ति अलंकार होता है।
  • अन्योक्ति अलंकार - जहाँ किसी दूसरे के माध्यम से किसी को बात कही जाती है वहां अन्योक्ति अलंकार होता है।
  • अतिशयोक्ति अलंकार - जब किसी वस्तु या व्यक्ति के बारे में बात को बढ़ा - चढ़ाकर कहा जाए वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है।

निम्नलिखित में कौन-सा शब्दालंकार है?

  1. उपमा
  2. रुपक
  3. उत्प्रेक्षा
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यमक

अलंकार Question 14 Detailed Solution

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उपरोक्त विकल्पों में से 'यमक अलंकर' शब्दालंकार है. अत: सही उत्तर विकल्प 4 'यमक अलंकार' होगा. अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं. 

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  • यमक अलंकार - जब कविता में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ हर बार भिन्न हो वहाँ यमक अलंकार होता है। जैसे - 
  • काली घटा का घमण्ड घटा।  यहाँ 'घटा' शब्द की आवृत्ति भिन्न-भिन्न अर्थ में हुई है। पहले 'घटा' शब्द 'वर्षाकाल' में उड़ने वाली 'मेघमाला' के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है और दूसरी बार 'घटा' का अर्थ है 'कम हुआ'। अतः यहाँ यमक अलंकार है।

    • यमक अलंकार शब्दालंकार है क्योंकि इसमें शब्दों में चमत्कार उत्पन्न होता है. 

​शब्दालंकार और अर्थालंकार में भेद - 

  • जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उपस्थित हो जाता है और उन शब्दों के स्थान पर समानार्थी दूसरे शब्दों के रख देने से वह चमत्कार समाप्त हो जाता है, वह शब्दालंकार माना जाता है। 
  • जिस अलंकार में अर्थ प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उपस्थित हो जाता है, वह अर्थालंकार माना जाता है।

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अलंकार - काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।

"मेघमय आसमान से उतर रही है वह संध्या-सुंदरी परी सी धीरे धीरे'।

दी गई पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

  1. उपमा अंलकार
  2. मानवीकरण अलंकार
  3. विभावना अलंकार
  4. उत्प्रेक्षा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मानवीकरण अलंकार

अलंकार Question 15 Detailed Solution

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सही उत्तर "मानवीकरण अलंकार" है।

Key Pointsमानवीकरण अलंकार-

  • जहाँ अचेतन वस्तु का चेतन अथवा जीवित (प्राणी) के समान वर्णन किया जाये अर्थात जब प्रकृति के पदार्थो पर मानवीय क्रियाकलापों का आरोप कर दिया अथवा प्रकृति की वस्तुओं को मनुष्य की तरह कार्य करते हुए प्रकट किया जाये, वहां मानवीकरण अलंकार होता है।

Important Pointsअन्य विकल्प - 

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा अंलकार

जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। 

कर कमल-सा कोमल।

विभावना अलंकार

जहाँ पर कारण के न होते हुए भी कार्य का हुआ जाना पाया जाए वहाँ पर विभावना अलंकार होता है। अर्थात हेतु क्रिया (कारण) का निषेध होने पर भी फल की उत्पत्ति विभावनालंकार है।

बिनु पग चलै सुनै बिनु काना। कर बिनु कर्म करै विधि नाना। आनन रहित सकल रस भोगी। बिनु वाणी वक्ता बड़ जोगी।

उत्प्रेक्षा अलंकार

जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। इसके लक्षण है- जनु, मनु, इव, मानो, मनो, मनहुँ, आदि। पहचान – मनो, मानो, मनु, मनुह, जानो, इव, जनु, जानहु, ज्यों आदि शब्द अगर किसी अलंकार में आते है तो वह उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

ले चला मैं तुझे कनक, ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण झनक।

Additional Information

अलंकार की​ परिभाषा

अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है।

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