हिन्दी वर्णमाला सामान्य MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for हिन्दी वर्णमाला सामान्य - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക
Last updated on Apr 1, 2025
Latest हिन्दी वर्णमाला सामान्य MCQ Objective Questions
Top हिन्दी वर्णमाला सामान्य MCQ Objective Questions
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 1:
वर्त्स्य वर्ण है -
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 1 Detailed Solution
- सही उत्तर विकल्प 2 हैI
- न, र, ल, स
Key Points
- वर्त्स्य वर्ण - जो व्यंजन दंतमूल से उच्चारित होते हैंI
- न, स, र, ल
Important Points
- व्यंजन का वर्गीकरण - 1) उच्चारण स्थान, 2)प्रयत्न स्थान
- उच्चारण स्थान के आधार पर -
कंठ्य | क, ख, ग, घ, ङ |
तालव्य | च, छ, ज, झ, ञ, य, श |
मूर्धन्य | ट, ठ, ड, ढ, ण, ड़, ढ़, ष |
दंत्य | त, थ, द, ध, न |
वर्त्स्य | न, स, र, ल |
ओष्ठय | प, फ, ब, भ, म |
दंतोष्ठय | व, फ |
उष्म | स, ह |
Additional Information
- हिंदी वर्णमाला में ध्वनियाँ - 52
- स्वर - 11, व्यंजन - 33, संयुक्त व्यंजन - 4, अयोगवाह - 2, द्विगुण व्यंजन - 2
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 2:
निम्नलिखित में से 'च’ कौन से वर्ण हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 2 Detailed Solution
उपरोक्त विकल्पों में से सही विकल्प ‘अघोष वर्ण ’ है। अन्य विकल्प अनुचित हैं। इसलिए इसका उचित उत्तर विकल्प 2 ‘अघोष वर्ण’ है।
Key Points
घोष
- वह व्यंजन होतें हैं जिनका उच्चारण करते समय स्वर तंत्रियाँ झंकृत होती हैं। जैसे- ग, घ, ज, झ आदि।
- इनके उच्चारण में केवल नाद का उपयोग होता है।
अघोष
- वह व्यंजन होतें हैं जिनका उच्चारण करते समय स्वर तंत्रियाँ झंकृत नहीं होती हैं। जैसे- छ, च, ट, ठ आदि।
- इनके उच्चारण में श्वास का उपयोग होता है।
स्वर वर्ण-
- स्वर उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध तथा बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायत से होता है।
- जैसे-अ, आ, ई, ई, उ,ऊ, ऋ आदि।
व्यंजन की परिभाषा |
उदाहरण |
जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है वे व्यंजन वर्ण कहलाते हैं। |
क, ख, ग, घ आदि |
स्पर्श व्यंजन |
च, छ, ज, ट, ठ आदि। |
ऊष्म व्यंजन |
श, ष, स, ह आदि। |
अंतःस्थ व्यंजन |
य, र, ल, व आदि। |
संयुक्त व्यंजन |
क्ष, त्र, ज्ञ आदि। |
आगत व्यंजन |
ज़, फ़ आदि |
श्वास की मात्रा के आधार पर दो भागों में बांटा गया है- अल्पप्राण और महाप्राण। |
क्रमशः- क, ब, प, म और ख, घ, छ, झ आदि |
उच्चारण में ध्वनि गूंज के आधार पर भी इनके दो भेद किए गए हैं- घोष और अघोष व्यंजन। |
क्रमशः- ग, घ, ज, झ और क, ख, च, छ आदि। |
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 3:
वर्ण का अर्थ नहीं है -
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 3 Detailed Solution
उपरोक्त विकल्पों में से 'आकाश' वर्ण का अर्थ नहीं है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही उत्तर विकल्प 4 'आकाश' है।
स्पष्टीकरण -
- जाति, अक्षर, रंग सभी वर्ण के अर्थ है। किन्तु आकाश वर्ण का अर्थ नहीं है।
- आकाश के समानार्थी - नभ, आसमान, गगन आदि।
- वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं।
- मूलतः हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण (10 स्वर+ 35 व्यंजन) एवं लेखन के आधार पर 52 वर्ण (13 स्वर+35 व्यंजन+ 4 संयुक्त व्यंजन) हैं।
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 4:
'ख़, ग़, फ़' ध्वनियाँ किस भाषा की है-
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 4 Detailed Solution
उपरोक्त विकल्पों में से 'ख़, ग़, फ़' ध्वनियाँ अरबी - फ़ारसी की है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही उत्तर विकल्प 1 'अरबी - फ़ारसी' है।
Key Points
- हिंदी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा है| एक तो ये जिस रूप में लिखी जाती है, बिल्कुल उसी तरह बोली जाती है, किन्तु अंग्रेज़ी में ऐसा नहीं है|
- उदाहरण के लिए, बी(B) यू(U) टी(T) का उच्चारण ‘बट’ है तो पी(P) यू(U) टी(T) का ‘पुट’ होता है, जबकि या तो दूसरे शब्द का उच्चारण ‘पट’ होना चाहिए या फिर पहले का ‘बुट’|
- एक ही स्वर कहीं ‘यु’, ‘यू’ या ‘उ’ है तो कहीं ‘अ’ है। इसी तरह अरबी लिपि में तीन स्वरों से तेरह स्वरों का काम लिया जाता है। हिंदी में ऐसा नहीं है|
- इसमें लेखन और उच्चारण में बहुत अधिक शुद्धता और समानता मौजूद है| अनुनासिक, अनुस्वार और विसर्ग चिह्नों के प्रयोग ने इसे और वैज्ञानिक बना दिया है|
- बीसवीं सदी में जब हिंदी ने यूरोपीय भाषाओं से तथा अरबी-फारसी से शब्द अपनाए तो इसके लिए नए चिह्न भी ग्रहण किए| जैसे ‘डॉक्टर’ शब्द अंग्रेज़ी से आया है, इसका पहला स्वर है- ‘ऑ’|
- चूंकि हिंदी में यह स्वर उपलब्ध नहीं था, यहाँ ‘आ’ तो था; ‘ऑ’ नहीं था,
- इसलिए हिंदी में अंग्रेज़ी से आए ऐसे शब्दों के उच्चारण के लिए ‘ऑ’ चिह्न को अपना लिया गया|
- इसी प्रकार अरबी-फारसी के कुछ शब्दों के सटीक उच्चारण के लिए हिंदी ने पाँच नई ध्वनियाँ अपनाई- क़, ख़, ग़, ज़ और फ़| जाहिर है,
- इससे हिंदी की शब्द-संपदा तो बढ़ी ही, इसमें भावों को और अधिक सूक्ष्मता तथा स्पष्टता से अभिव्यक्त करने की शक्ति भी आई|
Additional Information
- वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। मूलतः हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण (10 स्वर+ 35 व्यंजन) एवं लेखन के आधार पर 52 वर्ण (13 स्वर+3 5 व्यंजन+ 4 संयुक्त व्यंजन) हैं।
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 5:
हिंदी में अल्पप्राण वर्णों की संख्या कितनी है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है - 31
Confusion Points हिंदी वर्णमाला में 31 अल्पप्राण वर्ण है।
- क, ग, ङ
- च,ज, ञ
- ट, ड, ण
- त, द, न
- प, ब, म
- ड़ (द्विगुण या उत्क्षिपत व्यंजन)
- अन्तस्थ व्यंजन (य, र, ल, व ) भी अल्पप्राण ही हैं।
- हिंदी वर्णमाला के 11 स्वर – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
- 15 + 1 + 4 + 11 = 31
Important Points
- ड़ और ढ़ (द्विगुण या उत्क्षिपत व्यंजन) है।
- ड़ अल्पप्राण है और ढ़ महाप्राण है।
Key Points
- सभी स्वर वर्ण और प्रत्येक वर्ग का पहला, दूसरा और पंचम वर्ण तथा समस्त अन्तःस्थ वर्ण अल्पप्राण हैं।
- अल्पप्राण के उच्चारण में कम श्रम करना पड़ता है।
- जिन वर्णों के उच्चारण में मुख से कम श्वास निकले उन्हें 'अल्पप्राण' कहते हैं
- हिन्दी में उच्चारण के आधार पर 52 वर्ण होते हैं।
- इनमें 11 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं।
- लेखन के आधार पर 56 वर्ण होते हैं इसमें 11 स्वर, 41 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
- 52 में से 31 अल्पप्राण और 21 महाप्राण वर्ण है।
Additional Information
अल्पप्राण |
महाप्राण |
(a) अल्पप्राण में अकार- जैसी ध्वनि निकलती है। |
(a) महाप्राण में हकार- जैसी ध्वनि होती है। |
(b) सभी स्वर वर्ण और प्रत्येक वर्ग का पहला, तीसरा और 5वाँ वर्ण तथा समस्त अन्तःस्थ वर्ण अल्पप्राण है। |
(b) प्रत्येक वर्ग का दूसरा और चौथा तथा समस्त उष्म वर्ण महाप्राण है। |
(c) अल्पप्राण के उच्चारण में कम श्रम करना पड़ता है। |
(c) महाप्राण वर्णों का उच्चारण अधिक श्रमपूर्वक करना पड़ता है। |
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 6:
निम्नलिखित में से अघोष वर्ण कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 6 Detailed Solution
- अघोष वर्ण ‘स’ है।
Key Points
- अघोष व्यंजन:- जिन वर्णों का उच्चारण करते समय हमारे स्वर तंत्रिकाओं में कंपन या झंकार उत्पन नही होती है वैसे व्यंजन को हम अघोष व्यंजन कहते है ।
- प्रत्येक वर्ग का पहला और दूसरा वर्ण अघोष वर्ण होता है । इसके अलावा श, ष और स भी अघोष वर्ण होता है।
-
अघोष व्यंजन के उदाहरण :–
क वर्ग से – क और ख
च वर्ग से – च और छ
त वर्ग से – त और थ
ट वर्ग से – ट और ठ
प वर्ग से – प और फ
इनके अलावा श, ष और स भी अघोष व्यंजन है ।
Additional Information
- वर्णों के उच्चारण में होने वाली ध्वनि की गूँज के आधार पर वर्णों के दो भेद हैं-
घोष और अघोष। - घोष या सघोष व्यंजन:- जिन वर्णों के उच्चारण में गले के कम्पन से गूँज-सी होती है, उन्हें घोष या सघोष कहते हैं।
जैसे- ग, घ, ड़, ज, झ, ञ, ड, ढ, ण, द, ध, न, ब, भ, म, य, र, ल, व
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 7:
दन्त्योष्ठ्य ध्वनि कौन सी है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 7 Detailed Solution
दिये गए विकल्पों में से विकल्प 1 'व' सही उत्तर है।
Mistake Points
- फ और फ़ भिन्न वर्ण है कृपया इन वर्णों को ध्यान से देंखे।
- फ ओष्ठ्य वर्ण है ।
- फ़ दन्तोष्ठ्य वर्ण है।
Key Points
- दंतोष्ठ्य ध्वनि है: व
- जिन व्यंजनों के उच्चारण में दन्त और ओष्ठ दोनों का प्रयोग होता है, उन्हें दन्तोष्ठ ध्वनियाँ कहते हैं।
- उच्चारण स्थान के आधार पर व्यंजनों के भेद -
- कंठ्य – क, ख, ग, घ
- तालव्य – च, छ, ज, झ, श
- मूर्धन्य – ट, ठ, ड, ढ, ण, ष
- वर्त्स्य – ह्न ( ह् न ), ल, र, न, स
- दंत्य – त, थ, ध, न, स
- ओष्ठ्य – प, फ, ब, भ, म
- दंतोष्ठ्य – व, फ़
Additional Information
व्यंजन की परिभाषा |
उदाहरण |
जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है वे व्यंजन वर्ण कहलाते हैं। |
क, ख, ग, घ आदि |
स्पर्श व्यंजन |
च, छ, ज, ट, ठ आदि। |
ऊष्म व्यंजन |
श, ष, स, ह आदि। |
अंतःस्थ व्यंजन |
य, र, ल, व आदि। |
संयुक्त व्यंजन |
क्ष, त्र, ज्ञ आदि। |
आगत व्यंजन |
ज़, फ़ आदि |
अनुनासिक |
ङ, ञ, ण, न, म |
श्वास की मात्रा के आधार पर दो भागों में बांटा गया है- अल्पप्राण और महाप्राण। |
क्रमशः- क, ब, प, म और ख, घ, छ, झ आदि |
उच्चारण में ध्वनि गूंज के आधार पर भी इनके दो भेद किए गए हैं- घोष और अघोष व्यंजन। |
क्रमशः- ग, घ, ज, झ और क, ख, च, छ आदि। |
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 8:
कौन सा वर्ण दन्त्य नहीं है-
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 8 Detailed Solution
उपरोक्त विकल्पों में से 'ट' वर्ण दंत से उपन्न होने वाली ध्वनि नहीं है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही उत्तर विकल्प 4 'ट' है।
Key Points
स्पष्टीकरण -
- विभिन्न वर्णों को उच्चारण स्थान के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।
- 'ट' ध्वनि मूर्द्धा से निकलती हैं, अतः उसे मूर्धन्य ध्वनि माना जाएगा।
- उपरोक्त विकल्पों की अन्य सभी ध्वनियाँ (त, द, ध) दन्त्य हैं।
Additional Information
- वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। मूलतः हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण (10 स्वर+ 35 व्यंजन) एवं लेखन के आधार पर 52 वर्ण (13 स्वर+35 व्यंजन+ 4 संयुक्त व्यंजन) हैं।
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 9:
'त' वर्ग की ध्वनियों का उच्चारण स्थान है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 9 Detailed Solution
दिये गए विकल्पों में से विकल्प 2 - दंत्य सही है।
Additional Information
दंत्य वर्ण :
- दन्त्य ध्वनियाँ वो होती हैं जिनके उच्चारण में जीभ दांतों के पिछले भाग को छूती है। जैसे कि "त","थ", "द", "ध", "न"।
व्यंजन:
- जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है वे व्यंजन वर्ण कहलाते हैं। जैसे- क, ख, ग, घ आदि।
- स्पर्श व्यंजन- च, छ, ज, ट, ठ आदि।
- ऊष्म व्यंजन- श, ष, स, ह आदि।
- अंतःस्थ व्यंजन- य, र, ल, व आदि।
- संयुक्त व्यंजन- क्ष, त्र, ज्ञ आदि।
- आगत व्यंजन- ज़, फ़ आदि।
- अनुनासिक- ङ, ञ, ण, न, म
अन्य विकल्प -
प्रकार |
परिचय |
नासिक्य |
नासिक्य व्यंजन (nasal consonant) ऐसा व्यंजन होता है जिसे नरम तालू को नीचे लाकर उत्पन्न किया जाए और जिसमें मुँह से वायु निकलने पर अवरोध हो लेकिन नासिकाओं से निकलने की छूट हो। न, म और ण ऐसे तीन व्यंजन हैं। |
मूर्धन्य |
मूर्धन्य व्यंजन (retroflex consonant) ऐसे किरीट व्यंजन (यानि जिह्वा के लचीले के सामने के हिस्से से उच्चारित) होते हैं जो जिह्वा द्वारा वर्त्स्य कटक और कठोर तालू के बीच उच्चारित होते हैं। इनमें "ट", "ठ", "ड", "ढ", "र", "ड़" और "ण" शामिल हैं। |
तालव्य |
च्, छ्, ज् के उच्चारण में तालु पर अधिक बल पड़ता है, अतः ये वर्ण तालव्य कहलाते हैं। |
Key Points
स्वर की परिभाषा |
उदाहरण |
जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। |
अ, आ, ई, इ, ए आदि |
हृस्व |
अ, इ, उ, ऋ आदि |
दीर्घ |
आ, ई, ऊ, ए ,ऐ आदि |
प्लुत |
ॐ |
व्यंजन की परिभाषा |
उदाहरण |
जिनका उच्चारण स्वर की सहायता |
क, ख, ग, घ आदि |
स्पर्श व्यंजन |
च, छ, ज, ट, ठ आदि। |
ऊष्म व्यंजन |
श, ष, स, ह आदि। |
अंतःस्थ व्यंजन |
य, र, ल, व आदि। |
संयुक्त व्यंजन |
क्ष, त्र, ज्ञ आदि। |
आगत व्यंजन |
ज़, फ़ आदि |
अनुनासिक |
ङ, ञ, ण, न, म |
श्वास की मात्रा के आधार पर |
क्रमशः- क, ब, प, म और ख, |
उच्चारण में ध्वनि गूंज के आधार पर भी इनके दो |
क्रमशः- ग, घ, ज, झ और क, |
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 10:
उत्क्षिप्त ध्वनि का प्रयोग हुआ है
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला सामान्य Question 10 Detailed Solution
उत्क्षिप्त ध्वनि का प्रयोग हुआ है- पढ़ाई
- (यहाँ 'ढ़' वर्ण उत्क्षिप्त ध्वनि के अंतर्गत आता है।)
- अन्य सभी विकल्प में उत्क्षिप्त ध्वनि का प्रयोग नही हुआ है।)
Key Points
- आरजू- इच्छा, कामना, अभिलाषा।
- खसरा- पटवारी की ऐसी बही जिसमें खेत संबंधी अनेक बातें लिखी जाती हैं।
- जफर- विजय, जीत, सफलता, सिद्धि, कामयाबी।
Important Pointsउत्क्षिप्त व्यंजन:-
- जिन व्यंजन वर्णों का उच्चारण करते समय जीह्वा का अग्रभाग (नोक) एक झटके के साथ नीचे गिरता हो, उन्हें उत्क्षिप्त व्यंजन कहते हैं।
- उत्क्षिप्त व्यंजन की संख्या दो होती है।
जैसे-
- 'ड़', 'ढ़'