Question
Download Solution PDFएक शिक्षार्थी कक्षा में अपने अध्यापक की बात को ध्यानपूर्वक सुनती है और अगले दिन प्रदत्त कार्य पूरा करने के लिए अध्यापक की बातों के मुख्य बिंदु लिखती भी है। इस प्रकार के श्रवण को क्या कहा जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDF- सुनना अर्थात श्रवण कौशल चारो भाषा कौशलों में सबसे प्रथम चरण है।
- यह बच्चों द्वारा दूसरों की बातों को रुचि तथा धैर्यपूर्वक सुनने तथा सहज प्रतिक्रिया देने से सम्बन्धित है।
- बच्चों में इस कौशल का विकास वार्तालाप, कहानी कथन, घटना वर्णन आदि द्वारा होता है।
- श्रवण कौशल बच्चों में भाषाई विकास को आवश्यक गति प्रदान करता है।
श्रवण कौशल के प्रकार-
- गहन श्रवण-
- वह श्रवण प्रक्रिया है जो कक्षा के बाहर किया जाता है।
- गहन सुनने का लक्ष्य एक निश्चित विस्तार पर ध्यान केंद्रित करना हैविस्तार पर ध्यान केंद्रित करना अक्सर आपको सुनने के व्यायाम या परीक्षण पर एक प्रश्न का उत्तर देने के लिए प्रेरित होता है।
- गहन सुनने के अन्तर्गत आप एक उद्धरण सुनते हैं और फिर उस पर सवालों के जवाब देते हैं। इन सवालों के जवाब देने के लिए आपको विषय के हर एक पहलू पर ध्यान केन्द्रित करना पड़ता है।जैसे- कक्षा में शिक्षार्थी अध्यापक की बात को ध्यानपूर्वक सुनते है और उसके बाद उन बातो को प्रदत्त कार्य में लिखते है।
- विस्तृत श्रवण- विस्तृत श्रवण वह श्रवण प्रक्रिया है जो कक्षा के बाहर होता है। इसका लक्ष्य आनंद होता है।विस्तृत श्रवण का प्रयोग आप अपने सुनने के प्रवाह में सुधार करने के लिए कर सकते हैं, इसमें सुनने के लिए कई प्रकार के संसाधनों का प्रयोग होता है।
- प्रमाणिक श्रवण- यह श्रवण गहन श्रवण के पश्चात् अभ्यास कर लेने पर होता हैं। ये देशी वक्ताओं के लिए डिज़ाइन किया गया हैं।
अतः निष्कर्ष निकलता है कि एक शिक्षार्थी कक्षा में अपने अध्यापक की बात को ध्यानपूर्वक सुनती है और अगले दिन प्रदत्त कार्य पूरा करने के लिए अध्यापक की बातों के मुख्य बिंदु लिखती भी है। इस प्रकार के श्रवण को गहन श्रवण कहा जाता है।
Additional Informationशीर्ष पाद मॉडल या टॉप-डाउन दृष्टिकोण- इस दृष्टिकोण में, शिक्षार्थी भाषा के अर्थ को समझने के लिए पृष्ठभूमि या पिछले ज्ञान का उपयोग करता है। यह एक दृष्टिकोण है जो इस पर केंद्रित है-
- व्यक्तिगत ध्वनियों, शब्दों और वाक्यांशों के बजाय भाषा को समग्र रूप से देखना ।
- व्याकरणिक संरचनाओं और व्यक्तिगत शब्दों के बजाय अर्थ पर ध्यान केंद्रित करना।
- विशेष विषय के विस्तार में जाने के बिना विषय वस्तु को समझना।
Last updated on Apr 30, 2025
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