स्वर MCQ Quiz - Objective Question with Answer for स्वर - Download Free PDF

Last updated on Jun 19, 2025

Latest स्वर MCQ Objective Questions

स्वर Question 1:

इनमें से विवृत वर्ण है-

  1. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : आ

स्वर Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है - आ। 
 Key Pointsविवृत स्वर:-
  • जिन स्वरों के उच्चारण में पूरा मुख खुलता है,उन्हें विवृत स्वर कहते हैं।
  • ‘आ, ऑ’ विवृत स्वर का उदाहरण है।

Additional Informationमुख खुलने के आधार पर स्वर के भेद निम्नलिखित हैं-

विवृत स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में पूरा मुख खुलता है,उन्हें विवृत स्वर कहते हैं।

‘आ, ऑ’ विवृत स्वर का उदाहरण है।

अर्द्ध विवृत स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में मुख आधा खुलता है,उन्हें अर्द्ध विवृत स्वर कहते हैं।

‘अ, ए, ओ’ विवृत स्वर का उदाहरण है।

संवृत स्वर

संवृत स्वर या ऊँचा स्वर ऐसी स्वर ध्वनि होती है जिसमें, बिना व्यंजन की ध्वनि बनाए, जिह्वा को मुँह में जितना सम्भव हो सके उतना ऊँचा और तालू से समीप रखा जाता है। उदाहरण के लिए ‘ई’ ऐसा एक स्वर है।

अर्द्ध संवृत

अर्द्ध संवृत स्वर के उच्चारण में मुख द्वार कम सकरा होता है।

ये हैं- ए, ओ।

स्वर Question 2:

सभी स्वर होते हैं

  1. दीर्घ
  2. अघोष
  3. महाप्राण
  4. अल्पप्राण
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अल्पप्राण

स्वर Question 2 Detailed Solution

उपर्युक्त प्रश्न में सही उत्तर अल्पप्राण है ।

Key Points

  • भाषाविज्ञान में महाप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें मुख से वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की 'ख', 'घ', 'झ' और 'फ'। 
  • अल्पप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें बहुत कम वायु-प्रवाह से बोला जाता है जैसे कि 'क', 'ग', 'ज' और 'प'। 
  • अल्पप्राण व्यंजन ऐसे व्यंजन जिनको बोलने में कम समय लगता है,
  • और बोलते समय मुख से कम वायु निकलती है उन्हें अल्पप्राण व्यंजन कहते हैं। 
  • इनकी संख्या 20 होती है।

Additional Information

  • भाषाविज्ञान में महाप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें मुख से वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है-
  • उदाहरण - 

                      'ख', 'घ', 'झ'

                          और 'फ'

  • स्वनविज्ञान और स्वनिमविज्ञान में अघोष (voiceless या surd) वह ध्वनियाँ (विशेषकर व्यंजन) होती हैं,

           जिनमें स्वर-रज्जु में कम्पन नहीं होता है। 

  • देवनागरी के हर नियमित वर्ग में पहले दो वर्ण अघोष और उन के बाद के दो घोष होते हैं।
  • क/ख, च/छ, त/थ, ट/ठ, प/फ अघोष हैं,
  • जबकि ग/घ, ज/झ, द/ध, ड/ढ, ब/भ घोष हैं।

स्वर Question 3:

निर्देश: भाषा विज्ञान सम्बन्धी निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

हिन्दी वर्णमाला में स्वरों की कुल संख्या कितनी है?

  1. 10
  2. 13
  3. 12
  4. 11
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : 11

स्वर Question 3 Detailed Solution

मानक हिन्दी वर्णमाला में स्वरों की कुल संख्या ग्यारह हैं।

स्वर के दो भेद हैं जिनमें मूल स्वर (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ओ, ऋ)

तथा संयुक्त स्वर (ऐ (अ + ए) और औ (अ + ओ)) आते हैं। अतः सही विकल्प '11' है।

Key Points

  • अं तथा अः अयोगवाह कहलाते हैं, ये ध्वनियाँ ना तो स्वर हैं और ना ही व्यंजन। 
  • वर्णमाला में इनका स्थान स्वरों के बाद और व्यंजनों से पहले होता है। अं को अनुस्वार तथा अः को विसर्ग कहा जाता है। 

हिंदी वर्णमाला में स्वरों की संख्या "11"  है। अत: विकल्प 1 "11" सही उत्तर है।

Additional Information

 हृस्व स्वर- अ, आ, इ, ई, दीर्घ स्वर-उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अयोगवाह वर्ण-अं, अ: (नगण्य)। इसलिए कुल स्वरों की संख्या 11 होगी।

स्वर Question 4:

सुमेलित विकल्प का चयन कीजिए -

(i)   महाप्राण (क)   य, र, ल, व
(ii)  मूल स्वर (ख)  आ, ई, ऐ, औ
(iii)  सघोष वर्ण (ग)  छ, फ, ध, श
(iv)  अल्पप्राण  (घ)  अ, इ, उ, ऋ

  1. ​(i)-(घ), (ii)-(ख), (iii)-(क), (iv)-(ग)
  2. ​(i)-(ग), (ii)-(घ), (iii)-(क), (iv)-(ख)
  3. ​(i)-(क), (ii)-(ग)(iii)-(ख), (iv)-(घ)
  4. ​(i)-(ख), (ii)-(ग), (iii)-(घ), (iv)-(क)
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : ​(i)-(ग), (ii)-(घ), (iii)-(क), (iv)-(ख)

स्वर Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर है - (i)-(ग), (ii)-(घ), (iii)-(क), (iv)-(ख)

Key Pointsसुमेलित विकल्प है -

​(i)   महाप्राण ()  छ, फ, ध, श
(ii)  मूल स्वर ()  अ, इ, उ, ऋ
(iii)  सघोष वर्ण ()  य, र, ल, व
(iv)  अल्पप्राण  ()  आ, ई, ऐ, औ

Additional Information

महाप्राण:-

  • जिन वर्गों के उच्चारण में श्वास-वायु की मात्रा अधिक होती है, उन्हें महाप्राण कहते हैं।

उदाहरण-

  • ख, घ, छ, झ, ठ, ढ, थ, ध, फ, भ, ढ़, श, ष, स, ह।

अल्पप्राण:-

  • जिन वर्गों के उच्चारण में श्वास (अर्थात प्राण) वायु की मात्रा कम (अर्थात अल्प) होती है, उन्हें अल्पप्राण वर्ण कहते हैं।
  • सभी स्वर अल्पप्राण की श्रेणी में ही आते हैं 

उदाहरण-

  • क, ग, ङ, च, ज, ञ, ट, ड, ण, ड़, त, द, न, प, ब, म, य, र, ल, व।

सघोष:-

  • ऐसे व्यंजन जिनके उच्चारण करते समय स्वर यंत्री में कंपन होता है, ऐसे व्यंजन सघोष व्यंजन कहलाते हैं। 
  • सघोष व्यंजन प्रत्येक वर्ग का तीसरा, चौथा और पांचवां अक्षर होते हैं।

उदाहरण-

  • ग, घ, ङ, ज, झ, ञ, ड, ढ, ण, द, ध, न, ब, भ, म, य, र, ल, व, ह।  

मूल स्वर:-

  • जिन स्वरों की उत्पति किसे दूसरे स्वरों से नहीं होती हों, उन स्वरों को मूल स्वर कहते हैं। 

उदाहरण-

  • ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। 

स्वर Question 5:

हिंदी वर्णमाला में व्यंजनों की संख्या कितनी है?

  1. 32
  2. 36
  3. 33
  4. 35
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 33

स्वर Question 5 Detailed Solution

हिंदी वर्णमाला में 33 व्यंजन है। अन्य् विकल्प अनुुचित है। अत: विकल्प 3 स"33" सही उत्तर है।

स्पष्टीकरण:

 व्यंजनों की संख्या 33 हैं, जिनके तीन प्रकार हैं। स्पर्श व्यंजन- क वर्ग, च वर्ग, त वर्ग, ट वर्ग और प वर्ग, कुल=25 वर्ण। अंत:स्थ व्यंजन- य, र, ल, व, कुल=4। ऊष्म व्यंजन- श, ष, स, ह, कुल=4। कुल=33 व्यंजन। 

 

 

 

 

 

Top स्वर MCQ Objective Questions

मात्राएँ कितने प्रकार की होती है?

  1. दो
  2. तीन
  3. पाँच
  4. सात

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : दो

स्वर Question 6 Detailed Solution

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मात्राएँ दो प्रकार की होती है।1.ह्रस्व, 2.दीर्घ

  • हस्व :- जिन स्वरों के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है, उन्हें 'ह्रस्व स्वर' कहते हैं ।
    • जैसे:- अ, इ, उ, ऋ ह्रस्व स्वर हैं, इन्हें 'एक मात्रिक स्वर' भी कहते हैं ।
  • दीर्घ:- जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्रा का समय लगता है, वे 'दीर्घ स्वर' कहलाते हैं। 
    • जैसै- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औइन्हें 'द्विमात्रिक स्वर' भी कहते हैं।

Key Points

  • ​यदि प्रश्न पुछा जाता है, उच्चारण में लगने वाले समय के आधार पर तो मात्राएँ तीन प्रकार की होती है।
  1. हस्व  2.दीर्घ  3. प्लुत 
  • प्लुत:- जिन स्वरों के उच्चारण में तीन मात्रा का समय लगे, उसे ‘प्लुत स्वर' कहते हैं ।
    • (३) अंक इसका चिह्न होता है। संस्कृत व्याकरण में प्लुत स्वरों की संकल्पना प्राप्त होती है।
    • हिन्दी में इसका प्रयोग नहीं किया जाता है।

Important Points 

  • विशेष - मात्रा के आधार पर स्वर के तीन भेद हैं,
    • किन्तु हिन्दी वर्णमाला में मात्रा के आधार पर स्वरों के प्रकार पूछे जाने पर उत्तर 2 होगा - ( 1 ) ह्रस्व ( 2 ) दीर्घ,
    • क्योंकि प्लुत का प्रयोग हिन्दी व्याकरण के अन्तर्गत नहीं किया जाता है।
  • महर्षि पाणिनि के अनुसार स्वर तीन है।  ह्रस्व, दीर्घ और प्लुत स्वर।

हिन्दी में दीर्घ स्वर कितने हैं?

  1. 4
  2. 6
  3. 7
  4. 10

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 7

स्वर Question 7 Detailed Solution

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हिन्दी में दीर्घ स्वर 7 हैं।

दीर्घ स्वर हैं-

  • दीर्घ स्वर सात होते है-
    • आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।

Key Points

  • हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ

स्वर (vowel)

उन ध्वनियों को कहते हैं जो बिना किसी अन्य वर्णों की सहायता के उच्चारित किये जाते हैं। स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण, स्वर कहलाते हैं।

हिंदी वर्णमाला

हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन से मिलकर बनती है। हिंदी में वर्णों (स्वर और व्यंजन) की कुल संख्या 52 है, जिसमें 11 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं।

Confusion Points
  • हिन्दी भाषा में 11 स्वर होते है, अं, अः मिलाकर तेरह माने जाते है।
  • हिंदी वर्णमाला में अनुस्वार(अं) एवं विसर्ग(अ:) अयोगवाह वर्ण होते हैं। अं एवं अ: अयोगवाह होते हैं।

पश्च स्वर नहीं है -

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : ई

स्वर Question 8 Detailed Solution

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ई यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।

  • पश्च स्वर नही है।

स्पष्टीकरण-

Key Points

  • जिह्वा के आधार पर स्वर का वर्गीकरण तीन भागों में किया गया है – ‘अग्र स्वर’, ‘मध्य स्वर’ तथा ‘पश्च स्वर’।
  • ‘उ, ऊ, ओ, औ, ऑ, आ’ को पश्च स्वर कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण जिह्वा के पश्च स्पर्श से होता है।

Additional Information

जिह्वा के आधार पर स्वर का वर्गीकरण

स्वर

अग्र स्वर

इ ,ई , ए , ऐ

मध्य स्वर

पश्च स्वर

उ, ऊ, ओ, औ, ऑ, आ

हिन्दी वर्णमाला में मूल स्वरों की संख्या होती है:

  1. 6
  2. 2
  3. 4
  4. 3

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 4

स्वर Question 9 Detailed Solution

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मानक हिन्दी वर्णमाला में स्वरों की कुल संख्या '4' है। 

Key Points

उच्चारण के समय की दृष्टि से स्वर के चार भेद किए गए हैं:

  1. ह्रस्व स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।
  2. दीर्घ स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ दीर्घ स्वर के उदाहरण है।
  3. संयुक्त स्वर - दो भिन्न प्रकृति (विजातीय) स्वरों के मिलने से जो स्वर बनते है, उन्हें संयुक्त स्वर कहते है।
  4. प्लुत स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों से भी अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। प्रायः इनका प्रयोग दूर से बुलाने में किया जाता है।

Additional Information 

हिन्दी में कुल वर्णों की संख्या – 52

स्वर – 11

अयोगवाह  – 2

व्यंजन – 33

संयुक्ताक्षर – 4

उत्क्षिप्त/ द्विगुण व्यंजन– 2

अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ऋ, ओ, औ

अं, अ:

क, ख, ग, घ, ड़, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह।

क्ष, त्र, ज्ञ, श्र

ड़, ढ़

अर्द्ध व‍िवृत स्‍वर है:

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : ऐ

स्वर Question 10 Detailed Solution

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दिये गए विकल्पों में से विकल्प 2 'ऐ' सही उत्तर है।

Key Points

अर्द्ध संवृत - कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर होते हैं। 

स्वर

  • ये स्वतंत्र रूप से बोले जाने वर्ण है। उच्चारण स्थान एवं उच्चारण प्रकार के अनुसार इनको विभाजित किया गया है।
    • ह्रस्व - अ, इ, उ
    • दीर्घ -आ, ई, ऊ, ए, औ, ओ, ऑ
    • प्लुत - ओउम
      • अग्र - इ, ई, ए, ऐ
      • मध्य-अ
      • पश्च- आ, उ, ऊ, ओ, औ, ऑ
    • विवृत - आ
    • अर्ध विवृत - अ, ऐ, औ, ऑ
    • अर्धसंवृत - ए, ओ
      • संवृत्त - इ, ई, उ,ऊ
      • अवृतमुखी - अ, आ, इ, ई, ए, ऐ
      • वृतमुखी - उ, ऊ, ओ, औ, ऑ
      • मौखिक - अ, आ, इ
      • अनुनासिक- अँ, आँ, इँ

Additional Information

स्वर की  परिभाषा

उदाहरण

जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

अ, आ, ई, इ, ए आदि

हृस्व

अ, इ, उ, ऋ आदि

दीर्घ

आ, ई, ऊ, ऐ आदि

प्लुत

Important Points

  •  संवृत और विवृत स्वर के भेद या प्रकार
    • 1. संवृत स्वर (samvrit swar)
      • संवृत स्वर के उच्चारण में मुख द्वार सकरा हो जाता है। ये संख्या में चार होते है - इ , ई , उ , ऊ 
    • 2. अर्द्ध संवृत स्वर (ardhd samvrat swar)
      • अर्द्ध संवृत स्वर के उच्चारण में मुख द्वार कम सकरा होता है। ये संख्या में 2 होते है - ए , ओ 
    • 3. विवृत स्वर (vivrat swar)
      • विवृत स्वर के उच्चारण में मुख द्वार पूरा खुला होता है। ये संख्या में 2 है - आ , आँ 
    • 4. अर्द्ध विवृत स्वर (ardhd vivrat swar)
      • अर्द्ध विवृत स्वर के उच्चारण में मुख द्वार अधखुला होता है। ये संख्या में 4 होते है - अ , ऐ , औ , ऑ

निम्नलिखित में से कौन सा वर्ण संयुक्त स्वर नहीं है ?  

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : इ

स्वर Question 11 Detailed Solution

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"इ" वर्ण संयुक्‍त स्‍वर नहीं है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं। 

Key Points

  • संयुक्त स्वर- वे स्वर जो दो या दो से अधिक स्वरों से मिलकर बनते हैं, संयुक्त स्वर कहलाते हैं।
  • इनकी संख्या 4 होती है, जो इस प्रकार है- ए, ऐ, ओ, औ। 
  • ह्रस्व स्वर- जिस स्वर के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगे, उसको ह्रस्व स्वर कहते हैं।
  • ये संख्या में पाँच हैं- अ, इ, उ, ऋ तथा लृ।
  • इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।

Additional Information

स्वर की  परिभाषा

उदाहरण

जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

अ, आ, ई, इ, ए आदि

ह्रस्व 

अ, इ, उ, ए आदि

दीर्घ

आ, ई, ऊ, ऐ आदि

प्लुत

जिह्वा के आधार पर स्वर कितने प्रकार के होते हैं?

  1. दो
  2. तीन
  3. चार
  4. सात

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : तीन

स्वर Question 12 Detailed Solution

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जिह्वा के आधार पर स्वर 'तीन' प्रकार के होते हैं। अन्य विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं। अतः सही विकल्प 'तीन' है।

विशेष

जिह्वा के आधार पर स्वर का वर्गीकरण - कुछ स्वरों के उच्चारण में जीभ का अग्रभाग काम करता है, कुछ में

मध्यभाग तथा कुछ में पश्चभाग। इसी आधार पर स्वर को तीन भागों में बांटा गया है-

अग्र स्वर - इ ,ई , ए , ऐ

मध्य स्वर - अ

पश्च स्वर - उ, ऊ, ओ, औ, ऑ, आ

मात्रा के आधार पर स्वर कितने प्रकार के होते हैं?

  1. 2
  2. 3
  3. 4
  4. 6

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : 2

स्वर Question 13 Detailed Solution

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मात्रा के आधार पर स्वर '2' प्रकार के होते हैं।

शेष विकल्प अनुचित हैं।

  • लघु या हृस्व 
  • दीर्घ / गुरु 

Key Points

मात्रा के आधार पर स्वर '2' प्रकार के होते हैं -

  1. ह्रस्व स्वर

जिनके उच्चारण में कम समय लगता है। जैसे - 'अ', 'इ', 'उ', ‘ऋ’

  1. दीर्घ स्वर

जिनके उच्चारण में ज्यादा समय लगता है। जैसे - 'आ', 'ई', 'ऊ', 'ए', 'ऐ', 'ओ', 'औ'

Confusion Points
  • संस्कृत भाषा में मात्रा के आधार पर तीसरा प्रकार भी माना जाता है।
  • जिस स्वर के उच्चारण में तिगुना समय लगे, उसे 'प्लुत' कहते हैं। इसका चिह्न (ऽ) है। जैसे- सुनोऽऽ, राऽऽम, ओऽऽम्। 

जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्राओं से अधिक समय लगे, वे कहलाते हैं-

  1. दीर्घ स्वर
  2. प्लुत स्वर
  3. हृस्व स्वर
  4. अनुनासिक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : प्लुत स्वर

स्वर Question 14 Detailed Solution

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दिये गए विकल्पों में से विकल्प 2 प्लुत स्वर सही उत्तर है।

Key Points

  • जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्राओं से अधिक समय लगे, वे प्लुत स्वर कहलाते हैं।


प्लुत स्वर:

  • वे स्वर जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय यानी तीन मात्राओं का समय लगता है, प्लुत स्वर कहलाते हैं।
  • उदाहरण - आs…..ऐसे ही अन्यान्य
  • हिन्दी भाषा में प्लुत स्वर प्रयोग केवल दूरस्थ संबोधन में होता है

अन्य विकल्प - 

दीर्घ स्वर

जिन वर्णों पर अधिक जोर दिया जाता है, वे दीर्घ कहलाते हैं, और उनकी मात्रा २ होती है। आ, ई, ऊ, ॡ ये दीर्घ स्वर हैं।

ह्रस्व स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं। 

अनुनासिक

जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से किया जाता है, वे अनुनासिक कहलाते हैं और इन्हीं स्वरों को लिखते समय इनके ऊपर अनुनासिक के चिह्न चन्द्रबिन्दु (ँ) का प्रयोग किया जाता है।

 

Additional Information

स्वर की  परिभाषा

उदाहरण

जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

अ, आ, ई, इ, ए आदि

हृस्व

अ, इ, उ, ए आदि

दीर्घ

आ, ई, ऊ, ऐ आदि

प्लुत

स्वर ए-ऐ का उच्चारण स्थान कौन सा है?

  1. कंठोष्ठ
  2. दंतोष्ठ
  3. कंठ तालव्य
  4. ओष्ठ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कंठ तालव्य

स्वर Question 15 Detailed Solution

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दिये गए विकल्पों में से विकल्प 3 'कंठ तालव्य' सही उत्तर है।

Key Points

  • कण्ठतालु सूत्र के अनुसार ए और ऐ कण्ठतालव्य वर्ण हैं।
  • जिन का उच्चारण स्थान कण्ठ और तालु दोनों होता है।
  • अर्थात ए और ऐ का उच्चारण स्थल है - कण्ठतालु ।

स्वर

  • ये स्वतंत्र रूप से बोले जाने वर्ण है। उच्चारण स्थान एवं उच्चारण प्रकार के अनुसार इनको विभाजित किया गया है।
  • ह्रस्व - अ, इ, उ
  • दीर्घ -आ, ई, ऊ, ए, औ, ओ, ऑ
  • प्लुत - ओउम
  • अग्र - इ, ई, ए, ऐ
  • मध्य-अ
  • पश्च- आ, उ, ऊ, ओ, औ, ऑ
  • विवृत - आ
  • अर्ध विवृत - अ, ऐ, औ, ऑ
  • अर्धसंवृत - ए, ओ
  • संवृत्त - इ, ई, उ,ऊ
  • अवृतमुखी - अ, आ, इ, ई, ए, ऐ
  • वृतमुखी - उ, ऊ, ओ, औ, ऑ
  • मौखिक - अ, आ, इ
  • अनुनासिक- अँ, आँ, इँ

  

क्रम

वर्ण

उच्चारण

श्रेणी

1.

अ, आ, क् ख् ग् घ्, ङ्, ह्, विसर्ग (:)

कंठ और जीभ का निचला भाग

कंठ्य

2.

इ, ई, च् छ् ज् झ् ञ्, य्, श

तालु और जीभ

तालव्य

3.

ऋ ट् ठ् ड् ढ् ण् ड़् ढ़् र् ष्

मूर्धा और जीभ

मूर्धन्य

4.

त् थ् द् ध् न् ल् स्

दाँत और जीभ

दंत्य

5.

उ ऊ प् फ् ब् भ् म

दोनों होंठ

ओष्ठ्य

6.

अं,ङ्, ञ़्, ण्, न्, म्

नासिका

अनुनासिक

7.

ए ऐ

कंठ तालु और जीभ

कंठतालव्य

8.

ओ औ

कंठ जीभ और होंठ

कंठोष्ठ्य

9.

व्

दाँत जीभ और होंठ

दंतोष्ठ्य

 

Additional Information

स्वर की  परिभाषा

उदाहरण

जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

अ, आ, ई, इ, ए आदि

हृस्व

अ, इ, उ, ए आदि

दीर्घ

आ, ई, ऊ, ऐ आदि

प्लुत

 

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