हिन्दी वर्णमाला MCQ Quiz - Objective Question with Answer for हिन्दी वर्णमाला - Download Free PDF
Last updated on Jun 13, 2025
Latest हिन्दी वर्णमाला MCQ Objective Questions
हिन्दी वर्णमाला Question 1:
महाप्राण व्यंजनों का संगत वर्ग है :
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 1 Detailed Solution
महाप्राण व्यंजनों का संगत वर्ग है : घ, थ, फ, ढ़
Important Points
- जिन वर्गों के उच्चारण में श्वास-वायु की मात्रा अधिक होती है, उन्हें महाप्राण कहते हैं।
- दूसरे शब्दों में - जिनके उच्चारण में 'हकार' की ध्वनि सुनाई पड़ती है उन्हें महाप्राण कहते हैं।
- ये हैं - प्रत्येक वर्ग का द्वितीय और चतुर्थ वर्ण, ऊष्म व्यंजन
Additional Information
अल्पप्राण |
महाप्राण |
अल्पप्राण में हकार- जैसी ध्वनि नहीं निकलती है। |
महाप्राण में हकार- जैसी ध्वनि होती है। |
सभी स्वर वर्ण और प्रत्येक वर्ग का पहला, तीसरा और 5वाँ वर्ण तथा समस्त अन्तःस्थ वर्ण अल्पप्राण है। |
प्रत्येक वर्ग का दूसरा और चौथा तथा समस्त उष्म वर्ण महाप्राण है। |
अल्पप्राण के उच्चारण में कम श्रम करना पड़ता है। |
महाप्राण वर्णों का उच्चारण अधिक श्रमपूर्वक करना पड़ता है। |
हिन्दी वर्णमाला Question 2:
सभी स्वर होते हैं
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 2 Detailed Solution
उपर्युक्त प्रश्न में सही उत्तर अल्पप्राण है ।
Key Points
- भाषाविज्ञान में महाप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें मुख से वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की 'ख', 'घ', 'झ' और 'फ'।
- अल्पप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें बहुत कम वायु-प्रवाह से बोला जाता है जैसे कि 'क', 'ग', 'ज' और 'प'।
- अल्पप्राण व्यंजन ऐसे व्यंजन जिनको बोलने में कम समय लगता है,
- और बोलते समय मुख से कम वायु निकलती है उन्हें अल्पप्राण व्यंजन कहते हैं।
- इनकी संख्या 20 होती है।
Additional Information
- भाषाविज्ञान में महाप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें मुख से वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है-
- उदाहरण -
'ख', 'घ', 'झ'
और 'फ'
- स्वनविज्ञान और स्वनिमविज्ञान में अघोष (voiceless या surd) वह ध्वनियाँ (विशेषकर व्यंजन) होती हैं,
जिनमें स्वर-रज्जु में कम्पन नहीं होता है।
- देवनागरी के हर नियमित वर्ग में पहले दो वर्ण अघोष और उन के बाद के दो घोष होते हैं।
- क/ख, च/छ, त/थ, ट/ठ, प/फ अघोष हैं,
- जबकि ग/घ, ज/झ, द/ध, ड/ढ, ब/भ घोष हैं।
हिन्दी वर्णमाला Question 3:
निर्देश: भाषा विज्ञान सम्बन्धी निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
हिन्दी वर्णमाला में स्वरों की कुल संख्या कितनी है?Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 3 Detailed Solution
मानक हिन्दी वर्णमाला में स्वरों की कुल संख्या ग्यारह हैं।
स्वर के दो भेद हैं जिनमें मूल स्वर (अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ओ, ऋ)
तथा संयुक्त स्वर (ऐ (अ + ए) और औ (अ + ओ)) आते हैं। अतः सही विकल्प '11' है।
Key Points
- अं तथा अः अयोगवाह कहलाते हैं, ये ध्वनियाँ ना तो स्वर हैं और ना ही व्यंजन।
- वर्णमाला में इनका स्थान स्वरों के बाद और व्यंजनों से पहले होता है। अं को अनुस्वार तथा अः को विसर्ग कहा जाता है।
हिंदी वर्णमाला में स्वरों की संख्या "11" है। अत: विकल्प 1 "11" सही उत्तर है।
Additional Information
हृस्व स्वर- अ, आ, इ, ई, दीर्घ स्वर-उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अयोगवाह वर्ण-अं, अ: (नगण्य)। इसलिए कुल स्वरों की संख्या 11 होगी।
हिन्दी वर्णमाला Question 4:
एक शब्द में महाप्राण व्यंजनों का प्रयोग नहीं हुआ है
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर 'जोगन' है।
- 'जोगन' शब्द में महाप्राण व्यंजनों का प्रयोग नहीं हुआ है।
- जोगन' शब्द में अल्पप्राण व्यंजनों का प्रयोग हुआ है।
- अल्पप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें बहुत कम वायु-प्रवाह से बोला जाता है जैसे कि 'क', 'ग', 'ज' और 'प'।
- इनकी संख्या 15 होती है।
Key Points अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
- खीझ, झूठ और घाघ शब्दों में महाप्राण व्यंजनों का प्रयोग हुआ है।
- भाषा विज्ञान में महाप्राण व्यंजन वह व्यंजन होतें हैं जिन्हें मुख से वायु-प्रवाह के साथ बोला जाता है, जैसे की 'ख', 'घ', 'झ' और 'फ'।
Additional Information
प्राण का अर्थ है वायु। व्यंजनों का उच्चारण करते समय बाहर आने वाली श्वास-वायु की मात्रा के आधार पर व्यंजनों के दो भेद हैं- |
||
अल्पप्राण व्यंजन |
जिन व्यंजनों के उच्चारण से मुख से कम हवा निकलती है, वे अल्प प्राण कहलाते हैं |
प्रत्येक वर्ग का पहला, तीसरा और पाँचवाँ वर्ण अल्पप्राण व्यंजन हैं। जैसे- क, ग, ङ; ज, ञ; ट, ड, ण; त, द, न; प, ब, म,। |
महाप्राण व्यंजन |
जिन व्यंजनों के उच्चारण में अधिक वायु मुख से निकलती है, वे महाप्राण कहलाते हैं। |
प्रत्येक वर्ग का दूसरा और चौथा वर्ण तथा समस्त ऊष्म वर्ण महाप्राण हैं। जैसे- ख, घ; छ, झ; ठ, ढ; थ, ध; फ, भ और श, ष, स, ह। |
हिन्दी वर्णमाला Question 5:
निम्नलिखित में से स्पर्श संघर्षी महाप्राण व्यंजन है:
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर झ है।
Key Points
- झ वर्ण स्पर्श संघर्षी महाप्राण व्यंजन है।
- जिन ध्वनियों के उच्चारण में श्वास-वायु अधिक मात्रा में लगती है, उन्हें महाप्राण व्यंजन कहते हैं।
- महाप्राण व्यंजन की संख्या 14 है- ख घ छ झ ठ ढ थ ध फ भ ढ़ श ष स ह
- अन्य विकल्प -
- च्, ज्, छ्, झ स्पर्श व्यंजन हैं। ये च वर्ग के अंतर्गत आते हैं।
- च वर्ग- च्, छ्, ज्, झ्, ञ्
- 'च, छ, ज, झ' स्पर्श संघर्षी व्यंजन हैं।
Additional Information
व्यंजन के तीन भेद हैं - |
स्पर्श व्यंजन– ‘क’ से‘म’ तक 25 वर्ण मुख के विभिन्न भागों में जिह्वा के स्पर्श से बोले जाते है।इसलिए इन्हे स्पर्श व्यंजन कहते है। |
अंतःस्थव्यंजन-‘य,र,ल,व’- ये चार ऐसे वर्ण हें, जिनके अन्दर स्वर छिपे है, अतः इन्हें अंतःस्थ व्यंजन कहते है। |
ऊष्म व्यंजन– ‘श, ष, स’, ह" – इन चार वर्णों के उच्चारण में मुख से विशेष प्रकार की गर्म (ऊष्म) वायु निकलती है, इसलिए इन्हें ऊष्म व्यंजन कहते है।इनके उच्चारण में श्वास की प्रबलता रहती है। |
Top हिन्दी वर्णमाला MCQ Objective Questions
मात्राएँ कितने प्रकार की होती है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFमात्राएँ दो प्रकार की होती है।1.ह्रस्व, 2.दीर्घ
- हस्व :- जिन स्वरों के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है, उन्हें 'ह्रस्व स्वर' कहते हैं ।
- जैसे:- अ, इ, उ, ऋ ह्रस्व स्वर हैं, इन्हें 'एक मात्रिक स्वर' भी कहते हैं ।
- दीर्घ:- जिन स्वरों के उच्चारण में दो मात्रा का समय लगता है, वे 'दीर्घ स्वर' कहलाते हैं।
- जैसै- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ ।इन्हें 'द्विमात्रिक स्वर' भी कहते हैं।
Key Points
- यदि प्रश्न पुछा जाता है, उच्चारण में लगने वाले समय के आधार पर तो मात्राएँ तीन प्रकार की होती है।
- हस्व 2.दीर्घ 3. प्लुत
- प्लुत:- जिन स्वरों के उच्चारण में तीन मात्रा का समय लगे, उसे ‘प्लुत स्वर' कहते हैं ।
- (३) अंक इसका चिह्न होता है। संस्कृत व्याकरण में प्लुत स्वरों की संकल्पना प्राप्त होती है।
- हिन्दी में इसका प्रयोग नहीं किया जाता है।
Important Points
- विशेष - मात्रा के आधार पर स्वर के तीन भेद हैं,
- किन्तु हिन्दी वर्णमाला में मात्रा के आधार पर स्वरों के प्रकार पूछे जाने पर उत्तर 2 होगा - ( 1 ) ह्रस्व ( 2 ) दीर्घ,
- क्योंकि प्लुत का प्रयोग हिन्दी व्याकरण के अन्तर्गत नहीं किया जाता है।
- महर्षि पाणिनि के अनुसार स्वर तीन है। ह्रस्व, दीर्घ और प्लुत स्वर।
हिन्दी में दीर्घ स्वर कितने हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFहिन्दी में दीर्घ स्वर 7 हैं।
दीर्घ स्वर हैं-
- दीर्घ स्वर सात होते है-
- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
Key Points
- हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
स्वर (vowel) |
उन ध्वनियों को कहते हैं जो बिना किसी अन्य वर्णों की सहायता के उच्चारित किये जाते हैं। स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण, स्वर कहलाते हैं। |
हिंदी वर्णमाला |
हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन से मिलकर बनती है। हिंदी में वर्णों (स्वर और व्यंजन) की कुल संख्या 52 है, जिसमें 11 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं। |
- हिन्दी भाषा में 11 स्वर होते है, अं, अः मिलाकर तेरह माने जाते है।
- हिंदी वर्णमाला में अनुस्वार(अं) एवं विसर्ग(अ:) अयोगवाह वर्ण होते हैं। अं एवं अ: अयोगवाह होते हैं।
निम्न में 'पार्श्विक' वर्ण कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- उपरोक्त विकल्पों में 'ल' विकल्प सटीक है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सटीक विकल्प 4 'ल' हैl
Hint
- हिन्दी में केवल 'ल' ही पार्श्विक वर्ण है।
Key Points
Additional Information
वर्ग |
वर्ण |
स्पर्शी |
क, ख, ग, घ, ट, ठ, ड, ढ, त, थ, द, ध, प, फ, ब, भ। |
संघर्षी |
श, ष, स, ह। |
स्पर्श-संघर्षी |
च, छ, ज, झ। |
नासिक्य |
ङ, ञ, ण, न, म। |
पार्श्विक |
ल। |
प्रकंपी |
र। |
उत्क्षिप्त |
ड़, ढ़। |
अर्धस्वर |
य, व। |
निम्नांकित में से संयुक्त व्यंजन है :
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF'ज्ञ' संयुक्त व्यंजन है।
- दो व्यंजनों के मेल से बने व्यंजन शब्द को संयुक्त व्यंजन कहते हैं।
- ज् + ञ :- ज्ञ
- ज्ञ देवनागरी लिपि का एक अक्षर है।
- यह ज् और ञ के संयोग से बना हुआ संयुक्त अक्षर है, परन्तु आजकल हिन्दी भाषा में इसका उच्चारण "ग्य" किया जाता है।
- ज्ञ से निर्मित शब्द-
- ज्ञानी, अनभिज्ञ, विज्ञान, अज्ञात, यज्ञ, विज्ञापन, ज्ञाता, अज्ञान, जिज्ञासा, सर्वज्ञ, विशेषज्ञ, अल्पज्ञ।
संयुक्त व्यंजन की हिंदी वर्णमाला में कुल संख्या 4 है जो की निम्नलिखित हैं-
- क्ष - क् + ष :- क्ष
- त्र - त् + र :- त्र
- ज्ञ - ज् + ञ :- ज्ञ
- श्र - श् + र :- श्र
पश्च स्वर नहीं है -
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFई यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
- ई पश्च स्वर नही है।
स्पष्टीकरण-
Key Points
- जिह्वा के आधार पर स्वर का वर्गीकरण तीन भागों में किया गया है – ‘अग्र स्वर’, ‘मध्य स्वर’ तथा ‘पश्च स्वर’।
- ‘उ, ऊ, ओ, औ, ऑ, आ’ को पश्च स्वर कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण जिह्वा के पश्च स्पर्श से होता है।
Additional Information
जिह्वा के आधार पर स्वर का वर्गीकरण |
स्वर |
अग्र स्वर |
इ ,ई , ए , ऐ |
मध्य स्वर |
अ |
पश्च स्वर |
उ, ऊ, ओ, औ, ऑ, आ |
हिन्दी वर्णमाला में मूल स्वरों की संख्या होती है:
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFमानक हिन्दी वर्णमाला में स्वरों की कुल संख्या '4' है।
Key Points
उच्चारण के समय की दृष्टि से स्वर के चार भेद किए गए हैं:
- ह्रस्व स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।
- दीर्घ स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ दीर्घ स्वर के उदाहरण है।
- संयुक्त स्वर - दो भिन्न प्रकृति (विजातीय) स्वरों के मिलने से जो स्वर बनते है, उन्हें संयुक्त स्वर कहते है।
- प्लुत स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों से भी अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। प्रायः इनका प्रयोग दूर से बुलाने में किया जाता है।
Additional Information
वर्त्स्य वर्ण है -
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर विकल्प 2 हैI
- न, र, ल, स
Key Points
- वर्त्स्य वर्ण - जो व्यंजन दंतमूल से उच्चारित होते हैंI
- न, स, र, ल
Important Points
- व्यंजन का वर्गीकरण - 1) उच्चारण स्थान, 2)प्रयत्न स्थान
- उच्चारण स्थान के आधार पर -
कंठ्य | क, ख, ग, घ, ङ |
तालव्य | च, छ, ज, झ, ञ, य, श |
मूर्धन्य | ट, ठ, ड, ढ, ण, ड़, ढ़, ष |
दंत्य | त, थ, द, ध, न |
वर्त्स्य | न, स, र, ल |
ओष्ठय | प, फ, ब, भ, म |
दंतोष्ठय | व, फ |
उष्म | स, ह |
Additional Information
- हिंदी वर्णमाला में ध्वनियाँ - 52
- स्वर - 11, व्यंजन - 33, संयुक्त व्यंजन - 4, अयोगवाह - 2, द्विगुण व्यंजन - 2
अर्द्ध विवृत स्वर है:
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFदिये गए विकल्पों में से विकल्प 2 'ऐ' सही उत्तर है।
Key Points
अर्द्ध संवृत - कम मुँह खुलने पर निकलने वाले स्वर होते हैं।
स्वर
- ये स्वतंत्र रूप से बोले जाने वर्ण है। उच्चारण स्थान एवं उच्चारण प्रकार के अनुसार इनको विभाजित किया गया है।
- ह्रस्व - अ, इ, उ
- दीर्घ -आ, ई, ऊ, ए, औ, ओ, ऑ
- प्लुत - ओउम
- अग्र - इ, ई, ए, ऐ
- मध्य-अ
- पश्च- आ, उ, ऊ, ओ, औ, ऑ
- विवृत - आ
- अर्ध विवृत - अ, ऐ, औ, ऑ
- अर्धसंवृत - ए, ओ
- संवृत्त - इ, ई, उ,ऊ
- अवृतमुखी - अ, आ, इ, ई, ए, ऐ
- वृतमुखी - उ, ऊ, ओ, औ, ऑ
- मौखिक - अ, आ, इ
- अनुनासिक- अँ, आँ, इँ
Additional Information
स्वर की परिभाषा |
उदाहरण |
जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। |
अ, आ, ई, इ, ए आदि |
हृस्व |
अ, इ, उ, ऋ आदि |
दीर्घ |
आ, ई, ऊ, ऐ आदि |
प्लुत |
ॐ |
Important Points
- संवृत और विवृत स्वर के भेद या प्रकार
- 1. संवृत स्वर (samvrit swar)
- संवृत स्वर के उच्चारण में मुख द्वार सकरा हो जाता है। ये संख्या में चार होते है - इ , ई , उ , ऊ
- 2. अर्द्ध संवृत स्वर (ardhd samvrat swar)
- अर्द्ध संवृत स्वर के उच्चारण में मुख द्वार कम सकरा होता है। ये संख्या में 2 होते है - ए , ओ
- 3. विवृत स्वर (vivrat swar)
- विवृत स्वर के उच्चारण में मुख द्वार पूरा खुला होता है। ये संख्या में 2 है - आ , आँ
- 4. अर्द्ध विवृत स्वर (ardhd vivrat swar)
- अर्द्ध विवृत स्वर के उच्चारण में मुख द्वार अधखुला होता है। ये संख्या में 4 होते है - अ , ऐ , औ , ऑ
- 1. संवृत स्वर (samvrit swar)
निम्न में से कौन-सा वर्ण अघोष है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFउपरोक्त विकल्पो में 'च' वर्ण अघोष है,अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 1 च सही उत्तर होगा।
Key Points
- व्यंजनों के वर्गीकरण में स्वर-तंत्रियों की स्थिति भी महत्त्वपूर्ण मानी जाती है।
- इस दृष्टि से व्यंजनों को दो वर्गों में विभक्त किया जाता है - घोष और अघोष। जिन व्यंजनों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन होता है, उन्हें घोष या सघोष कहा जाता हैं।
- दूसरे प्रकार की ध्वनियां अघोष कहलाती हैं।
- स्वरतंत्रियों की अघोष स्थिति से अर्थात जिनके उच्चारण में कंपन नहीं होता उन्हें अघोष व्यंजन कहा जाता है।
Additional Information
घोष |
अघोष |
ग, घ, ङ |
क, ख |
ज, झ, ञ |
च, छ |
ड, ढ, ण, ड़, ढ़ |
ट, ठ |
द, ध, न |
त, थ |
ब, भ, म |
प, फ |
य, र, ल, व, ह |
श, ष, स |
निम्नलिखित में से कौन सा वर्ण संयुक्त स्वर नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी वर्णमाला Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF"इ" वर्ण संयुक्त स्वर नहीं है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- संयुक्त स्वर- वे स्वर जो दो या दो से अधिक स्वरों से मिलकर बनते हैं, संयुक्त स्वर कहलाते हैं।
- इनकी संख्या 4 होती है, जो इस प्रकार है- ए, ऐ, ओ, औ।
- ह्रस्व स्वर- जिस स्वर के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगे, उसको ह्रस्व स्वर कहते हैं।
- ये संख्या में पाँच हैं- अ, इ, उ, ऋ तथा लृ।
- इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।
Additional Information
स्वर की परिभाषा |
उदाहरण |
जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। |
अ, आ, ई, इ, ए आदि |
ह्रस्व |
अ, इ, उ, ए आदि |
दीर्घ |
आ, ई, ऊ, ऐ आदि |
प्लुत |
ॐ |