महिला नाटककार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for महिला नाटककार - Download Free PDF
Last updated on Jun 11, 2025
Latest महिला नाटककार MCQ Objective Questions
महिला नाटककार Question 1:
'महाभोज' नाटक की प्रथम प्रस्तुति किसके निर्देशन में हुई ?
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 1 Detailed Solution
महाभोज' नाटक की प्रथम प्रस्तुति श्रीमती अमाल अलाना के निर्देशन में हुई। Key Pointsमहाभोज-
- रचनाकार- मन्नू भण्डारी
- प्रकाशन वर्ष- 1982 ईo
- विधा- नाटक
- दृश्य- 11
- मुख्य पात्र-
- दासाहब, विसू, लखन ,जमुना बहन ,शुकुल बाबू, सक्सेना, जोरावर, रुकमा ,बिंदेश्वरी, आदि।
- विषय-
- चुनावी राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार का यथार्थवादी शैली में चित्रण हुआ है।
- यह एक राजनीतिक नाटक है।
Important Pointsमन्नू भण्डारी-
- जन्म- 1931 - 1921 ईo
- उपन्यास-
- महाभोज (1979)
- आपका बंटी (1971)
- स्वामी (2003)
- नाटक-
- बिना दीवारों के घर (1965)
- महाभोज (1982)
- कहानी संग्रह-
- एक प्लेट सैलाब (1962)
- मैं हार गई (1957)
- तीन निगाहों की एक तस्वीर
- यही सच है (1966)
- त्रिशंकु
- आंखों देखा झूठ
महिला नाटककार Question 2:
'महाभोज' नाटक के संबंध में निम्नलिखित सही तथ्यों पर विचार कीजिए-
A. इस नाटक का प्रकाशन 1892 ई. में हुआ।
B. यह नाटक 11 दृश्यों में विभक्त है।
C. इसके पात्र है- दा साहब, सुकुल बाबू, महेश, बिसू, बिंदा, जोरावर आदि।
D. दा साहब भूतपूर्व मुख्यमंत्री थे।
E. सरोहा नामक गाँव का वर्णन है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 2 Detailed Solution
- लेखिका - मन्नू भंडारी
- प्रकाशन वर्ष - 1982 ई.
- मुख्य पात्र - दा साहब, बिसु, बिंदा, सक्सेना, जोरावर, दत्ता बाबू, महेश।
- गोंण पात्र - सुकुल बाबू, काशी, अप्पा साहब, पांडे जी, लखन, जमुना बहन, सिन्हा, भवानी, नरोत्तम, रति, मोहन सिंह, हीरा, रुकमा, भैरों सिंह।
- मुख्य - यह नाटक 11 दृश्य में विभक्त है।
- आजादी के बाद भारतीय राजनीति तथा अपराध के गठजोड़ का जो चेहरा आम जन के सामने आए इसका स्पष्ट यथार्थवादी चित्रण इस नाटक में किया गया।
- महाभोज नाटक सरोहा गांव की पृष्ठभूमि में रचा गया है।
- यहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
- यह नाटक सरोहा गांव के निवासी बिसु की मौत से शुरू होता है।
- बिसु के पास गांव में हुई आगजनी की घटना के सबूत है जिसे वह दिल्ली ले जाना चाहता था।
- इसी कारण इसकी हत्या हो जाती है।
- चुनावी माहौल में इस हत्या का सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा भरपूर उपयोग किया जाता है।
- बिसु के संघर्ष को बिंदा उसका दोस्त आगे बढ़ता है।
- अंत : वह भी व्यवस्था के कुचक्कर में फंसकर सलाखों के पीछे पहुंच जाता है।
- बिना दीवारों का घर (1965 ई.)
- महाभोज नाटक महाभोज उपन्यास (1979 ई.) का नाटक नाट्य रूपांतरण है।
- महाभोज नाटक की प्रथम प्रस्तुति राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रंग मंडल द्वारा (1982 ई.) में की गई।
- इसके निर्देशक अमाल अलाना थे।
महिला नाटककार Question 3:
'महाभोज' नाटक के संबंध में विचार कीजिए-
A. बिसू की हत्या जोरावर ने करवाई और इल्जाम उसके दोस्त बिंदा पर लगा दिया।
B. इसका प्रकाशन 1984 ई. में हुआ।
C. सूत्रधार ने कहा- मरे आदमी और सोये आदमी में अंतर ही कितना होता है, भला ! बस, एक साँस की डोरी , वह टूटी और आदमी गया !
D. सुकुल बाबू, सिन्हा, दत्ता बाबू, बिंदा, भवानी इसके पात्र है।
E. नरोत्तम ने कहा- जब सैया भये कोतवाल तो डर काहे का !
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए।
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 3 Detailed Solution
'महाभोज' नाटक के संबंध में सही विचार है - केवल (A), (C), (D)
Key Pointsसही हैं-
A. बिसू की हत्या जोरावर ने करवाई और इल्जाम उसके दोस्त बिंदा पर लगा दिया।
B. इसका प्रकाशन 1984 ई. में हुआ। महाभोज - ( महाभोज उपन्यास का नाट्य रूपान्तर 1983)
C. सूत्रधार ने कहा- मरे आदमी और सोये आदमी में अंतर ही कितना होता है, भला ! बस, एक साँस की डोरी , वह टूटी और आदमी गया !
D. सुकुल बाबू, सिन्हा, दत्ता बाबू, बिंदा, भवानी इसके पात्र है।
E. भवानी ने कहा- जब सैया भये कोतवाल तो डर काहे का !... इन लोगों तक पहुँचते-पहुँचते कानून भी साला लँगड़ा हो जाता है।
Important Pointsमन्नू भण्डारी-
- नाटक:
- बिना दीवारों का घर (1966)
- उपन्यास:
- एक इंच मुस्कान (1962 पति राजेन्द यादव के साथ मिलकर लिखा)
- आपका बंटी (1971)
- कलवा (1971)
- महाभोज (1979)
- स्वामी (1982) आदि।
- कहानी:
- मैं हार गई (1957)
- एक प्लेट सैलाब (1962)
- यही सच है (1966)
- तीन निगाहों की तस्वीर (1968)
- त्रिशंकु (1978) आदि।
महिला नाटककार Question 4:
प्रकाशन वर्ष के अनुसार क्रम से लगाइए
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 4 Detailed Solution
प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही क्रम : "अंधायुग, कलंकी, बकरी, हानूश"
नाटक | नाटककार | प्रकाशन वर्ष |
अंधायुग | धर्मवीर भारती | 1955 |
कलंकी | लक्ष्मीनागायण लाल | 1969 |
बकरी | सर्वेश्वरदयाल सक्सेना | 1974 |
हानूश | भीष्म साहनी | 1977 |
धर्मवीर भारती के प्रमुख एकाकी और नाटक -
- नदी प्यासी थी
- नीली झील
- आवाज़ का नीलाम
लक्ष्मीनागायण लाल के प्रमुख नाटक -
- अँधा कुआं (1955)
- मादा कैक्टस (1959)
- दर्पण (1962)
- मिस्टर अभिमन्यु (1971)
- सब रंग मोहभंग (1977)
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना के प्रमुख नाटक -
- बकरी (1974)
- लड़ाई (1979)
- अब गरीबी हटाओ (1981)
भीष्म साहनी के प्रमुख नाटक -
- हानूश (1977)
- माधवी (1984)
- कबिरा खड़ा बजार में (1985)
- मुआवज़े (1993)
महिला नाटककार Question 5:
'अंत हाजिर हो' किस महिला नाट्यकार की रचना है ?
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 5 Detailed Solution
'अंत हाजिर हो' मीरा कांत महिला नाट्यकार की रचना है।
Key Pointsमीरा कांत-
- जन्म-1958
- अन्य नाटक-
- ईहामृग,भुवनेश्वर दर भुवनेश्वर,कन्धे पर बैठा था शाप/श्रूयते न तु दृश्यते,काली बर्फ़ आदि।
अंत हाजिर हो-
- विषय-
- यौन शोषण की समस्या पर आधारित नाटक है।
Important Pointsशांति मेहरोत्रा-
- नाटक-
- एक और दिन,ठहरा हुआ पानी(1975 ई.) आदि।
मृणाल पाण्डे-
- नाटक-
- जो राम रचिराखा(1981 ई.),मौजूदा हालात को देखते हुए(1979 ई.) आदि।
त्रिपुरारि शर्मा-
- नाटक-
- बहु,अक्स पहेली आदि।
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'यहाँ रहना मना है' नाटक संग्रह किस रचनाकार का है?
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "ममता कालिया" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- यहाँ रहना मना है,नाटक संग्रह ममता कालिया का है।
- आप न बदलेंगे, इनका अन्य नाटक संग्रह है।
- वर्तमान में ये महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका "हिन्दी" की संपादिका हैं।
- संस्मरण
- कितने शहरों में कितनी बार
- कहानी संग्रह
- छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:, उसका यौवन, जाँच अभी जारी है, प्रतिदिन, मुखौटा, निर्मोही, थिएटर रोड के कौए, पच्चीस साल की लड़की।
- उपन्यास
- बेघर(1971), नरक दर नरक(1975), प्रेम कहानी(1980), लड़कियाँ(1987), एक पत्नी के नोट्स(1997), दौड़(2000), अँधेरे का ताला(2009), दुक्खम् - सुक्खम्(2009)
- कविता संग्रह
- खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ, नरक दर नरक, प्रेम कहानी।
- श्रीधर पाठक
- वे हिंदी साहित्य सम्मेलन के पाँचवें अधिवेशन (1915, लखनऊ) के सभापति हुए और 'कविभूषण' की उपाधि से विभूषित भी।
- हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी पर उनका समान अधिकार था।
- इनकी रचनाये क्रमश :- इस तरह हैं : मनोविनोद 1882 (भाग-1,2,3), एकांतवासी योगी (1886) , जगत सचाई सार (1887) , धन विनय (1900), गुनवंत हेमंत (1900), वनाष्टक (1912), देहरादून (1914), गोखले गुनाष्टक (1915), सांध्य अटन (1918) इत्यादि।
- महादेवी वर्मा का गद्य साहित्य
- रेखाचित्र :- अतीत के चलचित्र (1941) और स्मृति की रेखाएं (1953),
- संस्मरण :- पथ के साथी (1953) और मेरा परिवार (1972) और संस्मरण (1983)
- चुने हुए भाषणों का संकलन: संभाषण (1974)
- निबंध :- शृंखला की कड़ियाँ (1952), विवेचनात्मक गद्य (1952), साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध (1963), संकल्पिता (1969)
- ललित निबंध :- क्षणदा (1956)
- कहानियाँ :- गिल्लू
- संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह: हिमालय (1963)
- जयशंकर प्रसाद के प्रमुख नाटक
- सज्जन, कल्याणी, परिणय, करुणालय, प्रायश्चित, राज्यश्री, विशाख, अजातशत्रु, जनमेजय का नागयज्ञ, कामना, स्कंदगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, अग्निमित्र, चंद्रगुप्त।
निम्नलिखित में से स्त्री - नाटककारों की कौन - सी रचनाएंँ हैं?
(A) प्रजा ही रहने दो
(B) बिना दीवारों का घर
(C) उत्तर उर्वशी
(D) नेपथ्यराग
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFविकल्प 3 (B) और (D) सही है।
बिना दीवारों का घर व नेपथ्यराग महिला नाटककार की रचना है।
बिना दीवारों का घर
लेखिका :- मन्नू भंडारी
वर्ष :-1966
नेपथ्यराग, मीरा कांत का नाटक है।
मीरा कांत का अन्य नाटक
ईहामृग, नेपथ्य राग, भुवनेश्वर दर भुवनेश्वर, कन्धे पर बैठा था शाप/श्रूयते न तु दृश्यते, काली बर्फ़, मेघ-प्रश्न, बहती व्यथा सतीसर, हुमा को उड़ जाने दो, अंत हाज़िर हो, उत्तर-प्रश्न, पुनरपि दिव्या (नाटय रूपांतरण), तीन अकेले साथ - साथ , बाबूजी की थाली (नुक्क्ड़ नाटक)
उत्तर उर्वशी, हमीदुल्लाह का नाटक है।
प्रजा ही रहने दो, गिरिराज किशोर का नाटक है।
गिरिराज किशोर का अन्य नाटक
नरमेध, प्रजा ही रहने दो, चेहरे - चेहरे किसके चेहरे, केवल मेरा नाम लो, जुर्म आयद, काठ की तोप,देहांत,गुलाम बादशाह ,जिल्ले शुभानी, पगलघर। बच्चों के लिए एक लघुनाटक ' मोहन का दु:ख'।
महिला नाटककार Question 8:
'यहाँ रहना मना है' नाटक संग्रह किस रचनाकार का है?
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 8 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "ममता कालिया" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- यहाँ रहना मना है,नाटक संग्रह ममता कालिया का है।
- आप न बदलेंगे, इनका अन्य नाटक संग्रह है।
- वर्तमान में ये महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका "हिन्दी" की संपादिका हैं।
- संस्मरण
- कितने शहरों में कितनी बार
- कहानी संग्रह
- छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:, उसका यौवन, जाँच अभी जारी है, प्रतिदिन, मुखौटा, निर्मोही, थिएटर रोड के कौए, पच्चीस साल की लड़की।
- उपन्यास
- बेघर(1971), नरक दर नरक(1975), प्रेम कहानी(1980), लड़कियाँ(1987), एक पत्नी के नोट्स(1997), दौड़(2000), अँधेरे का ताला(2009), दुक्खम् - सुक्खम्(2009)
- कविता संग्रह
- खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ, नरक दर नरक, प्रेम कहानी।
- श्रीधर पाठक
- वे हिंदी साहित्य सम्मेलन के पाँचवें अधिवेशन (1915, लखनऊ) के सभापति हुए और 'कविभूषण' की उपाधि से विभूषित भी।
- हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी पर उनका समान अधिकार था।
- इनकी रचनाये क्रमश :- इस तरह हैं : मनोविनोद 1882 (भाग-1,2,3), एकांतवासी योगी (1886) , जगत सचाई सार (1887) , धन विनय (1900), गुनवंत हेमंत (1900), वनाष्टक (1912), देहरादून (1914), गोखले गुनाष्टक (1915), सांध्य अटन (1918) इत्यादि।
- महादेवी वर्मा का गद्य साहित्य
- रेखाचित्र :- अतीत के चलचित्र (1941) और स्मृति की रेखाएं (1953),
- संस्मरण :- पथ के साथी (1953) और मेरा परिवार (1972) और संस्मरण (1983)
- चुने हुए भाषणों का संकलन: संभाषण (1974)
- निबंध :- शृंखला की कड़ियाँ (1952), विवेचनात्मक गद्य (1952), साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध (1963), संकल्पिता (1969)
- ललित निबंध :- क्षणदा (1956)
- कहानियाँ :- गिल्लू
- संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह: हिमालय (1963)
- जयशंकर प्रसाद के प्रमुख नाटक
- सज्जन, कल्याणी, परिणय, करुणालय, प्रायश्चित, राज्यश्री, विशाख, अजातशत्रु, जनमेजय का नागयज्ञ, कामना, स्कंदगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, अग्निमित्र, चंद्रगुप्त।
महिला नाटककार Question 9:
प्रकाशन वर्ष के अनुसार क्रम से लगाइए
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 9 Detailed Solution
प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही क्रम : "अंधायुग, कलंकी, बकरी, हानूश"
नाटक | नाटककार | प्रकाशन वर्ष |
अंधायुग | धर्मवीर भारती | 1955 |
कलंकी | लक्ष्मीनागायण लाल | 1969 |
बकरी | सर्वेश्वरदयाल सक्सेना | 1974 |
हानूश | भीष्म साहनी | 1977 |
धर्मवीर भारती के प्रमुख एकाकी और नाटक -
- नदी प्यासी थी
- नीली झील
- आवाज़ का नीलाम
लक्ष्मीनागायण लाल के प्रमुख नाटक -
- अँधा कुआं (1955)
- मादा कैक्टस (1959)
- दर्पण (1962)
- मिस्टर अभिमन्यु (1971)
- सब रंग मोहभंग (1977)
सर्वेश्वरदयाल सक्सेना के प्रमुख नाटक -
- बकरी (1974)
- लड़ाई (1979)
- अब गरीबी हटाओ (1981)
भीष्म साहनी के प्रमुख नाटक -
- हानूश (1977)
- माधवी (1984)
- कबिरा खड़ा बजार में (1985)
- मुआवज़े (1993)
महिला नाटककार Question 10:
'महाभोज' नाटक के संबंध में निम्नलिखित सही तथ्यों पर विचार कीजिए-
A. इस नाटक का प्रकाशन 1892 ई. में हुआ।
B. यह नाटक 11 दृश्यों में विभक्त है।
C. इसके पात्र है- दा साहब, सुकुल बाबू, महेश, बिसू, बिंदा, जोरावर आदि।
D. दा साहब भूतपूर्व मुख्यमंत्री थे।
E. सरोहा नामक गाँव का वर्णन है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 10 Detailed Solution
- लेखिका - मन्नू भंडारी
- प्रकाशन वर्ष - 1982 ई.
- मुख्य पात्र - दा साहब, बिसु, बिंदा, सक्सेना, जोरावर, दत्ता बाबू, महेश।
- गोंण पात्र - सुकुल बाबू, काशी, अप्पा साहब, पांडे जी, लखन, जमुना बहन, सिन्हा, भवानी, नरोत्तम, रति, मोहन सिंह, हीरा, रुकमा, भैरों सिंह।
- मुख्य - यह नाटक 11 दृश्य में विभक्त है।
- आजादी के बाद भारतीय राजनीति तथा अपराध के गठजोड़ का जो चेहरा आम जन के सामने आए इसका स्पष्ट यथार्थवादी चित्रण इस नाटक में किया गया।
- महाभोज नाटक सरोहा गांव की पृष्ठभूमि में रचा गया है।
- यहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
- यह नाटक सरोहा गांव के निवासी बिसु की मौत से शुरू होता है।
- बिसु के पास गांव में हुई आगजनी की घटना के सबूत है जिसे वह दिल्ली ले जाना चाहता था।
- इसी कारण इसकी हत्या हो जाती है।
- चुनावी माहौल में इस हत्या का सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा भरपूर उपयोग किया जाता है।
- बिसु के संघर्ष को बिंदा उसका दोस्त आगे बढ़ता है।
- अंत : वह भी व्यवस्था के कुचक्कर में फंसकर सलाखों के पीछे पहुंच जाता है।
- बिना दीवारों का घर (1965 ई.)
- महाभोज नाटक महाभोज उपन्यास (1979 ई.) का नाटक नाट्य रूपांतरण है।
- महाभोज नाटक की प्रथम प्रस्तुति राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रंग मंडल द्वारा (1982 ई.) में की गई।
- इसके निर्देशक अमाल अलाना थे।
महिला नाटककार Question 11:
निम्नलिखित में से स्त्री - नाटककारों की कौन - सी रचनाएंँ हैं?
(A) प्रजा ही रहने दो
(B) बिना दीवारों का घर
(C) उत्तर उर्वशी
(D) नेपथ्यराग
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 11 Detailed Solution
विकल्प 3 (B) और (D) सही है।
बिना दीवारों का घर व नेपथ्यराग महिला नाटककार की रचना है।
बिना दीवारों का घर
लेखिका :- मन्नू भंडारी
वर्ष :-1966
नेपथ्यराग, मीरा कांत का नाटक है।
मीरा कांत का अन्य नाटक
ईहामृग, नेपथ्य राग, भुवनेश्वर दर भुवनेश्वर, कन्धे पर बैठा था शाप/श्रूयते न तु दृश्यते, काली बर्फ़, मेघ-प्रश्न, बहती व्यथा सतीसर, हुमा को उड़ जाने दो, अंत हाज़िर हो, उत्तर-प्रश्न, पुनरपि दिव्या (नाटय रूपांतरण), तीन अकेले साथ - साथ , बाबूजी की थाली (नुक्क्ड़ नाटक)
उत्तर उर्वशी, हमीदुल्लाह का नाटक है।
प्रजा ही रहने दो, गिरिराज किशोर का नाटक है।
गिरिराज किशोर का अन्य नाटक
नरमेध, प्रजा ही रहने दो, चेहरे - चेहरे किसके चेहरे, केवल मेरा नाम लो, जुर्म आयद, काठ की तोप,देहांत,गुलाम बादशाह ,जिल्ले शुभानी, पगलघर। बच्चों के लिए एक लघुनाटक ' मोहन का दु:ख'।
महिला नाटककार Question 12:
'अंत हाजिर हो' किस महिला नाट्यकार की रचना है ?
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 12 Detailed Solution
'अंत हाजिर हो' मीरा कांत महिला नाट्यकार की रचना है।
Key Pointsमीरा कांत-
- जन्म-1958
- अन्य नाटक-
- ईहामृग,भुवनेश्वर दर भुवनेश्वर,कन्धे पर बैठा था शाप/श्रूयते न तु दृश्यते,काली बर्फ़ आदि।
अंत हाजिर हो-
- विषय-
- यौन शोषण की समस्या पर आधारित नाटक है।
Important Pointsशांति मेहरोत्रा-
- नाटक-
- एक और दिन,ठहरा हुआ पानी(1975 ई.) आदि।
मृणाल पाण्डे-
- नाटक-
- जो राम रचिराखा(1981 ई.),मौजूदा हालात को देखते हुए(1979 ई.) आदि।
त्रिपुरारि शर्मा-
- नाटक-
- बहु,अक्स पहेली आदि।
महिला नाटककार Question 13:
'महाभोज' नाटक की प्रथम प्रस्तुति किसके निर्देशन में हुई ?
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 13 Detailed Solution
महाभोज' नाटक की प्रथम प्रस्तुति श्रीमती अमाल अलाना के निर्देशन में हुई। Key Pointsमहाभोज-
- रचनाकार- मन्नू भण्डारी
- प्रकाशन वर्ष- 1982 ईo
- विधा- नाटक
- दृश्य- 11
- मुख्य पात्र-
- दासाहब, विसू, लखन ,जमुना बहन ,शुकुल बाबू, सक्सेना, जोरावर, रुकमा ,बिंदेश्वरी, आदि।
- विषय-
- चुनावी राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार का यथार्थवादी शैली में चित्रण हुआ है।
- यह एक राजनीतिक नाटक है।
Important Pointsमन्नू भण्डारी-
- जन्म- 1931 - 1921 ईo
- उपन्यास-
- महाभोज (1979)
- आपका बंटी (1971)
- स्वामी (2003)
- नाटक-
- बिना दीवारों के घर (1965)
- महाभोज (1982)
- कहानी संग्रह-
- एक प्लेट सैलाब (1962)
- मैं हार गई (1957)
- तीन निगाहों की एक तस्वीर
- यही सच है (1966)
- त्रिशंकु
- आंखों देखा झूठ
महिला नाटककार Question 14:
'महाभोज' नाटक के संबंध में विचार कीजिए-
A. बिसू की हत्या जोरावर ने करवाई और इल्जाम उसके दोस्त बिंदा पर लगा दिया।
B. इसका प्रकाशन 1984 ई. में हुआ।
C. सूत्रधार ने कहा- मरे आदमी और सोये आदमी में अंतर ही कितना होता है, भला ! बस, एक साँस की डोरी , वह टूटी और आदमी गया !
D. सुकुल बाबू, सिन्हा, दत्ता बाबू, बिंदा, भवानी इसके पात्र है।
E. नरोत्तम ने कहा- जब सैया भये कोतवाल तो डर काहे का !
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए।
Answer (Detailed Solution Below)
महिला नाटककार Question 14 Detailed Solution
'महाभोज' नाटक के संबंध में सही विचार है - केवल (A), (C), (D)
Key Pointsसही हैं-
A. बिसू की हत्या जोरावर ने करवाई और इल्जाम उसके दोस्त बिंदा पर लगा दिया।
B. इसका प्रकाशन 1984 ई. में हुआ। महाभोज - ( महाभोज उपन्यास का नाट्य रूपान्तर 1983)
C. सूत्रधार ने कहा- मरे आदमी और सोये आदमी में अंतर ही कितना होता है, भला ! बस, एक साँस की डोरी , वह टूटी और आदमी गया !
D. सुकुल बाबू, सिन्हा, दत्ता बाबू, बिंदा, भवानी इसके पात्र है।
E. भवानी ने कहा- जब सैया भये कोतवाल तो डर काहे का !... इन लोगों तक पहुँचते-पहुँचते कानून भी साला लँगड़ा हो जाता है।
Important Pointsमन्नू भण्डारी-
- नाटक:
- बिना दीवारों का घर (1966)
- उपन्यास:
- एक इंच मुस्कान (1962 पति राजेन्द यादव के साथ मिलकर लिखा)
- आपका बंटी (1971)
- कलवा (1971)
- महाभोज (1979)
- स्वामी (1982) आदि।
- कहानी:
- मैं हार गई (1957)
- एक प्लेट सैलाब (1962)
- यही सच है (1966)
- तीन निगाहों की तस्वीर (1968)
- त्रिशंकु (1978) आदि।