अन्य नाटककार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for अन्य नाटककार - Download Free PDF
Last updated on May 22, 2025
Latest अन्य नाटककार MCQ Objective Questions
अन्य नाटककार Question 1:
सूची-I से सूची-II का मिलान कीजिए:
सूची-I (रचनाकार) | सूची-II (रचना) |
---|---|
(A) वृन्दावनलाल वर्मा | (I) अंजो दीदी |
(B) उपेन्द्रनाथ 'अश्क' | (II) सेनापति ऊदल |
(C) उदयशंकर भट्ट | (III) मुक्तिपथ |
(D) सुदर्शन | (IV) अंजना |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर है- (A) - (II), (B) - (I), (C) - (III), (D) - (IV)
Key Points
- वृन्दावनलाल वर्मा (1889-1969) ने "सेनापति ऊदल" (1909) लिखा, जिसे ब्रिटिश सरकार ने प्रतिबंधित किया था।
- उपेन्द्रनाथ 'अश्क' (1910-1996) ने "अंजो दीदी" (1954) लिखा, जो उनका सर्वश्रेष्ठ नाटक माना जाता है।
- उदयशंकर भट्ट (1898-1966) ने "मुक्तिपथ" (1944) लिखा।
- सुदर्शन (1895-1967) ने "अंजना" लिखा।
अन्य नाटककार Question 2:
सूची-I से सूची-II का मिलान कीजिए:
सूची-I (रचनाकार) | सूची-II (रचना) |
---|---|
(A) गोविंदवल्लभ पंत | (I) संन्यासी |
(B) लक्ष्मीनारायण मिश्र | (II) राजमुकुट |
(C) सेठ गोविंददास | (III) शेरशाह |
(D) हरिकृष्ण प्रेमी | (IV) रक्षाबंधन |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है - (A) - (II), (B) - (I), (C) - (III), (D) - (IV)
- गोविंदवल्लभ पंत (1887-1961) ने "राजमुकुट" (1935) लिखा, जिसमें पन्नाधाय के बलिदान का चित्रण है।
- लक्ष्मीनारायण मिश्र (1903-1987) ने "संन्यासी" (1930) लिखा, जो विदेशी शासकों के अत्याचारों को दर्शाता है।
- सेठ गोविंददास (1896-1974) ने "शेरशाह" लिखा, जिसमें मुसलमानों की राष्ट्रीय भावना और हिंदू-मुस्लिम एकता का चित्रण है।
- हरिकृष्ण प्रेमी (1908-1974) ने "रक्षाबंधन" (1934) लिखा, जिसमें हिंदू-मुस्लिम एकता का चित्रण है।
अन्य नाटककार Question 3:
सूची-I से सूची-II का मिलान कीजिए:
सूची-I (रचनाकार) | सूची-II (रचना) |
---|---|
(A) बद्रीनाथ भट्ट | (I) सुदामा |
(B) किशोरीदास वाजपेयी | (II) चंद्रगुप्त |
(C) उदयशंकर भट्ट | (III) मुक्तिदूत |
(D) विश्वंभरनाथ शर्मा 'कौशिक' | (IV) हिंदू विधवा नाटक |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर है - (A) - (II), (B) - (I), (C) - (III), (D) - (IV)
- बद्रीनाथ भट्ट (1891-1934) ने "चंद्रगुप्त" (1915) लिखा।
- किशोरीदास वाजपेयी (1896-1974) ने "सुदामा" (1934) लिखा।
- उदयशंकर भट्ट (1898-1966) ने "मुक्तिदूत" लिखा, जो जाति व्यवस्था पर केंद्रित है।
- विश्वंभरनाथ शर्मा 'कौशिक' (1899-1945) ने "हिंदू विधवा नाटक" (1935) लिखा।
अन्य नाटककार Question 4:
सूची-I से सूची-II का मिलान कीजिए:
सूची-I (रचनाकार) | सूची-II (रचना) |
---|---|
(A) रामनरेश त्रिपाठी | (I) छद्म योगिनी |
(B) वियोगी हरि | (II) सुभद्रा |
(C) सुदर्शन | (III) अंजना |
(D) सेठ गोविंददास | (IV) कर्त्तव्य |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर है- (A) - (II), (B) - (I), (C) - (III), (D) - (IV)
(A) रामनरेश त्रिपाठी - (II) सुभद्रा:
- रामनरेश त्रिपाठी (1889-1962) ने "सुभद्रा" (1942) लिखा। यह मिलान सही है।
(B) वियोगी हरि - (I) छद्म योगिनी:
- वियोगी हरि (1895-1988) ने "छद्म योगिनी" (1928) लिखा। यह मिलान सही है।
(C) सुदर्शन - (III) अंजना:
- सुदर्शन (1895-1967) ने "अंजना" (1923) लिखा। यह मिलान सही है।
(D) सेठ गोविंददास - (IV) कर्त्तव्य:
- सेठ गोविंददास (1896-1974) ने "कर्त्तव्य" (1936) लिखा। यह मिलान सही है।
अन्य नाटककार Question 5:
सूची-I से सूची-II का मिलान कीजिए:
सूची-I (रचनाकार) | सूची-II (रचना) |
---|---|
(A) विजयानन्द त्रिपाठी | (I) श्यामानुराग नाटिका |
(B) सूर्यनारायण सिंह | (II) महाअँधेर नगरी |
(C) गोपालराम गहमरी | (III) चिंत्रागदा |
(D) पं. बलदेवप्रसाद मिश्र | (IV) मीराबाई नाटक |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है - (A) - (II), (B) - (I), (C) - (III), (D) - (IV)
(A) विजयानन्द त्रिपाठी - (II) महाअँधेर नगरी:
- विजयानन्द त्रिपाठी (1881-1955) ने "महाअँधेर नगरी" (1893) लिखा। यह मिलान सही है।
(B) सूर्यनारायण सिंह - (I) श्यामानुराग नाटिका:
- सूर्यनारायण सिंह ने "श्यामानुराग नाटिका" (1899) लिखा। यह मिलान सही है।
(C) गोपालराम गहमरी - (III) चिंत्रागदा:
- गोपालराम गहमरी (1866-1946) की रचनाओं में "चिंत्रागदा" शामिल है। यह मिलान सही है।
(D) पं. बलदेवप्रसाद मिश्र - (IV) मीराबाई नाटक:
- पं. बलदेवप्रसाद मिश्र की रचनाओं में "मीराबाई नाटक" शामिल है। यह मिलान सही है।
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इनमें किस विकल्प में रचना और रचनाकार सुमेलित नहीं हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'वैदेही वनवास-मैथिलीशरण गुप्त' है।Key Points
- 'वैदेही वनवास'(1940) अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' की रचना है,अतः विकल्प (3) वैदेही वनवास - मैथिलीशरण गुप्त सुमेलित नहीं है।
- हरिऔध को "आधुनिक काल का सूरदास" गणपति चंद्र गुप्त ने कहा।
- हरिऔध की अन्य काव्य रचनाएँ-कृष्ण शतक(1882),प्रियप्रवास(1914),चुभते चौपदे(1924),बालचर(1928),
रस कलश(1931),चोखे चौपदे(1932),पारिजात(1937),वैदेही वनवास(1940)।
उपन्यास-ठेठ हिंदी का ठाठ या देवबाला(1899),अधखिला फूल(1907)।
- हरिऔध का जन्म 1865ई. में हुआ था।
Additional Information
लेखक |
जन्म
|
रचनाएँ |
भारतेन्दु हरिश्चंद्र | 1850ई. |
उपन्यास-पूर्ण प्रकाश,चन्द्रप्रभा। नाटक-विद्यासुंदर(1868),पाखंड विडंबन(1872)कर्पूर मंजरी(1875),सत्य हरिश्चंद्र(1875),श्री चन्द्रावली(1876),विषयस्य विषमौषधम(1876),भारत जननी(1877),मुद्राराक्षस(1878),भारत दुर्दशा(1880),दुर्लभबंधु(1880),नील देवी(1881),अंधेर नगरी(1881)। काव्य-प्रेम मालिका,प्रेम सरोवर,गीत गोविंदानंद,भारत शिक्षा,वर्षा विनोद,प्रेम फुलवारी,वेणुगीत,प्रेम माधुरी,प्रेम तरंग,प्रेम प्रलाप,उत्तरभक्तमाल,दशरथ विलाप,विजयिनी विजय पताका,नए ज़माने की मुकरी,कृष्ण चरित्र। |
श्रीनिवासदास | 1851ई. |
उपन्यास-परीक्षा गुरु(1882)। नाटक-रणधीर प्रेममोहिनी(1877),तप्तासंवरण (1883),संयोगिता स्वयंवर(1886)। |
मैथिलीशरण गुप्त | 1886ई. |
काव्य-रंग में भंग(1909),जयद्रथ वध(1910),भारत-भारती(1912),किसान (1917),पंचवटी(1925),झंकार(1929),गुरुकुल (1929),साकेत(1931),यशोधरा(1932),द्वापर(1936),जयभारत(1952), विष्णुप्रिया(1957)। नाटक-अनघ,चन्द्रहास,तिलोत्तमा,निष्क्रिय प्रतिरोध,विसर्जन। |
राधिकारमण सिंह | 1890ई. |
कहानी-कानों में कंगना(1913),गाँधी टोपी(1938),सावनी समाँ(1938),नारी क्या एक पहेली?(1951),हवेली और झोपड़ी(1951),देव और दानव (1951),वे और हम(1956),धर्म और मर्म(1959),तब और अब(1958),अबला क्या ऐसी सबला?(1962),बिखरे मोती(भाग-1) (1965)। उपन्यास-राम-रहीम(1936),पुरुष और नारी(1939),सूरदास(1942),संस्कार(1944),पूरब और पश्चिम(1951),चुंबन और चाँटा(1957)। नाटक-धर्म की धुरी(1952),अपना पराया(1953),नजर बदली बदल गये नजारे(1961)। |
निम्नलिखित में से नुक्कड़ नाटक के विषय में क्या सही नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFकला के लिए कला, नुक्कड़ नाटक के बारे में सही नहीं है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) कला के लिए कला सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- नुक्कड़ नाटक कला के लिए कला नहीं है।
- जन सामान्य से जुड़ी समस्याएँ और उनका निराकरण नुक्कड़ नाटकों के लोकप्रिय विषय हैं। ये राजनीतिक, सामाजिक या सास्कृतिक हो सकते हैं।
- नुक्कड़ नाटक
- नुक्कड़ नाटक एक ऐसी नाट्य विधा है, जो परंपरागत रंगमंचीय नाटकों से भिन्न है।
- यह रंगमंच पर नहीं खेला जाता तथा आमतौर पर इसकी रचना किसी एक लेखक द्वारा नहीं की जाती, बल्कि सामाजिक परिस्थितियों और संदर्भों से उपजे विषयों को इनके द्वारा उठा लिया जाता है।
- भारत में आधुनिक नुक्कड़ नाटक को लोकप्रिय बनाने का श्रेय "सफ़दर हाशमी" को जाता है।
- उनके जन्म दिवस 12 अप्रैल को देशभर में राष्ट्रीय नुक्कड़ नाटक दिवस के रूप में मनाया जाता है
- बर्तोल्त ब्रेख्त बीसवीं सदी के एक प्रसिद्ध जर्मन कवि, नाटककार और नाट्य निर्देशक थे।
- द्वितीय विश्व-युद्ध के बाद ब्रेख्त ने अपनी पत्नी हेलेन विगेल के साथ मिलकर बर्लिन एन्सेंबल नाम से एक नाट्य मंडली का गठन किया और यूरोप के विभिन्न देशों में अपने नाटकों का प्रदर्शन किया।
संकलन-त्रय की नाट्य-अन्विति नहीं है
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - क्रिया। Key Points
- एकांकी में अन्विति अथवा संकलनत्रय के अंतर्गत काल, स्थान के साथ कार्य निर्वाह की गणना की जाती है।
- संकलन-त्रय-
- नाटक और एकांकी के क्षेत्र में तीन नाट्य-अन्वितियों काल, स्थान तथा कार्य के लिए प्रयुक्त पारिभाषिक शब्द है।
- कथावस्तु,चरित्र-चित्रण,संवाद,देश-काल,भाषा-शैली,उद्देश्य,अभिनेयता एवं संकलन-त्रय एकांकी नाटक के प्रमुख तत्त्व हैं।
- इनमें संकलन-त्रय का निर्वाह एकांकी और नाटक के लिए अनिवार्य है।
नाटक में पर्दे के पीछे से दी जाने बाली सूचना कहलाती हैः
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF- नाटक में पर्दे के पीछे से दी जाने वाली सूचना चूलिका कहलाती है ।
- नाटक , काव्य का एक महत्वपूर्ण रूप है ।
Key Points
- चूलिका - नेपथ्य से दी जाने वाली सूचना ।
- नाटक के दो और भेद हैं - नाटिका तथा त्रोटक ।
- विषकम्भक - बीती हुई तथा आने वाली घटनाओं को सूचना देने वाला ।
- प्रवेशक - निम्न श्रेणी के सूचक पात्रों द्वारा बीती हुई तथा आने वाली घटनाओं की सूचना ।
- अंकास्य - अगला अंक प्रारंभ होने वाली सूचना का संकेत ।
शास्त्रानुसार अर्थप्रकृति के प्रकार हैं :
(a) यत्न
(b) विमर्श
(c) बिन्दु
(d) बीज
निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर विकल्प 3 है।
- 3 (C और D)
- बीज और बिंदु
- नाटक में वह चमत्कारपूर्ण बात जो कथावस्तु को कार्य की ओर बढ़ाने में सहायक होती है, अर्थ प्रकृति कहलाती है।
- यह पाँच प्रकार की कही गई है-
कथा विन्यास के प्रकार -
अर्थ प्रकृति | बीज, बिंदु, पताका, प्रकारी, कार्य |
कार्यावस्था | प्रारम्भ, प्रयत्न, प्रत्याशा, नियताप्ति, फलागम |
संधियाँ | मुख, प्रतिमुख, गर्म, विमर्श, निर्वहन |
हिंदी की लोकनाट्यशैलियों को प्रदेशो के साथ सुमेलित कीजिए:
सूची - 1 |
सूची – 2 |
A. सांग |
I. उत्तरप्रदेश |
B. नौटंकी |
II. मालवा (मध्यप्रदेश) |
C. माच |
III. छत्तीसगढ़ |
D. नाचा |
IV. हरियाणा |
नीचे दिए गए विकल्पों मे से सही उत्तर चुनिए:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFहिंदी की लोकनाट्य शैलियां और उनके प्रदेश-1) A-IV,B-I,C-II,D-III
Key Points
सूची - 1 |
सूची – 2 |
A. सांग |
IV. हरियाणा |
B. नौटंकी |
I. उत्तरप्रदेश |
C. माच |
II. मालवा (मध्यप्रदेश) |
D. नाचा |
III. छत्तीसगढ़ |
Important Points
- सांग नृत्य दस बारह व्यक्तियों द्वारा मंच पर एक साथ किया जाता है।
- उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य में रासलीला,रामलीला,ख्याल,नौटंकी,नकाल,स्वांग,दादरा और चरकुला नृत्य शामिल हैं।
- लोक मानस के प्रभावी मंच माच को उज्जैन में जन्म मिला है।
- छत्तीसगढ़ के रायपुर,धमतरी,महासमुंद,दुर्ग,राजनांदगाँव आदि जिलों में नाचा व्यापक रूप से प्रचलित है।
Additional Information
- सांग नृत्य करने के लिए पुरुष स्त्रियों का रूप धारण करते हैं।
- उत्तरप्रदेश के लोक नृत्य में भगवान राम और कृष्ण जैसे दिव्य पात्रों की पौराणिक कहानियों का वर्णन किया गया है।
- माच मालवा-राजस्थान के व्यापक जनसमुदाय को आन्दोलित करता आ रहा है।
- नाचा अपने आप में एक पूर्ण विद्या है नाचा का उद्भव खड़े साज़ की गम्मत से हुआ है जो मराठा छावनियों में सैनिकों के मनोरंजन का साधन थी।
- छत्तीसगढ़ के अन्य लोकनाटक-भतरा,माओपाटा,पंडवानी,रहस हैं।
हिंदी के निम्नलिखित लोकमंचीय रूपों को प्रचलन की प्रमुखता के आधार पर प्रांतों से सुमेलित कीजिए :
सूची - I (लोकमंचीय रूप) |
सूची - II (प्रान्त) |
(a) सांग | (i) मध्यप्रदेश |
(b) विदेसिया | (ii) राजस्थान |
(c) माच | (iii) हरियाणा |
(d) खयाल | (iv) बिहार |
(v) गुजरात |
निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFसही विकल्प-2) (a)-(iii),(b)-(iv),(c)-(i),(d)-(ii) है।
Key Points
लोकमंचीय रूप |
प्रान्त |
(a) सांग |
(iii) हरियाणा |
(b) विदेसिया |
(iv) बिहार |
(c) माच |
(i) मध्यप्रदेश |
(d) खयाल |
(ii) राजस्थान |
'ठोठ्यो' या 'ठोठ्या' लोकनाट्य के सन्दर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF'ठोठ्यो' या 'ठोठ्या' लोकनाट्य के सन्दर्भ में कथन सत्य नहीं है- यह बघेलखण्ड का लोकनाट्य है।
निम्नलिखित प्रतीकवादी नाटकों को उनके लेखकों के साथ सुमेलित कीजिए :
सूची - I | सूची - II | ||
(A) | विज्ञान गीता | (I) | सेठगोविन्ददास |
(B) | ज्योत्स्ना | (II) | देव |
(C) | नवरस | (III) | केशव |
(D) | देवमायाप्रपंच | (IV) | सुमित्रानंदन पंत |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFसही सुमेलन हैं-
सूची-। | सूची-।। |
(A)विज्ञान गीता | केशव |
(B)ज्योत्स्ना | सुमित्रानंदन पंत |
(C)नवरस | सेठगोविन्ददास |
(D)देवमायाप्रपंच | देव |
Key Points
- विज्ञान गीता(1610ई.) में रचित प्रबन्ध काव्य है,यह कृष्ण मिश्र के प्रसिद्ध नाटक 'प्रबोधचन्द्रोदय' का पद्यबद्ध अनुवाद है।
- ज्योत्स्ना-सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित रूपक जो 1933 में प्रकाशित हुई थी ।इसमे कवि पन्त की विचारधारा विकसित मानववाद तथा काल्पनिक समाजवाद के सामन्जस्य के रूप मे उत्कीर्ण हुई है।
- नवरस(1940ई.) एक नाट्य रूपक है।यह के।प्रगतिवादी नाटक है।
- देवमाया प्रपंच संस्कृत नाटक 'प्रबोधचन्द्रोदय' का पद्यबद्ध अनुवाद है।
Important Points
- देव कृत अन्य रचनाएँ-भाव विलास(1689ई.),प्रेमचन्द्रिका(1733ई.),शब्दरसायन(1743ई.),सुखसागर तरंग(1767ई.) आदि।
- केशव कृत अन्य रचनाएँ-रसिकप्रिया(1591ई.),कविप्रिया(1601ई.),रामचन्द्रिका(1601ई.),वीरसिंह देवचरित(1607ई.) आदि।
- सेठ गोविन्ददास कृत अन्य नाटक-पौराणिक : कर्तव्य (1935), कर्ण (1946), स्नेह या स्वर्ग (1946, गीतिनाट्य) ऐतिहासिक : कुलीनता (1927), हर्ष (1935),सामाजिक : विश्वप्रेम (1917), दुखी क्यों (1921), प्रकाश (1935) और नक्शे का रंग (1941) आदि।
- सुमित्रानंदन पंत कृत अन्य नाटक-रजत शिखर(1951ई.),शिल्पी(1952ई.) आदि।
निम्नलिखित में से 'अभिज्ञान' का संबंध किससे है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य नाटककार Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF'अभिज्ञान' का संबंध कथानक से है।
Key Points
- अभिज्ञान अर्थ-किसी को देख या जानकर यह बताने की क्रिया की यह वही है/वह ज्ञान जो स्मरण शक्ति के द्वारा प्राप्त हो आदि।
Additional Information
- गीत-वह वाक्य,पद या छंद जो गया जाता हो।
- अभिनय-नाट्य-प्रसंगों का प्राण तत्व,इसके द्वारा ही नाटक बनता है।
- चरित्र-अर्थात पात्र,नाटक में किस तरह के पात्र होंगे,उसका नायक कैसा होगा आदि चरित्र द्वारा ही नियोजित किया जाता है।
- कथानक-छोटी कथा/मन से गढ़ा हुआ या किसी वास्तविक घटना के आधार पर प्रस्तुत किया हुआ मौखिक या लिखित विवरण जिसका मुख्य उद्देश्य पाठकों का मनोरंजन करना, उन्हें कोई शिक्षा देना अथवा किसी वस्तु-स्थिति से परिचित कराना हो।