गणेश्वर किस संस्कृति का एक महत्वपूर्ण स्थल है?

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Rajasthan 3rd Grade Level 1 Official Paper (Held On: 25 Feb, 2023 Shift 1)
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  1. ताम्रपाषाण कालीन
  2. पुरापाषाण कालीन
  3. मध्यपाषाण कालीन
  4. नवपाषाण कालीन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : ताम्रपाषाण कालीन
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Rajasthan 3rd Grade (Level 1) Full Test 11
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सही उत्तर ताम्रपाषाण कालीन है।Key Points

  • गणेश्वर भारत के राजस्थान के सीकर जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है, जो ताम्रपाषाण संस्कृति से जुड़ा हुआ है।
  • इस स्थल से तांबा गलाने वाली भट्टियों, औजारों और कलाकृतियों के साक्ष्य मिले हैं, जो ताम्रपाषाण काल के दौरान प्रारंभिक धातुकर्म गतिविधियों को दर्शाते हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि गणेश्वर की तांबे की वस्तुओं ने निकटवर्ती हड़प्पा स्थलों को प्रभावित किया है, जो व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों का संकेत देते हैं।
  • ताम्रपाषाण काल की विशेषता पत्थर के औजारों के साथ-साथ तांबे के औजारों का प्रयोग है, जो पाषाण युग से कांस्य युग में संक्रमण का प्रतीक है।
  • गणेश्वर में उत्खनन से मिट्टी के बर्तन, टेराकोटा वस्तुएं और अन्य सांस्कृतिक सामग्रियां प्राप्त हुई हैं, जिससे प्रारंभिक भारतीय सभ्यताओं के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान मिला है।

Additional Information 

  • ताम्रपाषाण काल:
    • ताम्रपाषाण काल, जिसे ताम्र युग के नाम से भी जाना जाता है, भारत में लगभग 3000-1500 ईसा पूर्व तक फैला हुआ है।
    • इसकी विशेषता तांबे के धातु विज्ञान का उद्भव तथा तांबे और पत्थर दोनों प्रकार के औजारों का उपयोग है।
    • भारत में प्रमुख ताम्रपाषाण संस्कृतियों में अहार-बनास, मालवा और जोर्वे संस्कृतियां शामिल हैं।
  • गणेश्वर स्थल की खोजें:
    • गणेश्वर में 5,000 से अधिक तांबे की कलाकृतियाँ खोजी गई हैं, जिनमें औजार और तीर के सिरे भी शामिल हैं।
    • ऐसा माना जाता है कि यह स्थल ताम्रपाषाण काल के दौरान एक प्रमुख तांबा उत्पादन केंद्र था।
  • सांस्कृतिक संपर्क:
    • गणेश्वर से प्राप्त साक्ष्यों से पता चलता है कि कालीबंगन और बनावली जैसे हड़प्पा सभ्यता स्थलों के साथ व्यापारिक संबंध थे।
    • गणेश्वर से प्राप्त कलाकृतियाँ हड़प्पा सभ्यता के संदर्भ में पाई गई हैं, जो सामग्रियों और विचारों के प्रवाह का संकेत देती हैं।
  • ताम्रपाषाण अध्ययन का महत्व:
    • ये अध्ययन पुरातत्वविदों को प्रारंभिक सभ्यताओं की तकनीकी प्रगति और सामाजिक संरचनाओं को समझने में मदद करते हैं।
    • ताम्रपाषाणकालीन बस्तियाँ अक्सर कृषि और शिल्प-आधारित अर्थव्यवस्थाओं का मिश्रण दर्शाती हैं।
Latest Rajasthan 3rd Grade Teacher Updates

Last updated on Jun 2, 2025

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