काचिद् अध्यापिका चतुर्ण्णां छात्राणां समूहान् निर्माति। सा तान् पाठ्यं कथां पठितुं सारांशं च निर्मातुं कथयति। यदा छात्राः समूहेषु कार्यरताः सन्ति, अध्यापिका आवश्यकतानुसारं तेषां सहायतां करोति। पश्चात् सा छात्रान् सम्पूर्णायां कक्षायां प्रस्तोतुं कथयति। अयं क्रियाकलापः किं कथ्यते?

This question was previously asked in
CTET Paper 2 Maths & Science 17th Jan 2022 (English-Hindi-Sanskrit)
View all CTET Papers >
  1. समूहकार्यम् 
  2. मञ्चनिर्माणम् (scaffolding)
  3. समूहेषु सम्पूर्णया कक्षया विचारविमर्शः 
  4. वार्तालापीय-भाषा-शिक्षणम् 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मञ्चनिर्माणम् (scaffolding)
Free
CTET CT 1: TET CDP (Development)
74.3 K Users
10 Questions 10 Marks 8 Mins

Detailed Solution

Download Solution PDF

प्रश्नानुवाद - कोई अध्यापिका चार छात्रों के समूहों का निर्माण करती है। वह उनको पढ़ायी गयी कथा को पढ़ने और सारांश लिखने के लिए कहती है। जब छात्र समूहों में कार्यरत हैं, अध्यापिका आवश्यकता अनुसार उनकी सहायता करता है। बाद में वह छात्रों को सम्पूर्ण कक्षा में प्रस्तुत करने के लिए कहती है। यह क्रियाकलाप क्या कहा जाता है?

स्पष्टीकरण - उपरोक्त प्रश्न के सन्दर्भ में इस क्रिया कलाप को मञ्चनिर्माण (Scaffolding) कहा जाता है। मञ्च निर्माण परिकल्पना का प्रतिपादन लेव वायगोत्स्की द्वारा किया गया।

लेव वायगोत्स्की के द्वारा सामाजिक-सांस्कृति सिद्धान्त का प्रतिपादन किया गया। उन्होंने स्काफोल्डिंग (Scaffolding) इस सम्प्रत्यय को प्रतिपादित किया। इसका अभिप्राय यह है कि बालक किसी कठिन कार्य को अपने मित्र, वयस्क या अपने से बडे़ की सहायता से कर सकता है, जिसे वह स्वयं नहीं कर पाता। जो बालक के अधिगम में सहायक होता है।Important Points

लेव वाइगोत्सकी-

  • लेव वाइगोत्सकी (1896-1934) एक रूसी मनोवैज्ञानिक थे।
  • वाइगोत्सकी के अनुसार संज्ञानात्मक विकास पर सामाजिक कारकों (परिवार, समाज, विद्यालय, मित्र-मंडली परिवेश) व भाषा का प्रभाव पड़ता है। 
  • संस्कृति और भाषा विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए इस सिद्धान्त को सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धान्त के नाम से भी जाना जाता है।
  • सामाजिक रचनावाद का प्रतिपादन लेव वाइगोत्सकी ने किया। यह उपागम अधिगम में सामाजिक अन्तःक्रिया व संदर्भ को महत्वपूर्ण मानता है। 
  • बच्चे परस्पर अन्तःक्रिया द्वारा एक-दूसरे से अपने विचार साझा करते हुए अर्थ ग्रहण करते हैं। 
  • ज्ञान पर्यावरण में फैला हुआ है, जिसे आपस में अन्तःक्रिया द्वारा विकसित किया जा सकता है।

वायगोत्स्की की समाजिक-सांस्कृतिक शिक्षा का सिद्धांत -

  • वायगोत्स्की एक रूसी मनोवैज्ञानिक थे, जो मानते थे कि सामाजिक अंतःक्रिया विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उनके अनुसार अधिगम तब होता है जब बच्चे लोगों और पर्यावरण के साथ अंतःक्रिया करते हैं।
  • वह इसे निकटतम विकास (ZPD) के क्षेत्र की अवधारणा के साथ समझाते हैं, जो कई कार्यों को संदर्भित करता है, जिसे एक बच्चा केवल अधिक कुशल वयस्क या अधिक ज्ञानवान कहे जाने वाले (MKO) सहकर्मी से सहायता के साथ प्राप्त करता है। जिसमें वह किसी कठिन कार्य को उनकी सहायता से पूरा कर लेता है। जहाँ भी आवश्यक हो वयस्क सहायता प्रदान की जाती है, जिसे पृष्ठाश्रय-परिकल्पना (Scaffolding) कहा जाता है।
  • वायगोत्स्की इस सिद्धांत में सन्निहित है, 'निजी भाषण' की अवधारणा जो एक प्रकार का भाषण है जो बिना किसी संप्रेषण क्रिया के स्वयं के लिए निर्देशित है। बच्चे स्वयं बोलकर अपने कार्यों का मार्गदर्शन करने के लिए निजी भाषण का उपयोग करते हैं।

 

अतः कहा जा सकता है कि उपरोक्त प्रश्न के सन्दर्भ में इस क्रिया कलाप को मञ्चनिर्माण (Scaffolding) कहा जाता है। (अन्य विकल्प यहाँ असंगत है।)

Latest CTET Updates

Last updated on Apr 30, 2025

-> The CTET 2025 Notification (July) is expected to be released anytime soon.

-> The CTET Exam Date 2025 will also be released along with the notification.

-> CTET Registration Link will be available on ctet.nic.in.

-> CTET is a national-level exam conducted by the CBSE to determine the eligibility of prospective teachers.  

-> Candidates can appear for CTET Paper I for teaching posts of classes 1-5, while they can appear for CTET Paper 2 for teaching posts of classes 6-8.

-> Prepare for the exam with CTET Previous Year Papers and CTET Test Series for Papers I &II.

More कक्षा-कक्ष की परिचर्चा Questions

Get Free Access Now
Hot Links: teen patti palace teen patti master golden india teen patti tiger teen patti neta