गुण संधि MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for गुण संधि - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക
Last updated on Mar 15, 2025
Latest गुण संधि MCQ Objective Questions
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गुण संधि Question 1:
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए संधि का सही संधि विच्छेद हो।
गंगोदक
Answer (Detailed Solution Below)
गुण संधि Question 1 Detailed Solution
गंगोदक संधि का सही संधि विच्छेद गंगा + उदक होगा।
- गंगोदक = गंगा + उदक, जिन स्वरों में संधि है = आ + उ= ओ (गुणसंधि)
- जब (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ ए ‘ बनता है, जब (अ, आ)के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ ओ ‘बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘ अर ‘ बनता है। उसे गुण संधि कहते हैं।
Key Pointsसंधि:- दो समीपवर्ती वर्णों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह सन्धि कहलाता है। सन्धि में पहले शब्द के अंतिम वर्ण का मेल होता है।
संधि के मुख्यतः तीन भेद होते है -
संधि | परिभाषा | उदाहरण |
स्वर संधि | स्वर के बाद स्वर अर्थात दो स्वरों के मेल को स्वर सन्धि कहते है। | गंगा + उदक = गंगोदक |
व्यंजन संधि | व्यंजन के बाद स्वर या व्यंजन आये तो उनके मिलने से जो विकार होता है उसे व्यंजन सन्धि कहते है। | वाक् + ईश = वागीश |
विसर्ग संधि | विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग में जो विकार होता है उसे विसर्ग सन्धि कहते है। | अंतः + धान = अंतर्धान |
गुण संधि Question 2:
‘जलोर्मि’ शब्द का संधि-विच्छेद कीजिये।
Answer (Detailed Solution Below)
गुण संधि Question 2 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में ‘जलोर्मि’ का उचित संधि- विच्छेद ‘जल + ऊर्मि’ है।
Key Points
स्पष्टीकरण:
दिए गए विकल्पों में ‘जलोर्मि’ का उचित संधि- विच्छेद ‘जल + ऊर्मि’ (अ+ऊ=ओ) है। इसमें गुण स्वर संधि है। अन्य विकल्प त्रुटि पूर्ण हैं।
गुण संधि |
इसमें अ, आ के आगे इ, ई हो तो ए ; उ, ऊ हो तो ओ तथा ऋ हो तो अर् हो जाता है। इसे गुण-संधि कहते हैं। |
नर + ईश= नरेश |
Additional Information
विशेष:
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग। |
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संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा |
गुण संधि Question 3:
निम्नलिखित में से किस शब्द की रचना गुण संधि से हुई है?
Answer (Detailed Solution Below)
गुण संधि Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर 'उपर्युक्त में से कोई नहीं' है।
Key Pointsअन्य विकल्पों के संधि विच्छेद -
- नयन = ने + अन (अयादि संधि)
- गिरीश = गिरि + ईश (दीर्घ स्वर सन्धि)
- एकैक = एक + एक (वृद्धि संधि)
Important Pointsगुण संधि के कुछ अन्य उदाहरण -
- अंक + ईक्षण = अंकेक्षण
- द्वारका + ईश = द्वारकेश
- ग्राम + उत्थान = ग्रामोत्थान
- भाग्य + उदय = भाग्योदयव
- स + उदाहरण = सोदाहरण
- क्रम + उन्नत = क्रमोन्नत
- समुद्र + ऊर्मि = समुद्रोर्मि
- विघा + उपार्जन = विघोपार्जन
- महा + ऊर्जस्वी = महोर्जस
- देव + ऋषभ = देवर्षभ
Additional Informationस्वर संधि
- दीर्घ संधि
- अ/आ + अ/आ = आ
- इ/ई + इ/ई = ई
- उ/ऊ + उ/ऊ = ऊ
- गुण संधि (ऊपर देखें)
- वृद्धि संधि
- अ/आ + ए/ऐ = ऐ
- अ/आ + ओ/औ = औ
- यण संधि
- इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = य
- उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
- ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = र
- अयादी संधि
- ए + अन्य स्वर = अय
- ऐ + अन्य स्वर = आय
- ओ + अन्य स्वर = अव
- औ + अन्य स्वर = आव
गुण संधि Question 4:
'सूर्योदय' में संधि है :
Answer (Detailed Solution Below)
गुण संधि Question 4 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से सूर्योदय' में "गुण संधि" है।
Key Points
- सूर्योदय का संधि विच्छेद- सूर्य + उदय (अ + उ = ओ)
- गुण संधि- जब अ,आ के साथ इ,ई हो तो “ए” बनता है।
- जब अ,आ के साथ उ,ऊ हो तो “ओ” बनता है।
- जब अ,आ के साथ ऋ हो तो” अर” बनता है।
Important Points
- दो वर्णों के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं।
- दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करने को संधि विच्छेद कहते हैं।
संधि के तीन प्रकार होते हैं-
संधि | परिभाषा | उदाहरण |
स्वर संधि | जब स्वर के साथ स्वर का मेल होता है तब जो परिवर्तन होता है वह स्वर संधि कहलाता है। |
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व्यंजन संधि | व्यंजन वर्ण के साथ स्वर वर्ण या व्यंजन वर्ण अथवा स्वर वर्ण के साथ व्यंजन वर्ण के मेल से जो विकार उत्पन हो, उसे ‘व्यंजन संधि’ कहते हैं। |
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विसर्ग संधि | जब विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन आ जाए तब जो परिवर्तन होता है ,वह विसर्ग संधि कहलाता है। |
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Additional Information
स्वर संधि के पांच प्रकार होते हैं-
संधि | परिभाषा | उदाहरण |
दीर्घ संधि |
दो स्वर्ण स्वर मिलकर दीर्घ हो जाते हैं। जब अ,आ के साथ अ,आ हो तो “आ”बनता है |
|
वृद्धि संधि | यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद ए/ऐ रहे तो ‘ऐ’ और ओ/औ रहे तो ‘औ’ बन जाता है। |
|
यण संधि | यदि इ/ई, उ/ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ/ई का ‘य’ उ/ऊ का ‘व’ और ऋ का ‘र’ हो जाता है। |
|
अयादि संधि | यदि ए, ऐ, ओं और औ के बाद भिन्न स्वर आये तो ‘ए’ का अय ‘ऐ’ का आय, ‘ओ’ का अव और ‘औ’ का आव हो जाता है। |
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गुण संधि | यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद इ/ई आए तो ‘ए’ ; ऊ/ऊ आए तो ‘ओ’ और ‘ऋ’ आए तो ‘अर’ हो जाता है। |
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गुण संधि Question 5:
'रमेश' का संधि-विच्छेद होगा:
Answer (Detailed Solution Below)
गुण संधि Question 5 Detailed Solution
- 'रमेश' का संधि-विच्छेद होगा :- रमा + ईश l
- यहाँ आ+ ई के योग से ए शब्द बना है।
- यह गुण संधि का उदाहरण है l
- अन्य विकल्प :- गलत उत्तर है क्योंकि इनमें से किसी की भी संधि करने पर हमें 'रमेश' शब्द प्राप्त नहीं होता l
Additional Information
- सन्धि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है 'मेल' या जोड़। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है।
- गुण संधि - जब संधि करते समय अ या आ के बाद इ या ई आए तो दोनों मिलकर ए हो जाते हैं, अ या आ के बाद उ या ऊ आए तो दोनों मिलकर ओ हो जाते हैं और अ या आ के बाद ऋ आए तो अर् हो जाता है।
- उदाहरण :-
- अप + ईक्षा = अपेक्षा
- महा + इंद्र = महेंद्र
- अलका + ईश् = अलकेश
गुण संधि Question 6:
महोत्सव का संधि-विच्छेद है-
Answer (Detailed Solution Below)
गुण संधि Question 6 Detailed Solution
'महोत्सव’ की संधि 'महा + उत्सव' होगी। शेष विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं। अतः विकल्प 2 ‘महा + उत्सव’ सही है।
Key Points
स्पष्टीकरण:
- 'महोत्सव' में गुण संधि है। 'महा + उत्सव' = महोत्सव (आ + उ = ए), 'आ' के साथ 'उ' जोड़ने पर 'ओ' बनता है।
- गुण संधि- अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाने का नाम गुण संधि है।
Additional Information
विशेष:
संधि – दो वर्णों (स्वर या व्यंजन) के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। दूसरे अर्थ में- संधि का सामान्य अर्थ है मेल। इसमें दो अक्षर मिलने से तीसरे शब्द रचना होती है, इसी को संधि कहते है। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग |
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संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
दो स्वरों से उत्पन्न विकार अथवा रूप -परिवर्तन को स्वर संधि कहते है। |
कवि + ईश्वर = कवीश्वर |
व्यंजन |
एक व्यंजन के दूसरे व्यंजन या स्वर से मेल को व्यंजन-संधि कहते हैं। |
पम् + चम =पंचम |
विसर्ग |
स्वर और व्यंजन के मेल से विसर्ग में जो विसर्ग होता है, उसे 'विसर्ग संधि' कहते है। |
अन्त: + पुर = अन्त: पुर |
गुण संधि Question 7:
राजेन्द्र शब्द का संधि विच्छेद है -
Answer (Detailed Solution Below)
गुण संधि Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर राजा + इंद्र है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- 'राजेन्द्र' का उचित संधि विच्छेद राजा + इंद्र (आ+इ = ए)' है।
- यह गुण संधि का उदाहरण है।
-
जब अ या आ के बाद ह्रस्व या दीर्घ इ,उ,ऋ आये तो क्रमशः ए,ओ,अर् हो जाते हैं। इसे गुण संधि कहते हैं।
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग। |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अति + अन्त = अत्यन्त |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
वि + छेद = विच्छेद |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अतः + एव = अतएव |
गुण संधि Question 8:
महोत्सव शब्द में कौन-सी सन्धि है?
Answer (Detailed Solution Below)
गुण संधि Question 8 Detailed Solution
महोत्सव शब्द में गुण सन्धि है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 2 गुण सन्धि होगा ।
Key Points
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर संधि |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश। |
Additional Information
परमेश्वर |
परम + ईश्वर |
गुण संधि |
देवेश |
देव + ईश |
गुण संधि |
ज्ञानोपदेश |
ज्ञान + उपदेश |
गुण संधि |
महोत्सव |
महा +उत्सव |
गुण संधि |
Important Points
स्वर संधि |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
दीर्घ संधि |
दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है। |
जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र। |
गुण संधि |
अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है। |
जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र, देव + ऋषि (अ + ऋ) = देवर्षि। |
वृद्धि संधि |
अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है। |
जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी। |
यण संधि |
इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है। |
जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। |
अयादी संधि |
ए, ऐ तथा ओ, औ का मेल किसी अन्य स्वर के साथ होने से क्रमशः ए का अय्, ऐ का आय, ओ का अव् तथा औ का आव् हो जाता है। |
जैसे – ने + अन (ए + अ) = नयन, गै + अक (ऐ + अ) = गायक। |
गुण संधि Question 9:
'परमेश्वर' में संधि है -
Answer (Detailed Solution Below)
गुण संधि Question 9 Detailed Solution
सही उत्तर 'गुण' है।
- 'परमेश्वर' शब्द गुण संधि का उदाहरण है।
- 'परमेश्वर' का संधि विच्छेद = परम + ईश्वर।
- 'परमेश्वर' शब्द में 'अ + ई= ए' का मेल हो रहा है इसलिए यहां गुण संधि है।
Key Points
संधि-दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - |
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स्वर संधि |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश। |
व्यंजन संधि |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास। |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट। |
Additional Informationस्वर संधि के भेद:
दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र। |
यण स्वर संधि - इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। |
गुण स्वर संधि - अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र |
वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी। |
अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है। |
गुण संधि Question 10:
'चंद्रोदय' में कौन-सी संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
गुण संधि Question 10 Detailed Solution
'चंद्रोदय' में संधि है - 'गुण'
- चन्द्रोदय का संधि विच्छेद = चन्द्र + उदय, (अ + उ= ओ)
- चन्द्रोदय - चंद्रमा का उदित होना।
- जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है,
- जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है,
- जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर्‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।
उदाहरण -
- महा + ईश = महेश (आ + ई = ए)
- ज्ञान + उपदेश = ज्ञानोपदेश (अ + उ = ओ)
- देव + ऋषि = देवर्षि (अ + ऋ = अर्)
Key Points
दीर्घ संधि:-
उदाहरण-
वृद्धि संधि:-
उदाहरण-
यण संधि:-
उदाहरण-
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