देवनागरी लिपि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for देवनागरी लिपि - Download Free PDF
Last updated on Jun 11, 2025
Latest देवनागरी लिपि MCQ Objective Questions
देवनागरी लिपि Question 1:
कौन-सी भाषाएँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 1 Detailed Solution
हिन्दी, मराठी, संस्कृत भाषाएँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं।
Key Pointsदेवनागरी लिपि-
- देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं।
- संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, नेपाली, तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं।
- इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं।
- अधितकतर भाषाओं की तरह देवनागरी भी बायें से दायें लिखी जाती है।
- देवनागरी लिपि, जिसमें 14स्वर और 33 व्यञ्जन सहित 47 प्राथमिक वर्ण हैं।
- इसका विकास ब्राम्ही लिपि से हुआ
Additional Informationतमिल-
- तमिल एक लिपि है जिसमें तमिल भाषा लिखी जाती है।
- इसके अलावा सौराष्ट्र, बडगा, इरुला और पनिया आदि भाषाएँ भी तमिल लिपि में लिखी जाती हैं।
- यह लिपि भारत और श्रीलंका में तमिल भाषा को लिखने में प्रयोग की जाती है।
लेप्चा-
- लेप्चा पूर्वी नेपाल, पश्चिमी भूटान और भारत के सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल राज्य के दार्जिलिंग में रहने वाली जनजाति है।
- इस जाति द्वारा बोली जाने वाली भाषा को ही लेप्चा भाषा कहते हैं।
- सिक्किम में प्रचलित लेप्चा भाषा की अपनी लिपि है।
मुंडारी-
- उत्तरी
मुंडा भाषा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के छोटा नागपुर के पठार में बोली जाती है। - इसमें कुर्कू, संथाली, मुंडारी, भूमिज और हो भाषाएं शामिल हैं।
- इसमें संथाली की अपनी लिपि है लेकिन मुंडारी और भूमिज की लिपि नहीं है।
- दक्षिण मुंडा भाषाएं मध्य ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश और ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्र में बोली जाती है।
देवनागरी लिपि Question 2:
देवनागरी लिपि का विकास किस लिपि से हुआ है ?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 2 Detailed Solution
देवनागरी का विकास 'ब्राह्मी लिपि' से हुआ है।
- यह एक ध्वन्यात्मक लिपि है जो प्रचलित लिपियों (रोमन, अरबी, चीनी आदि) में सबसे अधिक वैज्ञानिक है।
- 'अर्धमागधी' भाषा जिस लिपि में प्रकाशित की जाती है वह ब्राह्मी लिपि है'।
- अर्धमागधी भाषा मथुरा और पाटलिपुत्र के बीच के प्रदेश की भाषा है जिससे हिंदी निकली है।
- अतः ब्राह्मी लिपि मध्य आर्यावर्त की लिपि है जिससे क्रमशः उस लिपि का विकास हुआ जो पीछे 'नागरी' कहलाई।
देवनागरी लिपि-
- यह एक ध्वन्यात्मक लिपि है जो प्रचलित लिपियों (रोमन, अरबी, चीनी आदि) में सबसे अधिक वैज्ञानिक है।
- अधिकतर भाषाओं की तरह देवनागरी भी बायें से दायें लिखी जाती है।
- प्रत्येक शब्द के ऊपर एक रेखा खिंची होती है (कुछ वर्णों के ऊपर रेखा नहीं होती है) जिसे शिरोरेखा कहते हैं।
- इससे वैज्ञानिक और व्यापक लिपि शायद केवल अध्वव लिपि है।
- भारत की कई लिपियाँ देवनागरी से बहुत अधिक मिलती-जुलती हैं, जैसे- बांग्ला, गुजराती, गुरुमुखी आदि।
खरोष्ठी लिपि-
- खरोष्ठी भारत की दो प्राचीनतम लिपियों में से एक है।
- यह दाएँ से बाएँ को लिखी जाती थी।
- प्रत्येक व्यंजन में अ की विद्यमानता, दीर्घस्वरों एवं स्वरमात्राओं का अभाव, अन्य स्वरमात्राओं का ऋजुदंडों द्वारा व्यक्तीकरण, व्यंजनों के पूर्व पंचम वर्णों के लिए सवंत्र अनुस्वार का प्रयोग तथा संयुक्ताक्षरों की अल्पता खरोष्ठी लिपि की कुछ विशेषताएँ हैं।
चित्रलिपि-
- ऐसी लिपि जिसमें ध्वनि प्रकट करने वाली अक्षरमाला की बजाए अर्थ प्रकट करने वाले भावचित्र (इडियोग्रैम) होते हैं।
- चीनी भाषा की लिपि और प्राचीन मिस्र की लिपि ऐसी चित्रलिपियों के उदाहरण हैं।
शारदा लिपि-
- शारदा लिपि का उपयोग भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी-पश्चिमी भाग में सीमित था।
- यह लिपि पश्चिमी ब्राह्मी लिपि से नौवीं शताब्दी में उत्पन्न हुई।
- हिमाचल प्रदेश में यह लिपि तेरहवीं शती तक प्रयोग में आती थी और फल-फूल रही थी।
- अल बरुनी ने अपने भारत यात्रा वर्णन में इसे "सिद्ध मात्रिक" नाम से उल्लेख किया है।
देवनागरी लिपि Question 3:
'अवधी' भाषा को किस अन्य नाम से भी जाना जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 3 Detailed Solution
अवधी भाषा को अन्य नाम कौशली से भी जाना जाता है।
Key Points
- अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है।
- अवध शब्द की व्युत्पत्ति अयोध्या से है। इस नाम का एक सूबा के राज्यकाल में था।
- जिसे हिंदू भगवान राम की मातृभूमि माना जाता है ।
Important Points
- उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र:-
- (लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, अयोध्या, जौनपुर, प्रतापगढ़,
- प्रयागराज, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा,बस्ती, बहराइच,बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती तथा फतेहपुर)
में बोली जाती है।
- इसके अतिरिक्त इसकी एक शाखा बघेलखंड में बघेली नाम से प्रचलित है।
- तुलसीदास ने अपने मानस में अयोध्या को अवधपुरी कहा है।
- इसी क्षेत्र का पुराना नाम कौशल भी था जिसकी महत्ता प्राचीन काल से चली आ रही है।
Additional Information
- प्राचीन अवधी साहित्य में अधिकतर रचनाएँ देशप्रेम, समाजसुधार आदि विषयों पर और मुख्य रूप से व्यंग्यात्मक हैं।
- कवियों में प्रतापनारायण मिश्र, बलभद्र दीक्षित "पढ़ीस", वंशीधर शुक्ल, चंद्रभूषण द्विवेदी "रमई काका", गुरु प्रसाद सिंह "मृगेश" और शारदाप्रसाद "भुशुंडि" विशेष उल्लेखनीय हैं।
देवनागरी लिपि Question 4:
हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 4 Detailed Solution
हिन्दी दिवस मनाया जाता है- 14 सितंबर को
Key Points
- 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया।
- 1953 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
Additional Information
- 26 जनवरी को भारत में हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है
- क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था और भारत को एक पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था।
- इस दिन को मनाने के लिए पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और ध्वजारोहण शामिल होते हैं।
देवनागरी लिपि Question 5:
इनमें से कौन-सी भाषा का विकास मागधी-अपभ्रंश से हुआ है?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 5 Detailed Solution
भाषा का विकास मागधी-अपभ्रंश से हुआ है- मगही
Key Points
- मगही भाषा का विकास मागधी अपभ्रंश से हुआ है।
- मागधी अपभ्रंश, जो कि पूर्वी अपभ्रंश का एक हिस्सा है, का विकास मागधी प्राकृत से हुआ था।
- भारत के मध्य-पूर्वी भाग में बोली जाने वाली एक इंडो-आर्यन भाषा है, जिसका संबंध भोजपुरी और मैथिली से है।
- यह मुख्य रूप से बिहार के गया, पटना, नालंदा और आसपास के क्षेत्रों में बोली जाती है, इसे देवनागरी या कैथी लिपि में लिखा जाता है।
Additional Informationबघेली-
- भारत के बघेलखंड क्षेत्र में बोली जाने वाली एक क्षेत्रीय भाषा है, जो हिंदी की एक बोली है।
- यह भाषा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों के कुछ हिस्सों में बोली जाती है।
- इसे बघेली, बाघेली, बघेलखण्डी, रिमही, रिवई और विन्ध्य प्रदेश की भाषा भी कहा जाता है।
अवधी-
- अवधी एक इंडो-आर्यन भाषा है जो मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में बोली जाती है।
- यह हिंदी की एक उपभाषा है और पूर्वी हिंदी के अंतर्गत आती है।
गढ़वाली-
- उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में बोली जाने वाली एक इंडो-आर्यन भाषा है।
- यह मध्य पहाड़ी उपसमूह की एक भाषा है और इसे 2.5 मिलियन से अधिक लोग बोलते हैं।
Top देवनागरी लिपि MCQ Objective Questions
“ब्राम्ही” से किस लिपि की उत्पत्ति हुई है?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF‘देवनागरी’ , यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- देवनागरी भारत, नेपाल, तिब्बत और दक्षिण पूर्व एशिया की लिपियों के ब्राह्मी लिपि परिवार का हिस्सा है।
- अत: सही विकल्प 1 'देवनागरी' है।
Additional Information
अन्य विशेष
लिपि |
उत्पत्ति |
खरोष्ठी |
इसे विदेशी उद्गम लिपि यानी अरामाइक और सीरियाई लिपि से विकसित माना जाता है। |
गुरमुखी |
इसमें पंजाबी भाषा लिखी जाती है। इसकी उत्पत्ति सारदा लिपि अथवा देवनागरी दोनों से मानी जाती है। |
कैथी |
कैथी लिपि का उपयोग मद्यकालीन भारत में उत्तर भारत क्षेत्र में किया जाता था। |
"संसार की कोई लिपि यदि सर्वाधिक पूर्ण है, तो वह एकमात्र देव नागरी है।" यह कथन किसका है?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF"संसार की कोई लिपि यदि सर्वाधिक पूर्ण है, तो वह एकमात्र देव नागरी है।" यह कथन आइजक पिटमेन का है।
Key Points
आइजक पिटमैन -
- पिटमैन ने 'शीघ्रलिपि' फोनोग्राफी का अनुसंधान किया था उनका मानना था कि संसार की कोई लिपि यदि सर्वाधिक पूर्ण है तो वह एकमात्र देवनागरी है।
- यदि संसार की कोई लिपि सर्वाधिक पूर्ण है, तो वह एकमात्र देवनागारी है।
Important Points
देवनागरी लिपि -
- भारतीय उपमहाद्वीप में प्रयुक्त प्राचीन ब्राह्मी लिपि पर आधारित है।
- बाएँ से दाएँ लिखी जाती है।
- प्राचीन भारत में पहली से चौथी शताब्दी ई. तक इसे विकसित किया गया।
- इसमें 47 वर्ण है जिसमे 14 स्वर और 33 व्यंजन होते।
- यह एक ध्वन्यात्मक वैज्ञानिक लिपि है।
- इसमें वर्ण को जैसा लिखा जाता है वैसा का वैसा उच्चारण किया जाता है।
- इसमें प्रत्येक वर्ण पर शिरोरेखा को लगाई जाती है।
Additional Information
ब्लूमफील्ड –
- ब्लूमफील्ड कहते हैं कि किसी भाषिक रूप का अर्थ "वह स्थिति जिसमें वक्ता उसका इस्तेमाल करता है' तथा 'वह अनुक्रिया जो उससे श्रोता में उत्पन्न होती है' में निहित होता है। ऐसी स्थिति में किसी भाषिक रूप के अर्थ कोक ठीक-ठीक तभी बतलाया जा सकता है जब उसका सम्बंध किसी ऐसी चीज से हो,जिसकी हमें वैज्ञानिक जानकारी हो।
विलियम जोन्स –
- 1784 ई.में "बंगाल एशियाटिक सोसाइटी" की स्थापना की जिससे भारत के इतिहास, पुरातत्व, विशेषकर साहित्य और विधिशास्त्र संबंधी अध्ययन की नींव पड़ी।
- यूरोप में उसी ने संस्कृत साहित्य की गरिमा सबसे पहले घोषित की।
- कालिदास के अभिज्ञान शाकुंतलम के अनुवाद ने संस्कृत और भारत संबंधी यूरोपीयदृष्टि में क्रांति उत्पन्न कर दी।
देवनागरी अंक कितने होते हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFदेवनागरी अंक दस होते है।
Key Points
- इसमें दस संकेतों का उपयोग होता है। (०, १, २, ३, ४, ५, ६, ७, ८, ९)
Important Points
देवनागरी;-
|
हिंदी का संबंध किस भाषा परिवार से है?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFहिंदी का संबंध भारोपीय परिवार से भाषा परिवार से है।
Key Points
- हिन्द-यूरोपीय (या भारोपीय) भाषा-परिवार संसार का सबसे बड़ा भाषा परिवार (यानी कि सम्बंधित भाषाओं का समूह) हैं।
- भारोपीय भाषा परिवार विश्व में बोली जाने वाली भाषाओं में सर्वप्रमुख भाषा परिवार है।
- इसके बोलने वालों की संख्या विश्व में सबसे ज़्यादा है।
- भारत में सबसे अधिक भारोपीय भाषा परिवार (लगभग 73%) की भाषा बोली जाती है।
Additional Informationभाषा परिवार की प्रमुख भाषाएँ-
- संस्कृत
- पालि
- प्राकृत
- अपभ्रंश
- हिन्दी
- बंगाली
- फ़ारसी
- ग्रीक
- लेटिन
- अंग्रेज़ी
- रूसी
- जर्मन
- पुर्तग़ाली
- इतालवी
देवनागरी लिपि का जन्म हुआ है-
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर - ब्राह्मी लिपि से
Key Points
- भारत में प्राचीन समय में तीन लिपियाँ प्रचलित थीं - 1) सिन्धु घाटी लिपि 2) खरोष्ठी लिपि 3) ब्राह्मी लिपि
- प्रो. बूलर के अनुसार ब्राह्मी लिपि में 41 अक्षर थे - 9 स्वर, 32 व्यंजन
Important Points
ब्राह्मी लिपि - 1)दक्षिणी शैली 2)उत्तरी शैली < गुप्त लिपि < सिद्धमात्रिका या कुटिल लिपि < 1)देवनागरी लिपि 2)शारदा लिपि
|
Additional Information
- देवनागरी लिपि आक्षरिक हैI
- यहाँ एक वर्ण के लिए एक ध्वनि है अर्थात प्रत्येक अक्षर उच्चरित होते हैंI
- वर्णमाला का क्रम वैज्ञानिक हैI
इनमें से कौन सी भाषा देवनागरी लिपि के अंतर्गत नहीं आती है?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFदेवनागरी लिपि के अंतर्गत कोंकणी,संस्कृत,गुजराती,पालि, हिन्दी, मराठी आदि भाषा आते है।
- बांग्ला इस लिपि की भाषा नहीं है।
Key Points
देवनागरी लिपि में सम्मिलित भाषाएँ:-
|
Important Points
इतिहास:-
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Additional Information
- देवनाग री लिपि का विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है।
- इस लिपि का प्रयोग सर्वप्रथम गुजरा त नरेश जयभट्ट के शिलालेख में मिलता है।
भारत में आर्य भाषा का आरंभ कब हुआ है?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFभारत में आर्य भाषा का आरंभ 1500 ई. पूर्व के आसपास हुआ है
Key Pointsइतिहस:-
- संस्कृत भारत की सबसे प्राचीन भाषा है, जिसे आर्य भाषा या देवभाषा भी कहा जाता है।
- हिंदी इसी आर्य भाषा संस्कृत की उत्तराधिकारिणी मानी जाती है, साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि हिंदी का जन्म संस्कृत की ही कोख से हुआ है।
- भारत में संस्कृत 1500 ई. पू, से 1000 ई. पूर्व तक रही, ये भाषा दो भागों में विभाजित हुई- वैदिक और लौकिक।
- मूल रूप से वेदों की रचना जिस भाषा में हुई उसे वैदिक संस्कृत कहा जाता है, जिसमें वेद और उपनिषद का जिक्र आता है, जबकि लौकिक संस्कृत में दर्शन ग्रंथों का जिक्र आता है।
Additional Informationभारतीय आर्यभाषा का विभाजन:-
- भारतीय आर्य भाषा की पूरी श्रृंखला को तीन भागों में विभाजित किया जाता है-
- प्राचीन भारतीय आर्यभाषाएं 1500 ई0 से 500 ई0 पू0 तक।
- मध्य कालीन भारतीय आर्यभाषाएं 500 ई0 से 1000 ई0 पू0 तक।
- आधुनिक भारतीय आर्यभाषाएं 1000 ई0 सन् से अब तक।
‘देवनागरी लिपि मूलत: क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF‘देवनागरी लिपि’ मुलत: अक्षरात्मक है,अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प2 अक्षरात्मक सही उत्तर होगा।
Key Points
- भाषावैज्ञानिक दृष्टि से देवनागरी लिपि अक्षरात्मक (सिलेबिक) लिपि मानी जाती है।
- लिपि के विकाससोपानों की दृष्टि से "चित्रात्मक", "भावात्मक" और "भावचित्रात्मक" लिपियों के अनंतर "अक्षरात्मक" स्तर की लिपियों का विकास माना जाता है।
- पाश्चात्य और अनेक भारतीय भाषाविज्ञानविज्ञों के मत से लिपि की अक्षरात्मक अवस्था के बाद अल्फाबेटिक (वर्णात्मक) अवस्था का विकास हुआ।
- सबसे विकसित अवस्था मानी गई है ध्वन्यात्मक (फोनेटिक) लिपि की।
- "देवनागरी" को अक्षरात्मक इसलिए कहा जाता है कि इसके वर्ण- अक्षर (सिलेबिल) हैं- स्वर भी और व्यंजन भी।
- "क", "ख" आदि व्यंजन सस्वर हैं- अकारयुक्त हैं।
- वे केवल ध्वनियाँ नहीं हैं अपितु सस्वर अक्षर हैं।
- अत: ग्रीक, रोमन आदि वर्णमालाएँ हैं। परंतु यहाँ यह ध्यान रखने की बात है कि भारत की "ब्राह्मी" या "भारती" वर्णमाला की ध्वनियों में व्यंजनों का "पाणिनि" ने वर्णसमाम्नाय के 14 सूत्रों में जो स्वरूप परिचय दिया है- उसके विषय में "पतंजलि" (द्वितीय शताब्दी ई.पू.) ने यह स्पष्ट बता दिया है कि व्यंजनों में संनियोजित "अकार" स्वर का उपयोग केवल उच्चारण के उद्देश्य से है।
- वह तत्वत: वर्ण का अंग नहीं है।
- इस दृष्टि से विचार करते हुए कहा जा सकता है कि इस लिपि की वर्णमाला तत्वत: ध्वन्यात्मक है, अक्षरात्मक नहीं।
देवनागरी लिपि का सर्वप्रथम प्रयोग कहाँ हुआ था?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFदेवनागरी लिपि का सर्वप्रथम प्रयोग जयभट्ट के शिलालेख में हुआ था। अतः विकल्प 4 'जयभट्ट के शिलालेख में' सही है।
Key Points
- देवनागरी लिपि क्या है?
- देवनागरी एक भारतीय लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएँ लिखी जाती हैं। यह बायें से दायें लिखी जाती है। इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरोरेखा' कहते हैं। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, हरियाणवी, बुंदेली भाषा, डोगरी, खस, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली भाषाएँ), तमांग भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, नागपुरी, मैथिली, संताली, राजस्थानी भाषा, बघेली आदि भाषाएँ और स्थानीय बोलियाँ भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएँ भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। देवनागरी विश्व में सर्वाधिक प्रयुक्त लिपियों में से एक है। यह दक्षिण एशिया की 175 से अधिक भाषाओं को लिखने के लिए प्रयुक्त हो रही है।
- देवनागरी लिपि की उत्पत्ति कैसे हुई?
- ब्रह्मांडीय ध्वनियों के अनुसरण पर रचित होने के कारण यह लिपि,उस (देव) वाणी का दृष्यात्क रूप है। इसकी रचना ब्रह्मांड की ध्वनियों से हुई है। गति सर्वत्र है। गति होगी तो ध्वनि निकलेगी और ध्वनि से शब्द सौर परिवार के प्रमुख, सूर्य के एक ओर से नौ रश्मियां निकलती हैं, और ये चारों और से अलग-अलग निकलती है। इस तरह कुल 36 रश्मियां हो गई। इन 36 रश्मियों के ध्वनन पर भाषा के 36 स्वर बने।
ब्राह्मी लिपि से किस लिपि का विकास हुआ?
Answer (Detailed Solution Below)
देवनागरी लिपि Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 ‘देवनागरी’ इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प इसके सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
- देवनागरी एक भारतीय लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएँ लिखी जाती हैं।
- यह बायें से दायें लिखी जाती है।
- इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरोरेखा' कहते हैं।
- देवनागरी लिपि का विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ।
अन्य विकल्प:
लिपि |
परिभाषा |
रोमन लिपि |
रोमन लिपि लिखावट का वो तरीका है जिसमें अंग्रेज़ी सहित पश्चिमी और मध्य यूरोप की सारी भाषाएँ लिखी जाती हैं, जैसे जर्मन, फ़्रांसिसी, स्पैनिश, पुर्तगाली, इतालवी इत्यादि। अंग्रेज़ी के अलावा लगभग सारी यूरोपीय भाषाएँ रोमन लिपि के कुछ अक्षरों पर अतिरिक्त चिन्ह भी प्रयुक्त करते हैं। |
अरबी लिपि |
अरबी लिपि दाएँ से बाएँ लिखी जाती है। इसकी कई ध्वनियाँ उर्दू की ध्वनियों से अलग हैं। हर एक स्वर या व्यंजन के लिये (जो अरबी भाषा में प्रयुक्त होता है) एक और सिर्फ़ एक ही अक्षर है। ह्रस्व स्वरों की मात्राएँ देना वैकल्पिक है। |
खरोष्ठी लिपि |
खरोष्ठी भारत की दो प्राचीनतम लिपियों में से एक है। यह दाएँ से बाएँ को लिखी जाती थी। सम्राट अशोक ने शाहबाजगढ़ी और मनसेहरा के अभिलेख खरोष्ठी लिपि में ही लिखवाए हैं। |
Additional Information
शब्द |
परिभाषा |
लिपि |
लिपि या लेखन प्रणाली का अर्थ होता है किसी भी भाषा की लिखावट या लिखने का ढंग। ध्वनियों को लिखने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, वही लिपि कहलाती है। |