देवनागरी लिपि MCQ Quiz in বাংলা - Objective Question with Answer for देवनागरी लिपि - বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন [PDF]

Last updated on Mar 17, 2025

পাওয়া देवनागरी लिपि उत्तरे आणि तपशीलवार उपायांसह एकाधिक निवड प्रश्न (MCQ क्विझ). এই বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন देवनागरी लिपि MCQ কুইজ পিডিএফ এবং আপনার আসন্ন পরীক্ষার জন্য প্রস্তুত করুন যেমন ব্যাঙ্কিং, এসএসসি, রেলওয়ে, ইউপিএসসি, রাজ্য পিএসসি।

Latest देवनागरी लिपि MCQ Objective Questions

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देवनागरी लिपि Question 1:

ब्राह्मी लिपि से किस लिपि का विकास हुआ?

  1. रोमन लिपि
  2. देवनागरी
  3. अरबी लिपि
  4. खरोष्‍ठी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : देवनागरी

देवनागरी लिपि Question 1 Detailed Solution

 उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 देवनागरी’ इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प इसके सही उत्तर नहीं हैं।

Key Points

  • देवनागरी एक भारतीय लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएँ लिखी जाती हैं।
  • यह बायें से दायें लिखी जाती है।
  • इसकी पहचान एक क्षैतिज रेखा से है जिसे 'शिरोरेखा' कहते हैं। 
  • देवनागरी लिपि का विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ।

अन्य विकल्प:

लिपि

परिभाषा

रोमन लिपि

रोमन लिपि लिखावट का वो तरीका है जिसमें अंग्रेज़ी सहित पश्चिमी और मध्य यूरोप की सारी भाषाएँ लिखी जाती हैं, जैसे जर्मन, फ़्रांसिसी, स्पैनिश, पुर्तगाली, इतालवी इत्यादि। अंग्रेज़ी के अलावा लगभग सारी यूरोपीय भाषाएँ रोमन लिपि के कुछ अक्षरों पर अतिरिक्त चिन्ह भी प्रयुक्त करते हैं।

अरबी लिपि 

अरबी लिपि दाएँ से बाएँ लिखी जाती है। इसकी कई ध्वनियाँ उर्दू की ध्वनियों से अलग हैं। हर एक स्वर या व्यंजन के लिये (जो अरबी भाषा में प्रयुक्त होता है) एक और सिर्फ़ एक ही अक्षर है। ह्रस्व स्वरों की मात्राएँ देना वैकल्पिक है।

खरोष्‍ठी लिपि 

खरोष्ठी भारत की दो प्राचीनतम लिपियों में से एक है। यह दाएँ से बाएँ को लिखी जाती थी। सम्राट अशोक ने शाहबाजगढ़ी और मनसेहरा के अभिलेख खरोष्ठी लिपि में ही लिखवाए हैं। 

Additional Information

शब्द

परिभाषा

लिपि

लिपि या लेखन प्रणाली का अर्थ होता है किसी भी भाषा की लिखावट या लिखने का ढंग। ध्वनियों को लिखने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, वही लिपि कहलाती है।

देवनागरी लिपि Question 2:

गुरुमुखी लिपि का प्रादुर्भाव किस लिपि से माना जाता है?

  1. शारदा
  2. कैथी
  3. डोगरी
  4. देवनागरी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : शारदा

देवनागरी लिपि Question 2 Detailed Solution

गुरुमुखी लिपि का प्रादुर्भाव विकल्प शारदा लिपि से माना जाता है। 

अन्य विकल्प

- इसके अतिरिक्त दिए गये विकल्प उपयुक्त नहीं हैं।  यह एक तथ्य है जिस वजह से अन्य अन्य लिपियाँ इसका उत्तर नहीं हो सकतीं।

विशेष

कैथी लिपि का प्रयोग मैथिली भाषा में किया जाता है।  यह एक ऐतिहासिक लिपि है जो मध्यकालीन भारत में और प्रमुख रूप से उत्तर-पूर्व और उत्तर भारत में काफी वृहत रूप से प्रयोग किया जाता था। खासकर आज के उत्तर प्रदेश एवं बिहार के क्षेत्रों में इस लिपि में वैधानिक एवं प्रशासनिक कार्य किये जाने के भी प्रमाण पाये जाते हैं।

शारदा लिपि का व्यवहार ईसा की दसवीं शताब्दी से उत्तर-पूर्वी पंजाब और कश्मीर में देखने को मिलता है। ब्यूह्लर का मत था कि शारदा लिपि की उत्पत्ति गुप्त लिपि की पश्चिमी शैली से हुई है, और उसके प्राचीनतम लेख 8वीं शताब्दी से मिलते हैं।

देवनागरी लिपि की उत्पत्ति ब्राह्मी लिपि से हुई है।  एक ऐसी लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ लिखीं जाती हैं। संस्कृत, पाली, हिंदी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, नेपाली, गढ़वाली, बोड़ो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली, भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसे नागरी लिपि भी कहा जाता है। 

गुजराती भाषा गुजराती लिपि में लिखी जाती है।  गुजराती लिपि, नागरी लिपि से व्युत्पन्न हुई है गुजराती भाषा में लिखने के लिए देवनागरी लिपि को नागरी लिपि को परिवर्तित कार के गुजराती लिपि बनाई गयी थी।

देवनागरी लिपि Question 3:

देवनागरी लिपि के संदर्भ में कौन-सा कथन गलत है?

  1. इस लिपि के लेखन और मुद्रण के अक्षर एकरूप हैं।
  2. देवनागरी लिपि का प्रयोग बहुत व्यापक है।
  3. देवनागरी की वर्णमाला का वर्णक्रम वैज्ञानिक है।
  4. मुद्रण की दृष्टि से देवनागरी आसान लिपि है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : मुद्रण की दृष्टि से देवनागरी आसान लिपि है।

देवनागरी लिपि Question 3 Detailed Solution

देवनागरी लिपि मुद्रण की दृष्टि से आसान लिपि नही है,यह  गलत कथन है, अतः विकल्प 4 सही है
Key Points
  • भाषावैज्ञानिक दृष्टि से देवनागरी लिपि अक्षरात्मक (सिलेबिक) लिपि मानी जाती है।
  • लिपि के विकाससोपानों की दृष्टि से "चित्रात्मक", "भावात्मक" और "भावचित्रात्मक" लिपियों के अनंतर "अक्षरात्मक" स्तर की लिपियों का विकास माना जाता है।
  • पाश्चात्य और अनेक भारतीय भाषाविज्ञानविज्ञों के मत से लिपि की अक्षरात्मक अवस्था के बाद अल्फाबेटिक (वर्णात्मक) अवस्था का विकास हुआ।
  • सबसे विकसित अवस्था मानी गई है ध्वन्यात्मक (फोनेटिक) लिपि की।
  • "देवनागरी" को अक्षरात्मक इसलिए कहा जाता है कि इसके वर्ण- अक्षर (सिलेबिल) हैं- स्वर भी और व्यंजन भी।
  • "क", "ख" आदि व्यंजन सस्वर हैं- अकारयुक्त हैं।
  • वे केवल ध्वनियाँ नहीं हैं अपितु सस्वर अक्षर हैं।
  • अत: ग्रीक, रोमन आदि वर्णमालाएँ हैं। परंतु यहाँ यह ध्यान रखने की बात है कि भारत की "ब्राह्मी" या "भारती" वर्णमाला की ध्वनियों में व्यंजनों का "पाणिनि" ने वर्णसमाम्नाय के 14 सूत्रों में जो स्वरूप परिचय दिया है- उसके विषय में "पतंजलि" (द्वितीय शताब्दी ई.पू.) ने यह स्पष्ट बता दिया है कि व्यंजनों में संनियोजित "अकार" स्वर का उपयोग केवल उच्चारण के उद्देश्य से है।
  • वह तत्वत: वर्ण का अंग नहीं है।
  • इस दृष्टि से विचार करते हुए कहा जा सकता है कि इस लिपि की वर्णमाला तत्वत: ध्वन्यात्मक है, अक्षरात्मक नहीं।

देवनागरी लिपि Question 4:

निम्नलिखित में से किसका विकास आखिरी में हुआ था?

  1. अपभ्रंश
  2. वैदिक संस्कृत
  3. पालि-प्राकृत
  4. लौकिक संस्कृत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अपभ्रंश

देवनागरी लिपि Question 4 Detailed Solution

अपभ्रंश का  विकास आखिरी में हुआ।

  • अपभ्रंश भाषा का समय काल 500 ई. से 1000 ई. तक माना जाता हैं।
  • ये मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा और आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं  के बीच की कड़ी है। इसीलिए विद्वानों ने ‘अपभ्रंश’ को एक 'सन्धिकालीन भाषा' भी कहा है।
  • अपभ्रंश (अप + भ्रंश + घञ) शब्द का यों तो शाब्दिक अर्थ है ‘पतन’ किन्तु अपभ्रंश साहित्य से अभीष्ट (वांछित) है।

Important Pointsअपभ्रंश से आधुनिक भारतीय आर्यभाषाओं का विकास -

  • शौरसेनी
    • पश्चिमी हिन्दी (ब्रजभाषा, खड़ी बोली, बांगरु, कन्नौजी, बुंदेली),
    • गुजराती, 
    • राजस्थानी (मेवाती, मारवाड़ी, मालवी, जयपुरी) 
  • अर्धमागधी
    • पूर्वी हिन्दी (अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी)
  • मागधी
    • बिहारी (भोजपुरी, मैथिली, मगही), बंगला, उड़िया, असमिया
  • खस
    • पहाड़ी हिन्दी
  • पैशाची
    • लहंदा, पंजाबी
  • ब्राचड़
    • सिन्धी
  • महाराष्ट्री 
    • मराठी

Additional Informationभाषा का विकास -
वैदिक संस्कृत → लौकिक संस्कृत → पालि → प्राकृत → अपभ्रंश → हिन्दी 

  • वैदिक संस्कृत पहले के समय से 1500 ई. पू. तक।
  • लौकिक संस्कृत 1500 ई. पू.  से 500 ई. पू. तक।
  • पालि 500 ई. पू. से 01 ई. तक।
  • प्राकृत 01 ई. से 500 ई. तक।
  • अपभ्रंश भाषा का विकास 500 ई. से 1000 ई. तक।
  • हिन्दी 1000  ई. से अब तक।

देवनागरी लिपि Question 5:

कौन सी भाषा रोमन लिपि में नहीं लिखी जाती ?

  1. जर्मन
  2. अंग्रेज़ी
  3. चीनी
  4. फ्राँसीसी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : चीनी

देवनागरी लिपि Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर 'चीनी' है।

  • चीनी भाषा रोमन लिपि में नहीं लिखी जाती है।
  • रोमन लिपि लिखावट का वो तरीका है जिसमें अंग्रेज़ी सहित पश्चिमी और मध्य यूरोप की सारी भाषाएँ लिखी जाती हैं, जैसे जर्मन, फ़्रांसिसी, स्पैनिश, पुर्तगाली, इतालवी, डच, नॉर्वेजियन, स्वीडिश, रोमानियाई, इत्यादि। 
  • सभी यूरोपीय भाषाएँ अतिरिक्त चिन्ह भी प्रयोग करती हैं किंतु अंग्रेज़ी भाषा में किसी चिन्ह का प्रयोग नहीं किया जाता है।
  • अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है।
  • रोमन लिपि ध्वन्यात्मक लिपि है।

Key Points

  • चीनी लिपि संसार की प्राचीनतम लिपियों में से है।
  • यह चित्रलिपि का ही रूपांतर है और इसमें अक्षरों की बजाए हज़ारों चीनी भावचित्रों के द्वारा लिखा जाता है।

देवनागरी लिपि Question 6:

देवनागरी लिपि की उत्पत्ति किससे हुई है?

  1. खरोष्ठी
  2. ब्राह्मी
  3. पैशाची
  4. कैथी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : ब्राह्मी

देवनागरी लिपि Question 6 Detailed Solution

सही विकल्प ब्राह्मी है।

Key Points

  • देवनागरी लिपि की उत्पत्ति ब्राह्मी लिपि से हुई है।  एक ऐसी लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ लिखीं जाती हैं। 
  • संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, नेपाली, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं।
  • इसे नागरी लिपि भी कहा जाता है। 
  • अतः सही विकल्प ब्राह्मी है।

अन्य विकल्प

सिंधु घाटी की चित्रलिपि को छोड़ कर, खरोष्ठी भारत की दो प्राचीनतम लिपियों में से एक है। यह दाएँ से बाएँ को लिखी जाती थी। सम्राट अशोक ने शाहबाजगढ़ी और मनसेहरा के अभिलेख खरोष्ठी लिपि में ही लिखवाए हैं।

पैशाची अपभ्रंश है जिससे कई भाषाओं की उत्पत्ति है जैसे : पश्तो तथा उसके समीपवर्ती दरद भाषाएँ।  पैशाची भाषा वह प्राकृत भाषा  है, जो प्राचीन समय में भारतवर्ष के पश्चिमोत्तर प्रदेश में बोली जाती थी। इस भाषा में विरचित गुणाढ्य कृत 'बृहत्कथा' की भारतीय भाषा में बड़ी ख्याति है।

कैथी लिपि का प्रयोग विशेष रूप से बिहार में किया जाता है।  यह एक ऐतिहासिक लिपि है जो मध्यकालीन भारत में और प्रमुख रूप से उत्तर – पूर्व और उत्तर भारत में काफी वृहत रूप से प्रयोग किया जाता था। खासकर आज के उत्तर प्रदेश एवं बिहार के क्षेत्रों में इस लिपि में वैधानिक एवं प्रशासनिक कार्य किये जाने के भी प्रमाण पाये जाते हैं।  

देवनागरी लिपि Question 7:

भारत में भाषा के आधार पर सर्वप्रथम किस राज्य का गठन हुआ?

  1. आंध्रप्रदेश 
  2. जम्मू- कश्मीर
  3. बिहार
  4. पंजाब

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : आंध्रप्रदेश 

देवनागरी लिपि Question 7 Detailed Solution

सही उत्तर है - ‘आंध्रप्रदेश’।
  • भारत में भाषा के आधार पर सर्वप्रथम ‘आंध्रप्रदेश’ राज्य का गठन हुआ।

Key Points

  • भारतीय राज्यों का गठन भाषा के आधार पर हुआ था।
  • भाषाई आधार पर बनने वाला पहला राज्य 1953 में आंध्र था, जो मद्रास राज्य के तेलुगु भाषी उत्तरी भागों से बना था।
  • 1 अक्टूबर, 1953 को तेलुगु भाषी लोगों के लिए भाषाई आधार पर आंध्र राज्य नामक पहले राज्य का निर्माण हुआ था।
    बाद में इसका नाम बदलकर आंध्र प्रदेश कर दिया गया था।​

देवनागरी लिपि Question 8:

देवनागरी का सर्वप्रथम प्रयोग किसके शिलालेख में हुआ है?

  1. चन्द्रगुप्त
  2. जयभट्ट
  3. अशोक मौर्य
  4. हर्षवर्धन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : जयभट्ट

देवनागरी लिपि Question 8 Detailed Solution

देवनागरी का सर्वप्रथम प्रयोग जयभट्ट के शिलालेख में हुआ है। 

  • देवनागरी एक भारतीय लिपि है। 
  • देवनागरी में अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कई विदेशी भाषाएँ लिखी जाती हैं।
  • देवनागरी बायें से दायें लिखी जाती है।
  • डॉ॰ द्वारिका प्रसाद सक्सेना के अनुसार सर्वप्रथम देवनागरी लिपि का प्रयोग गुजरात के नरेश जयभट्ट (700-800 ई.) के शिलालेख में मिलता है।

Key Pointsमहाराजा जयभट चपराणा (720ई. - 750ई.) :

  • हिन्द रक्षक शूरवीर महाराजा जयभट्ट गुर्जर  शूरवीर जयभट गुर्जर का जन्म भडौच के चाप/चपोत्कट राजवंश में हुआ था।
  • चपोत्कट या चपराणा /चावडा वंश गुर्जरो का वह हिस्सा था। 
  • चपोत्कट युद्धभूमि में चपो यानी तीरकमानो में सर्वश्रेष्ठ था ।
  • चपोत्कट हूणो की सेना के सबसे श्रेष्ठ व महत्वपूर्ण धनुर्धर यौद्धा थे।

Additional Information

राजा 

शासन काल 

चन्द्रगुप्त

321 ई. पू.-285 ई.

अशोक मौर्य

 304 ई.पू.- 232 ई.पू.

हर्षवर्धन

590-647 ई.

देवनागरी लिपि Question 9:

देवनागरी लिपि का मूल स्रोत है? 

  1. खरोष्ठी लिपि
  2. चित्र लिपि
  3. रोमन लिपि
  4. ब्राह्मी लिपि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : ब्राह्मी लिपि

देवनागरी लिपि Question 9 Detailed Solution

देवनागरी लिपि का मूल स्रोत ब्राह्मी लिपि है।

Key Pointsब्राह्मी लिपि-

  • ब्राह्मी लिपि भारत की प्राचीनतम लिपियों में से एक है।
  • इसके प्रयोग के प्राचीन उदाहरण अशोक के अभिलेखों के रूप में उपलब्ध हैं।
  • यह बाएँ से दाएँ लिखी जाती है।

Important Pointsदेवनागरी लिपि-

  • देवनागरी एक लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएं लिखीं जाती हैं।
  • संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, नेपाली, तामाङ भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं।
  • इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमानी और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं।
  • अधितकतर भाषाओं की तरह देवनागरी भी बायें से दायें लिखी जाती है।
  • देवनागरी लिपि, जिसमें 14स्वर और 33 व्यञ्जन सहित 47 प्राथमिक वर्ण हैं।
  • इसका विकास ब्राम्ही लिपि से हुआ

Additional Informationखरोष्ठी लिपि-

  • सिंधु घाटी की चित्रलिपि को छोड़ कर, खरोष्ठी भारत की दो प्राचीनतम लिपियों में से एक है।
  • यह दाएँ से बाएँ को लिखी जाती थी। सम्राट अशोक ने शाहबाजगढ़ी और मनसेहरा के अभिलेख खरोष्ठी लिपि में ही लिखवाए हैं।
  • इसके प्रचलन की देश और कालपरक सीमाएँ ब्राह्मी की अपेक्षा संकुचित रहीं और बिना किसी प्रतिनिधि लिपि को जन्म दिए ही देश से इसका लोप भी हो गया।
  • ब्राह्मी जैसी दूसरी परिष्कृत लिपि की विद्यमानता अथवा देश की बाएँ से दाहिने लिखने की स्वाभाविक प्रवृत्ति संभवत: इस लिपि के विलुप्त होने का कारण रहा हो।

चित्र लिपि-

  • चित्रलिपि ऐसी लिपि को कहा जाता है जिसमें ध्वनि प्रकट करने वाली अक्षरमाला की बजाए अर्थ प्रकट करने वाले भावचित्र होते हैं।
  • यह भावचित्र ऐसे चित्रालेख चिह्न होते हैं जो कोई विचार या अवधारणा व्यक्त करें।

रोमन लिपि-

 

  • रोमन लिपि लिखावट का वो तरीका है जिसमें अंग्रेज़ी सहित पश्चिमी और मध्य यूरोप की सारी भाषाएँ लिखी जाती हैं।
  • जैसे- जर्मन, फ़्रांसिसी, स्पैनिश, पुर्तगाली, इतालवी, डच, नॉर्वेजियन, स्वीडिश, रोमानियाई, इत्यादि। ये बायें से दायें लिखी और पढ़ी जाती है।

देवनागरी लिपि Question 10:

देवनागरी लिपि की विशेषता है?

  1. वर्णो के संयुक्तीकरण
  2. दुरूपवर्ण
  3. वर्णमाला ध्वनि वैज्ञानिक पद्धति के बिल्कुल अनुरूप है
  4. समरूप वर्ण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वर्णमाला ध्वनि वैज्ञानिक पद्धति के बिल्कुल अनुरूप है

देवनागरी लिपि Question 10 Detailed Solution

देवनागरी लिपि वर्णमाला ध्वनि वैज्ञानिक पद्धति के बिल्कुल अनुरूप है

Key Points

  • ब्राह्मी लिपि भारत की प्राचीनतम लिपियों में से एक है।
  • इसके प्रयोग के प्राचीन उदाहरण अशोक के अभिलेखों के रूप में उपलब्ध हैं।

Important Points

​देवनागरी लिपि:-

  • बायें से दायें की ओर लिखी जाने वाली देवनागरी लिपि अत्यंत व्यवस्थित तथा वैज्ञानिक लिपि है।
  • इसमें ध्वनि एवं अक्षरों का उत्कृष्ट समन्वय होता है।
  • भारत के संविधान में देवनागरी लिपि को मान्यता प्रदान की गई है।
  • उत्तर भारत में 8वीं शताब्दी से आज तक अनेक भाषाओं में देवनागरी का प्रयोग होता आया है
  • यथा- संस्कृत, मराठी, हिन्दी, भोजपुरी, नेपाली, कोंकणी, मैथिली, गढ़वाली आदि।
  • सम्राट अशोक के ब्राह्मी लिपि में अंकित प्रमुख अभिलेख रुम्मिनदेई - स्तम्भलेख , गिरनार - शिलालेख
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