विद्यालयीयशिक्षणे बहुभाषावादः अस्ति_____

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CTET Paper 2 Maths & Science 17th Jan 2022 (English-Hindi-Sanskrit)
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  1. अनेक भाषाणाम् अधिगमः
  2. अध्ययनध्यापनसमये शिक्षार्थिनां भाषाणाम् उपयोगः
  3. शिक्षागतभाषानीतिः
  4. सर्वेषां शिक्षार्थिनां भाषाणाम् अध्यापनम्

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Option 2 : अध्ययनध्यापनसमये शिक्षार्थिनां भाषाणाम् उपयोगः
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प्रश्नानुवाद - विद्यालयीय शिक्षण में बहुभाषावाद है _____

स्पष्टीकरण - विद्यालयीय शिक्षण में बहुभाषावाद का अर्थ अध्ययन-अध्यापन के समय छात्रों की भाषा का उपयोग करने से है। छात्रों की भाषा में अध्ययन अध्यापन करने उन्हें विषय सहज ही समझ आ जाता है और उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ता है, जिससे वे अपने विचारों को खुलकर सबके सामने रखते है। बालक की प्रथम भाषा उसकी मातृभाषा होती है, जिसमें वह बोलना, पढ़ना व लिखना आरम्भ करता है। मातृभाषा के माध्यम से बालक शीघ्र ही किसी विषय को सीख जाता है।

Important Points

बहुभाषिकवाद/बहुभाषीयता - भाषा के विविधता को 'बहुभाषिकवाद' कहते हैं। ऐसा हो सकता है कि कक्षा में कुछ विद्यार्थियों को कोई अलग भाषा का ज्ञान हो। अतः अलग भाषिक पृष्ठभूमि से होने के कारण विद्यार्थियों के उच्चारण और उनके बात करने की शैली में विभिन्नता होती है। ऐसे भिन्न भाषिक पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों को साथ लेकर उन्हें कक्षा के रचनात्मक कार्य नीति का भाग बनाना भाषा शिक्षक का महत्त्वपूर्ण कार्य है।

  • बहुभाषिकवाद को प्रोत्साहन देने से हर विद्यार्थी स्वयं को स्वीकार्य और संरक्षित महसूस करेगा।
  • बहुभाषिकवाद से सामाजिक सहिष्णुता, विस्तृत चिंतन तथा बौद्धिक उपलब्धियाँ इत्यादि का विकास होता है।
  • भिन्न भाषिक पृष्ठभूमि से होने के कारण यदि विद्यार्थियों के उच्चारण में भिन्नता आती है, तो उसके आधार पर किसी विद्यार्थी को पीछे नहीं छोड़ सकते।
  • यदि कक्षा में बहुभाषिकवाद को प्रोत्साहन दिया जाये तो विद्यालय छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में कमी, अकादमिक उपलब्धि में सुधार तथा विद्यार्थियों के आत्मसम्मान में वृद्धि जैसे कई फायदे देखने मिल सकते हैं।
  • विभिन्न भाषाओं का प्रयोग होने के कारण सांस्कृतिक आदान​-प्रदान भी होता है। 
  • मातृभाषा के द्वारा छात्र शीघ्र विषय को ग्रहण करते हैं।
  • कक्षा में यदि विद्यार्थियों की मातृभाषा का प्रयोग होता है, तो वह अपने विचार सहजता से रखते हैं। इससे भाषा अधिगम प्रक्रिया भी अच्छे तरीके से चलती रहती है।

 

अतः कहा जा सकता है कि विद्यालयीय शिक्षण में बहुभाषावाद का अर्थ अध्ययन-अध्यापन के समय छात्रों की भाषा का उपयोग करने से है।  (अन्य विकल्प यहाँ गौण अर्थ में हैं।)

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