Question
Download Solution PDFसमास की दृष्टि से अनुचित विकल्प पहचानिए-
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर राम-कृष्ण- राम है जो कृष्ण है।
Key Points
- राम-कृष्ण- राम है जो कृष्ण - विकल्प अनुचित है
- इसका सही समास विग्रह होगा- राम और कृष्ण
- राम और कृष्ण में द्वंद्व समास है।
अन्य तीनों विकल्प सुमेलित हैं-
- स्वर्गप्राप्त- स्वर्ग को प्राप्त- को परसर्ग आने पर कर्म तत्पुरुष समास है।
- लालमणि- लाल है जो मणि- उत्तर पद प्रधान है, अतः कर्मधारय समास है।
- चौगुनी- चार गुनी- प्रथम पद संख्यावाची है, अतः द्विगु समास है।
Additional Information
समास - समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। जब दो या दो से अधिक शब्दों के योग से जो छोटा शब्द बने उसे समास कहते हैं। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - रजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
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समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत |
अव्ययीभाव |
जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो'। |
जन्म से लेकर = आजन्म मति के अनुसार = यथामति। |
कर्मधारय |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन महान है जो देव = महादेव |
द्विगु |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
द्वंद्व |
जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो । |
अन्न और जल = अन्न-जल अपना और पराया = अपना-पराया। |
बहुव्रीहि |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव |
द्विगु समास और बहुव्रीहि समास में अंतर - द्विगु समास का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है जबकि बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही विशेषण का कार्य करता है। जैसे – दोपहर- दो पहरों का समूह (द्विगु समास), चतुर्भुज- चार है भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु (बहुव्रीहि समास)। |