रौद्र रस MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for रौद्र रस - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 17, 2025
Latest रौद्र रस MCQ Objective Questions
Top रौद्र रस MCQ Objective Questions
रौद्र रस Question 1:
‘रौद्ररस’ का स्थायी भाव इनमें से कौनसा है?
Answer (Detailed Solution Below)
रौद्र रस Question 1 Detailed Solution
- क्रोध यहाँ सही विकल्प है, अन्य विकल्प असंगत है।
- रौद्ररस का स्थायी भाव क्रोध होता है।अत: क्रोध और गुस्से के भाव में लिखा गया काव्य रौद्ररस का काव्य कहलाता है।
विशेष:
रस |
स्थायीभाव |
हास्य रस |
हास |
करुण रस |
शोक |
श्रृंगार रस |
रति |
रौद्र रस Question 2:
रौद्र रस का स्थायी भाव क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
रौद्र रस Question 2 Detailed Solution
रौद्र रस का स्थाई भाव "क्रोध" होगा। क्योंकि क्रोध के कारण ही व्यक्ति में रौद्र रूप का आवरण होता है।
Key Points
परिभाषा:
जहां क्रोध की व्यंजना हो वहां रौद्र रस माना जाता है।
काव्य के अनुसार सहृदय में वासना रूप से विद्यमान क्रोध नामक स्थाई भाव अपने अनुरूप विभाव ,
अनुभाव और संचारी भाव के सहयोग से जब अभिव्यक्त होकर आस्वाद रूप धारण कर लेता है तब वहां रौद्र रस माना जाता है।
रौद्र रस के अवयव:
रस का नाम | रौद्र रस |
रस का स्थाई भाव | क्रोध |
आलम्बन | अपराधी व्यक्ति ,शत्रु ,विपक्षी , दुराचारी ,लोक पीड़ा , अत्यचरी , अन्यायी। |
उद्दीपन | अनिष्ट कार्य ,निंदा ,कठोर वचन , अपमानजनक वाक्य। |
अनुभाव | आँख लाल होना ,होठों का फड़फड़ाना ,भौंटों का रेढा होना ,दांत पीसना ,शत्रुओं को ललकारना ,अस्त्र-शस्त्र चलाना। |
संचारी भाव | मोह ,उग्रता ,आशा ,हर्ष ,स्मृति ,भावेग ,चपलता ,मति ,उत्सुकता ,अमर्ष आदि। |
Additional Informationउदाहरण:
- सुनत लखन के बचन कठोर। परसु सुधरि धरेउ कर घोरा
- अब जनि देर दोसु मोहि लोगू। कटुबादी बालक बध जोगू। ।
उपरोक्त प्रसंग सीता स्वयंवर का है , जिसमें लक्ष्मण के द्वारा मुनि परशुराम को भड़काने क्रोध दिलाने का प्रसंग है।
लक्ष्मण परशुराम के क्रोध को इतना बढ़ा देते हैं कि वह बालक लक्ष्मण का वध करने को आतुर होते हैं।
उनकी भुजाएं फड़फड़ाने लगती है।
इसे देखकर वहां दरबार में उपस्थित सभी राजा-राजकुमार थर-थर कांपने लगते हैं। क्योंकि परशुराम के क्रोध को सभी भली-भांति जानते हैं।
रौद्र रस Question 3:
'रौद्र रस' का स्थायी भाव इनमें से कौन सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
रौद्र रस Question 3 Detailed Solution
'रौद्र रस' का स्थायी भाव क्रोध है। अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 1 ‘क्रोध’ है।
Key Points
रौद्र रस |
दुष्ट के अत्याचार, अपने अपमान आदि के कारण जाग्रत क्रोध स्थायी भाव का विभावादि मे पुष्ट होकर रौद्र रस रूप मे परिपाक होता हैं। |
रस का नाम |
रौद्र रस |
स्थाई भाव |
क्रोध |
आलम्बन |
अपराधी व्यक्ति, शत्रु, विपक्षी, द्रोही, दुराचार। |
उद्दीपन |
कटुवचन, शत्रु के अपराध, शत्रु की गर्वोक्ति। |
अनुभाव |
नेत्रों का रक्तिम होना, त्यौंरो चढ़ाना, ओठ चबाना। |
संचारी भाव |
मद, उग्रता, अमर्ष, स्मृति, जङता, गर्व। |
Important Points
स्थायी भाव - मानव हृदय में, कुछ भाव स्थायी रूप से विद्यमान रहते हैं। इन्हें स्थायी भाव कहते हैं। स्थायी भाव की परिपक्व अवस्था ही रस है। ये 9 हैं, अतः रस भी 9 माने गये हैं।
स्थायी भाव |
रस |
1. रति |
श्रृंगार |
2. हास |
हास्य |
3. शोक |
करुण |
4. उत्साह |
वीर |
5. क्रोध |
रौद्र |
6. भय |
भयानक |
7. जुगुप्सा (घृणा) |
वीभत्स |
8. विस्मय |
अद्भुत |
9. निर्वेद (वैराग्य) |
शान्त |
Additional Information
रस |
रस का शाब्दिक अर्थ है 'आनन्द'। काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनन्द की अनुभूति होती है, उसे रस कहा जाता है। |
+
रौद्र रस Question 4:
निम्नलिखित पंक्तियाँ किस रस का उदाहरण हैं?
“हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया,
डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान कुपित होकर बोले
‘जंज़ीर बढ़ा कर साध मुझे, हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे।”
Answer (Detailed Solution Below)
रौद्र रस Question 4 Detailed Solution
उक्त पंक्तियों में ‘रौद्र रस’ का प्रयोग हुआ है। अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 'रौद्र रस' है।
स्पष्टीकरण
रौद्र रस अर्थात किसी व्यक्ति के द्वारा क्रोध में किए गए अपमान आदि से उत्पन्न हुआ भाव। जैसे - अविरत बोले वचन कठोर, बेगी देखाउ मूढ नत आजू। उलतऊँ माहि जंह लग तवराजू। |
वीर रस अर्थात उत्साह नामक स्थाई भाव जब विभावादी के संयोग से परिपक्व होकर रस रूप में परिणत हो। जैसे - वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो। सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो। तुम कभी रूको नहीं, तुम कभी झुको नहीं। |
भक्ति रस का स्थायी भाव ‘देव रति’ है तथा इसमें ईश्वर के प्रति प्रेम का वर्णन किया जाता है। जैसे – मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरों ना कोई, जाके सिर मोर मुकुट, मेरो पति सोई। |
करुण रस अर्थात किसी प्रिय व्यक्ति के विरह से उत्पन्न होने वाली शोकावस्था। जैसे – सोक विकल सब रोंवही रानी। रूपु सीलु बलु तेज बखानी। करहिं मिलाप अनेक प्रकार। परहिं भूमि तल बारहिं बारा। |
रौद्र रस Question 5:
रौद्र रस का स्थायी भाव क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
रौद्र रस Question 5 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 ‘क्रोध’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- रौद्र रस का स्थायी भाव ‘क्रोध’ है।
- किसी रचना या वाक्य से अत्यधिक रुद्र क्रोध जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे रौद्र रस कहा जाता है।
Additional Information
रस |
काव्य को पढ़ने, सुनने से उत्पन्न होने वाले आनंद की अनुभूति को साहित्य के अंतर्गत रह कहा जाता है। हिंदी में ‘स्थायी भाव’ के आधार पर काव्य में ‘नौ’ रस बताए गए हैं, जो निम्नलिखित हैं:- |
रस और उनके स्थायीभाव -
रस |
स्थायी भाव |
शृंगार रस |
रति |
हास्य रस |
हास |
करुण रस |
शोक |
रौद्र रस |
क्रोध |
वीर रस |
उत्साह |
भयानक रस |
भय |
वीभत्स रस |
जुगुप्सा |
अद्भुत रस |
विस्मय |
शांत |
निर्वेद |
रौद्र रस Question 6:
निम्नलिखित में से किस रस का स्थायी भाव क्रोध है ?
Answer (Detailed Solution Below)
रौद्र रस Question 6 Detailed Solution
रौद्र रस का स्थायी भाव क्रोध है।
Key Points
- जब किसी एक पक्ष या व्यक्ति द्वारा दूसरे पक्ष या दूसरे व्यक्ति का अपमान करने अथवा अपने गुरुजन आदि की निन्दा से जो क्रोध उत्पन्न होता है, उसे रौद्र रस कहते हैं।
- इसका स्थायी भाव क्रोध होता है।
- उदाहरण -
- श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्षोभ से जलने लगे।
- सब शील अपना भूल कर करतल युगल मलने लगे॥
Important Pointsरस एवं उनके स्थाई भाव -
रस | स्थाई भाव |
---|---|
श्रृंगार | रति / प्रेम |
हास्य | हास |
करुण | शोक |
वीर | उत्साह |
रौद्र | क्रोध |
भयानक | भय |
वीभत्स | जुगुप्सा / घ्रणा |
अदभुत | विस्मय / या आश्चर्य |
शांत | शम / निर्वेद / वैराग्य / वीतराग |
वत्सल | वात्सल रति |
भक्ति रस | रति / अनुराग |
Additional Information
रस | परिभाषा | उदाहरण |
वीभत्स | घृणित वस्तु, घृणित व्यक्ति या घृणित चीजों को देखकर, उनको देखकर या उनके बारे में विचार करके मन में उत्पन्न होने वाली घृणा या ग्लानि ही वीभत्स रस कहलाती है। स्थायी भाव- जुगुप्सा |
जहँ - तहँ मज्जा माँस रुचिर लखि परत बगारे। जित - जित छिटके हाड़, सेत कहुं -कहुं रतनारे।। |
भयानक |
जब किसी भयानक व्यक्ति या वस्तु को देखने, उससे संबन्धित वर्णन सुनने या किसी दुखद घटना का स्मरण करने से मन में जो व्याकुलता उत्पन्न होती है, उसे भयानक रस कहते हैं। इसका स्थायी भाव भय होता है। |
एक ओर अजगर हिं लखि, एक ओर मृगराय॥ विकल बटोही बीच ही, पद्यो मूर्च्छा खाय॥ |
वीर |
इस रस के अंतर्गत जब युद्ध अथवा कठिन कार्य को करने के लिए मन में जो उत्साह की भावना विकसित होती है, उसे ही वीर रस कहते हैं। इसमें शत्रु पर विजय प्राप्त करने, यश प्राप्त करने आदि प्रकट होती है इसका स्थायी भाव उत्साह होता है। |
बुंदेले हर बोलो के मुख हमने सुनी कहानी थी। खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी।। |
रौद्र रस Question 7:
‘रौद्र रस’ का स्थायी भाव क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
रौद्र रस Question 7 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 ‘क्रोध’ है। इसके अन्य विकल्प गलत उत्तर होंगे।
स्पष्टीकरण:
दिए गए विकल्पों में ‘रौद्र रस’ का स्थायी भाव ‘क्रोध’ है। इसलिए इसका सही उत्तर ‘क्रोध’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
विशेष:
रस:- काव्य को पढ़ने, सुनने से उत्पन्न होने वाले आनंद की अनुभूति को साहित्य के अंतर्गत ‘रस’ कहा जाता है।
‘स्थायी भाव’ के आधार पर हिन्दी काव्य में ‘नौ’ रस बताए गए हैं, जो निम्नलिखित हैं:-
|
रस |
स्थायी भाव |
1. |
शृंगार रस |
रति |
2. |
हास्य रस |
हास |
3. |
करुण रस |
शोक |
4. |
रौद्र रस |
क्रोध |
5. |
वीर रस |
उत्साह |
6. |
भयानक रस |
भय |
7. |
वीभत्स रस |
जुगुप्सा |
8. |
अद्भुत रस |
विस्मय |
9. |
शांत |
निर्वेद |
रौद्र रस Question 8:
रौद्र रस का स्थायी भाव है:
Answer (Detailed Solution Below)
रौद्र रस Question 8 Detailed Solution
सही उत्तर 'उपर्युक्त में से कोई नहीं' है।
Key Points
- रौद्र रस का स्थायीभाव 'क्रोध' है।
- वीर रस का स्थायीभाव 'उत्साह' है।
- भयानक रस का स्थायीभाव 'भय' है।
- अद्भुत रस का स्थायीभाव 'विस्मय' है।
- रस के चार अंग हैं - स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव और संचारी भाव।
Additional Information
काव्य को पढ़ने, सुनने से उत्पन्न होने वाले आनंद की अनुभूति को साहित्य के अंतर्गत रह कहा जाता है। हिंदी में ‘स्थायी भाव’ के आधार पर काव्य में ‘नौ’ रस बताए गए हैं, जो निम्नलिखित हैं:- |
||
|
रस |
स्थायी भाव |
1. |
शृंगार रस |
रति |
2. |
हास्य रस |
हास |
3. |
करुण रस |
शोक |
4. |
रौद्र रस |
क्रोध |
5. |
वीर रस |
उत्साह |
6. |
भयानक रस |
भय |
7. |
वीभत्स रस |
जुगुप्सा |
8. |
अद्भुत रस |
विस्मय |
9. |
शांत रस |
निर्वेद |
रौद्र रस Question 9:
निम्न में से कौन सा सुमेलित नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
रौद्र रस Question 9 Detailed Solution
सुमेलित नहीं हैं - रौद्र – उत्साह
- रौद्र रस का स्थायी भाव क्रोध होता है।
- उत्साह स्थायी भाव वीर रस का होता है।
Key Pointsस्थायी भाव-
- सहृदय के मन में जो भाव सदा विद्यमान रहते है, उन्हें स्थायी भाव कहते है।
- जिसके अंतःकरण में ये भाव उत्पन्न होते है, उसे आश्रय कहते है।
- भरतमुनि के अनुसार 8 स्थायी भाव होते हैं।
Important Pointsविभिन्न रस व उनके स्थायी भाव-
रस | स्थायी भाव |
शृंगार रस | रति |
हास्य रस | हास |
करुण रस | शोक |
अद्भुत रस | विस्मय |
वीभत्स रस | जुगुप्सा |
भयानक रस | भय |
शांत रस | निर्वेद |
प्रेयान रस | स्नेह |
वात्सल्य रस | वत्सलता |
भक्ति रस | ईश्वर विषयक रति |
Additional Informationरस-
- आचार्य भरतमुनि के अनुसार -
- विभाव, अनुभाव और व्यभिचारि भाव के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है।
- रस के चार अंग हैं -
- स्थायी भाव
- विभाव
- अनुभाव
- व्यभिचारि/संचारी भाव
रौद्र रस Question 10:
रौद्र रस का स्थायी भाव कौन सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
रौद्र रस Question 10 Detailed Solution
'रौद्र रस' का स्थायी भाव क्रोध है। अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 3 ‘क्रोध’ है।
Key Points
रौद्र रस |
सका स्थायी भाव क्रोध होता है जब किसी एक पक्ष या व्यक्ति द्वारा दुसरे पक्ष या दुसरे व्यक्ति का अपमान करने अथवा अपने गुरुजन आदि कि निन्दा से जो क्रोध उत्पन्न होता है उसे रौद्र रस कहते हैं इसमें क्रोध के कारण मुख लाल हो जाना, दाँत पिसना, शास्त्र चलाना, भौहे चढ़ाना आदि के भाव उत्पन्न होते हैं। |
रस का नाम |
रौद्र रस |
स्थाई भाव |
क्रोध |
आलम्बन |
विपक्षी, अनुचित व्यक्ति कहने वाला व्यक्ति |
उद्दीपन |
विपक्षी के कार्य और उक्तियाँ |
अनुभाव |
मुख लाल हो जाना, दाँत पिसना, शास्त्र चलाना, भौहे चढ़ाना, गर्जन आदि। |
संचारी भाव |
आवेग, अमर्ष, मोह, मद, उद्वेग, असूया, स्मृति आदि। |
Important Points
स्थायी भाव - मानव हृदय में, कुछ भाव स्थायी रूप से विद्यमान रहते हैं। इन्हें स्थायी भाव कहते हैं। स्थायी भाव की परिपक्व अवस्था ही रस है। ये 9 हैं, अतः रस भी 9 माने गये हैं।
स्थायी भाव |
रस |
1. रति |
श्रृंगार |
2. हास |
हास्य |
3. शोक |
करुण |
4. उत्साह |
वीर |
5. क्रोध |
रौद्र |
6. भय |
भयानक |
7. जुगुप्सा (घृणा) |
वीभत्स |
8. विस्मय |
अद्भुत |
9. निर्वेद (वैराग्य) |
शान्त |
Additional Information
रस |
रस का शाब्दिक अर्थ है 'आनन्द'। काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनन्द की अनुभूति होती है, उसे रस कहा जाता है। |