अयादि संधि MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for अयादि संधि - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్‌లోడ్ కరెన్

Last updated on Mar 21, 2025

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Top अयादि संधि MCQ Objective Questions

अयादि संधि Question 1:

निम्न विकल्पों में नयन की ठीक संधि बताइए-

  1. न + यन
  2. ने + यान
  3. न + अयन
  4. ने + अन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : ने + अन

अयादि संधि Question 1 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से नयन की ठीक संधि  "ने + अन" है। 

Key Points

  • 'नयन' शब्द में 'अयादि संधि' है।
  • ने + अन = नयन  (ए + अ = अय )
  • जब ए,ऐ,ओ,औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ” ए- अय “, ” ऐ- आय”, “ओ- अव ” , “औ- आव”  मैं हो जाता है।
  • य, व् से पहले व्यंजन पर अ, आ की मात्रा हो तो अयादि संधि हो सकती है,
  • लेकिन अगर और कोई विच्छेद न निकलता हो तो + के बाद वाले भाग को वैसा का वैसा लिखना होगा।
  • उसे अयादि संधि कहते हैं।

Important Points

  • दो वर्णों के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं।
  • दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करने को संधि विच्छेद कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार होते हैं- 

संधि परिभाषा  उदाहरण 
स्वर संधि जब स्वर के साथ स्वर का मेल होता है तब जो परिवर्तन होता है वह स्वर संधि कहलाता है।
  • महा + आत्मा -महात्मा
  • विद्या+अर्थी-विद्यार्थी
व्यंजन संधि व्यंजन वर्ण के साथ स्वर वर्ण या व्यंजन वर्ण अथवा स्वर वर्ण के साथ व्यंजन वर्ण के मेल से जो विकार उत्पन हो, उसे ‘व्यंजन संधि’ कहते हैं।
  • दिक+अंबर-दिगंबर
  • अभी+सेक- अभिषेक
विसर्ग संधि जब  विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन आ जाए तब जो परिवर्तन होता है ,वह विसर्ग संधि कहलाता है।
  • मन: + अनुकूल = मनोनुकूल
  • नि: + पाप =निष्पाप

Additional Information

स्वर संधि के पांच प्रकार होते हैं- 

संधि परिभाषा  उदाहरण 
दीर्घ संधि

दो समान स्वर मिलकर दीर्घ हो  जाते है। 

जब अ,आ के साथ अ,आ हो तो “आ”बनता है।
जब इ,ई के साथ इ,ई हो तो “ई” बनता है।
जब उ,ऊ के साथ उ,ऊ हो तो “ऊ”बनता है।

  • विद्या+अर्थी-विद्यार्थी
  • भानु+उदय-भानूदय
गुण संधि यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद इ/ई  आए तो ‘ए’ ; ऊ/ऊ आए तो ‘ओ’ और ‘ऋ’ आए तो ‘अर’ हो  जाता है। 
  • नर+इंद्र-नरेंद्र
  • ज्ञान+उपदेश-ज्ञानोपदेश
वृद्धि संधि यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद ए/ऐ रहे तो ‘ऐ’ और ओ/औ  रहे तो ‘औ’ बन जाता है।
  • मत+एकता-मतैकता
  • सदा+एव- सदैव
यण संधि यदि इ/ई, उ/ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ/ई का ‘य’ उ/ऊ का ‘व’ और ऋ का ‘र’ हो जाता है।
  • अनु+अय- अनवय
  • सु+ आगत- स्वागत
अयादि संधि यदि ए, ऐ, ओं और औ के बाद भिन्न स्वर आये तो ‘ए’ का अय ‘ऐ’ का आय, ‘ओ’ का अव और ‘औ’ का आव हो जाता है। 
  • नौ+ इक- नाविक
  • भो+अन- भवन

अयादि संधि Question 2:

'पवन' में कौन-सी सन्धि है।

  1. यण
  2. गुण
  3. दीर्घ
  4. अयादि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अयादि

अयादि संधि Question 2 Detailed Solution

अयादि सन्धि यहाँ सही विकल्प है, अन्य विकल्प असंगत है।

पवन = पो + अन, क्योंकि यदि ए/ऐ, ओ/औ के बाद कोई भी स्वर हो तो  ए का अय, ऐ का आय ओ का अव, औ का आव बन जाता हैI अयादि संधि कहलाती हैI

अन्य विकल्प

सन्धि

परिभाषा

उदाहरण

यण

यदि  इ/ई के बाद कोई अन्य स्वर हो, तो ‘य’ बन जाता है, उ/ऊ का ‘व’ तथा  ऋ का ‘र’ बन जाता हैI यण संधि कहलाती हैI

मधु + आलय= मध्वालय

अति + उत्तम= अत्युत्तम

गुण

यदि  अ/आ के बाद इ/ई हो, तो ‘ए/ऐ’ बन जाता है, तथा उ/ऊ हो, तो ‘ओ/औ’ बन जाता है, और ऋ हो, तो ‘अर्’ बन जाता हैI गुण संधि कहलाती हैI

महा + इन्द्र= महेन्द्र

महा + ऋषि= महर्षि

दीर्घ

जब दो समान स्वर मिलकर दीर्घ रूप धारण करते है, तो दीर्घ संधि कहलाती है।

गिरि + इन्द्र= गिरीन्द्र

गिरि + ईश= गिरीश

अयादि संधि Question 3:

'शावक' शब्द का सही संधि-विच्छेद होगा-

  1. शौ + आक
  2. शो + अक
  3. शो + आक
  4. शौ + अक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : शौ + अक

अयादि संधि Question 3 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से 'शावक' शब्द का सही संधि-विच्छेद "शौ + अक" होगा। 

Key Points

  • शौ + अक = शावक
  • शावक में ‘अयादि‘ संधि है, और शावक  शब्द का संधि विच्छेद ‘शौ + अक‘ होता है।
  • उपर्युक्त शावक शब्द में औ + अ= आव  का मेल होकर संधि शब्द युक्त शब्द शावक बना है।
  • चूँकि इसमें औ + अ= आव  का मेल हुआ है अत: संधि के नियम के अनुसार शावक में अयादि संधि होती है।
  • अयादि संधि - जब ए,ऐ,ओ,औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ” ए- अय “, ” ऐ- आय”, “ओ- अव ” , “औ- आव”  मैं हो जाता है।
  • अयादि संधि स्वर संधि का एक प्रकार है।

Additional Information

  • दो वर्णों के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। 
  • दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करने को संधि विच्छेद कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार होते हैं-

संधि  परिभाषा  उदाहरण 
स्वर संधि जब स्वर के साथ स्वर का मेल होता है तब जो परिवर्तन होता है वह स्वर संधि कहलाता है। 
  • विद्या+आलय -विद्यालय
व्यंजन संधि व्यंजन वर्ण के साथ स्वर वर्ण या व्यंजन वर्ण अथवा स्वर वर्ण के साथ व्यंजन वर्ण के मेल से जो विकार उत्पन हो, उसे ‘व्यंजन संधि’ कहते हैं।
  • दिक+अंबर-दिगंबर
  • अभी+सेक- अभिषेक
विसर्ग संधि जब  विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन आ जाए तब जो परिवर्तन होता है ,वह विसर्ग संधि कहलाता है।
  • मन: + अनुकूल = मनोनुकूल
  • नि: + पाप =निष्पाप

अयादि संधि Question 4:

'पो + अन' किस स्वर संधि का उदाहरण है?

  1. गुण
  2. अयादि
  3. वृद्धि
  4. यण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अयादि

अयादि संधि Question 4 Detailed Solution

'पो + अन' शब्द में अयादि संधि  है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः विकल्प 2 ‘अयादि’ सही उत्तर है।

Key Points

  • 'पो + अन = पवन' में अयादि संधि  है।
  • 'पो + अन = पवन(ओ + अ = अव), यहाँ '' और 'अ' के मेल से 'अवबना है। 
  • जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।


अन्य विकल्प- 

संधि

परिभाषा

उदाहरण

यण संधि

जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' य ' बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' व् ' बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' र ' बन जाता है।

पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा

वृद्धि संधि

जब संधि करते समय जब अ , आ के साथ ए , ऐ हो तो ' ऐ ' बनता है और जब अ , आ के साथ ओ , औ हो तो ' औ ' बनता है। उसे वृधि संधि कहते हैं।

महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य
गुण संधि

जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो 'ए' बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ओ' बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो 'अर' बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है। 

सर्व + ईक्षण = सर्वेक्षण

 

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के

 मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

अयादि संधि Question 5:

नै + अक = नायक  में कौन-सी संधि है?

  1. अयादि
  2. दीर्घ
  3. गुण
  4. पूर्वरूप

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अयादि

अयादि संधि Question 5 Detailed Solution

'नायक' में अयादि संधि है।

नायक = अयादि संधि

  • संधि-विच्छेद - नायक = नै + अक
  • अयादि संधि - जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो 'ए का अय', 'ऐ का आय', 'ओ का अव', 'औ का आव' बन जाए तो वहाँ अयादि संधि होता है।
  • अयादि संधि के नियम -
    • ए + अन्य स्वर = अय
    • ऐ + अन्य स्वर = आय
    • ओ + अन्य स्वर = अव
    • औ + अन्य स्वर = आव
  • उदाहरण -
    • भो + अन = भवन (ओ + अन्य स्वर = अव)
    • चे + अन = चयन (ए + अन्य स्वर = अय)

Key Pointsअन्य विकल्प

  • दीर्घ संधि - जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ’ बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ई’ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ऊ’ बनता है। इस संधि को हम ह्रस्व संधि भी कह सकते हैं।
  • गुण संधि - अ और आ स्वरों के बाद ह्रस्व और दीर्घ इ, उ, ऋ स्वर आए तो संधि करते समय इनके स्थान पर क्रमश ऐ, ओ, अर का आदेश हो जाता हैं. यह गुण संधि कहलाती हैं
  • पूर्वरूप संधि संस्कृत व्याकरण की संधि है।

Additional Informationसंधियाँ तीन प्रकार की होती हैं -

स्वर संधि 

  1. दीर्घ संधि
    • अ/आ + अ/आ = 
    • इ/ई + इ/ई = ई
    • उ/ऊ + उ/ऊ = 
  2. गुण संधि
    • अ/आ + उ/ऊ = ओ
    • अ/आ + इ/ई = ए
    • अ + ऋ = अर्
  3. वृद्धि संधि
    • अ/आ + ए/ऐ = ऐ
    • अ/आ + ओ/औ = 
  4. यण संधि
    • इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = 
    • उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
    • ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = 
  5. अयादी संधि
    • ए + अन्य स्वर = अय
    • ऐ + अन्य स्वर = आय
    • ओ + अन्य स्वर = अव
    • औ + अन्य स्वर = आव

व्यंजन संधि

  • क्च्ट्त्प् + सभी स्वर / य्र्ल्व् / किसी वर्ग का तीसरा एवं चौथा वर्ण अपने ही वर्ग का तीसरे वर्ण बनेगा
    • जैसे :- क् का ग्ट् का ड्त् का द्प् का ब् 
      • दिक् + अम्बर = दिगम्बर
      • षट् + यन्त्र = षड्यन्त्र
      • उत् + घाटन = उद्घाटन
      • अप् + ज = अब्ज
  • क्च्ट्त्प् , अपने ही वर्ग का पंचमक्षर वर्ण बनेगा
    • जैसे :- क् का ङ्च् का ट् का ण्त् का न्प् का म्
      • प्राक् + मुख = प्राङ्मुख
      • षट् + मुख = षण्मुख
      • उत् + नति =  उन्नति
  •  क से म के सभी व्यंजन वर्ण का अंतिम नासिक वर्ण
    • सम् + गम = संगम
  • त् +  ,  ,  ,  ,  ,  , ,  , व् = द्
    • तत् + रूप = तद्रूप्त
  • म् + ह = अनुस्वार
    • सम् + शय = संशय
  • त् + श् = त् को च् और श् को छ् 
    • शरत् + चन्द्र = शरच्चन्द्र
  • त् या द् +  या  त् या द् के स्थान पर च् होगा
    • उत् + छिन्न = उच्छिन्न
  • त् + ह् = त् का द् और ह् का ध् हो जाता है। 
    • तत् + हित = तद्धित
  • त् या द्  या   = त् या ज् 
    • जगत् + जीवन = जगज्जीवन
  • स्वर + छ् = छ् से पहले च् जुड़ेगा 
    • आ + छादन = आच्छादन
  • त् या द् +  ट या ठ = त् या द् के स्थान पर ट्
    • तत् + टीका = तट्टीका
  • त् या द् +  या ढ = त् या द् के स्थान पर ड्
    • भवत् + डमरू = भवड्डमरू
  • त् या द् + ल = त् या द् की जगह पर ल्
    • उत् + लास = उल्लास
  • र् या ष्  +  / स्वर / क वर्गप वर्ग / अनुश्वार /  न् का  हो जाता है।
    • प्र + मान : प्रमाण
    • भुष + अन : भूषण
  • ष + त या थ = त के बदले  और थ के बदले 
    • पृष् + थ = पृष्ठ
  • यदि किसी शब्द का पहला वर्ण  हो तथा उसके पहले  या  के अलावा कोई दूसरा स्वर आये तो स के स्थान पर  हो जाता है।
    • सु + सुप्ति = सुषुप्ति
  • यौगिक शब्दों के अंत में यदि प्रथम शब्द का अंतिम वर्ण  हो, तो उसका लोप हो जाता है। 
    • प्राणिन + मात्र =  प्राणिमात्र
  • त् से पहले च् या छ् होने पर ज् या झ् होने पर ज्ट् या ठ् होने पर ट्ड् या ढ् होने पर ड् और ल होने पर ल् बन जाता है।

 

विसर्ग संधि

विसर्ग में स्वर या व्यंजन के संयोग से होने वाले विकार निम्नलिखित हैं -

  • ​विसर्ग के आगे  आए तो वह क्रमशः श्ष्स्, में बदल जाता है। 
    • उदाहरण - निः + सन्देह = निस्सन्देह
  • विसर्ग से पहले इ या उ हो और बाद में  आए तो विसर्ग का लोप हो जाएगा और इ तथा उ दीर्घ  में बदल जाएँगे। 
    • निः + रस = नीरस
  • विसर्ग के बाद च-छ’, ‘ट-ठ’ तथा त-थ’ आए तो विसर्ग क्रमशः श्’, ‘ष्’, ‘स्’ में बदल जाते हैं
    • धनु: + टंकार = धनुष्टंकार
    • निः + छल = निश्छल
  • विसर्ग के बाद  रहने पर विसर्ग में कोई विकार नहीं होता। 
    • प्रात: + काल = प्रात:काल
  • विसर्ग से पहले अ’ या ‘आ’ को छोड़कर कोई स्वर हो और बाद में वर्ग के तृतीय,चतुर्थ और पंचम वर्ण अथवा  में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग र’ में बदल जाता है। 
    • नि: + आधार = निराधार
    • दुः + बोध = दुर्बोध
  • विसर्ग से पहले  को छोड़कर कोई अन्य स्वर आए और बाद में कोई भी स्वर आए तो भी विसर्ग र् में बदल जाता है। 
    • नि: + आशा = निराशा
  • विसर्ग से पहले  आए और बाद में  या घोष वर्ण आए तो विसर्ग का लोप हो जाता है तथा विसर्ग ओ’ में बदल जाता है। 
    • मन: + रथ = मनोरथ
  • विसर्ग से पहले इ या उ आए और बाद में  में से कोई वर्ण आए तो विसर्ग ष्’ में बदल जाता है। 
    • निः + पाप = निष्पाप
  • विसर्ग से पूर्व  आए और बाद में  व  आए तो कोई परिवर्तन नहीं होता। 
    • पुनः प्राप्ति = पुनः + प्राप्ति

अयादि संधि Question 6:

'पवन' का संधि-विच्छेद क्या है?

  1. प + अवन
  2. पो + अन
  3. प + वन
  4. पौ + अन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पो + अन

अयादि संधि Question 6 Detailed Solution

'पवन' का संधि-विच्छेद है - 'पो + अन'

  • 'पवन' में 'अयादि स्वर संधि' है।
  • 'पवन' का संधि विच्छेद 'पो + अन' (ओ + अ = अव) होता है। 
  • पवन - हवा, वायु, वात, तान, अनिल, बयार, मारुत, समीर, समीरण।

Key Pointsअयादि संधि:-

  • जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), 
  • (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ का आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।

उदाहरण - 

  • ने + अन = नयन (ए + अ = अय)
  • नै + अक = नायक  ( ऐ + अ = आय)
  • भो + अन = भवन (ओ + अ =अव)
  • पौ + अक = पावक (औ + अ = औ)

अयादि संधि Question 7:

'पो + अन' किस स्वर संधि का उदाहरण है?

  1. गुण
  2. अयादि
  3. वृद्धि
  4. यण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अयादि

अयादि संधि Question 7 Detailed Solution

इसका सही उत्तर 'अयादि' है।

Key Points

अयादि संधि

संधि करते जब ए के बाद अन्य स्वर आए तो ‘अय’, ऐ के बाद कोई अन्य स्वर आए तो ‘आय’, ओ के बाद कोई अन्य स्वर आए तो ‘अव’, और औ के बाद कोई अन्य स्वर आए तो ‘आव’ हो जाता हैं। ऐसी संधि को अयादी संधि कहा जाता हैं।

पो + अन = पवन

(ओ+अ=अव)

 

अन्य विकल्प - 

प्रकार

परिभाषा

उदाहरण

गुण संधि

गुण संधि में दो भिन्न स्वरों के मिलने से एक अन्य स्वर बनता हैं। जैसे अ और इ के मिलने से ए बनता हैं।

महा + उत्सव = महोत्सव

वृद्धि संधि

जब संधि करते समय अ या आ के बाद ए या ऐ आए तो ‘ऐ’, अ या आ के बाद ओ या औ आए तो ‘औ’ हो जाता हैं।

पुत्र + एषणा = पुत्रैषणा

 

यण संधि

कुछ स्वरों को संधि करते समय आपस में मिलाने पर य और र में बदल जाते हैं। ऐसी संधि को यण संधि कहा जाता हैं. इस संधि में इ या ई के बाद कोई स्वर आए तो ‘य’ तथा उ या ऊ के बार कोई स्वर आए तो ‘व्’ में परिवर्तित हो जाता हैं।

अति + अधिक = अत्यधिक

 

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

 व्यंजन 

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के

 मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

अयादि संधि Question 8:

निम्‍नलिखित प्रश्‍न में, चार विकल्‍पों में से, उस विकल्‍प का चयन करें जो दिए गए शब्द के लिए सही संधि-विच्‍छेद वाला विकल्‍प है।

‘नाविक’ 

  1. ना + विक 
  2. नाव + इक 
  3. नावि + क
  4. नौ + इक  

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : नौ + इक  

अयादि संधि Question 8 Detailed Solution

उचित उत्तर विकल्प 4 नौ + इक है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।

Key Points

  • ‘नाविक’ का संधि- विच्छेद ‘नौ + इक’ होगा।
  • (औ + इ = आव੍ + इ) है। अत: यहाँ अयादि स्वर संधि है।

अयादि स्वर संधि

जब संधि करते समय ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ का आव) बन जाता है, वहाँ अयादि स्वर संधि होती है। यह संधि स्वर संधि का भेद है। 

 विशेष:

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है, उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

निः + कपट =निष्कपट

अयादि संधि Question 9:

निम्नांकित में अयादि सन्धि किस शब्द में है?

  1. अन्विति
  2. तन्मय
  3. भावुक
  4. प्रत्येक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : भावुक

अयादि संधि Question 9 Detailed Solution

सही उत्तर 'भावुक' है।

  • भावुक शब्द में अयादि संधि है।
  • भावुक शब्द का संधि विच्छेद: भौ + उक
  • 'भावुक' शब्द में 'औ + उ= आवु; का मेल हो रहा है इसलिए यहां अयादि संधि है।

Key Points

अन्य विकल्पों का विश्लेषण

शब्द 

संधि विच्छेद

संधि 

अन्विति

अनु + इति

यण संधि

तन्मय

तत् + मय 

व्यंजन संधि

प्रत्येक

प्रति + एक

यण संधि

Additional Information

दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र।

यण स्वर संधि -  इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण।

गुण स्वर संधि -  अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र

वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी।

अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है।  

अयादि संधि Question 10:

‘पवित्र' का संधि विच्छेद है-

  1. पव+इत्र
  2. पो+एत्र
  3. पो+इत्र
  4. पव्+इत्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : पो+इत्र

अयादि संधि Question 10 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से ‘पवित्र' का संधि विच्छेद है- "पो+इत्र"

Key Points

  • पवित्र शब्द में अयादि संधि है। 
  • पो+इत्र = पवित्र  (ओ + इ = अव)

Additional Information

  • दो वर्णों के मेल से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। 
  • दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करने को संधि विच्छेद कहते हैं।
  • संधि के तीन प्रकार होते है- स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि।
  • जब स्वर के साथ स्वर का मेल होता है तब जो परिवर्तन होता है वह स्वर संधि कहलाता है।

स्वर संधि के पांच प्रकार होते हैं-

संधि परिभाषा  उदाहरण 
दीर्घ संधि दो समान स्वर मिलकर दीर्घ हो  जाते है।  यदि हस्व या दीर्घ  अ, इ, उ के बाद क्रमशः हस्व या दीर्घ अ, इ, उ, अथवा अ, ई, ऊ आये तो मिलकर आ, ई, ऊ  हो जाते है। 
  • विद्या+अर्थी-विद्यार्थी
  • भानु+उदय-भानूदय
गुण संधि यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद इ/ई  आए तो ‘ए’ ; ऊ/ऊ आए तो ‘ओ’ और ‘ऋ’ आए तो ‘अर’ हो  जाता है। 
  • नर+इंद्र-नरेंद्र
  • देव+ऋषि-देवर्षि
वृद्धि संधि यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद ए/ऐ रहे तो ‘ऐ’ और ओ/औ  रहे तो ‘औ’ बन जाता है।
  • मत+एकता-मतैकता
  • सदा+एव- सदैव
यण संधि यदि इ/ई, उ/ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ/ई का ‘य’ उ/ऊ का ‘व’ और ऋ का ‘र’ हो जाता है।
  • इती+ आदि- इत्यादि
  • अनु+अय- अनवय
अयादि संधि जब ए,ऐ,ओ,औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ” ए- अय “, ” ऐ- आय”, “ओ- अव ” , “औ- आव”  मैं हो जाता है
य, वह से पहले व्यंजन पर अ,आ की मात्रा हो तो वह अयादि संधि हो सकती है परंतु अगर कोई विच्छेद ना निकलता हो तो के + बाद आने वाले भाग को वैसा ही लिखना होगा अयादि संधि कहलाता है।
  • ने+अन- नयन
  • नौ+ इक- नाविक
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