संधि MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for संधि - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 9, 2025
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संधि Question 1:
'यशोभिलाषा' शब्द में कौनसी संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 1 Detailed Solution
'यशोभिलाषा' शब्द में संधि- 'विसर्ग संधि'।
यशः+ अभिलाषा= 'यशोभिलाषा'।
Key Point
'विसर्ग संधि' के अन्य उदाहरण-
- मन: + अभिलाषा = मनोभिलाषा।
- मन: + अनुभूति = मनोनुभूति।
- पय: + निधि = पयोनिधि।
- पर: + अक्षि = परोक्ष।
- दु: + दशा = दुर्दशा।
- यश: + अभिलाषा = यशोभिलाषा।
- यश: + गान = यशोगान।
गुण संधि के उदाहरण-
- महा + इंद्र = महेंद्र।
- भारत + इंदु: भारतेंदु
- उप + इंद्र: उपेन्द्र
- गज + इंद्र: गजेन्द्र
वृद्धि संधि के उदाहरण-
- सदा + एव = सदैव।
- महा + औषधि = महौषधि।
- महा + ऐश्र्वर्य=महैश्र्वर्य।
- परम + ओजस्वी =परमौजस्वी।
दीर्घ संधि के उदाहरण-
- स्व + अर्थी: स्वार्थी।
- परम + अर्थ: परमार्थ।
- धर्म + अर्थ: धर्मार्थ।
- सत्य + अर्थ: सत्यार्थ।
Additional Information
'संधि'- 'दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे संधि कहते है।
- उदाहरण- जगत्+नाथ= जगन्नाथ।
संधि के भेद- वर्ण के आधार पर संधि के 3 भेद होते है।
स्वर संधि- दो स्वर के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, स्वर संधि कहलाता है।
- उदाहरण- महा+आत्मा= महात्मा।
व्यंजन संधि- व्यंजन के बाद स्वर या व्यंजन आने से जो विकार उत्पन्न होता है, व्यंजन संधि कहलाता है।
- उदाहरण- वाक्+ईश= वागीश।
विसर्ग संधि- विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन आने से विसर्ग में विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते।
- उदाहरण- निः+आहार= निराहार।
Mistake Points
- गुण संधि, वृद्धि संधि, दीर्घ संधि आदि स्वर संधि के भेद हैं तथा विसर्ग संधि, संधि का एक भेद है।
संधि Question 2:
'जितेन्द्रिय' शब्द का सही सधि विच्छेद होगा-
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर जित + इन्द्रिय है।
Key Points
- जित + इन्द्रिय = 'जितेन्द्रिय'।
- जितेंद्रिय संधि का नियम है अ + इ = ए (गुण स्वर संधि)
- गुण स्वर संधि- जब (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ ‘बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर‘ बनता है। उसे गुण स्वर संधि कहते हैं।
- उदाहरण-
- आ + इ= ए, भारत + इंदु = भारतेन्दु
- अ + इ= ए, देव + इन्द्र= देवन्द्र
Additional Information
संधि -दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
संधि Question 3:
इनमें से कौनसा संधि-शब्द सही है?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 3 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "ग्रीष्म + ऋतु :- ग्रीष्मर्तु" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- ग्रीष्म + ऋतु :- ग्रीष्मर्तु, यहाँ पर ग्रीष्म में अंत अ के बाद ऋ वर्ण आने पर अर् आदेश हुआ मिलकर ग्रीष्मर्तु शब्द बना है, यह गुण संधि का उदाहरण है।
- अ + ऋ :- अर्
- गुण संधि
- गुण संधि की परिभाषा
- दो असमान स्वरों के मिलने पर दोनों नयें तीसरे स्वर में बदल जाते हैं। इसकी पहचान संधि युक्त पद में ए तथा ओ की मात्रा होती हैं।
- अर्थात अ और आ स्वरों के बाद ह्रस्व और दीर्घ इ, उ, ऋ स्वर आए तो संधि करते समय इनके स्थान पर क्रमश ऐ, ओ, अर का आदेश हो जाता हैं।
- पितृ + उपदेश :- पित्रुपदेश (यण संधि)
- सत् + नारी :- सन्नारी (व्यंजन संधि)
- एक + एक :- एकैक (वृद्धि)
संधि Question 4:
“गुरूपदेश' शब्द में कौन-सी संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 4 Detailed Solution
'गुरूपदेश' में दीर्घ स्वर संधि हुई है। अतः 'दीर्घ' सही विकल्प होगा,अन्य सभी विकल्प असंगत है।
गुरु + उपदेश = गुरूपदेश।
Key Points
दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र। |
यण स्वर संधि - इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। |
गुण स्वर संधि - अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र |
वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी। |
अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है। भो + अन = (ओ + अ) भवन |
संधि Question 5:
निर्देश : दिए गए शब्द का सही सन्धि-विच्छेद दिए गए विकल्पों में से चुनिए ।
अन्वेषण
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 5 Detailed Solution
अन्वेषण शब्द का सही सन्धि-विच्छेद का विकल्प अनु + एषण होगा।
- अन्वेषण = अनु + एषण (यण स्वर संधि)
- यण स्वर संधि - इ ई उ ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ/ई का य। उ / ऊ का व और ऋ का र हो जाता है।
Key Points
- संधि - संधि - दो वर्णों के मेल से उत्पन्न होने वाले परिवर्तन को संधि कहते है।
- संधि का सामान्य सा अर्थ है मेल करना।
- जिसमें दो शब्द या पद एक दूसरे से जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते है, इसी प्रक्रिया को हम संधि कहते है।
वर्णों के आधार पर संधि तीन प्रकार के माने गए है -
संधि | परिभाषा | उदाहरण |
स्वर संधि | स्वर के साथ स्वर का मेल होने से जो विकार या परिवर्तन उत्पन्न होता है, उसे स्वर संधि कहा जाता है। | अन्वेषण = अनु + एषण |
व्यंजन संधि | व्यंजन का व्यंजन से तथा व्यंजन का स्वर से मेल होने पर उसमें जो परिवर्तन आता है उसे व्यंजन संधि कहते है। | दिक् + गज = दिग्गज |
विसर्ग संधि | विसर्ग (:) का मेल किसी व्यंजन या स्वर से होने पर विसर्ग में जो विकार या परिवर्तन आता है, उसे विसर्ग संधि कहते है। | मनः + योग = मनोयोग |
संधि Question 6:
'महाशय' का संधि विच्छेद है:
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 6 Detailed Solution
'महाशय' का संधि विच्छेद= 'महा + आशय'।
दीर्घ संधि- आ + आ = आ।
Key Pointsदीर्घ संधि- यह स्वर संधि का एक भेद है। जब ह्रस्व या दीर्घ के बाद जैसे, 'अ, आ' + 'अ, आ' हो तो 'आ' बनता है, जब 'इ, ई' + ' इ, ई' हो तो 'ई' बनता हैऔर जब 'उ, ऊ' + 'उ, ऊ' हो तो 'ऊ' बनता है। दीर्घ स्वर संधि कहलाती है।
- उदाहरण- मही + इंद्र = महींद्र (ई + इ = ई)।
- महा + आशय= महाशय (आ + आ= आ)।
Additional Information
स्वर संधि- दो स्वर के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, स्वर संधि कहलाता है।
- जैसे- महा+आत्मा= महात्मा।
- वीर+अंगना= वीरांगना।
स्वर संधि के भेद- पांच भेद।
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
- अयादी संधि
- 'महाशय' का संधि विच्छेद= 'महा + आशय' होगा।
- अन्य संधि विच्छेद, विच्छेद की दृष्टि से अनुचित है।
संधि Question 7:
निर्देश : दिए गए शब्द का सही सन्धि-विच्छेद दिए गए विकल्पों में से चुनिए ।
उच्छिन्न
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 7 Detailed Solution
उच्छिन्न का सही सन्धि-विच्छेद का विकल्प उत् + छिन्न होगा।
- उच्छिन्न = उत् + छिन्न (व्यंजन संधि)
-
व्यंजन संधि - त् के बाद यदि छ् वर्ण आ जाए तो छ् का च्छ में परिवर्तन हो जाता है।
Key Points
- संधि - दो वर्णों के मेल से उत्पन्न होने वाले परिवर्तन को संधि कहते है।
- संधि का सामान्य सा अर्थ है मेल करना।
- जिसमें दो शब्द या पद एक दूसरे से जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते है, इसी प्रक्रिया को हम संधि कहते है।
वर्णों के आधार पर संधि तीन प्रकार के माने गए हैं –
संधि | परिभाषा | उदाहरण |
स्वर संधि | स्वर के साथ स्वर का मेल होने से जो विकार या परिवर्तन उत्पन्न होता है, उसे स्वर संधि कहा जाता है। | सत्य + अर्थ = सत्यार्थ |
व्यंजन संधि | व्यंजन का व्यंजन से तथा व्यंजन का स्वर से मेल होने पर उसमें जो परिवर्तन आता है उसे व्यंजन संधि कहते है। | उच्छिन्न = उत् + छिन्न |
विसर्ग संधि | विसर्ग (:) का मेल किसी व्यंजन या स्वर से होने पर विसर्ग में जो विकार या परिवर्तन आता है, उसे विसर्ग संधि कहते है। | रजः + गुण = रजोगुण |
संधि Question 8:
इनमें से कौन सा विकल्प असंगत है?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 8 Detailed Solution
‘भौ+उक’ असंगत है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 3 ‘भौ+उक’ होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
स्पष्टीकरण:
- ‘भौ+उक=भावुक’ में अयादि स्वर संधि है क्योंकि ‘औ+उ=वु’ हुआ है।
- ‘अहम्+कार= अहंकार’ में व्यंजन संधि है क्योंकि म्' के बाद कोई व्यंजन वर्ण आये तो 'म्' का अनुस्वार हो जाता है।
- पम्+चम=पंचम’ में व्यंजन संधि है क्योंकि म्' के बाद कोई व्यंजन वर्ण आये तो 'म्' का अनुस्वार हो जाता है
- उत्+लास=उल्लास’ में भी व्यंजन संधि है क्योंकि 'त् - द्' के बाद 'ल' रहे तो 'त् - द्' 'ल्' में बदल जाते है और 'न्' के बाद 'ल' रहे तो 'न्' का अनुनासिक के बाद 'ल्' हो जाता है।
Additional Information
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
Important Points
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।
संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
संधि Question 9:
'गंगोर्मि' शब्द का संधि विच्छेद क्या होगा?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 9 Detailed Solution
सही उत्तर 'गंगा + ऊर्मि’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
- 'गंगोर्मि' शब्द का उचित संधि-विच्छेद 'गंगा + ऊर्मि' (आ + ऊ = ओ) है।
- यह गुण स्वर संधि का उदाहरण है।
- गुण संधि – जब ‘अ’ या ‘आ’ के पश्चात ‘इ’, ‘ई’ हो तो ‘ए’ हो जाता है, और अ या आ के साथ ‘उ’, ‘ऊ’ हो तो वह ‘ओ’ हो जाता है। तथा ‘अ’ , ‘आ’ के पश्चात ऋ हो तो अर हो जाता है।
-
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।
संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।
स्वर संधि |
दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि। |
स्वार्थ = स्व + अर्थ
|
व्यंजन संधि |
व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है। |
तल्लीन = तत् +लीन
|
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
|
शिरोमणि = शिर: + मणि |
संधि Question 10:
‘गुरु + उपदेश’ का संधि रूप क्या होगा?
Answer (Detailed Solution Below)
संधि Question 10 Detailed Solution
सही उत्तर ‘गुरूपदेश’ होगा। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- ‘गुरु+उपदेश’ का उचित संधि रूप ‘गुरूपदेश’ होगा, जो स्वर संधि का उदाहरण है।
- उ+उ= ऊ के नियमानुसार गुरूपदेश में दीर्घ स्वर संधि है।
- “जब स्वर के साथ स्वर का मेल होता है तब जो परिवर्तन होता है, उसे स्वर संधि कहते हैं।“
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है, उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग। |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि। |
महाशय = महा + आशय |
व्यंजन |
व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है। |
दिग्गज = दिक् + गज |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं। |
शिरोमणि = शिर: + मणि |