हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்

Last updated on Mar 15, 2025

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Latest हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य MCQ Objective Questions

Top हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य MCQ Objective Questions

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 1:

सहयोग-सहभागिता' विद्यार्थियों के लिए इक्कीसवीं शताब्दी का एक महत्वपूर्ण कौशल है।

नाटक लेखन के प्रदत्त कार्य में संलग्न विद्यार्थियों के समूहों के लिए आइसीटी आधारित कौन-सी गतिविधि सबसे अधिक सहायक सिद्ध होगी?

  1. विद्यार्थी प्रत्येक समूह में एक सामान्य ऑनलाइन दस्तावेज़ सृजित करते हैं और उसमें अपने विचार साझा करते हैं, स्क्रिप्ट को अंतिम रूप देते हैं।
  2. प्रत्येक समूह में विद्यार्थी संवाद लिखते है, फिर स्वयं वर्तनी और व्याकरण की जाँच ऑनलाइन व्याकरण उपकरण की मदद से करते हैं।
  3. प्रत्येक समूह के विद्यार्थी अपनी-अपनी स्क्रिप्ट एक सामान्य ड्राइव फोल्डर पर अपलोड़ करते हैं। अध्यापक इसकी समीक्षा करेगी और प्रतिपुष्टि देगी
  4. प्रत्येक समूह में विद्यार्थी अपनी सुविधा के अनुसार नाटक के अलग-अलग हिस्से लिखते हैं और स्क्रिप्ट को अंतिम रूप देने के लिए अपने-अपने हिस्से मिलाते हैं।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विद्यार्थी प्रत्येक समूह में एक सामान्य ऑनलाइन दस्तावेज़ सृजित करते हैं और उसमें अपने विचार साझा करते हैं, स्क्रिप्ट को अंतिम रूप देते हैं।

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 1 Detailed Solution

सहयोग-सहभागिता​- सहयोग का अर्थ है 'दूसरों के साथ संयुक्त रूप से काम करना, विशेष रूप से एक बौद्धिक प्रयास में। इसका अर्थ है संघ, टीम वर्क, संयुक्त प्रयास या साझेदारी। सहयोग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक लोग एक समान उद्देश्य के लिए मिलकर सोचते हैं और काम करते हैं।

Key Pointsसहयोग-सहभागिता अधिगम के लिए उपकरण:

  • सहयोगी शिक्षण के उपकरणों को ऑफ़लाइन टूल और ऑनलाइन टूल के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
  • ऑफ़लाइन उपकरण वे मीडिया हैं जिनका उपयोग एक अलग कंप्यूटर पर किया जा सकता है, जो इंटरनेट से जुड़ा नहीं है।
  • इनमें दस्तावेज़ों की सॉफ्टकॉपी, स्लाइड, चित्र, ऑडियो और वीडियो फ़ाइलें शामिल हैं, जिन्हें आपके कंप्यूटर में संग्रहीत किया जा सकता है और स्थानांतरण उपकरणों के माध्यम से वितरित किया जा सकता है, जैसे डेटा ट्रांसफर केबल, हार्ड ड्राइव, मेमोरी स्टिक, सीडी, आदि।
  • ऑनलाइन उपकरण वे उपकरण हैं जिनका उपयोग इंटरनेट से कनेक्ट होने पर किया जाता है।
  • इनमें ईमेल, क्लाउड होस्टेड एप्लिकेशन, जैसे मैसेंजर, ब्लॉग, बुलेटिन बोर्ड, चर्चा मंच, विकी, सोशल मीडिया आदि शामिल हैं।
  • इंटरनेट से कनेक्ट होने पर आप इन उपकरणों को अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल या अन्य हाथ से पकड़े जाने वाले उपकरणों पर एक्सेस कर सकते हैं।

उपरोक्त बिंदुओं से, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि विद्यार्थी प्रत्येक समूह में एक सामान्य ऑनलाइन दस्तावेज़ सृजित करते हैं और उसमें अपने विचार साझा करते हैं, स्क्रिप्ट को अंतिम रूप देते हैं। नाटक लेखन के प्रदत्त कार्य में संलग्न विद्यार्थियों के समूहों के लिए आइसीटी आधारित सहयोग-सहभागिता गतिविधि सबसे अधिक सहायक सिद्ध होगी।

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 2:

एक भाषा शिक्षक सामाजिक विज्ञान के साथियों के साथ मिलकर 'भारत की सांस्कृतिक विविधता' पर प्रदत्त कार्य देता है/देती है। शिक्षार्थियों को इस विषय पर रिपोर्ट लिखने तथा पोस्टर तैयार करने के लिए सामाजिक विज्ञान की पुस्तक तथा इतिहास, भूगोल, संस्कृति, तथा राजनीति से संबंधित अन्य पुस्तकें तथा दस्तावेज़ों को पढ़ना है।

भाषा-अधिगम की यह प्रक्रिया क्या कहलाती है?

  1. सामाजिक-विज्ञान में भाषा
  2. सामाजिक विज्ञान का प्रदत्त कार्य
  3. समूची पाठ्यचर्या में भाषा
  4. भाषा लेखन का विकास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : समूची पाठ्यचर्या में भाषा

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 2 Detailed Solution

भाषा की पढ़ाई समूची पाठ्यचर्या में व्याप्त है क्योंकि 'भाषा सभी विषयों का केंद्र है' तथा बच्चे अन्य विषयों की कक्षा में भी भाषा अर्जित करते हैं। 

Key Points

भाषा की व्यापकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि: 

  • भाषा की शिक्षा केवल एक विशेष विषय में नहीं होती है।
  • विभिन्‍न विषयों की अवधारणाऍं किसी भाषा-विशेष में बनती है।
  • सभी विषयों का ज्ञान भाषा के माध्यम से ही बच्चों तक पहुंचता है।
  • भाषा का शिक्षण पाठ्यक्रम के प्रत्येक विषयों के माध्यम से होता है।
  • विभिन्‍न विषयों के अध्‍ययन-अध्‍यापन में भाषा साधन का कार्य करती है।
  • भाषा से भिन्न कोई विषय पढ़ने के दौरान बच्चे साथ साथ भाषा भी सीखते हैं।
  • विभिन्‍न विषयों की अवधारणात्‍मक समझ की अभिव्‍यक्ति भी भाषा-विशेष में होती है
  • सामाजिक विज्ञान की पुस्तक तथा इतिहास, भूगोल, संस्कृति, तथा राजनीति से संबंधित अन्य पुस्तकें तथा दस्तावेज़, हिंदी भाषा के पाठयपुस्तक के रूप में भी कार्य करते हैं।
  • प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रत्येक विषय के शिक्षण में भाषा का अध्ययन स्वाभाविक रूप से होता है।

अतः, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भाषा-अधिगम की उपरोक्त प्रक्रिया समूची पाठ्यचर्या में भाषा कहलाती है।

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 3:

एक अध्यापिका 'डैफ़ोडिल' कविता पढ़ाने से पहले अपनी कक्षा III के शिक्षार्थियों को अपने पास-पड़ोस तथा विद्यालय के रास्ते के फूल, घास तथा पौधों के बारे में विचार साझा करने के लिए कहती है। वह किस चीज़ के लिए प्रयास कर रही है?

  1. शिक्षार्थियों से अपने पड़ोस से डैफ़ोडिल फूल लेकर आने की अपेक्षा करना
  2. पूर्व ज्ञान को कक्षायी शिक्षण एवं बाहरी ज्ञान से जोड़ना
  3. मानस मंन गतिविधि
  4. कविता के माध्यम से फूलों और प्राकृतिक दृश्य भौगोलिक ज्ञान का शिक्षण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पूर्व ज्ञान को कक्षायी शिक्षण एवं बाहरी ज्ञान से जोड़ना

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 3 Detailed Solution

बच्चों की जिज्ञासा को जगाने और उनकी इंद्रियों को आकर्षित करने के लिए छात्र के पिछले ज्ञान से जोड़कर पाठ विषयवस्तु को तैयार करने और प्रेरित करने के लिए बालको से परिचयात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं। ये प्रश्न बच्चे के दिमाग को नया ज्ञान प्राप्त करने के लिए तैयार करता है।

Key Points

  • अधिगम का आरम्भ करने से पहले या किसी विषय वस्तु का ज्ञान देने के लिए बालको का ध्यान विषय वस्तु के प्रति आकर्षित करना सबसे महत्वपूर्ण होता है।
  • इसके लिए शिक्षकों को बालको के पूर्व ज्ञान से जोड़कर एक नया विषय शुरू करना चाहिए। पूर्व ज्ञान पर नये ज्ञान का निर्माण किया जाता है।
  • जितना अधिक हम उन्हें उनकी पूर्व समझ को संलग्न करने में मदद करते हैं, उतनी ही अधिक उनके अच्छी तरह से सीखने की संभावना होती है।
  • पूर्व ज्ञान से संलग्न करने के लिए शिक्षक बालको से उनके दैनिक जीवन से जुड़े उदाहरणों का उपयोग कर सकता है अथवा उनके संज्ञान के ज्ञान की सहायता ले सकता है।
  • उपरोक्त दिये उपागम में शिक्षिका बालक के दैनिक जीवन के एक अनुभव से जोड़कर अधिगम करने की रणनीति अपना रही है।

अतः हम कह सकते है कि अध्यापिका पूर्व ज्ञान को कक्षायी शिक्षण एवं बाहरी ज्ञान से जोड़ने का प्रयास कर रही है

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 4:

“शुक्र ग्रह को 'भोर का तारा' और 'सांध्य-तारा' भी कहा जाता है।'' अर्थ-ग्रहण की दृष्टि से इन तीनों के प्रयोगों के अर्थ-वैभिन्‍न्य को किसी बच्चे को किस प्रकार समझाना उचित होगा?

  1. मात्र संदर्भ की दृष्टि से
  2. मात्र बोध की दृष्टि से
  3. संदर्भ एवं बोध दोनों दृष्टि से
  4. इनमें से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : संदर्भ एवं बोध दोनों दृष्टि से

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 4 Detailed Solution

संदर्भ में व्याकरण:

  • यह पढ़ाए जा रहे पाठ के संदर्भ में व्याकरणिक बिंदु को स्पष्ट करने से सम्बंधित है।
  • पाठ के दौरान आये शब्दों का अर्थ, उनका व्याकरणिक रूप स्पष्ट करती है।
  • उपरोक्त वाक्य के संदर्भ में संज्ञा, समास, वाक्य के प्रकार, तारा के लिए प्रयुक्त हुए विशेषण का अर्थ आदि बहुत सी व्याकरण की जानकारी मिलती है।
  • अतः उपरोक्त तीनों प्रयोग में संदर्भ की दृष्टि से अर्थ ग्रहण हो सकता है।

बोध:

  • किसी विषय अथवा वस्तु के बारे में जाकारी एकत्रित करना बोध के अन्तर्गत आता है।
  • उपरोक्त वाक्य से खगोलीय पिण्ड की जानकारी मिल रही है।
  • इससे हमें बोध होता है कि शुक्र ग्रह हमारी पृथ्वी के निकट है और इसे सुबह और शाम के समय यह तारे जैसा नजर आता है।
  • ये तीनों प्रयोग पढ़कर ही हमें इस बात का बोध हो जाता है, किन्तु यदि हमेें ग्रह, भोर, तथा संध्या अवधारणाएँ स्पष्ट नहीं हैं तो हमें ग्रह संबंधि जानकारी का भी बोध नहां हो पाऐगा।
  • अतः किसी भी विषय की अवधारणाओं को स्पष्ट करने में भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 5:

ध्वनि, शब्द एवं वाक्य-रचना का ज्ञान देना हिन्दी शिक्षण का कौन-सा उद्देश्य है?

  1. कौशलात्मक उद्देश्य
  2. सृजनात्मक उद्देश्य
  3. रसात्मक उद्देश्य
  4. ज्ञानात्मक उद्देश्य

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : ज्ञानात्मक उद्देश्य

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 5 Detailed Solution

शिक्षण के उद्देश्यों के आधार पर ब्लूम ने अपनी पुस्तक 'शैक्षिक उद्देश्यों के वर्गीकरण' में शिक्षण का वर्णन किया है। 
  • ब्लूम ने स्पष्ट किया है कि शिक्षण लक्ष्यों के प्रत्यक्ष संबंध सीखने के उद्देश्यों से होता है। सीखने का अर्थ है-व्यवहार में परिवर्तन।
  • ब्लूम ने कहा है कि यदि शिक्षण उद्देश्यों को व्यवहार परिवर्तन के रूप मे लिखा जाए तो वे अधिक स्पष्ट होंगे और अधिक निश्चित होंगे।
  • ब्लूम ने व्यवहार परिवर्तन (शिक्षण उद्देश्य) को निम्न 3 वर्गों मे विभाजित किया- 1-ज्ञानात्मक 2-भावात्मक 3-क्रियात्मक/मनोशारीरिक
Important Points
  • ब्लूम द्वारा शिक्षण उद्देश्यों का वर्णन:-
  • ​ज्ञानात्मक क्षेत्र का वर्णन/ वर्ग
 स्तर वर्ग
प्राथमिक ज्ञान, बोध, प्रयोग 
माध्यमिक विश्लेषण, संश्लेषण, 
उच्च मूल्यांकन

अतः हम कह सकते हैं कि ध्वनि, शब्द एवं वाक्य-रचना का ज्ञान देना हिन्दी शिक्षण के ज्ञानात्मक उद्देश्य​ है।

Additional Information

कौशलात्मक उद्देश्य :-
इन उद्देश्यों का सम्बन्ध भाषा कौशलों से हैं। जिनमें पढ़ना लिखना सुनना बोलना, अर्थ ग्रहरण करना आदि सम्मलित है। कौशलात्मक उद्देश्य के अन्तर्गत प्रायः निम्नलिखित बातें आती है।
  • सुनकर अर्थ ग्रहण करना।
  • शुद्ध एवं स्पष्ट वाचन करना।
  • गद्य-पद पढ़कर अर्थ ग्रहण करना।
  • बोलकर भावाभिवयक्ति करना।
  • लिखकर भावभमिव्यक्त करना।
रसात्मक उद्देश्य :--
  • लय ताल और भाव के अनुसार कविता पाठ करना।
  • कविता मे रूचि उत्पन्न कर काव्य रचना के लिए प्रोत्साहित करना।
  • कवि के भावों एवं विचारों के साथ पूर्ण तादम्य स्थापित करके आलौकिक आनन्द की अनुमूति कराना।
  • छात्रों में कवि के भावों, कल्पनाओं तथा अभिव्यक्तियों के सौन्दर्य को परखने की योग्यता उत्पन्न करना।
  • भाव-भंगिमाओं तथा स्वर के उततार-चढ़ाव के साथ कविता पाठ का अभ्यास करना।
सृजनात्मक उद्देश्य --
सृजनात्मक उद्देश्य का तात्पर्य है छात्रों को साहित्य-सृजन की प्रेरणा देना। उन्हें रचना में मौलिकता लाने की योग्यता का विकास करने के लिए प्र करना। इस कौशल को विकसित करने के लिए निबन्ध कहानी, संवाद पत्र उपन्यास एवं कविता को माध्यम बनाया जा सकता है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए छात्रों से जिन योग्यताओ की अपेक्षा की जाती हैं वे निम्नलिखित है,
  • छात्र स्वानुमूत भावों तथा विचारों को अभिव्यक्त कर सकेंगे।
  • छात्र स्वानुमूत भावों तथा विचारों को प्रभावपूर्ण ढ़ग से अभिव्यक्त कर सकेगा।
  • छात्र ग्रहण किये गये विचारों को कल्पना की सहायता से नया रूप दे सकेंगे।
  • छात्र विषय तथा प्रसंग के अनुकूल भाषा एवं शैली का उपयोग कर सकेंगे।
  • सृजनात्मक उद्देश्य के अन्तर्गत चित्र बनाना, नाटक करना आदि को रखा जा सकता है।

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 6:

प्रत्येक भाषा की पृष्ठभूमि में अवस्थित भाषिक-व्यवस्था ही _________ और कार्यक्रमों को गढ़ती है तथा व्यक्ति के मानसिक क्रियाकलाप के लिए निर्देशन का कार्य करती है।

  1. मर्यादाओं
  2. सामाजिक
  3. चुनौतियों
  4. धारणाओं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : धारणाओं

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 6 Detailed Solution

भाषा मुख से उच्चारित होने वाली वह ध्वनि है जिसका प्रयोग मनुष्य अपने मन के विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए करता है। भाषा एक औजार है जिसका उपयोग मनुष्य  जिंदगी से जुड़ने के लिए तथा जिंदगी के अनुभवों को साझा करने के लिए करता है।

Important Points

प्रत्येक भाषा की अपनी एक पृष्ठभूमि होती है जिसमें वो भाषा पनपती है तथा समृद्ध रूप धारण करती है। इन भाषाई पृष्ठभूमि में अवस्थित भाषिक-व्यवस्था ही धारणाओं और कार्यक्रमों को गढ़ती है तथा:

  • व्यक्ति के भाषा प्रयोग के लिए आधार बनती है।
  • व्यक्ति के विचारों को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है। 
  • व्यक्ति के मानसिक क्रियाकलाप के लिए निर्देशन का कार्य करती है।

अतः, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि प्रत्येक भाषा की पृष्ठभूमि में अवस्थित भाषिक-व्यवस्था ही धारणाओं और कार्यक्रमों को गढ़ती है तथा व्यक्ति के मानसिक क्रियाकलाप के लिए निर्देशन का कार्य करती है।

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 7:

शिक्षण कौशल का उपयोग किया जाता है

  1. कक्षा के अन्दर 
  2. कक्षा के बाहर
  3. दोनों में ही
  4. कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : दोनों में ही

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 7 Detailed Solution

शिक्षण कौशल से तात्पर्य ऐसे कौशलों से है जिनके प्रयोग के माध्यम से शिक्षक अपनी शिक्षण प्रक्रिया को रुचिकर और प्रभावी बनाता है।

  • शिक्षण कौशल का उपयोग शिक्षक द्वारा कक्षा के अंदर और बाहर दोनों ही स्थिति में किया जाता है क्योंकि यह शिक्षण उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होता है।
  •  शिक्षण कौशल विभिन्न शिक्षण गतिविधियों में विद्यार्थियों की प्रतिभागिता को सुनिश्चित करता है।
  • भाषा के चार मुख्य कौशल सुनना, बोलना, पढ़ना तथा लिखना है। इन कौशलों के प्रयोग के द्वारा ही मानव अपने विचारों का सरलतापूर्वक आदान प्रदान करता है।

अतः स्पष्ठ है शिक्षण कौशल का उपयोग शिक्षक द्वारा कक्षा के अंदर और बाहर दोनों ही स्थिति में किया जाता है।

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 8:

सीखने के अधिगम प्रतिफलों का उद्देश्य किसे समुन्नत करना है ?

  1. कौशल आधारित भाषा अधिगम
  2. दक्षता आधारित भाषा अधिगम
  3. विषयवस्तु में प्रवीणता
  4. भाषा के व्याकरणिक ज्ञान की पूरी समझ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : दक्षता आधारित भाषा अधिगम

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 8 Detailed Solution

सीखने के परिणाम किसी पाठ्यक्रम के अंत में शिक्षार्थियों द्वारा हासिल की जाने वाली या निष्पादित की जाने वाली दक्षताओं को संदर्भित करते हैं। यह बताता है कि पाठ या एक इकाई के पूरा होने के बाद छात्र क्या सीख पाएंगे और क्या कर पाएंगे।

Important Points

  • अधिगम के परिणामों का उद्देश्य दक्षता-आधारित भाषा अधिगम को बढ़ावा देना है। दक्षता-आधारित भाषा सीखना लक्ष्य भाषा में शिक्षार्थियों की समग्र संचार क्षमता विकसित करने पर केंद्रित है।
  • यह मात्र व्याकरणिक ज्ञान से आगे जाता है और वास्तविक जीवन की स्थितियों में भाषा को प्रभावी ढंग से और उचित रूप से उपयोग करने की क्षमता पर जोर देता है।
  • दक्षता-आधारित भाषा अधिगम में सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना और सांस्कृतिक समझ सहित विभिन्न भाषा कौशल शामिल हैं।
  • इस दृष्टिकोण में अधिगम के परिणाम भाषा के व्यावहारिक उपयोग और सार्थक और धाराप्रवाह संवाद करने की क्षमता को प्रतिबिंबित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

उपरोक्त बिंदुओं से, यह स्पष्ट है कि अधिगम के परिणामों का उद्देश्य दक्षता-आधारित भाषा अधिगम को बढ़ावा देना है।

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 9:

कहानियाँ बच्चों को भाषा अधिगम का आनंद लेने तथा उनमें  _______ विकसित करने लिए प्रोत्साहित करती है।

  1. साहित्य की सराहना बोध
  2. भाषा के रूपों को
  3. जीवन कौशल
  4. गत्यात्मक कौशल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : साहित्य की सराहना बोध

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 9 Detailed Solution

कहानी-कविता को भाषा समझने का आधार बनाया जा सकता है, यदि कहानी-कविता को उचित हाव-भाव के साथ सुनाया जाये।

Key Points

कहानी में उचित कथानक कहानी को सरल, सहज और औचित्यपूर्ण बनाता है तथा यह:

  • बच्चों में सृजनात्मकता और चिंतनशीलता को विस्तार देती है।
  • बच्चों की महत्वपूर्ण सोच कौशल और उनकी अंतर्दृष्टि को बढ़ावा देती है।
  • साहित्य की सराहना बोध विकसित करने लिए प्रोत्साहित करती है।
  • बच्चों में सजगता तथा सृजनशीलता बढ़ाते हुए उन्हें काल्पनिक दुनिया की सैर कराती है।
  • बच्चों की रुचि को कहानी में बनाये रखता है और उनकी तार्किक क्षमता को सही दिशा देती है।

अतः, यह स्पष्ट है कि कहानियाँ बच्चों को भाषा अधिगम का आनंद लेने तथा उनमें साहित्य की सराहना बोध विकसित करने लिए प्रोत्साहित करती है।

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 10:

सीखने के प्रतिफल हैं...

  1. वे दक्षताएँ जिन्हें शिक्षार्थी द्वारा किसी पाठ्यक्रम के अन्त में प्राप्त कर लेना चाहिए या प्रदर्शित करना चाहिए।
  2. भाषा शिक्षण के उद्देश्य हैं जो भाषा पाठ्यचर्या तथा पाठ्यक्रम में वर्णित हैं।
  3. अध्ययन के दौरान शिक्षार्थी के संप्रेषण कौशल पर आधारित हैं।
  4. वे प्रक्रियाएँ हैं जिनके द्वारा शिक्षार्थी से प्रदर्शन की अपेक्षा की जाती है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : वे दक्षताएँ जिन्हें शिक्षार्थी द्वारा किसी पाठ्यक्रम के अन्त में प्राप्त कर लेना चाहिए या प्रदर्शित करना चाहिए।

हिंदी भाषा शिक्षण के उद्देश्य Question 10 Detailed Solution

सीखने के प्रतिफल को छात्रो के गुणात्मक एवं मात्रात्मक रूप से परे देखा जा सकता हैं। प्रतिफल एक बच्चे के विकास के अपेक्षाकृत संपूर्ण सीखने के अनुसार बच्चे की बढ़ोतरी का आकलन करते हैं।

Key Points

  • सीखने के प्रतिफल वे दक्षताएँ जिन्हें शिक्षार्थी द्वारा किसी पाठ्यक्रम के अन्त में प्राप्त कर लेना चाहिए या प्रदर्शित करना चाहिए।
  • प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थी के सीखने के बारे में जानने और उसके अनुसार बच्चों के सीखने संबंधी प्रगति पर नजर बनाये रखने की जरूरत है। इसके लिए आवश्यकता है कि शिक्षकों को कुछ मानदण्ड उपलब्ध करवाये जाए जिनकी सहायता से अपेक्षित सीखने के स्तर का आकलन किया जा सके।
  • सीखने की निरन्तरता को ध्यान में रखते हुए शिक्षक एवं शिक्षा व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों एवं अभिभावकों को यह जानना आवश्यक है कि बच्चे ने सटीक रूप से कक्षा में क्या सीखा ?
  • इन्हीं मानदण्डों को “सीखने के प्रतिफल” के रूप में परिभाषित किया गया है। अर्थात्‌, जो कुछ भी बच्चे ने सीखा है उसको जाँचने अथवा उस परिणाम को देखने के मापदण्ड को अधिगम प्रतिफल के रूप में देखा जा सकता है।
अतः निष्कर्ष निकलता है कि वे दक्षताएँ जिन्हें शिक्षार्थी द्वारा किसी पाठ्यक्रम के अन्त में प्राप्त कर लेना चाहिए या प्रदर्शित करना चाहिए, सीखने के प्रतिफल हैं।
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