भाषा सीखना एवं अर्जन करना MCQ Quiz - Objective Question with Answer for भाषा सीखना एवं अर्जन करना - Download Free PDF
Last updated on May 13, 2025
Latest भाषा सीखना एवं अर्जन करना MCQ Objective Questions
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 1:
चोम्स्की के अनुसार, मनुष्य के पास भाषा-विकास हेतु _______ है।
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 1 Detailed Solution
प्रसिद्ध भाषाविद् नोम चोमस्की ने प्रस्तावित किया कि मनुष्य भाषा सीखने के लिए जैविक रूप से सक्षम हैं।
- उनके सिद्धांत ने व्यवहारवादी दृष्टिकोण को चुनौती देते हुए इस बात पर बल दिया कि भाषा सीखना केवल बाहरी इनपुट और सुदृढ़ीकरण पर आधारित नहीं है।
Key Points
- चोम्स्की के अनुसार, मनुष्य में भाषा विकसित करने की जैविक व्यवस्था होती है।
- उन्होंने भाषा अर्जन उपकरण (LAD) की अवधारणा प्रस्तुत की - जो एक सहज मानसिक संरचना है जो बच्चों को सीमित अनुभव से व्याकरण और भाषा के नियमों को स्वाभाविक रूप से अधिगम में सहायता करती है।
- यह जन्मजात क्षमता बताती है कि विभिन्न संस्कृतियों के बच्चे इनपुट में अंतर के बावजूद शीघ्रता से और समान रूप से भाषा सीखते हैं।
Hint
- अवधारणात्मक सेट और अधिगम का सेट संज्ञानात्मक प्रवृत्तियों को संदर्भित करता है, विशेष रूप से भाषा को नहीं।
- चोमस्की के सिद्धांत में टेलीग्राफिक तत्परता एक मान्यता प्राप्त अवधारणा नहीं है।
अतः सही उत्तर जैवकीय व्यवस्था है।
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 2:
निम्नलिखित में से कौन-सा पद वायगोत्सकी के सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धान्त से संबंधित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 2 Detailed Solution
लेव वायगोत्स्की का सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत संज्ञानात्मक विकास में सामाजिक संपर्क, सांस्कृतिक उपकरण और भाषा के महत्व पर जोर देता है।
- इस सिद्धांत के अनुसार, सीखना एक सामाजिक रूप से मध्यस्थता वाली प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति दूसरों, विशेषकर अधिक ज्ञानवान साथियों या वयस्कों के साथ अंतःक्रिया के माध्यम से ज्ञान अर्जित करता है।
Key Points वायगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत से संबंधित शब्द:
- निकटस्थ विकास का क्षेत्र, वायगोत्स्की के सिद्धांत में एक केंद्रीय अवधारणा है, जो कार्यों की उस श्रेणी को संदर्भित करता है जिसे एक शिक्षार्थी किसी अधिक जानकार व्यक्ति की सहायता से कर सकता है।
- सामाजिक अंतःक्रिया भी वायगोत्स्की के सिद्धांत का एक मुख्य सिद्धांत है, क्योंकि उनका मानना था कि संज्ञानात्मक विकास दूसरों के साथ संपर्क में निहित है।
- सहारा देना (स्कैफोल्डिंग) से तात्पर्य किसी अधिक जानकार व्यक्ति द्वारा शिक्षार्थी को ऐसे कार्य करने में सहायता प्रदान करने से है, जिन्हें वह स्वतंत्र रूप से नहीं कर सकता है, जो कि वायगोत्स्की के ढांचे के अंतर्गत भी एक अवधारणा है।
Key Points
- भाषा अर्जन उपकरण शब्द का संबंध वायगोत्स्की के सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत से नहीं है।
- यह शब्द नोम चोम्स्की के भाषा विकास के सिद्धांत से जुड़ा है, जो मानता है कि मनुष्य जैविक रूप से भाषा अधिगम के लिए एक जन्मजात तंत्र से सुसज्जित है।
- दूसरी ओर, वायगोत्स्की ने तर्क दिया कि भाषा अधिग्रहण सामाजिक संपर्क के माध्यम से होता है और सांस्कृतिक संदर्भ से गहराई से प्रभावित होता है।
अतः सही उत्तर भाषा अर्जन उपकरण है।
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 3:
रोना, कूजन और बबलाना भाषा विकास के किस चरण (अवस्था) के उदाहरण हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 3 Detailed Solution
भाषा का विकास बच्चों के शब्द बोलना शुरू करने से बहुत पहले ही शुरू हो जाता है। शिशु आमतौर पर कई चरणों से गुजरते हैं, जो विभिन्न ध्वनियों और संचार के तरीकों से चिह्नित होते हैं जो अंततः अधिक जटिल भाषा कौशल में विकसित होते हैं। Key Points
- रोना, कूकना और बड़बड़ाना ये सभी भाषा विकास के पूर्व-भाषाई चरण के उदाहरण हैं। यह चरण बच्चों द्वारा विशिष्ट अर्थ वाले शब्दों का उपयोग शुरू करने (भाषिक चरण) से पहले होता है।
- इस चरण के दौरान, शिशु अपनी आवश्यकताओं या भावनाओं को व्यक्त करने के लिए ध्वनियों का उपयोग करते हैं, और वे अपने पर्यावरण के साथ बातचीत करने के तरीके के रूप में बोलने का अभ्यास करते हैं।
- कूकिंग में स्वर जैसी ध्वनियां निकालना शामिल है, जबकि बड़बड़ाने में व्यंजन-स्वर संयोजन शामिल है, जो बाद के भाषा कौशल के लिए आधार तैयार करता है।
Hint
- अभिव्यक्तिपरक से तात्पर्य अर्थ संप्रेषित करने के लिए शब्दों या प्रतीकों के प्रयोग से है, जो पूर्व-भाषाई ध्वनियों के बाद आता है।
- संदर्भात्मक भाषा में वस्तुओं, क्रियाओं या लोगों को संदर्भित करने के लिए शब्दों का उपयोग किया जाता है, जो पूर्व-भाषाई चरण के बाद विकसित होती है।
- भाषिक वह चरण है जहां बच्चे वास्तविक शब्दों का प्रयोग करना और उनके अर्थ समझना शुरू करते हैं, जो पूर्व-भाषाविज्ञान चरण के बाद आता है।
अतः सही उत्तर पूर्व-भाषिक है।
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 4:
भाषा अधिगम के बारे में कौन-सा कथन सही है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 4 Detailed Solution
भाषा अधिगम एक सतत् एवं अंतःक्रियात्मक प्रक्रिया है जो संपर्क, अभ्यास और संलग्नता के माध्यम से विकसित होती है।
- यह सभी विषयों की शिक्षा के लिए आधारभूत है, क्योंकि यह संचार, समझ और विचारों की अभिव्यक्ति में सहायता करता है।
Key Points
- प्रिंट-समृद्ध वातावरण में भाषा सीखने की प्रक्रिया में तेज़ी आती है । जब शिक्षार्थी सार्थक लिखित भाषा जैसे चार्ट, पोस्टर, लेबल, कहानी की किताबें, समाचार पत्र और कक्षा में प्रदर्शित सामग्री से घिरे होते हैं, तो स्वाभाविक रूप से उन्हें प्रिंट से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- विविध पाठ्य-पुस्तकों के लगातार संपर्क से शब्दावली का विस्तार, वाक्य संरचना को सुदृढ़ बनाने, तथा पढ़ने और लिखने के कौशल में सुधार करने में मदद मिलती है।
- प्रिंट-समृद्ध परिवेश जिज्ञासा को बढ़ावा देता है, भाषा के स्वतंत्र अन्वेषण को समर्थन देता है, तथा भाषा को दृश्यमान और सुलभ बनाकर साक्षरता विकास को बढ़ाता है।
Hint
- यह दावा करना गलत है कि विज्ञान और गणित के लिए भाषा अधिगम आवश्यक नहीं है, क्योंकि इन विषयों में अवधारणाओं को समझना और समस्याओं को हल करना काफी हद तक भाषा पर निर्भर करता है।
- यह कहना कि यह अवचेतन रूप से होता है, संरचित समर्थन और सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता को नजरअंदाज करना है।
- इसे भाषा की पाठ्यपुस्तकों तक सीमित रखने से वास्तविक जीवन के संदर्भ, वार्तालाप और विविध पाठों की भूमिका की अनदेखी हो जाती है।
अतः सही उत्तर है कि मुद्रित समृद्ध परिवेश में भाषा अधिगम त्वरित गति से होता है।
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 5:
अश्विन जन्म से ही उड़िया भाषा जानता है। उसने अंग्रेजी और हिंदी भी पड़ी है। इस कथन के आधार पर पता लगाइए कि कौन-सा कथन सही नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 5 Detailed Solution
भाषा अर्जन और भाषा सीखने के बीच का अंतर भाषा अर्जन सिद्धांत में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है।
- भाषा अर्जन से तात्पर्य किसी भाषा को सीखने की स्वाभाविक, अवचेतन प्रक्रिया से है, जो आमतौर पर बचपन के दौरान होती है। यह बिना किसी औपचारिक निर्देश के होता है।
- दूसरी ओर, भाषा अधिगम, किसी भाषा को सीखने की सचेत प्रक्रिया को संदर्भित करता है, जो आमतौर पर जीवन के बाद के चरणों में संरचित निर्देश के माध्यम से होती है।
Key Points
- उसका उड़िया अधिगम भाषा अर्जन है : यह सही है क्योंकि अश्विन ने जन्म से ही स्वाभाविक रूप से ओड़िया सीखी, जो भाषा अधिग्रहण की एक प्रक्रिया है।
- उसका हिंदी अधिगम भाषा अधिगम है : यह भी सही है क्योंकि अश्विन ने हिंदी का अध्ययन सचेतन रूप से किया, जो कि भाषा सीखने की एक प्रक्रिया है।
- उसका अंग्रेजी अधिगम भाषा अधिगम है : यह भी सही है। अश्विन ने औपचारिक शिक्षा के माध्यम से अंग्रेजी सीखी, जिससे यह एक भाषा सीखने की प्रक्रिया बन गई।
- उसका अंग्रेजी अधिगम भाषा अर्जन है : यह कथन सही नहीं है। अश्विन ने जन्म से स्वाभाविक रूप से अंग्रेजी नहीं सीखी, बल्कि औपचारिक शिक्षा के माध्यम से इसे सीखा, जो इसे भाषा सीखना बनाता है, अधिग्रहण नहीं।
अतः सही उत्तर यह है कि 'उसका अंग्रेजी अधिगम भाषा अर्जन है, क्योंकि यह कथन सही नहीं है।'
Top भाषा सीखना एवं अर्जन करना MCQ Objective Questions
भाषा अर्जन के संबंध में कौन-सा कथन सही है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFअर्जन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य ज्ञान को बूझने और समझने के साथ-साथ शब्दों और वाक्यों को संप्रेषित करने और उपयोग करने की क्षमता प्राप्त करता है।
भाषा अर्जन: इस प्रक्रिया में बालक सुनकर, बोलकर, भाषा ग्रहण करता है तथा निरंतर परिमार्जन करता रहता है। भाषा सीखने की प्रक्रिया में भाषा अर्जन की प्रक्रिया महत्त्वपूर्ण होती है। सीखी हुई भाषा को समझने की क्षमता अर्पित करना तथा उसे दैनिक जीवन में प्रयोग में लाने को भाषा अर्जन कहते हैं। अर्जन में सामान्यतः अनुकरण की प्रवत्ति दिखाई देती है।
- भाषा अर्जन एक सहज एवं स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें बच्चें घरेलू परिवेश में भाषा के नियमों को आसानी से आत्मसात् करते हैं, और बच्चे भाषा को सहज और स्वाभाविक रूप से सीखते हैं।
- भाषा अर्जन के माध्यम से बालक अनुकरण द्वारा प्रथम भाषा सीख कर अपनी बातों को बोलचाल अर्थात घर की भाषा में आसानी से अभिव्यक्त कर पाता है।
- भाषा अर्जन प्रक्रिया के माध्यम से बच्चे अनुकरण द्वारा भाषा सीख कर अपनी बातों को अभिव्यक्त कर पाने में सक्षम हो पाता है।
अतः उपर्युक्य पंक्तियों से स्पष्ठ है कि भाषा अर्जन सहज होता है।
‘भाषा अर्जन' के बारे में कौन-सा कथन सही है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFअर्जन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य ज्ञान को बूझने और समझने के साथ-साथ शब्दों और वाक्यों को संप्रेषित करने और उपयोग करने की क्षमता प्राप्त करता है।
भाषा अर्जन: इस प्रक्रिया में बालक सुनकर, बोलकर, भाषा ग्रहण करता है तथा निरंतर परिमार्जन करता रहता है। भाषा सीखने की प्रक्रिया में भाषा अर्जन की प्रक्रिया महत्त्वपूर्ण होती है। सीखी हुई भाषा को समझने की क्षमता अर्पित करना तथा उसे दैनिक जीवन में प्रयोग में लाने को भाषा अर्जन कहते हैं। अर्जन में सामान्यतः अनुकरण की प्रवृत्ति दिखाई देती है।
Key Points
- भाषा अर्जन एक सहज एवं स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें बच्चें घरेलू परिवेश में भाषा के नियमों को आसानी से आत्मसात् करते हैं।
- भाषा अर्जन के माध्यम से बालक अनुकरण द्वारा प्रथम भाषा सीख कर अपनी बातों को बोलचाल अर्थात घर की भाषा में आसानी से अभिव्यक्त कर पाता है।
- भाषा अर्जन प्रक्रिया के माध्यम से बच्चे अनुकरण द्वारा भाषा सीख कर अपनी बातों को अभिव्यक्त कर पाने में सक्षम हो पाता है।
- भाषा अर्जन की प्रक्रिया एक स्वाभाविक, और अनौपचारिक प्रक्रिया है जो कक्षा में भाषा के अधिगम से भिन्न होती है।
अतः उपर्युक्त पंक्तियों से स्पष्ठ है कि ‘भाषा अर्जन' सहज होता है।
कौन सा प्रश्न कक्षा में बहु-भाषिकता को पोषित करता है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFकक्षा में बहु-भाषिकता से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है जो बच्चों को उनकी मातृ/गृहभाषा में कहने सुनने की आजादी देती है अर्थात उनके मातृभाषा प्रयोग को सम्मान देती है। बहु-भाषिकता को पोषित करने के लिए शिक्षक बच्चो को उनकी मात्रभाषा में कुछ शब्दों को या लेख लिखने को दे सकता है क्योंकि ऐसे प्रश्न:
Key Points
- बच्चों को उनकी मातृ/गृहभाषा प्रयोग की अनुमति देंगे।
- बहुभाषिकतावाद को जीवंतता प्रदान कर शिक्षण को सहज बनाएंगे।
- बच्चों को बहुसंवादात्मक परिस्थितियों का सामना करने की योग्यता प्रदान करेंगे।
- बच्चों को मातृभाषा प्रयोग द्वारा कक्ष के वातावरण से जोड़ कर भाषाई कौशल का विस्तार करेंगे।
अतः, यहाँ कहा जा सकता है कि फूलों के नाम अपनी भाषा में लिखवाने जैसे प्रश्न से कक्षा में बहु-भाषिकता पोषित होगा।
आप विश्वास करते हैं कि मानव, भाषा अर्जित करने की क्षमता के साथ ही जन्म लेते हैं। आपका विश्वास निम्नलिखित में से किस धारणा या सिद्धांत से मेल खाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFसहज का शाब्दिक अर्थ है - 'एक साथ उत्पन्न' या 'बिना परिश्रम के प्राकृतिक रूप से उत्पन्न' है।
भाषा अर्जन: इस प्रक्रिया में बालक सुनकर, बोलकर, भाषा ग्रहण करता है तथा निरंतर परिमार्जन करता रहता है। भाषा सीखने की प्रक्रिया में भाषा अर्जन की प्रक्रिया महत्त्वपूर्ण होती है। सीखी हुई भाषा को समझने की क्षमता अर्पित करना तथा उसे दैनिक जीवन में प्रयोग में लाने को भाषा अर्जन कहते हैं।
Important Points
- भाषा अर्जन में शिशु आने वातावरण में अन्तःक्रिया करके श्रवण तथा अनुकरण की प्रक्रिया द्वारा स्वभाविक रूप से अनायास ही भाषा को अपने व्यक्तित्व का अंश बना लेता है।
- वह अपने तात्कालिक परिवेश में बोले जाने वाली ध्वनियाँ तथा शब्दों एवं वाक्यों को ग्रहण करता है, और बोलने का प्रयत्न करता है ।
- उत्तरोत्तर, वह कुछ ध्वनियाँ, शब्द, एक्शाब्दिय, और द्विशाब्दीय अभिव्यक्ति/संप्रेषण का प्रयोग करता है और धीरे-धीरे छोटे सरल वाक्य बनाना सीखता है ।
- स्वतः भाषा अर्जन की यह प्रक्रिया दो साल की अवस्था तक चलती है जो मुख्यतः श्रवण और अनुकरण की प्रक्रति-प्रदत्त स्वाभाविक शक्ति पर निर्भर करती है।
अतः निष्कर्ष निकलता है कि आप विश्वास करते हैं कि मानव, भाषा अर्जित करने की क्षमता के साथ ही जन्म लेते हैं। यह विचार सहज ज्ञानवाद धारणा से मेल खाता है।
Hint
- भाषा अर्जन उपकरण- बच्चों में भाषाई विकास के लिए महत्वपूर्ण एक काल्पनिक उपकरण।
- प्रश्न के अनुसार बालक भाषा अर्जन उपकरण के साथ जन्म लेता है, जिसकी सहायता से बालक छोटी सी उम्र में सहज ही परिवेश में बोली जाने वाली भाषा सीख लेता है, इस सिद्धांत को सहज ज्ञानवाद का सिद्धांत कहते हैं।
उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने को प्रभावित करता है
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFमनुष्य अपने विचारों को अभिव्यक्त करने और समाज के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए जिस प्रक्रिया द्वारा अपनी भाषिक क्षमता का विकास करता है, वह भाषा अधिगम अथवा सीखी हुई भाषा कहलाती है। यह एक सचेतन प्रक्रिया है जिसमें बच्चे औपचारिक रूप से विद्यालय या शिक्षण संस्थानों में भाषा के नियमों को सीखते हैं।
Important Points
उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने को प्रभावित करने वाले करक:
- सीखने के लिए बच्चों को प्रेरित करना अत्यंत आवश्यक है, यह एक महत्वपूर्ण करक है।
- शारीरिक एवं मानसिक रूप से परिपक्व होने पर सीखने की गति बढ़ जाती है, जिससे सीखने का स्तर भी बढ़ जाता है।
- शिक्षक का भाषा शिक्षण सम्बन्धी रवैया भाषा सीखने को प्रभावित करता है।
- भौतिक एवं सामाजिक वातावरण दोनों ही शिक्षण अधिगम को प्रभावित करते हैं।
- उच्च प्राथमिक स्तर पर सीखना बच्चों की इच्छा पर निर्भर करता है जिस बात को सीखने के लिए बच्चों में प्रबल इच्छा होती है, उसमें सीखने की गति उतनी ही तीव्र होती है।
अतः उपर्युक्य पंक्तियों से स्पष्ठ है कि उच्च प्राथमिक स्तर पर शिक्षक का भाषा शिक्षण सम्बन्धी रवैया, भाषा सीखने को प्रभावित करता है।
बहु-भाषिकता हमारी पहचान भी है और हमारी _____व_______का अभिन्न अंग भी।
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFबहु-भाषिकता एक ऐसा गुण है जो एक व्यक्ति को दो या दो से अधिक भाषाओं का प्रयोग करने में सक्षम बनाती है। यह किसी व्यक्ति को विभिन्न संवादात्मक परिस्थितियों का सामना करने योग्य बनाती है।
- बहु-भाषिकता हमारी पहचान भी है क्योकि हमारे देश में विभिन्न भाषाओ प्रयोग किया जाता है।
- हमारे संविधान में भी आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएँ हैं।
- यह हमारी सभ्यता व संस्कृति का अभिन्न अंग भी है क्योंकि भारत की भाषाई विविधता देश की विरासत है और ये हमारी विविधतापूर्ण संस्कृति की परिचायक है।
अतः, हम कह सकते है कि बहु-भाषिकता हमारी पहचान भी है और हमारी सभ्यता व संस्कृति का अभिन्न अंग भी।
तीन वर्षीय अमन का भाषाई विकास अच्छी प्रकार से हो सके, इसके लिए उसके घर में नियम बनाया गया कि घर के सभी सदस्य आपस में एक ही भाषा का प्रयोग करेंगे। यह नियम:
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFबच्चों का भाषाई विकास सर्वप्रथम उसके परिवार तथा फिर परिवेश और बाद में समाज के संपर्क से होता है। बच्चा जिस परिवेश में रहता उस परिवेश में बोली जाने वाली भाषा स्वभाविक रूप से सीख लेता है। दो या तीन वर्ष का बच्चा अपने परिवेश से अनायास ही व्याकरण युक्त भाषा सीख लेता है। बच्चे प्रारंभ से ही बहुभाषिक होते हैं, उनके पास अपना एक आंतरिक व्याकरण होता है। भाषाई सिद्धांत के अनुसार दो या अधिक भाषायी परिवेश में रहने वाले बच्चें स्कूल आने से पूर्व ही दो या अधिक भाषाओं को समझने और बोलने की क्षमता रखते हैं। तीन वर्षीय अमन के भाषाई विकास के लिए एक ही भाषा का प्रयोग भाषाई विकास के सिद्धांतों की पूर्णतया अवहेलना करता है।
Important Points
बच्चे का भाषा विकास निम्न बातों पर निर्भर करता है:
- अभिव्यक्ति के अधिक से अधिक अवसर।
- मातृ भाषा के प्रयोग से अन्य भाषा को सीखने के अवसर प्रदान करना।
- एक से अधिक भाषाओं के शब्दों का प्रयोग करना।
- भाषा के विस्तृत रूप का प्रयोग करना ना कि केवल किसी एक ही भाषा का।
त्रिभाषा सूत्र में हिन्दी का स्थान
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFत्रिभाषा-सूत्र भारत में भाषा शिक्षण से सम्बन्धित नीति है जो भारत सरकार द्वारा राज्यों से विचार-विमर्श करके बनायी गयी है। त्रिभाषा सूत्र में हिन्दी का स्थान राजभाषा के रूप में है। इसके अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी और मूलत: संस्कृत से अपनी पारिभाषिक शब्दावली को लेने वाली हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है।
त्रिभाषा-सूत्र भारत की भाषा स्थिति की चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करने का एक प्रयास है क्योंकि यह भाषा शिक्षण से संबंधित एक ऐसी नीति है जिसका प्राथमिक उद्देश्य भाषा शिक्षण के तहत बच्चों में बहु-भाषिकता और राष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ावा देना है।
Important Points
- त्रिभाषा सूत्र के तहत भारतीय स्कूलों में तीन भाषाओं की शिक्षा दी जाने की सिफारिश की गई थी जो इस प्रकार हैं:
- पहली भाषा: मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा।
- दूसरी भाषा: हिंदी भाषी राज्यों में आधुनिक भारतीय भाषा या अंग्रेजी। गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी या अंग्रेजी।
- तीसरी भाषा: हिंदी भाषी तथा गैर हिंदी भाषी दोनों राज्यों में अंग्रेजी या एक आधुनिक भारतीय भाषा।
नोट: आधुनिक भारतीय भाषाओं में बांग्ला, कन्नड़, तेलुगू, मराठी, पंजाबी, तमिल, आदि भाषाएं शामिल है।
अतः, यह कहा जा सकता है कि त्रिभाषा सूत्र में हिन्दी का स्थान राजभाषा के रूप में है।
भाषा अर्जन होता है जब ________
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF- भाषा-अर्जन उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें बालक भाषा को ग्रहण करने व समझने की क्षमता अर्जित करता है।
- भाषा अधिगम- अधिगम शब्द दो शब्द के मेल से बना है 'अधि' तथा 'गम'। यहाँ 'अधि' का अर्थ है 'भली प्रकार' तथा 'गम' का अर्थ है 'जानना'। अर्थात किसी बात या विषय के समीप अच्छी तरह जाना और उसकी भली भांति जानकारी प्राप्त करना।
- बालक के शब्दों एवं वाक्य प्रयोग के साथ ही भाषा को ग्रहण करने की क्षमता अर्जित होने लगती है।
- भाषा-अर्जन एक अवचेतन प्रक्रिया है, सभी बच्चों में भाषा-अर्जन की स्वभाविक क्षमता होती है।
- भाषा अर्जन होता है जब बच्चा बिना सचेतन ध्यान के भाषा ग्रहण करता हैI
- भाषा-अर्जन एक स्वभाविक प्रक्रिया है, भाषा-अर्जन बालक बिना विद्यालय जाये भी कर लेता है।
- इसमें बालक के सीखने की प्रक्रिया व्याकरणीय नियमों से पूर्णतः अनभिज्ञ रहती है।
- बालक वातावरण और लोगों के बीच अन्तःक्रिया से भाषा अर्जित करता है।
- अतः भाषा-अर्जन को सहज बनाने के लिए समृध्द भाषिक परिवेश होना चाहिए।
- भाषा अर्जन के लिए अवसर की प्रधानता महत्वपूर्ण है।
- बालक भाषा-अर्जन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए नियमों को आत्मसात् करते हैं।
- भाषा अधिगम में बच्चे को व्याकरण के नियम पढ़ाए जाते हैं।
- भाषा शिक्षण जिसे अधिगम भी कहा जाता है में बच्चे को पुरस्कार या दंड देकर व्यवहार में परिवर्तन लाया जाता है।
- भाषा के अवसर अर्जन और अधिगम दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
निम्नलिखित में से कौन-सा भाषा-अर्जन के व्यवहारवादी सिद्धांत से सम्बंधित नही है?
Answer (Detailed Solution Below)
भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFजॉन बी वाटसन को व्यवहारवाद के संस्थापक और जनक के रूप में जाना जाता है। व्यवहारवाद की स्थापना वाटसन के पारम्परिक पत्र "साइकोलॉजी ऐज़ द बिहेवियरिस्ट व्यू इट" के प्रकाशन के साथ हुई थी।
- व्यवहारवाद के अनुसार किसी भी व्यक्ति के व्यवहार को मनोवैज्ञानिक प्रयोगों द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है। व्यवहारवादियों के अनुसार मनुष्य के व्यवहार पर पर्यावरण का बहुत प्रभाव पड़ता है।
- व्यवहारवाद इस विचार पर केंद्रित है कि सभी व्यवहार पर्यावरण के साथ अंत:क्रिया के माध्यम से सीखे जाते हैं। व्यवहारवाद के मुख्य प्रतिनिधि: जे. वाटसन, ई. थार्नडाइक, स्किनर, ई टोलमैन थे।
- थार्नडाइक एक अमेरिकी, पशु मनोवैज्ञानिक थे, इन्होंने बिल्ली, चूहे, मुर्गी आदि पर प्रयोग करके यह निष्कर्ष निकाला कि पशु-पक्षी व बच्चे प्रयत्न व भूल द्वारा सीखते हैं।
Key Points
व्यवहारवादी सिद्धांत से सम्बंधित सिद्धांत निम्नलिखित हैं:
- उद्दीपन अनुक्रिया सिद्धांत
- सक्रिय अनुकूलन
- प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धांत
- संयोजन वाद का सिद्धांत
- अधिगम का बंध सिद्धांत
- प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत
- S-R थ्योरी (स्टिमुलस-रेस्प्नोंस थ्योरी/उत्तेजना-प्रतिक्रिया सिद्धांत)
- व्यवहारिकता का सिद्धांत
- संबंध वाद का सिद्धांत
- खाली बर्तन
अतः हम कह सकते हैं कि सामजिक अन्तःक्रिया भाषा-अर्जन के व्यवहारवादी सिद्धांत से सम्बंधित नही है।
Hint
- सामाजिक अन्तःक्रिया सामाजिक रचनावादी सिद्धांत में आती है, व्यवहारवादी सिद्धांत में नहीं।
- व्यवहारवादी सिद्धांत उद्दीपन-प्रतिक्रिया और पुनर्बलन योजना के विभिन्न पहलुओं को बताते हैं;
- सामाजिक रचनावादी सिद्धांत सामाजिक अन्तःक्रिया पर बल देता है।