सगुण कृष्ण काव्य MCQ Quiz - Objective Question with Answer for सगुण कृष्ण काव्य - Download Free PDF

Last updated on Jun 12, 2025

Latest सगुण कृष्ण काव्य MCQ Objective Questions

सगुण कृष्ण काव्य Question 1:

‘राग गोविन्द' किसके द्वारा रचित है? 

  1. रसखान
  2. सेनापति
  3. भूषण 
  4. मीराबाई
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : मीराबाई

सगुण कृष्ण काव्य Question 1 Detailed Solution

‘राग गोविन्द' मीराबाई द्वारा रचित है।

  • विधा-काव्य
  • प्रकाशन वर्ष-15वीं शती

Key Pointsमीराबाई-

  • जन्म-1498-1547ई.
  • मीराबाई 16वीं शताब्दी की कृष्ण भक्त और कवियित्री थी।
  • इन्होने कृष्ण भक्ति के स्फूट पदों की रचना की।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • नरसी म्हारो
    • गीत गोविंद टीका
    • राग - गोविंद
    • राग सोरठ के पद।

Additional Informationरसखान-

  • जन्म-1548-1628ई.
  • रसखान कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि थे। उनका जन्म पिहानी, भारत में हुआ था।
  • हिन्दी के कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन रीतिमुक्त कवियों में रसखान का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है।
  • वे विट्ठलनाथ के शिष्य थे एवं वल्लभ संप्रदाय के सदस्य थे। रसखान को 'रस की खान' कहा गया है।
  • इनके काव्य में भक्ति, शृंगार रस दोनों प्रधानता से मिलते हैं।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • सुजान रसखान
    • प्रेमवाटिका।

सेनापति-

  • सेनापति भक्तिकाल एवं रीतिकाल दोनों के कवि हैं।
  • यह ब्रजभाषा काव्य के महँ कवि माने जाते हैं।
  • इनका रचित एकमात्र ग्रन्थ 'कवित्त रत्नाकर' ही उपलब्ध है।
  • इनकी रचनाओं में भक्ति और श्रृंगार दोनों का मिश्रण है।

भूषण-

  • जन्म-1613-1705ई.
  • रीतिकाल के प्रमुख कवियों में से एक हैं।
  • रीतिकाल में भूषण ने वीर रस में प्रमुखता से रचना कर अपने को सबसे अलग साबित किया।
  • 'भूषण' की उपाधि उन्हें चित्रकूट के राजा हृदयराम के पुत्र रुद्रशाह ने प्रदान की थी।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • शिवराजभूषण
    • शिवाबावनी
    • छत्रसालदशक
    • भूषण उल्लास
    • भूषण हजारा
    • दूषनोल्लासा आदि।

सगुण कृष्ण काव्य Question 2:

'साहित्य लहरी' रचना के रचयिता हैं :

  1. प्रेमचंद
  2. सूरदास
  3. देव
  4. बिहारी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सूरदास

सगुण कृष्ण काव्य Question 2 Detailed Solution

'साहित्य लहरी' रचना के रचयिता है- सूरदास

Key Pointsसूरदास-

  • जन्म- 1478-1583 ई.
  • भक्तिकाल की कृष्ण भक्ति शाखा के प्रमुखक कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • सूरसागर 
    • सुरसरावली(1548 ई.)
    • साहित्य लहरी(1550 ई.) आदि।

Important Pointsदेव-

  • जन्म-1673 ई. 
  • पुरा नाम-देवदत्त 
  • रीतिकाल की रीतिबद्ध शाखा के प्रमुख कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • भाव विलास 
    • अष्टयाम 
    • भवानी विलास 
    • प्रेमचंद्रिका 
    • रस विलास 
    • सुखसागर तरंग 
    • देवमाया प्रपंच 
    • सुजान विनोद आदि। 

बिहारी-

  • जन्म-1595-1663 ई.
  • ये रीतिकाल की रीतिसिद्ध शाखा के प्रमुख कवि है। 
  • राजा जयसिंह के दरबारी कवि थे। 
  • प्रमुख रचना-
    • बिहारी सतसई- दोहा छंद में रचित मुक्तक काव्य है।
  • बिहारी को राधचरण गोस्वामी ने 'पीयूषवर्षी मेघ' कहा है। 
  • बिहारी के काव्य को पद्म सिंह शर्मा ने 'शक्कर की रोटी' कहा है।

प्रेमचंद-

  • जन्म- 1880-1936 ई. 
  • अन्य नाम- धनपत राय, नवाबराय 
  • उपन्यास-
    • देवस्थान रहस्य(1905 ई.)
    • प्रेमा(1907 ई.)
    • सेवासदन(1918 ई.)
    • रंगभूमि(1925 ई.)
    • गोदान(1936 ई.) आदि। 

सगुण कृष्ण काव्य Question 3:

इनमें से कौनसी कृति सूरदास की नहीं है?

  1. गंगा लहरी
  2. साहित्य लहरी
  3. सूर सागर
  4. सूर सारावली
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : गंगा लहरी

सगुण कृष्ण काव्य Question 3 Detailed Solution

गंगा लहरी पद्माकर की महत्त्वपूर्ण रचनाओं में से एक हैं। यह सूरदास जी रचना नही है। 

Key Points

  • पद्माभरण, पद्माकर की एक काव्य-रचना है। इसमें 350 छंद हैं, जिनमें से अधिकांश दोहे और कुछ चौपाइयाँ हैं।
  • पद्माकर की प्रमुख रचनाएँ हैं :- 'हिम्मत बहादुर विरुदावलि', 'जगत विनोद', 'पद्माभरण', 'राम रसायन' 'गंगा लहरी' आदि।

Additional Information

सूरसागर

सूरसागर सूरदास जी का प्रधान एवं महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। इसमें प्रथम नौ अध्याय संक्षिप्त है, पर दशम स्कन्ध का बहुत विस्तार हो गया है। इसमें भक्ति की प्रधानता है। इसके दो प्रसंग 'कृष्ण की बाल-लीला' और 'भ्रमर-गीतसार' अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं।

साहित्य लहरी

साहित्यलहरी ११८ पदों की एक लघु रचना है। इसके अन्तिम पद में सूरदास का वंशवृक्ष दिया है, जिसके अनुसार सूरदास का नाम 'सूरजदास' है और वे चन्दबरदायी के वंशज सिद्ध होते हैं।

सूर सारावली

सूरसारावली भक्त कवि सूरदास की एक रचना है। इसमें ११०७ छन्द हैं। यह सम्पूर्ण ग्रन्थ एक "वृहद् होली" गीत के रूप में रचित है।

सगुण कृष्ण काव्य Question 4:

"झूठा माणिक मोतिया री, झूठी जगमग जोति। झूठा आभूषणा री, सांची पियाजी री पोति।" पंक्तियों में मीरा का वैचारिक भाव क्या व्यक्त करता है?

  1. संसार के भौतिक सुखों की नश्वरता और प्रभु की भक्ति की सत्यता।
  2. सांसारिक आभूषणों के प्रति मोह और प्रभु के प्रति प्रेम की तुलना।
  3. प्रभु के प्रेम में डूबकर संसार के सुखों की प्राप्ति की इच्छा।
  4. सामाजिक रीतियों के प्रति विरोध और सांसारिक सज्जा की आकांक्षा।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : संसार के भौतिक सुखों की नश्वरता और प्रभु की भक्ति की सत्यता।

सगुण कृष्ण काव्य Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर है- संसार के भौतिक सुखों की नश्वरता और प्रभु की भक्ति की सत्यता।

Key Pointsविश्लेषण-

  • पंक्तियों का अर्थ:
    • "झूठा माणिक मोतिया री, झूठी जगमग जोति। झूठा आभूषणा री, सांची पियाजी री पोति।" का अर्थ है कि माणिक, मोती, और उनकी चमक (जगमग जोति) झूठी है।
    • सांसारिक आभूषण भी झूठे हैं, लेकिन प्रियतम (हरि) की भक्ति की पोथी (या प्रेम) ही सच्ची है।

Additional Information

  • वैचारिक भाव:
    • इन पंक्तियों में मीरा संसार के भौतिक सुखों और सज्जा (माणिक, मोती, आभूषण) को क्षणभंगुर और झूठा बता रही हैं। उनके लिए सच्चा सुख केवल हरि की भक्ति और प्रेम में है, जिसे वह "सांची पियाजी री पोति" कहकर व्यक्त करती हैं।
    • यहाँ मीरा वैराग्य की भावना को व्यक्त कर रही हैं, जहाँ वह संसार की माया को अस्वीकार कर प्रभु की भक्ति को ही सर्वोपरि मानती हैं।
    • यह भक्तिकाल की निर्गुण और सगुण दोनों धाराओं में प्रचलित विचार है कि सांसारिक सुख नश्वर हैं, और प्रभु की भक्ति ही शाश्वत सत्य है।

सगुण कृष्ण काव्य Question 5:

निम्नलिखित में से कौन-सी पंक्ति मीरा के हरि के प्रति अनन्य प्रेम और एकनिष्ठता को दर्शाती है?

a) मीराँ री लगण लग्याँ होणा हो जो हूँयाँ।

b) म्हारां री गिरधर गोपाल दूसरा णां कूयां।

c) मीरां कू प्रभु मिल्या हे; एही भगति की रीत।

d) मीराँ कूँ प्रभु दरसण दीज्याँ पूरब जणम की कोल।

e) मा हिरदां बस्या सांवरो म्हारे णींद न आवां।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

  1. केवल a, e
  2. केवल b, d, e
  3. केवल b
  4. केवल c

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : केवल b

सगुण कृष्ण काव्य Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - केवल b (म्हारां री गिरधर गोपाल दूसरा णां कूयां।)

Key Pointsविश्लेषण:

  • यह पंक्ति "म्हारां री गिरधर गोपाल दूसरा णां कूयां" पद से ली गई है।
  • मीरा यहाँ कहती हैं कि उनके लिए गिरधर गोपाल (श्रीकृष्ण) ही एकमात्र प्रभु हैं, और उनके अलावा कोई दूसरा नहीं है। यह उनकी हरि के प्रति अनन्य प्रेम और एकनिष्ठता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

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सूरदास के गुरु कौन थे?

  1. रामानन्द
  2. रामदास
  3. वल्लभाचार्य
  4. विट्ठलनाथ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वल्लभाचार्य

सगुण कृष्ण काव्य Question 6 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 3 'वल्लभाचार्य’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

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  •  सूरदास के गुरु का नाम श्री वल्लभाचार्य था।
  • यह भी माना जाता है कि वह अपने गुरु वल्लभाचार्य से महज दस दिन छोटे थे।
  • सूरदास जी द्वारा लिखित पांच ग्रन्थ बताएं जाते हैं।
  • जिनमें से सूर सागर, सूर सारावली और साहित्य लहरी के प्रमाण मिलते हैं।
  • जबकि नल-दमयन्ती और ब्याहलो का कोई प्रमाण नहीं मिलता।

अन्य विकल्प: 

  • रामानन्द - रविदास और कबीरदास के गुरु। 
  • रामदास - छत्रपति शिवाजी के गुरु। 
  • विट्ठलनाथ - नंददास के गुरु। 

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  • कृष्ण भक्ति में सूरदास का नाम सर्वोपरि है।
  • वह एक कवि, संत और एक महान संगीतकार थे।
  • उन्होंने इन सभी रोल को अपने जीवन में बखूबी निभाया।
  • उनके जीवनकाल से संबंधित कोई भी पुख्ता प्रमाण नहीं मिलते।
  • महाकवि सूरदास के जन्म और मृत्यु दोनों को लेकर कई भ्रांतियां हैं।
  • उनके पिता रामदास गायक थे।

रसखान ने किससे दीक्षा प्राप्त की?

  1. रामानन्द से
  2. तुलसीदास से
  3. वल्लभाचार्य से
  4. गोस्वामी विट्ठलनाथ से

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : गोस्वामी विट्ठलनाथ से

सगुण कृष्ण काव्य Question 7 Detailed Solution

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रसखान ने 'गोस्वामी विट्ठलनाथ' से दीक्षा प्राप्त की

Key Points

  •  विठ्ठलनाथ की अन्य प्रमुख रचनाएँः-
  • अणुभाष्य
  • यमुनाष्टक
  • विद्वन्मडल 
  • भक्तिनिर्णय आदि ।
  • विट्ठलनाथ ने अष्टछाप की स्थापना 1565 ई.की है। 
  • अष्टछाप मे कुल आठ कवि है।
  • जिसमें चार विट्ठलनाथ और चार वल्लभाचार्य के शिष्य थे।
विट्ठलनाथ के शिष्य वल्लभाचार्य के शिष्य
गोविंद स्वामी कुंभनदास
छीत स्वामी सूरदास
चतुर्भुजदास परमानंद दास
नंददास कृष्णदास

Additional Informatio 

कवि रचना
रामानंद वैष्णवमताब्ज भास्कर
तुलसीदास  वैराग्य संदीपनी , रामाज्ञा प्रश्न , रामललानहछू , रामचरितमानस आदि।
बल्लभाचार्य यमुनाष्टक , सिद्धांत मुक्तावली , नवरत्न स्तोत्र आदि।

निम्नलिखित में से कौन-सा कवि 'अष्टछाप' का कवि नहीं था?

  1. नन्ददास
  2. परमानन्ददास
  3. छीत स्वामी
  4. हरिव्यास देव

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : हरिव्यास देव

सगुण कृष्ण काव्य Question 8 Detailed Solution

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हरिव्यास देव यहाँ सही विकल्प है, क्योंकि यह अष्टछाप में शामिल कवि नही हैं।

अत: सही विकल्प 4)हरिव्यास देव है।

अष्टछाप आठ कवियों का समूह है- (चार वल्लभाचार्य के शिष्य, चार विट्ठलनाथ के शिष्य)

वल्लभाचार्य

विट्ठलनाथ 

सूरदास

चतुर्भुज दास

कुम्भनदास

छीतस्वामी

परमानन्द दास

गोविन्द स्वामी

कृष्णदास

नन्ददास

 

इनमें से कौन-सा कवि अष्टछाप का नहीं है?

  1. सूरदास
  2. कुम्भनदास
  3. नन्ददास
  4. रैदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : रैदास

सगुण कृष्ण काव्य Question 9 Detailed Solution

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अष्टछाप के कवियो में रैदास का नाम नही लिया जाता है
Key Points
  1. अष्टछाप, महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी एवं उनके पुत्र श्री विट्ठलनाथ जी द्वारा संस्थापित 8 भक्तिकालीन कवियों का एक समूह था,
  2. जिन्होंने अपने विभिन्न पद एवं कीर्तनों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का गुणगान किया। अष्टछाप की स्थापना 1565 ई० में हुई थी।
  3. अष्टछाप के आठ कवियों में चार वल्लभ के शिष्य हैं, जबकि चार विट्ठलनाथ के। 
  • कुम्भनदास
  • परमानन्द दास
  • कृष्ण दास
  • सूरदास
  • गोविंद स्वामी
  • छीत स्वामी
  • चतुर्भुज दास
  • नंददास

इनमें से सूरदास की कृति कौन-सी है?

  1. कवितावली
  2. साहित्य लहरी
  3. गीतावली
  4. गंगालहरी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : साहित्य लहरी

सगुण कृष्ण काव्य Question 10 Detailed Solution

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'साहित्य लहरी' सूरदास की कृति है,अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 2 'साहित्य लहरी सही उत्तर होगा। 

Key Points

  • नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित हस्तलिखित पुस्तकों की विवरण तालिका में सूरदास के १६ ग्रन्थों का उल्लेख है।
  • इनमें सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी, नल-दमयन्ती, ब्याहलो के अतिरिक्त दशमस्कंध टीका, नागलीला, भागवत्, गोवर्धन लीला, सूरपचीसी, सूरसागर सार, प्राणप्यारी, आदि ग्रन्थ सम्मिलित हैं।​

Additional Information

     कवितावली

  गोस्वामी तुलसीदास

     गीतावली

  गोस्वामी तुलसीदास

     गंगालहरी

 पंडित जगन्नाथ     तर्कपंचानन 

 

 

 

 

'भँवर गीत' किसकी रचना है?

  1. सूरदास
  2. नन्ददास
  3. चतुर्भुजदास
  4. कृष्णदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नन्ददास

सगुण कृष्ण काव्य Question 11 Detailed Solution

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भंवर गीत नंद दास की रचना है। अतः उपरोक्त विकल्पों में से विकल्प नंददास सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points
  • भंवर गीत, नंद दास की रचना है।
  • नंददास की अन्य रचनाएं:-
    • रास पंचाध्यायी, सिद्धान्त पंचाध्यायी, अनेकार्थ मंजरी, मान मंजरी, रूप मंजरी, रस मंजरी, विरह मंजरी, गोवर्धन लीला, स्याम सगाई, रुक्मिणी मंगल, सुदामा चरित, भाषा दशमस्कन्ध, पदावली
Important Points 
  • नन्ददास (वि ० सं ० 1590 - )
    • ब्रजभाषा के एक सन्त कवि थे। 
    • वे वल्लभ संप्रदाय (पुष्टिमार्ग) के आठ कवियों (अष्टछाप कवि) में से एक प्रमुख कवि थे। 
    • ये गोस्वामी विट्ठलनाथ के शिष्य थे।
Additional Information
  • सूरदास
    • सूरदास हिंदी साहित्य के सूर्य माने जाते हैं।
    • वल्लभाचार्य के शिष्य हैं।
    • इन्हें उद्धव का अवतार माना जाता है।
    • सूरदास जी द्वारा लिखित पाँच ग्रन्थ बताए जाते हैं:
      • सूरसागर 
      • सूरसारावली
      • साहित्य-लहरी (कूट पद संकलित हैं)
      • नल-दमयन्ती
      • ब्याहलो
  • कृष्णदास
    • कृष्णदास हिन्दी के भक्तिकाल के अष्टछाप के कवि थे।
    • इन्होंने कृष्ण लीला प्रसंगों पर पद रचना की जिनकी संख्या लगभग 250 है जो राग कल्पद्रुम, राग रत्नाकर तथा संप्रदाय के कीर्तन संग्रहों में उपलब्ध हैं।
  • चतुर्भुजदास
    • चतुर्भुजदास की वल्लभ सम्प्रदाय के भक्त कवियों में गणना की जाती है।
    • रचनाएं:- 
      • द्वादश यश
      • हित जू को मंगल
      • भक्ति प्रकाश

हिन्दी साहित्य का इतिहास' में रामचन्द्र शुक्ल ने कृष्ण भक्ति शाखा के कवियों को किस क्रम में प्रस्तुत किया?

  1. चतुर्भुज दास, छीत स्वामी, गोविन्द स्वामी, परमानंद दास
  2. गोविन्द स्वामी, चतुर्भुज दास, परमानंद दास, छीत स्वामी
  3. गोविन्द स्वामी, छीत स्वामी, चतुर्भुज दास, परमानंद दास
  4. परमानंद दास, गोविन्द स्वामी, छीत स्वामी, चतुर्भुज दास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : परमानंद दास, गोविन्द स्वामी, छीत स्वामी, चतुर्भुज दास

सगुण कृष्ण काव्य Question 12 Detailed Solution

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परमानंद दास, गोविन्द स्वामी, छीत स्वामी, चतुर्भुज दासकवियों के जन्म वर्ष के अनुसार यह क्रम सही है।

  • परमानंद दास :- 1493
  • गोविन्द स्वामी :- 1505
  • छीत स्वामी :- 1515 
  • चतुर्भुज दास :- 1530

अष्टछाप के प्रमुख आठ कवि

वल्लभाचार्य

विठ्ठल नाथ

कुम्भन दास 1468

गोविन्द स्वामी 1505

सूरदास 1478

छीत स्वामी 1515

परमानन्द दास 1493 

चतुर्भुज दास 1530

कृष्ण दास 1496

नंददास 1533

अष्टछाप के कवियों में सम्मिलित नहीं है

  1. परमानन्ददास
  2. कृष्णदास
  3. चतुर्भुजदास
  4. सुन्दरदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सुन्दरदास

सगुण कृष्ण काव्य Question 13 Detailed Solution

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अष्टछाप के कवियों में सम्मिलित नहीं है -सुन्दरदास

सुन्दरदास-

  • जन्म-1596-1689 ई.
  • गुरु-दादूदयाल
  • निर्गुण भक्तों में सुन्दरदास सर्वाधिक विद्वान सुशिक्षित व शास्त्रज्ञ थे।
  • ये श्रृंगार रस की रचनओं के कट्टर विरोधी थे।
  • रचनाएँ-
    • ज्ञान समुंद्र, सुंदर विलास आदि। 

Key Pointsअष्टछाप-

  • वल्लभाचार्य के पुत्र विट्ठलनाथ ने 1565 ई. इसकी स्थापना की।
  • चार शिष्य वल्लभाचार्य और चार विट्ठलनाथ के शिष्य इसमें सम्मिलित थे
  • ये आठों भक्त-कवि श्री नाथ जी की नित्य पूजा किया करते थे। 

Important Pointsअष्टछाप के कवियों का जन्म-

कवि  जन्म 
कुम्भनदास  1468 ई.
सूरदास  1478 ई.
परमानंददास 1493 ई.
कृष्णदास 1496 ई.
गोविन्दस्वामी  1505 ई.
छितस्वामी  1515 ई.
चतुर्भुजदास  1530 ई.
नंददास  1533 ई.

Additional Informationपरमानन्ददास-

  • गुरु - वल्लभाचार्य 
  • रचनाएँ-
    • परमानंद सागर, ध्रुवचरित, दानलीला आदि।

कृष्णदास-

  • गुरु - वल्लभाचार्य
  • रचनाएँ-
    • फुटकल पद, जुगलमानचरित आदि। 

चतुर्भुजदास-

  • गुरु - विट्ठलनाथ
  • रचनाएँ-
    • चतुर्भुज कीर्तन संग्रह/कीर्तनवली/दानलीला आदि।

'सुजान रसखान' में किस विषय पर कवित्त सवैया है?

  1. राम विषयक
  2. प्रकृति विषयक
  3. कृष्ण विषयक
  4. नारी विषयक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कृष्ण विषयक

सगुण कृष्ण काव्य Question 14 Detailed Solution

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'सुजान रसखान' में "कृष्ण विषयक" विषय पर कवित्त सवैया है।

Key Points

  •  रसखान के दो ग्रंथ मिलते हैं – “प्रेमवाटिका और'सुजान रसखान' ।
  • 'प्रेमवाटिका' में प्रेम-निरूपण संबंधी रचनाएँ हैं और 'सुजान रसखान' में कृष्ण की भक्ति संबंधी रचनाएँ ।

Important Points

  • रीतिमुक्त कवियों में रसखान का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। 
  • सय्यद इब्राहीम "रसखान" का जन्म सन् 1533 से 1558 के बीच माना जाता है। 
  • वे विट्ठलनाथ के शिष्य थे एवं वल्लभ सम्प्रदाय के सदस्य थे।  
  • रसखान के सगुण कृष्ण सारी लीलाएं करते हैं।
  • यथा-बाललीला,रासलीला,फागलीला,कुंजलीला,प्रेम वाटिका,सुजान रसखान आदि।
  • इन्होंने मंगलाचरण,प्रेमवाटिका,सुजान रसखान,रसखान रत्नावली में पद लिखे हैं। 

'सूरदास' ने किस भाषा में 'सूरसागर' की रचना की?

  1. अवधी
  2. ब्रज
  3. खड़ीबोली
  4. राजस्‍थानी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : ब्रज

सगुण कृष्ण काव्य Question 15 Detailed Solution

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'सूरदास' ने ब्रज भाषा में 'सूरसागर' की रचना की।

Key Points

  • सूरसागर सूरदास जी का प्रधान एवं महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है।
  • इसमें प्रथम नौ अध्याय संक्षिप्त है, पर दशम स्कन्ध का बहुत विस्तार हो गया है।
  • इसमें भक्ति की प्रधानता है।
  • इसके दो प्रसंग 'कृष्ण की बाल-लीला' और 'भ्रमर-गीतसार' अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं।

Important Points

साहित्य लहरी

साहित्यलहरी ११८ पदों की एक लघु रचना है। इसके अन्तिम पद में सूरदास का वंशवृक्ष दिया है, जिसके अनुसार सूरदास का नाम 'सूरजदास' है और वे चन्दबरदायी के वंशज सिद्ध होते हैं।

सूर सारावली

सूरसारावली भक्त कवि सूरदास की एक रचना है। इसमें ११०७ छन्द हैं। यह सम्पूर्ण ग्रन्थ एक "वृहद् होली" गीत के रूप में रचित है।

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