कवि और रचना MCQ Quiz in বাংলা - Objective Question with Answer for कवि और रचना - বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন [PDF]
Last updated on Mar 27, 2025
Latest कवि और रचना MCQ Objective Questions
Top कवि और रचना MCQ Objective Questions
कवि और रचना Question 1:
इनमें से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं हैं :
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 1 Detailed Solution
सुमेलित नहीं हैं- पांचाली- नागार्जुन
पांचाली-
- रचनाकार-रांगेय राघव
- विधा-काव्य
- प्रकाशन वर्ष-1955 ई.
Key Pointsनागार्जुन-
- जन्म-1911-1998 ई.
- काव्य संग्रह-
- युगधारा(1953 ई.)
- सतरंगे पंखों वाली(1959 ई.)
- प्यासी पथराई आँखे(1962 ई.)
- तुमने कहा था(1980 ई.)
- पुरानी जितियों का कोरस(1983 ई.) आदि।
Important Pointsत्रिलोचन-
- जन्म-1917-2007 ई.
- मूल नाम-वासुदेव सिंह
- काव्य संग्रह-
- धरती(1945 ई.)
- गुलाब और बुलबुल(1956 ई.)
- दिगंत(1957 ई.)
- उस जनपद का कवि हूँ(1981 ई.)
- सबका अपना आकाश(1987 ई.) आदि।
शिव मंगल सिंह सुमन-
- जन्म-1915-2002 ई.
- काव्य संग्रह-
- हिल्लोल(1939 ई.)
- युग का मोल(1945 ई.)
- विंध्य हिमालय(1960 ई.)
- हम पक्षी उन्मुक्त गगन के आदि।
रांगेय राघव-
- जन्म-1923-1962 ई.
- काव्य संग्रह-
- पिघले पत्थर(1946 ई.)
- मेधावी(1947 ई.) आदि।
Additional Informationअन्य रचनाएँ-
रचना | रचनाकार | विधा | प्रकाशन वर्ष |
ताप के ताए हुए दिन | त्रिलोचन | काव्य | 1980 ई. |
एशिया जाग उठा | शिवमंगल सिंह सुमन | काव्य | - |
राह के दीपक | रांगेय राघव | काव्य | 1947 ई. |
कवि और रचना Question 2:
मुक्तिबोध ने किस कवि को 'अवध का किसान कवि' कहा था?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 2 Detailed Solution
मुक्तिबोध ने त्रिलोचन कवि को 'अवध का किसान कवि' कहा था।
त्रिलोचन-
- जन्म-1917-2000 ई.
- रचनाएँ-
- धरती(1945 ई.)
- गुलाब और बुलबुल(1956 ई.)
- दिगंत(1957 ई.)
- ताप के ताए हुए दिन(1980 ई.)
- शब्द(1980 ई.)
- उस जनपद का कवि हूँ (1981 ई.) आदि।
Key Pointsमुक्तिबोध-
- जन्म-1917-1964 ई.
- तार सप्तक(1943 ई.) के प्रमुख कवि है।
- काव्य संग्रह-
- चाँद का मुँह टेढ़ा है(1964 ई.)
- भूरि-भूरि खाक धूल(1980 ई.) आदि।
Important Pointsजायसी-
- जन्म-1446-1542 ई.
- पूरा नाम-मलिक मोहम्मद जायसी
- गुरु-सूफी फकीर शेख मोहिदी
- रचनाएँ-
- अखरावट
- आखिरी कलाम
- कहरनामा
- कान्हावत
- चित्ररेखा आदि।
नागार्जुन-
- जन्म-1911-1998 ई.
- प्रगतिवादी मुख्य कवि है।
- काव्य संग्रह-
- युगधारा(1953 ई.)
- सतरंगे पंखों वाली(1959 ई.)
- प्यासी पथराई आँखे(1962 ई.)
- तुमने कहा था(1980 ई.)
- पुरानी जूतियों का कोरस(1983 ई.) आदि।
तुलसीदास-
- जन्म-1532-1623ई.
- शिक्षा गुरु-शेष सनातन
- दीक्षा गुरु-नरहर्यानंद
- तुलसी पर श्री संप्रदाय का प्रभाव देखा जाता है।
- रचनाएँ-
- रामचरितमानस
- रामललानहछू
- वैराग्य-संदीपनी
- बरवै रामायण
- पार्वती-मंगल
- जानकी-मंगल
- रामाज्ञाप्रश्न
- दोहावली आदि।
Additional Informationतुलसी के लिए-
- नाभादास ने इन्हें-
- "कलिकाल का वाल्मीकि" कहा।
- हजारीप्रसाद द्विवेदी-
- "भारतवर्ष का लोक नायक वही हो सकता है जो समन्वय करने का अपार धैर्य लेकर आया हो।"
बच्चन सिंह-
- नागार्जुन की कविताओं को 'नुक्कड़ कविता' कहा है।
मुक्तिबोध-
- इन्हें भयानक कवियों का कवि कहा जाता है।
कवि और रचना Question 3:
जन्मकाल के अनुसार निम्नलिखित कवियों का सही अनुक्रम है :
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 3 Detailed Solution
जन्मकाल के अनुसार निम्नलिखित कवियों का सही अनुक्रम है-
कवि | जन्मकाल |
केदारनाथ अग्रवाल | 1911-2000 ई. |
त्रिलोचन | 1917-2007 ई. |
धर्मवीर भारती | 1926-1997 ई. |
रघुवीर सहाय | 1929-1990 ई. |
Key Pointsकेदारनाथ अग्रवाल-
- यह प्रगतिवादी कवि रहे है।
- इनकी कविताओं को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है-
- पहली श्रेणी में राजनीतिक कविताएँ और दूसरी श्रेणी में प्रकृति प्रेम की कविताएँ आती है।
- 'बालेंदु' उपनाम से कविताएँ लिखते थे।
- इन्हें 'केन का कवि' भी कहा जाता है।
त्रिलोचन-
- पूरा नाम-वासुदेव सिंह 'त्रिलोचन'
- यह प्रगतिवाद के महत्तवपूर्ण कवि थे।
- इनकी कविताओं केकेंद्र में गाँव व उनकी समस्याओं का चित्रण मिलता है।
- यह 'सॉनेट' लिखने के लिए प्रसिद्ध है।
धर्मवीर भारती-
- दूसरा सप्तक(1951 ई.) के महत्तवपूर्ण कवि है।
- 'व्यक्ति स्वातन्त्र्य' इनकी कविताओं का केंद्र बिंदु है।
रघुवीर सहाय-
- दूसरा सप्तक(1951 ई.) के महत्तवपूर्ण कवि है।
- इनकी कुछ कविताओं पर रोमानियत का प्रभाव देखा जा सकता है।
- इन्होंने राजनीतिक व सामाजिक विमर्श पर कविताएँ लिखी है।
Important Pointsकाव्य संग्रह-
कवि | काव्य-संग्रह |
केदारनाथ अग्रवाल | युग की गंगा(1947 ई.),फूल नही रंग बोलते है(1965 ई.),गुलमेंहदी(1978 ई.),अपूर्वा(1984 ई.) आदि। |
त्रिलोचन | धरती(1945 ई.),दिगंत(1957 ई.),उस जनपद का कवि हूँ(1981 ई.),सबका अपना आकाश(1987 ई.) आदि। |
धर्मवीर भारती | ठंडा लोहा(1952 ई.),कनुप्रिया(1959 ई.),सात गीत वर्ष(1959 ई.),देशांतर(1960 ई.) आदि। |
रघुवीर सहाय | सीढियों पर धुप में(1960 ई.),आत्महत्या के विरुद्ध(1967 ई.),हंसो-हंसो जलसी हंसो(1975 ई.) आदि। |
Additional Informationरामस्वरूप चतुर्वेदी-
- "मनुष्य जीवन की नियति को उसके समूचे विस्तार में देखना और प्रसंगिक बनाएं रखना रघुवीर सहाय के कवि क्रम का केन्द्रीय तत्व है।"
धर्मवीर भारती-
- इनके पहले काव्य संग्रह को आलोचकों ने 'कैशोर्य भावुकता' का काव्य कहा है।
बच्चन सिंह-
- "त्रिलोचन प्रगतिवादी थे नहीं,उन्हें ग्रेस मार्क देकर प्रगतिशीलों में शामिल किया गया है।"
बच्चन सिंह-
- "जहाँ तक प्रकृति-चित्रण का संबंध है,केदार छायावादोत्तर कविता के सुमित्रानंदन पन्त हैं।"
कवि और रचना Question 4:
जन्मकाल के आधार पर निम्नलिखित कवियों का सही अनुक्रम है :
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 4 Detailed Solution
जन्म काल के आधार पर कवियों का सही अनुक्रम "नागार्जुन, भवानीप्रसाद मिश्र, त्रिलोचन, नरेश मेहता" है।
- नागार्जुन :- 30 जून 1911
- भवानी प्रसाद मिश्र :- 29 मार्च 1914
- त्रिलोचन :- 20 अगस्त 1917
- नरेश मेहता :- 15 फ़रवरी 1922
नागार्जुन के काव्य संग्रह:-
- युगधारा (1953), सतरंगे पंखों वाली (1959), प्यासी, पथराई आँखें (1962), तालाब की मछलियाँ (1974), तुमने कहा था (1980)
- खिचड़ी विप्लव देखा हमने (1980), हजार-हजार बाँहों वाली (1981), पुरानी, जूतियों का कोरस (1983), रत्नगर्भ (1984)
- ऐसे भी हम क्या! ऐसे भी तुम क्या!! (1985), आखिर ऐसा, क्या कह दिया मैंने (1986), इस गुब्बारे की छाया में (1990)
- भूल जाओ पुराने सपने (1994), अपने खेत में (1997)
भवानी प्रसाद मिश्र के कविता संग्रह-
- गीत फरोश(1953), चकित है दुख(1968), गान्धी पंचशती(1969), बुनी हुई रस्सी(1971), खुशबू के शिलालेख(1973), त्रिकाल सन्ध्या
- व्यक्तिगत(1973), परिवर्तन जिए (1976), अनाम तुम आते हो(1979), इदम् न मम(1977), शरीर कविता: फसलें और फूल(1980)
- मानसरोवर दिन(1981), सम्प्रति(1982), अँधेरी कविताएँ, तूस की आग(1985), कालजयी (1980)।
त्रिलोचन के कविता संग्रह-
- धरती(1945), गुलाब और बुलबुल(1956), दिगंत(1957),
- ताप के ताए हुए दिन(1980), शब्द(1980), उस जनपद का कवि हूँ (1981)
- अरधान (1984), तुम्हें सौंपता हूँ(1985), मेरा घर, चैती,
- अनकहनी भी कुछ कहनी है, जीने की कला(2004)
नरेश मेहता की रचनाएँ-
- काव्य संग्रह :- वन पाखी सुनो, बोलने दो चीड़ को, मेरा समर्पित एकांत, चैत्य, उत्सवा।
- प्रबंध काव्य :- संशय की एक रात, महाप्रस्थान, प्रवाद पर्व, शबरी।
कवि और रचना Question 5:
'संसद से सड़क तक' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 5 Detailed Solution
- 'संसद से सड़क तक' धूमिल की क्रान्तिकारी रचना है।
Key Points
- “और अब तो हवा भी बुझ चुकी है
और सारे इश्तहार उतार लिए गए हैं
जिनमें कल आदमी -
अकाल था।" - उपर्युक्त पंक्तियां धूमिल की कविता "नक्सलबाड़ी" की है।
- यह "संसद से सड़क तक" में संकलित है।
- इसका रचना वर्ष 1972 ईस्वी है।
- संसद से सड़क तक- धूमिल का पहला काव्य-संग्रह है।
- इस काव्य-संग्रह में 25 कविताएं हैं जिनमें 'मोचीराम', 'नक्सलबाड़ी', 'कविता' और 'पटकथा' आदि प्रसिद्ध कविताएं हैं।
कवि और रचना Question 6:
हिंदी के किस कवि ने मैथिली में यात्री नाम से कविताएं लिखी हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 6 Detailed Solution
'नागार्जुन' ने हिंदी में मैथिली में 'यात्री' नाम से कविताये लिखी।
Key Points
- नागार्जुन(1911-1998ई.)-मूल नाम:वैद्यनाथ मिश्र,साहित्यिक नाम:यात्री।
- प्रगतिवाद का 'शलाका पुरुष' कहा जाता है।
- रचनाएँ-युगधारा(1953),सतरंगे पंखों वाली(1959),प्यासी पथराई आँखे(1962),खिचड़ी विप्लप देखा हमने(1980),पुरानी जूतियों का कोरस(1989)आदि।
Important Points
कवि | कृतियाँ |
नरेश मेहता | बनपाखी सुनो(1957),बोलने दो चीड़ को(1961),उत्सवा(1979)आदि। |
विपिन कुमार अग्रवाल | धुँए की लकीरें(1956),ढूँढा और पाया(1991) आदि। |
सुदामा पांडे धूमिल | संसद से सड़क तक(1972),कल सुनना मुझे(1976),सुदामा पांडे का प्रजातंत्र(1984)आदि। |
कवि और रचना Question 7:
'आत्मपरिचय' कविता में कवि किस में आग लिए फिरता है?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 7 Detailed Solution
'आत्मपरिचय' कविता में कवि शीतल वाणी में आग लिए फिरता है।
काव्य की पंक्तियाँ-
- "मैं निज रोदन में राग लिए फिरता हूँ,
शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ"
Key Pointsहरिवंशराय बच्चन-
- जन्म-1907-2003 ई.
- हिन्दी में हालावाद के प्रवर्तक है।
- काव्य रचनाएं-
- मधुशाला (1935 ई.)
- मधुबाला (1936 ई.)
- मधुकलश (1937 ई.)
- आत्म परिचय (1937 ई.)
- निशा निमंत्रण (1938 ई.)
- एकांत संगीत (1939 ई.)
- सतरंगिनी (1945 ई.) आदि।
Additional Information
आत्मपरिचय-
- रचनाकार-हरिवंशराय बच्चन
- विधा-कविता
- मुख्य-
- इस कविता को कवि ने आम बोलचाल की भाषा में सजाया है।
- अनुप्रास और रूपक अलंकार इस काव्य की शोभा बढ़ाते हैं।
- तुकबंदी इस काव्य में देखने को मिलती है।
कवि और रचना Question 8:
कविता "निम्मो की मौत पर" में निम्मो समाज के किस वर्ग का प्रतिनिध्त्व करती थी ?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 8 Detailed Solution
कविता "निम्मो की मौत पर" में निम्मो समाज के शोषित और पीड़ित वर्ग का प्रतिनिधत्व करती थी।
Key Points
- निम्मो कविता के लेखक श्री विजय कुमार है।
- कवी ने निम्मो की तुलना भीगी हुई चिड़िया से की है।
नोट: यह प्रश्न बिहार बोर्ड की कक्षा 9 की पाठ्य पुस्तक गोधूलि भाग 1 पर आधारित है।
कवि और रचना Question 9:
'जागो फिर एक बार' कविता में निराला के अनुसार जागना है?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 9 Detailed Solution
'जागो फिर एक बार' कविता में निराला के अनुसार जागना है- नवजागरण
Key Pointsजागो फिर एक बार-
- रचनाकार- सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
- यह परिमल संग्रह में संगृहीत है।
Important Pointsसूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-
- जन्म-21 फरवरी 1896 - 15 अक्टूबर 1961 ई.
- छायावाद के चार स्तंभों में से एक।
- प्रमुख काव्य रचनाएं:
- जूही की कली (1916)
- अनामिका(1923)
- परिमल(1929)
- गीतिका(1936)
- राम की शक्ति पूजा(1936)
- सरोज स्मृति(1935)
- कुकुरमुत्ता(1942)
- अणिमा(1942)
- संध्या काकली (1969)
- कहानियां:
- लिली (1934)
- सखी(1935)
- चतुरी चमार(1945)
कवि और रचना Question 10:
प्रगतिवाद काव्य के संदर्भ में निम्न में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 10 Detailed Solution
प्रगतिवाद काव्य के संदर्भ में सही कथन नहीं है- प्रगतिवादी कवियों ने प्रकृति के कोमल रूप का चित्रण अपनी कविताओं में किया है।
Key Pointsप्रगतिवाद-
- समय-1936-1943 ई.
- मार्क्सवादी विचारधारा से संबंध रखता है।
- यह समाज को शोषक और शोषित के रूप में देखता है।
- प्रगतिवादी शोषक वर्ग के खिलाफ शोषित वर्ग में चेतना लाने तथा उसे संगठित कर शोषण मुक्त समाज की स्थापना की कोशिशों का समर्थन करता है।
- यह पूँजीवाद, सामंतवाद, धार्मिक संस्थाओं को शोषक के रूप में चिन्हित कर उन्हें उखाड़ फेंकने की बात करता है।
Important Pointsप्रगतिवाद की विशेषताएं-
- सामाजिक यथार्थ का चित्रण-
- सांप्रदायिकता का विरोध
- जनभाषा का प्रयोग
- जनसंस्कृति से जुड़ाव
- मुक्त छंद का प्रयोग
- ग्राम्य गीतों जैसे कजरी, लावनी, ठुमरी का ्परयोग
- मुक्तक रचनाएं आदि।
Additional Informationप्रगतिवादी प्रमुख कवि-
- केदारनाथ अग्रवाल
- नागार्जुन
- त्रिलोचन
- शिव मंगल सिंह 'सुमन'
- केदारनाथ सिंह
- धूमिल
- कुमार विमल
- अरुण कमल
- राजेश जोशी आदि।