Question
Download Solution PDFप्याजेमहोदयेन उक्तम् यत् बालस्य सर्वाङ्गीण-बौद्धिक-विकासार्थं -
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्नानुवाद - प्याजे महोदय द्वारा कहा गया कि बालक के सर्वाङ्गीण बौद्धिक विकास के लिए -
स्पष्टीकरण - जीन पियाजे महोदय द्वारा कहा गया है कि बालक के सर्वांगीण बौद्धिक विकास के लिए भाषा सर्वाधिक महत्वपूर्ण पक्ष है। जिसके द्वारा बालक का व्यवहार होता है। भाषा के माध्यम से ही वह अनेक विषयों को सीखता है।
- जीन पियाजे विकासात्मक मनोविज्ञान के सर्वप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक थे।
- इनका जन्म 1896 में स्विट्जरलैंड में हुआ।
- इनका संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत मनोविज्ञान के क्षेत्र में सर्वप्रसिद्ध है।
- संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत के अनुसार बालक के बौद्धिक विकास से है।
- जिसमें पियाजे के अनुसार बालक का बौद्धिक का विकास उसके आस-पास के वातावरण अनुसार क्रमबद्ध रूप से होता है। जिसमें भाषा महत्वपूर्ण है।
- जिसमें बालक अपने ही आस-पास के परिवेश से अधिगम करता हुआ अपने संज्ञान में वृद्धि करता है। जो उसके बौद्धिक विकास के लिए उपयुक्त है।
Key Points
जीन पियाजे का यह सिद्धांत मुख्यतया दो कार्य विधियों पर आधारित है -
- संगठन - इसके अन्तर्गत सर्वप्रथम बालक अपने आस-पास के वातावरण से समस्त ज्ञान ग्रहण करता है। जिसे यहाँ संगठन कहा गया है।
- अनुकूलन - इसके अन्तर्गत दो प्रक्रियाएं हैंं -
- आत्मसातीकरण - इसमें बालक अपने प्राप्त पूर्व ज्ञान के आधार पर नवीन ज्ञान को प्राप्त करता है।
- समायोजन/असमंजन - इसके द्वारा बालक अपने पूर्व ज्ञान में परिवर्तन करते हुए उसमें नवीन ज्ञान को सम्मिलित करते हुए वातावरण के साथ समायोजन करना समायोजन या समंजन कहलाता है।
अतः कहा जा सकता है कि जीन पियाजे महोदय द्वारा कहा गया है कि बालक के सर्वांगीण बौद्धिक विकास के लिए भाषा सर्वाधिक महत्वपूर्ण पक्ष है। (अन्य विकल्प यहाँ असंगत है।)
Last updated on Apr 30, 2025
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