भाषाशिक्षणस्य कक्षायां छात्रः आत्मनः प्रथमभाषायाः अधिगमे काठिन्यम् अनुभवति यतः -

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CTET Paper 1 - 20th Dec 2021 (Eng/Hin/Sans/Ben/Mar/Tel)
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  1. स्वभाषां विद्यालये पठनंं रुचिकरं न भवति।
  2. विद्यालयस्य भाषा गृहस्य भाषायाः तुलनायाम् औपचारिकी भवति।
  3. छात्रः स्वभाषां जानाति अतः तस्य विद्यालये पठनं औचित्यपूर्णं न प्रतीयते।
  4. स विद्यालये स्वभाषां कठिनां मन्यते।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विद्यालयस्य भाषा गृहस्य भाषायाः तुलनायाम् औपचारिकी भवति।
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प्रश्न की हिन्दी - भाषा शिक्षण की कक्षा में छात्र अपनी प्रथम भाषा के अधिगम में कठिनता अनुभव करता है, क्योंकि  -

स्पष्टीकरण -

  • भाषा शिक्षण के द्वारा शिक्षक छात्रों को भाषा एवं भाषायी कौशलों का ज्ञान कराने का प्रयास करता है। जिससे छात्रों को भाषा में दक्ष बनाया जा सके।
  • कक्षा में छात्र यदि अपनी प्रथम भाषा के अधिगम में कठिनता का अनुभव करता है तो इसका कारण हो सकता है कि विद्यालय की भाषा घर की भाषा की तुलना में औपचारिक होती है।
  • जिसके कारण छात्र को सामंजस्य कर पाने में कठिनाई का अनुभव होता है कि वह घर की भाषा को उपयोग करे या विद्यालय की औपचारिक भाषा को।
  • जबकि विद्यालय की औपचारिक भाषा को सीख पाना अधिक कठिन नहीं है। उचित शब्दों का चयन इसके लिए आवश्यक है, जिसका ज्ञान शिक्षक एवं माता-पिता द्वारा छात्रों को दिया जा सकता है, कि विद्यालय में और घर में कैसे व्यवहार करें। 
  • आरम्भ में बालक घर की भाषा का ही उपयोग करते हैं, परन्तु शिक्षक द्वारा उचित मार्गदर्शन दिये जाने पर इसे सुधारा जा सकता है।

अतः कहा जा सकता है कि कक्षा में छात्र अपनी प्रथम भाषा के अधिगम में कठिनता अनुभव करता है, क्योंकि विद्यालय की भाषा घर की भाषा की तुलना में औपचारिक होती है। उचित प्रतीत होता है।

Additional Information

अन्य विकल्पों का स्पष्टीकरण -

  • स्वभाषां विद्यालये पठनंं रुचिकरं न भवति। (अपनी भाषा में विद्यालय में पठनं रुचिकर नहीं होता है) - यह कथन सर्वथा अनुचित है।
  • छात्र स्वभाषां जानाति अतः तस्याः विद्यालये पठनं औचित्यपूर्णं न प्रतीयते। (छात्र अपनी भाषा को जानता है, अतः उसको विद्यालय में पठन औचित्यपूर्ण नही प्रतीत होता है।)
  • स विद्यालये स्वभाषां कठिनां मन्यते। (वह विद्यालय में अपनी भाषा को कठिन मानता है।) - ये तीनों ही कथन अनुचित है। जबकि बालक अपनी भाषा में विषय को ग्रहण करना अधिक पसन्द करता है।
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