Question
Download Solution PDFसम्भाषणकौशलस्य गतिविधेः आकलनसमये अधोलिखितेषु किं न आवश्यकम्?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्न का अर्थ- संभाषणकौशल के गतिविधि के आकलन के समय इन से क्या आवश्यक नहीं है?
स्पष्टीकरण:-
- भाषा शिक्षण के द्वारा छात्रों में चार प्रकार के कौशलों का विकास किया जाता है। श्रवण, वाचन, पठन और लेखन कौशल।
- भाषा-कौशल:- भाषा शिक्षण में बहुमुखी प्रयास के सिद्धांत का अनुपालन कर छात्रों की अशुद्धियों को दूर किया जा सकता है। जहां भी भाषायी व्यवहार का अवसर प्राप्त हो सर्वत्र शुद्ध भाषा के प्रयोग का प्रयास किया जाये तभी भाषायी कौशलों का समुचित विकास संभव है। मानव के विचारों का विनिमय मुख्यतः इन चार प्रक्रियाओं से करता है-
- श्रवण-कौशल बोली गयी या कही गयी का अर्थ निकालने की एक प्रक्रिया है।
- सम्भाषण-कौशल भाषा के व्याकरणिक और शाब्दिक संसाधनों के उचित प्रयोग, आरोहावरोह आदि का ध्यान रखते हुए सही तथा स्पष्ट उच्चारण की क्षमता से युक्त अपने भावों को प्रकट करने की प्रक्रिया है।
- पठन-कौशल एक सक्रिय कौशल है जो शैक्षणिक सफलता निर्धारित करता है। पठन में धारणा, मान्यता, संघ, समझ, संगठन और खोज अर्थ शामिल हैं।
- लेखन-कौशल एक सचेत और नियोजित गतिविधि है। यह लेखक के लेखन की यांत्रिकी का उपयोग करने की भाषाई क्षमता को संदर्भित करता है।
- सम्भाषण कौशल - इसमें आपकी ध्वनि और शब्दों का उच्चारण आवश्यक है। साथ ही सन्दर्भ में आये शब्दों का उचित प्रयोग भी आवश्यक है। इसके साथ ही भाषा स्पष्ट होनी चाहिए। इस तरह ये तीनों सम्भाषण कौशल में आवश्यक है। इन तीनों के माध्यम से सुनने वाला व्यक्ति आपकी बात को सरलता से समझ सकता है। जिससे आपके सम्भाषण कौशल का उचित आकलन किया जा सके।
इससे स्पष्ट होता है के सम्भाषण-कौशल में शब्दकोष आवश्यक नहीं है।
Hint
- शब्दकोषस्य उपयोगः - शब्दकोष का उपयोग (इसका उपयोग मुख्यतया अनुवाद शिक्षण एवं कठिन शब्दों के अर्थ को देखने के लिए किया जाता है। जहाँ छात्र अनुवाद की जाने वाली भाषा के शब्दों के लिए शब्दकोष का उपयोग करते हैं।)
Last updated on Apr 30, 2025
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