ग्रीक (गंधार) और मथुरा कला स्कूलों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1. गंधार कला स्कूल यूनानी शैलियों से बहुत प्रभावित था, जबकि मथुरा स्कूल अधिक स्वदेशी प्रकृति का था।

2. गंधार मूर्तियाँ मुख्य रूप से लाल बलुआ पत्थर से बनी थीं, जबकि मथुरा मूर्तियों में ग्रे शिस्ट का उपयोग किया गया था।

3. मथुरा कला स्कूल ने विशेष रूप से हिंदू देवताओं की मूर्तियाँ बनाईं, जबकि गंधार स्कूल बौद्ध प्रतिमा विज्ञान से जुड़ा था।

4. गंधार स्कूल में बुद्ध की मूर्तियों में लहराते बाल, लिपटे वस्त्र और यथार्थवादी भाव दिखाई देते हैं, जबकि मथुरा स्कूल में बुद्ध को अधिक आध्यात्मिक रूप से चित्रित किया गया है।

उपरोक्त में से कितने कथन सही हैं?

  1. केवल एक
  2. केवल दो
  3. केवल तीन
  4. सभी चार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल दो

Detailed Solution

Download Solution PDF

सही उत्तर विकल्प 2 है।

Key Points

  • गांधार स्कूल ग्रीको-बैक्ट्रियन और रोमन दुनिया के साथ क्षेत्र के संपर्क के कारण ग्रीक (हेलेनिस्टिक) कला से प्रभावित था। दूसरी ओर, मथुरा स्कूल अधिक स्वदेशी था और भारतीय परंपराओं में निहित था। इसलिए, कथन 1 सही है।
  • गंधार मूर्तियाँ मुख्य रूप से ग्रे शिस्ट या स्टुको से बनी थीं, जबकि मथुरा मूर्तियों में लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया था। इसलिए, कथन 2 गलत है।
  • मथुरा स्कूल ने हिंदू देवताओं (जैसे विष्णु और शिव) और बौद्ध विषयों (बुद्ध और बोधिसत्व) दोनों की मूर्तियाँ बनाईं। गंधार स्कूल मुख्य रूप से बौद्ध प्रतिमा विज्ञान से जुड़ा था, लेकिन यह इसके लिए विशिष्ट नहीं था। इसलिए, कथन 3 गलत है।
  • गंधार बुद्ध की मूर्तियों में ग्रीको-रोमन विशेषताएँ जैसे लहराते बाल, लिपटे वस्त्र और यथार्थवादी भाव दिखाई देते हैं। इसके विपरीत, मथुरा स्कूल ने बुद्ध को अधिक आध्यात्मिक और भारतीय रूप से चित्रित किया, जिसमें घुंघराले बाल और शांत भाव शामिल हैं। इसलिए, कथन 4 सही है।

Additional Information

गंधार बनाम मथुरा कला स्कूल - प्रमुख अंतर:

विशेषता

गंधार स्कूल

मथुरा स्कूल

प्रभाव

मजबूत ग्रीको-रोमन (हेलेनिस्टिक) प्रभाव

स्वदेशी भारतीय शैली

प्रयुक्त सामग्री

ग्रे शिस्ट (नर्म पत्थर, जटिल नक्काशी के लिए आदर्श)

लाल बलुआ पत्थर (मथुरा में स्थानीय रूप से उपलब्ध)

बुद्ध का चित्रण

यथार्थवादी विशेषताएँ - लहराते बाल, लिपटे वस्त्र, चेहरे के भाव, पेशीय काया

प्रतीकात्मक विशेषताएँ - चौड़ी छाती, साधारण कपड़े, दिव्य भाव

मुख्य देवता

मुख्य रूप से बौद्ध - बुद्ध, बोधिसत्व, स्तूप

हिंदू, बौद्ध और जैन देवता (विष्णु, शिव, यक्ष, बुद्ध, जैन तीर्थंकर)

कलात्मक शैली

ग्रीको-रोमन यथार्थवाद - स्वाभाविक शरीर की विशेषताएँ, विस्तृत चादर, शारीरिक सटीकता

शैलीगत भारतीय प्रतिनिधित्व - यथार्थवाद पर कम जोर, अधिक आध्यात्मिक आभा

बाल और चेहरे की विशेषताएँ

घुंघराले/लहराते बाल, गहरी आँखें, प्रमुख नाक, मूंछें

छोटे घुंघराले बाल, गोल चेहरा, अतिरंजित आँखें, मूंछों का अभाव

प्रमुख केंद्र

गंधार (पेशावर, तक्षशिला) (आधुनिक पाकिस्तान और अफगानिस्तान)

मथुरा (उत्तर प्रदेश, भारत)

काल अवधि

कुषाण शासकों के अधीन फला-फूला (प्रथम-पाँचवीं शताब्दी ईस्वी)

कुषाणों और गुप्तों के अधीन विकसित (प्रथम-छठी शताब्दी ईस्वी)

संरक्षक

कुषाण शासक (कनिष्क प्रथम), इंडो-ग्रीक शासक

कुषाण, गुप्त और स्थानीय शासक

More Post Mauryan Age Questions

More Ancient History Questions

Get Free Access Now
Hot Links: teen patti master 2025 all teen patti game teen patti master old version