भवतः/भवत्या: कक्ष्यायां केचन छात्राः संस्कृतद्वारा सम्भाषणं कर्तुं सङ्कोचम्‌ अनुभवन्ति। भवान्‌/भवती कथं साहाय्यं करिष्यति?

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CTET Feb 2014 Paper 1 (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit) (Hinglish Solution)
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  1. सामान्यविषयान् स्वीकृत्य ते किञ्चत् वदेयुः इति आदेशेन
  2. 'ते अन्‍ते वदेयु:' इति निर्देशेन 
  3. वैयक्तिक-अनुशिक्षणद्वारा
  4. 'लघुसमूहेषु चर्चां कुर्युः ते' इत्‍यर्थं प्रोत्‍साहनम्

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Option 4 : 'लघुसमूहेषु चर्चां कुर्युः ते' इत्‍यर्थं प्रोत्‍साहनम्
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प्रश्नानुवाद - आपकी कक्षा के कुछ छात्रों को संस्कृत द्वारा संभाषण करने में संकोच हो रहा है। आप उनकी कैसे सहायता करेंगे?

स्पष्टीकरण - "वे छोटे समूह में चर्चा करें" इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित करेंगे।

  • छात्र तभी भाषा बोलने में संकोच करते हैं → जब​ वे गलतियां नहीं करना चाहते या फिर​ उन्हें भाषा बोलने में दिक्कत होती हो (जैसे → शब्दसंग्रह पर्याप्त न होना अथवा वाक्य रचना करने में असमर्थ होना)। इन सभी परिस्थितियों में एक अध्यापक ने छात्रों के लिए सकारात्मक और प्रोत्साहित करने वाला वातावरण तैयार करना चाहिए। यह वातावरण है → छोटे - छोटे समूह में चर्चा करना।

 

  • विशिष्ट उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए छात्रों का एक छोटा समूह छात्रों को अपने स्वयं के सीखने के लिए अधिक जिम्मेदारी लेने, सामाजिक और नेतृत्व कौशल विकसित करने और वैकल्पिक निर्देशात्मक दृष्टिकोण में शामिल होने की अनुमति देता है।
  • ऐसे चर्चा - आयोजनों से छात्रों को समझाया जा सकता है → गलतियाँ करना भाषा सीखने का एक सामान्य और महत्वपूर्ण हिस्सा है। हर कोई कभी न कभी गलती करता है और इसी तरह वह सीखता है।
  • उन्हें यह भी समझाना चाहिए कि नियमित रूप से बोलना यह सीखने का एक प्रभावी तरीका है, क्योंकि इससे आपको अपने प्रवाह में सुधार करने और अपनी कमजोरियों को पहचानने में मदद मिलती है।
  • यदि छात्रों को भाषा बोलने में कोई दिक्कत आ रही हो तो इन छोटे समूह में परिचर्चा करने से उन्हें दूसरे छात्र अथवा शिक्षक द्वारा उचित​, सकारात्मक प्रतिपुष्टि मिलती है। उन्हें और अच्छे प्रस्तुतीकरण के लिए प्रेरणा भी दी जा सकती है।
  • यह प्रयास करना चाहिए कि छोटे समूह में उन छात्र के करीबी और अच्छे मित्र हो जिनके साथ छात्र मुक्त भाव से अधिक समय व्यतीत करता हो। बड़े समूह में एवं ऐसे सहचरों के साथ जिनसे वे ज्यादा घूल-मिल नहीं पाते, उन्हें भाषा बोलने में घबराहट हो सकती है। लेकिन यह बिंदु व्यक्ति और परिस्थिति सापेक्ष है।

Additional Information

अन्य विकल्पों का हिंदी अनुवाद -

  • सामान्यविषयान् स्वीकृत्य ते किञ्चत् वदेयुः इति आदेशेन - सामान्य विषय लेकर उन्होंने थोड़ा बोलना चाहिए - इस आदेश द्वारा।
  • "ते अन्‍ते वदेयु:" इति निर्देशेन - "उन्होंने अंत में बोलना चाहिए" इस निर्देश द्वारा।
  • वैयक्तिक-अनुशिक्षणद्वारा - व्यक्तिगत रूप से शिक्षण द्वारा।
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