Question
Download Solution PDFकस्मिन् विकल्पे सुमेलनं नास्ति ?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्न का अनुवाद- किस विकल्प में सुमेलन नही है?
(1) जगत् + ईशः - जश्त्व संधिः-
- सन्धि विच्छेद- जगत् + ईशः
- शब्द - 'जगदीशः'
- सूत्र- झलां जशोऽन्ते
- नियम - किसी पद के अन्त में झल् प्रत्याहार (झ्, भ्, घ्, ढ, ध्, ज्, ब्, ग, ड्, द्, ख्, फ्, छ, ठ, थ्, च्, ट्, त्, क्, प्, श, ष, स्, ह) का वर्ण होना चहियेI झल् प्रत्याहार पद के अन्त में होने पर उसके स्थान पर जश् प्रत्याहार (ज्, ब्, ग, ड्, द्) का वर्ण हो जाता हैI
अतः जगत् + ईशः - जश्त्व संधिः समीचीन हैI
(2) सम् + कल्पः - परसवर्ण संधिः
- सन्धि विच्छेद- सम् + कल्पः
- शब्द - सङ्कल्पः
- सूत्र- वा पदान्तस्य’
- नियम- पदान्त अनुस्वार के बाद यय् होने पर अनुस्वार को परसर्वण आदेश विकल्प से होता है।
अतः सम् + कल्पः - परसवर्ण संधिः समीचीन है।
(3) एतद् + मुरारिः - अनुस्वार संधिः-
- सन्धि विच्छेद - एतद् + मुरारिः
- शब्द - एतन्मुरारि:
- सूत्र- ‘यरोऽनुनासिकेऽनुनासिको वा’
- नियम- यदि पद के अन्त में यर् (ह को छोड़कर शेष सभी व्यंजन) आए और उसके बाद अनुनासिक (ञ् म् ङ् ण् न्) आए तो यर् के स्थान पर विकल्प से अनुनासिक हो जाता है।
- उदा- वाग् + मूलम् = वाङ्मूलम्/वाग्मूलम् , एतद् + मुरारिः = एतन्मुरारि:
(4) अश् + तिप् - श्चुत्व सन्धि
- सन्धि विच्छेद - अश् + तिप्
- शब्द - अश्नाति
- सूत्र - स्तोः श्चुना श्चुः, शात्
- नियम - यदि स् और त वर्ग से पहले या बाद में श् या च वर्ग आता है तो स् को श् और त वर्ग को च वर्ग आदेश होता है।
- उदा- कस् + चित् - कश्चित्, सत् + चित् = सच्चित्
- "अश् + तिप्" इस सन्धि मे 'स्तोः श्चुना श्चुः' से श्चुत्व होता है और 'शात्' सूत्र से इसका निषेध होता है। इसलिये इसे शुत्व सन्धि का उदाहरण माना जाता है।
अत: स्पष्टीकरण से ज्ञात होता है की, एतद् + मुरारिः - अनुस्वार संधिः यह पर्याय सुमेलित नही है क्योंकि यह हल् सन्धि है।
Last updated on Jul 12, 2025
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