समकालीन नाटक MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for समकालीन नाटक - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்
Last updated on Mar 28, 2025
Latest समकालीन नाटक MCQ Objective Questions
Top समकालीन नाटक MCQ Objective Questions
समकालीन नाटक Question 1:
महाभारत के अंतिम अंश को आधार बनाकर लिखा गया नाटक है:
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 1 Detailed Solution
महाभारत के अंतिम अंश को आधार बनाकर लिखा गया नाटक है- अँधा युग
Key Pointsअंधा युग-
- रचनाकार-धर्मवीर भारती
- विधा-नाटक
- प्रकाशन वर्ष-1954 ई.
- विषय-
- यह महाभारत के 18 वें दिन पर आधारित है।
- इसके 5 अंक है।
- इसमें युद्ध की विभीषिका के बारे में बताया गया है।
Important Pointsपहला राजा-
- रचनाकार-जगदीशचन्द्र माथुर
- प्रकाशन वर्ष-1969 ई.
- विधा-नाटक
- विषय-
- इसमें प्राचीन पात्रों व प्रसंगों के माध्यम से समसामयिक समस्याओं का विश्लेषण किया गया है।
- इस नाटक में पृथु के रूप में प्रकारांतर से नेहरु को मूर्त किया गया है।
- इस नाटक में नेहरुयुगीन,लोकतंत्र की अनेकानेक समस्याओं को उठाया गया है।
कोणार्क-
- रचनाकार-जगदीश चन्द्र माथुर
- प्रकाशन वर्ष-1951ई.
- विधा-नाटक
- विषय-
- यह भुवनेश्वर के कोणार्क जीर्ण-शीर्ण मंदिर के इतिहास पर रचित है।
शकविजय-
- रचनाकार- उदयशंकर भट्ट
- विधा- नाटक
समकालीन नाटक Question 2:
'अंधा युग' के अंकों के नाम हैं -
A. कौरव नगरी का विनाश
B. पांडव विजय
C. पशु का उदय
D. गांधारी का शाप
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 2 Detailed Solution
'अंधा युग' के अंकों के नाम हैं -पशु का उदय, गांधारी का शाप
Key Pointsअंधा युग-
- रचनाकार-धर्मवीर भारती
- प्रकाशन-1954 ई.
- विधा-नाटक
- पात्र -
- अश्वत्थामा,गांधारी,धृतराष्ट्र, विदुर,युधिष्टिर, कृपाचार्य, युयुत्सु,कृतवर्मा,संजय,वृद्धि याचक,प्रहरी,बलराम,व्यास ,प्रहरी।
- विषय-
- इस नाटक में महाभारत के अट्ठारहवें दिन की संध्या से लेकर प्रभास-तीर्थ में कृष्ण की मृत्यु के क्षण तक का वर्णन है।
Additional Information
इस नाटक में पांच अंक है। |
प्रथम अंक (कौरवी नगरी) दूसरा अंक (पशु का उदय) तीसरा अंक (अश्वस्थामा का अर्धसत्य) चौथा अंक ( गांधारी का शाप) पंचम अंक (विजय एक क्रमिक आत्महत्या) |
समकालीन नाटक Question 3:
इन रचनाकारों को संबंधित रचनाओं के साथ सुमेलित कीजिए :
रचनाकार | रचनाएँ | ||
A. | मृदुला गर्ग | (i) | आठवां सर्ग |
B. | शंकर शेष | (ii) | देवयानी का कहना है |
C. | सुरेन्द्र वर्मा | (iii) | एक और द्रोणाचार्य |
D. | रमेश बक्षी | (iv) | एक और अजनबी |
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर (4) A - (iv), B - (iii), C - (i), D - (ii) है।
रचनाकार | रचना |
मृदुला गर्ग | एक और अजनबी |
शंकर शेष | एक और द्रोणाचार्य |
सुरेन्द्र वर्मा | आठवां सर्ग |
रमेश बक्षी | देवयानी का कहना है |
Key Points
- मृदुला गर्ग को ‘मिलजुल मन’ उपन्यास के लिए सन 2013 के ‘साहित्य अकादमी’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- मृदुला गर्ग के नाटक ‘एक और अजनबी’ को आकाशवाणी द्वारा 1978ई. में पुरस्कृत किया गया।
- ‘इजेबेल एनडूस‘ के एकांकी ‘BRIDE FROM THE HILLS‘ का हिंदी में ‘दुल्हन एक पहाड़ की’ नाम से मृदुला गर्ग ने अनुवाद किया।
- 'कठगुलाब' के लिए 'व्यास सम्मान' से सम्मानित।
- शंकर शेष को उनके नाटक 'घरौंदा' और 'दूरियाँ' के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 'आशीर्वाद पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
- फिल्म 'दूरियाँ' की कहानी के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- सुरेन्द्र वर्मा को 'मुझे चाँद चाहिए' उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित।
Additional Information
रचनाकार | जन्म | रचना |
मृदुला गर्ग | 1938ई. |
नाटक-एक और अजनबी(1978),जादू का कालीन(1993),कितनी कैंदें,दुलहिन एक पहाड़ की,दूसरा संस्करण। |
शंकर शेष | 1933ई. | नाटक- एक और द्रोणाचार्य(1977),घरौंदा(1978),अरे मायावी सरोवर(1980),रक्तबीज,बंधन अपने-अपने,पोस्टर,खजुराहों का शिल्पी। |
सुरेंद्र वर्मा | 1941ई. | नाटक-द्रौपदी(1972),सेतुबंध(1972),नायक खलनायक विदूषक(1972),सूर्य की अंतिम किरण से पहली किरण तक(1975),आँठवा सर्ग(1976),छोटे सैयद बड़े सैयद(1982),एक दूनी एक(1987),शकुंतला की अंगूठी(1990),कैद-ए-हैयात(1993)। |
रमेश बक्षी | 1936 | नाटक-देवयानी का कहना है(1972),तीसरा हाथी(1975),वामाचार(1977),कसे हुए तार(1979),यादों के घर। |
समकालीन नाटक Question 4:
जीवन के प्रति अनास्था किस नाटक में है:-
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 4 Detailed Solution
"बकरी" नाटक में जीवन के प्रति अनास्ता है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) बकरी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- बकरी नाटक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचना है।
- इसका रचना वर्ष 1974 ईस्वी है।
- प्रमुख पात्र :- नट, नटी,भिश्ति, दुर्जन सिंह, कर्मवीर, सत्य वीर, सिपाही, विपति, युवक, ग्रामीण जन काका काकी, चाचा,रामा, एक ग्रामीण, दूसरा ग्रामीण
Important Points
- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (15 सितंबर 1927 - 23 सितंबर 1983 नई दिल्ली) हिन्दी कवि एवं साहित्यकार थे।
- नाटक
- बकरी – 1974 (इसका लगभग सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद तथा मंचन)
- लड़ाई – 1979
- अब गरीबी हटाओ – 1981
- कल भात आएगा तथा हवालात – एकांकी नाटक एम.के.रैना के निर्देशन में प्रयोग द्वारा 1979 में मंचित
- रूपमती बाज बहादुर तथा होरी धूम मचोरी मंचन 1976
समकालीन नाटक Question 5:
इनमे से किस नाटक का प्रकाशन वर्ष 1955 है?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 5 Detailed Solution
"अंजो दीदी" नाटक का प्रकाशन वर्ष 1955 है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) अंजो दीदी भी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- अंजो दीदी उपेंद्र नाथ अश्क का नाटक है।
- इसका रचना वर्ष 1955 ईस्वी है।
- उपेन्द्र नाथ अश्क (1910-19 जनवरी 1996)
- उर्दू एवं हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार तथा उपन्यासकार थे।
- ये अपनी पुस्तक स्वयं ही प्रकाशित करते थे।
उपेंद्र नाथ अश्क के नाटक निम्नलिखित हैं:-
समकालीन नाटक Question 6:
यह कथा ज्योति की है, अन्धो के लिए- कथन है:
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 6 Detailed Solution
"यह कथा ज्योति की है, अंधों के लिए" कथन "धर्मवीर भारती" जी का है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) धर्मवीर भारती सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- यह कथन अँधा युग की भूमिका में है।
- अंधा युग एक गीतिनाट्य है।
- इसका प्रकाशन वर्ष 1954 ईस्वी है।
- यह महाभारत के बाद की कथा है।
- धर्मवीर भारती जी को 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
Additional Information
- धर्मवीर भारती जी के उपन्यास निम्नलिखित है:-
- गुनाहों का देवता
- सूरज का सातवां घोड़ा
- ग्यारह सपनों का देश
- प्रारंभ व समापन
समकालीन नाटक Question 7:
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की नाट्य कृति का नाम हैः
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 7 Detailed Solution
"बकरी, "सर्वेश्वर दयाल सक्सेना" की नाट्य कृती है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (4) बकरी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- बकरी नाटक सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचना है।
- इसका रचना वर्ष 1974 ईस्वी है।
- प्रमुख पात्र :- नट, नटी,भिश्ति, दुर्जन सिंह, कर्मवीर, सत्य वीर, सिपाही, विपति, युवक, ग्रामीण जन काका काकी, चाचा,रामा, एक ग्रामीण, दूसरा ग्रामीण
Important Points
- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के नाटक:-
- बकरी – 1974 (इसका लगभग सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद तथा मंचन
- लड़ाई – 1979
- अब गरीबी हटाओ – 1981
- कल भात आएगा तथा हवालात – एकांकी नाटक एम.के.रैना के निर्देशन में प्रयोग द्वारा 1979 में मंचित
- रूपमती बाज बहादुर
- होरी धूम मचोरी मंचन 1976
Additional Information
- तिलचट्टा, मुद्रा राक्षस का नाटक है।
- शुतुरमुर्ग नाटक की रचना ज्ञानदेव अग्निहोत्री ने की है।
- अंधों का हाथी नाटक, शरद जोशी का है।
समकालीन नाटक Question 8:
‘आधे-अधूरे’ नाटक के रचनाकार कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 8 Detailed Solution
‘आधे-अधूरे’ मोहन राकेश द्वारा लिखित हिंदी का प्रसिद्ध नाटक है।अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही विकल्प ‘मोहन राकेश’ है।
Key Points
अन्य विकल्प:
रचनाकार |
प्रमुख रचनाएँ |
महादेवी वर्मा |
निहार, नीरजा, रश्मि, दीपशिखा, अग्निरेखा आदि। |
डा. नगेन्द्र |
विचार और विवेचन, विचार और अनुभूति और आधुनिक हिन्दी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ। |
अज्ञेय |
नदी के द्वीप, शेखर : एक जीवनी, अपने–अपने अजनबी आदि। |
समकालीन नाटक Question 9:
प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से निम्नलिखित नाटकों का सही अनुक्रम है:
A. बकरी
B. कबिरा खड़ा बाजार में
C. मादा कैक्टस
D. कोणार्क
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 9 Detailed Solution
प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से नाटकों का सही अनुक्रम है:- मादा कैक्टस, कोणार्क, बकरी, कबिरा खड़ा बाजार में
Key Pointsकोणार्क-
- प्रकाशन वर्ष-1951ई.
- रचनाकार-जगदीश चन्द्र माथुर
- विधा-नाटक
मादा कैक्टस-
- प्रकाशन वर्ष-1959ई.
- रचनाकार- लक्ष्मीनारायण लाल
- विधा-नाटक
बकरी-
- प्रकाशन वर्ष-1974ई.
- रचनाकार-सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- विधा-नाटक
कबिरा खड़ा बाजार में-
- प्रकाशन वर्ष-1981ई.
- रचनाकर-भीष्म सहनी
- विधा-नाटक
समकालीन नाटक Question 10:
भीष्म साहनी के नाटकों की कौन-सी विशेषताएँ हैं?
(a) भारतीय नारी की पीड़ा का प्रभावी प्रस्तुतीकरण
(b) भारतीय संस्कृति की पुनरुत्थानवादी अभिव्यक्ति
(c) मध्यकालीन धमन्धिता, अनाचार तथा तानाशाही की सामयिक संगति
(d) साम्प्रदायिक एकता और राष्ट्रीय अखण्डता की अभिव्यक्ति
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
समकालीन नाटक Question 10 Detailed Solution
"भारतीय नारी की पीड़ा का प्रभावी प्रस्तुतीकरण" व "मध्यकालीन धर्मांधिता, अनाचार तथा तानाशाही की सामयिक संगति" भीष्म साहनी के नाटक की विशेषताएं हैं अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प A व C सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- भीष्म साहनी के नाटकों में नारी की पीड़ा का प्रस्तुतीकरण किया जाता है तथा मध्यकालीन धर्मांधता अनाचार में तानाशाही की सामयिक संगति को प्रदर्शित किया जाता है।
- भीष्म साहनी के नाटक -
- हानूश (1977),
- माधवी (1985)
- कबिरा खड़ा बजार में (1981)
- मुआवज़े (1993)
- रंग दे बसंती चोला (1998)
- आलमगीर (1999)
- हानूश के प्रमुख पात्र
- पुरुष पात्र :- हानूश, पादरी, एमिल, जेकब
- स्त्री पात्र :- कात्या, पान्या