यमक MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for यमक - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்
Last updated on Apr 18, 2025
Latest यमक MCQ Objective Questions
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यमक Question 1:
’कहै कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराई लीनी’ में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
यमक Question 1 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 यमक अलंकार इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
- ’कहै कवि बेनी बेनी ब्याल की चुराई लीनी’ पंक्ति में यमक अलंकार है।
- जैसा कि आप देख सकते हैं कि ऊपर दिए गए वाक्य में ‘बेनी’ शब्द दो बार आया है। दोनों बार इस शब्द का अर्थ अलग है।
- पहली बार ‘बेनी’ शब्द कवि की तरफ संकेत कर रहा है। दूसरी बार ‘बेनी’ शब्द चोटी के बारे में बता रहा है। अतः उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार है।
Additional Information
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल थल में |
उपमा |
जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है। |
पीपर पात सरिस मन ड़ोला हाय फूल-सी कोमल बच्ची, हुई राख की थी ढेरी।
|
श्लेष |
श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ। जब एक ही शब्द से हमें विभिन्न अर्थ मिलते हों तो उस समय श्लेष अलंकार होता है। |
रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
|
यमक Question 2:
केकी रव की नुपुर ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास - इस पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
यमक Question 2 Detailed Solution
‘केकी रव की नुपुर ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास’ में यमक अलंकार है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 1 ‘यमक’ अलंकार है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
यहाँ जगती शब्द दो बार आया है और दोनों के अर्थ भिन्न है। इसीलिए यहाँ यमक अलंकार है।
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
यमक |
जहां एक ही शब्द कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है वहाँ यमक अलंकार होता है। |
कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय, या खाये बौराये जग, या पाये बौराये। |
अन्य विकल्प:
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणे, खेल रही थी जल थल में |
रूपक |
जहां उपमेय और उपमान में कोई अंतर नहीं होता है वहाँ पर रूपक अलंकार होता है। |
चरण-कमल बंदौ हरि राई! |
उत्प्रेक्षा |
उपमान के न होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। |
सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलौने गात। मनहु नीलमणि सैल पर, आवत परयो प्रभात।। |
यमक Question 3:
"तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान।
तू मोहन के उर बसी वे उरबसी समान।"
उपर्युक्त पंक्तियों में निम्नलिखित में से कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
यमक Question 3 Detailed Solution
उपर्युक्त पंक्तियों में "यमक अलंकार" है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- "तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान।
तू मोहन के उर बसी वे उरबसी समान।"
- उपर्युक्त पंक्तियों में "यमक अलंकार" है।
- प्रस्तुत पद में यमक अलंकार है। प्रस्तुत पंक्ति में उरबसी शब्द में यमक अलंकार है क्योंकि उरबसी के दो अर्थ निकल रहे है- हृदय में बसनेवाली और उर्वशी नाम की एक अप्सरा। जब किसी काव्य पंक्ति में एक ही शब्द के दो अर्थ हो तो वहाँ यमक अलंकार है।
अलंकार | परिभाषा | उदारहण |
यमक | जब एक शब्द का प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है। | कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। वा खाये बौराय जग या पाये बौराय।। |
Additional Informationअन्य विकल्प-
अलंकार | परिभाषा | उदाहरण |
अनुप्रास | अनुप्रास शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। अनु + प्रास यहॉं पर अनु का अर्थ है- बार-बार और प्रास का अर्थ- वर्ण है। जब किसी वर्ण की बार-बार आवृत्ति हो तब जो चमत्कार उत्पन्न होता है, उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। |
चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही है जल थल में। |
श्लेष | श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ। जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं, तब श्लेष अलंकार होता है। |
रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून। |
विरोधाभास | जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है। | या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहि कोय। ज्यौं ज्यौं बूङै स्याम रंग, त्यौं त्यौं उजलो होय।। |
यमक Question 4:
"केकी-रव की नूपुर-ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास।" उपर्युक्त पंक्तियों में निम्नलिखित में से कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
यमक Question 4 Detailed Solution
दी गई पंक्तियों में "यमक अलंकार" है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- "केकी-रव की नूपुर-ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास।"
- पंक्ति का भावार्थ- इन पंक्तियों में वर्षारूपी सुन्दरी के रमणीय सौन्दर्य का आलंकारिक वर्णन किया गया है।
- निम्न पंक्तियों में यमक अलंकार है।
अलंकार | परिभाषा | उदारहण |
यमक | जब एक शब्द का प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है। | कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। वा खाये बौराय जग या पाये बौराय।। |
Additional Informationअन्य विकल्प-
अलंकार | परिभाषा | उदाहरण |
अनुप्रास | अनुप्रास शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। अनु + प्रास यहॉं पर अनु का अर्थ है- बार-बार और प्रास का अर्थ- वर्ण है। जब किसी वर्ण की बार-बार आवृत्ति हो तब जो चमत्कार उत्पन्न होता है, उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। |
चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही है जल थल में। |
श्लेष | श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ। जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं, तब श्लेष अलंकार होता है। |
रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून। |
विरोधाभास | जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है। | या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहि कोय। ज्यौं ज्यौं बूङै स्याम रंग, त्यौं त्यौं उजलो होय।। |
यमक Question 5:
“काली घटा का घमंड घटा।” पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
यमक Question 5 Detailed Solution
“काली घटा का घमंड घटा।” पंक्ति में 'यमक अलंकार' है।
यमक अलंकार- जब किसी पंक्ति में एक से अधिक बार कोई शब्द आये,और उनके अर्थ भी अलग-अलग हों, तब यमक अलंकार होता है।
- उदाहरण- “काली घटा का घमंड घटा।”
- इस पंक्ति में पहली बार ‘घटा’ शब्द का अर्थ है काले बादलों से ओर दूसरी बार में ‘घटा’ कर अर्थ है कम होने से।
Key Pointsश्लेष अलंकार- जब किसी पंक्ति में कोई शब्द एक ही बार प्रयुक्त हों लेकिन उसके अर्थ अलग-अलग हों तब श्लेष अलंकार होता है।
- उदाहरण- जे रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय । बारे उजियारो करै, बढ़े अंघेरो होय।।
- प्रस्तुत पंक्ति रहीम जी के दोहे से ली गयी है जिसमें दीये एवं कुपुत्र के चरित्र को एक जैसा दिखाने की कोशिश की है। रहीम जी कहते हैं कि शुरू में दोनों ही उजाला करते हैं लेकिन बढ़ने पर अन्धेरा हो जाता है।
उपमा अलंकार- जब उपमेय की तुलना उपमान से की जाये तब उपमा अलंकार होता है।
- उदाहरण- हाय! फूल सी कोमल बच्ची , हुई राख की ढेरी थी।
- पंक्ति में बच्ची की कोमलता को फूल के समान बताया है।
उत्प्रेक्षा अलंकार- 'जहाँ उपमेय में उपमान की संभावना की जाती है, वहाँ 'उत्प्रेक्षा' अलंकार होता है'।
- उदाहरण- सिर फट गया उसका मानो अरुण रंग का घड़ा हो।
- दिए गए उदाहरण में सिर की लाल रंग का घड़ा होने कि कल्पना की जा रही है।
- यहाँ सिर – उपमेय है एवं लाल रंग का घड़ा – उपमान है। उपमेय में उपमान के होने कि कल्पना कि जा रही है।
Additional Information
अलंकार- 'काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है'।
अलंकार सम्प्रदाय के प्रतिष्ठापक 'भामह' को माना जाता है।
अलंकार के भेद- 3 भेद होते।
- शब्दालंकार- 5 भेद ( अनुप्रास, यमक, श्लेष, वीप्सा, वक्रोक्ति)।
- अर्थालंकार- उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अन्योक्ति, अतिश्योक्ति आदि।
- उभयालंकार- शब्द व अर्थ दोनों के माध्यम से चमत्कार उत्पन्न करने वाले शब्दों को उभयालंकार कहते।
Mistake Points
- यमक अलंकार में समान शब्द का प्रयोग जितनी बार होता है, उतने ही अर्थों की प्रतीति होती है किन्तु, श्लेष में शब्द का प्रयोग तो एक ही बार होता है लेकिन उससे अनेक अर्थों की प्रतीति होती है।
- “काली घटा का घमंड घटा।” में 'घटा' शब्द दो बार प्रयोग हुआ है और उनके अर्थ भी अलग-अलग है। अतः यह 'यमक अलंकार' ही होगा श्लेष नहीं।
यमक Question 6:
जेते तुम तारे, तेते नभ में न तारे हैं।
उपर्युक्त पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
यमक Question 6 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 'यमक अलंकार’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- 'जेते तुम तारे, तेते नभ में न तारे हैं।' इस काव्य पंक्ति में 'तारे' शब्द दो बार प्रयोग हुआ है और हर बार इसके अर्थ अलग हैं।
- दिए गए वाक्य में तारे शब्द के दो अर्थ है (तारे – उद्धार किया, तारे – सितारे) अत: यमक अलंकार है।
- जब एक शब्द का प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब वहाँ यमक अलंकार होता है।
अन्य विकल्प :
अलंकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
अनुप्रास |
जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। |
चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल थल में |
उपमा |
जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूसरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। |
सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन। |
उत्प्रेक्षा |
जहां समानता के कारण उपमेय में संभावना या कल्पना की जाए, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। |
सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात। मनहुँ नीलमनि सैल पर, आतप परयौ प्रभात। |
Additional Information
- काव्यों की सुंदरता बढ़ाने वाले यंत्रों को ही अलंकार कहते हैं।
- जिस प्रकार मनुष्य अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए विभिन्न आभूषणों का प्रयोग करते हैं उसी तरह काव्यों की सुंदरता बढ़ाने के लिए अलंकारों का उपयोग किया जाता है।
- अलंकार के मुख्यतः दो भेद होते हैं :
शब्दालंकार
अर्थालंकार
यमक Question 7:
“कनक-कनक से सौगुनी, मादकता अधिकाय, वाखाय बौराय जग, या पाय बौराय।।” में कौनसा अलंकार है? सही विकल्प चुनिए-
Answer (Detailed Solution Below)
यमक Question 7 Detailed Solution
उपरोक्त पंक्ति में यमक अलंकार है। अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 1 ‘यमक अलंकार’ सही उत्तर है।
स्पष्टीकरण:
- यमक अलंकार - जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे।
जैसे - काली ‘घटा’ का घमंड ‘घटा’।
- यहाँ कनक-कनक का अर्थ है:- सोना (स्वर्ण) और धतुरा
अन्य विकल्प:
अलंकार |
परिभाषा |
संदेह अलंकार |
जब किसी पद में समानता के कारण उपमेय में उपमान का सन्देह उत्पन्न हो जाता है और यह सन्देह अन्त तक बना रहता है तो वहाँ सन्देह अलंकार होता है। |
श्लेष अलंकार |
जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है। |
उपमा अलंकार |
किसी प्रस्तुत वस्तु की उसके किसी विशेष गुण, क्रिया, स्वभाव आदि की समानता के आधार पर अन्य अप्रस्तुत से समानता स्थापित की जाए तो उपमा अलंकार होगा |
यमक Question 8:
तो पै वारौ उरबसी, सुनु राधिके सुजान I
मोहन के उर बसी ह्वै उरबसी समान।
उपरोक्त पंक्तियों में कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
यमक Question 8 Detailed Solution
उपरोक्त पंक्तियों में अलंकार है- यमक अलंकार
- (प्रस्तुत पंक्ति में उरबसी शब्द में यमक अलंकार है क्योंकि उरबसी के दो अर्थ निकल रहे है- हृदय में बसनेवाली और उर्वशी नाम की एक अप्सरा।)
यमक अलंकार-
- जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है।
- उदाहरण -
- तीन बेर खाती थी वह तीन बेर खाती है।
- (यहाँ ‘बेर’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है।
- पहली बार तीन ‘बेर’ दिन में तीन बार खाने की तरफ संकेत कर रहा है तथा दूसरी बार तीन ‘बेर’ का मतलब है तीन फल।)
Key Pointsपंक्ति का भाव-
- कवि बिहारी कहते हैं- हे चतुर राधिका जी! मैं आपके सौन्दर्य पर परम सुन्दर मानी जाने वाली अप्सरा, उर्वशी को भी न्यौछावर कर सकता हूँ।
- आप सभी का मन मोहने वाले श्रीकृष्ण के मन में उनके मन को भी मोह लेने वाली बनकर अथवा अप्सरा उर्वशी के समान होकर बस गई हो।
Important Pointsउपमा अलंकार-
- जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए
- या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।
- उदाहरण -
- पीपर पात सरिस मन ड़ोला।
- (यहाँ पर मन को पीपल के पत्ते की तरह हिलता हुआ बताया जा रहा है।)
रूपक अलंकार-
- जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।
- उदाहरण -
- पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
- (यहाँ पर राम रतन को ही धन बता दिया गया है।)
अनुप्रास अलंकार-
- जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है।
- उदाहरण -
- मुदित महापति मंदिर आये।
- (यहाँ पर ‘म’ वर्ण की आवृति हो रही है।)
यमक Question 9:
"केकी-रव की नूपुर-ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास।" उपर्युक्त पंक्तियों में निम्नलिखित में से कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
यमक Question 9 Detailed Solution
दी गई पंक्तियों में "यमक अलंकार" है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- "केकी-रव की नूपुर-ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास।"
- पंक्ति का भावार्थ- इन पंक्तियों में वर्षारूपी सुन्दरी के रमणीय सौन्दर्य का आलंकारिक वर्णन किया गया है।
- निम्न पंक्तियों में यमक अलंकार है।
अलंकार | परिभाषा | उदारहण |
यमक | जब एक शब्द का प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है। | कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। वा खाये बौराय जग या पाये बौराय।। |
Additional Informationअन्य विकल्प-
अलंकार | परिभाषा | उदाहरण |
अनुप्रास | अनुप्रास शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। अनु + प्रास यहॉं पर अनु का अर्थ है- बार-बार और प्रास का अर्थ- वर्ण है। जब किसी वर्ण की बार-बार आवृत्ति हो तब जो चमत्कार उत्पन्न होता है, उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। |
चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही है जल थल में। |
श्लेष | श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ। जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं, तब श्लेष अलंकार होता है। |
रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून। |
विरोधाभास | जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है। | या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहि कोय। ज्यौं ज्यौं बूङै स्याम रंग, त्यौं त्यौं उजलो होय।। |
यमक Question 10:
जिस पंक्ति या जिन पंक्तियों में एक शब्द या शब्द समूह अनेक बार आए किंतु उनका अर्थ प्रत्येक बार भिन्न हो तो वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?
Answer (Detailed Solution Below)
यमक Question 10 Detailed Solution
जिस पंक्ति या जिन पंक्तियों में एक शब्द या शब्द समूह अनेक बार आए किंतु उनका अर्थ प्रत्येक बार भिन्न हो तो वहाँ यमक अलंकार अलंकार होता है।
- उदाहरण -
- काली घटा का घमंड घटा।
- (यहाँ ‘घटा’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है।
- पहली बार ‘घटा’ शब्द का प्रयोग बादलों के काले रंग की ओर संकेत कर रहा है।
- दूसरी बार ‘घटा’ शब्द बादलों के कम होने का वर्णन कर रहा है।)
Key Points
वक्रोक्ति अलंकार:-
उदाहरण -
श्लेष अलंकार:-
उदाहरण -
अनुप्रास अलंकार:-
उदाहरण -
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