हिन्दी बोली और उसका विकास MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for हिन्दी बोली और उसका विकास - मोफत PDF डाउनलोड करा

Last updated on Mar 19, 2025

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Latest हिन्दी बोली और उसका विकास MCQ Objective Questions

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हिन्दी बोली और उसका विकास Question 1:

अपभ्रंश भाषा किस परिवार की भाषा है?

  1. सेमेटिक
  2. आर्य 
  3. आग्नेय
  4. द्रविड़ 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : आर्य 

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है - ‘आर्य’।

  • अपभ्रंश भाषा आर्य परिवार की भाषा है। 

Key Points

  • अपभ्रंश, आधुनिक भाषाओं के उदय से पहले उत्तर भारत में बोलचाल और साहित्य रचना की सबसे जीवन्त और प्रमुख भाषा है।
  • भाषावैज्ञानिक दृष्टि से अपभ्रंश भारतीय आर्यभाषा के मध्यकाल की अंतिम अवस्था है जो प्राकृत और आधुनिक भाषाओं के बीच की स्थिति है।

Additional Information

  • हिंदी आर्य भाषा आर्य परिवार की आधुनिक भारतीय भाषाओं में हिन्दी, पंजाबी, उर्दू, कश्मीरी, सिंधी, गुजराती, मराठी, बांग्ला, उडिया और असमिया प्रमुख हैं।
  • संस्कृति से विकसित होने के कारण इन भाषाओं में न केवल संस्कृत के शब्द प्रचुर मात्रा में मिलते हैं, बल्कि व्याकरण के कई रूप भी इनमें लगभग समान हैं।

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 2:

14वीं-15वीं सदी के प्रमुख मैथिली भाषा के कवि कौन हैं?

  1. तुलसीदास
  2. नरपति नाल्ह
  3. विद्यापति
  4. सूरदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : विद्यापति

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 2 Detailed Solution

14वीं-15वीं सदी के प्रमुख मैथिली भाषा के कवि ‘विद्यापति’ हैं। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 3 विद्यापति होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

स्पष्टीकरण:

विद्यापति मैथिली भाषा के प्रमुख कवि हैं। इनका समय 14वीं-15वी शताब्दी का माना जाता है। इनकी प्रसिद्ध रचनाएँ कीर्तिलता, कीर्तिपताका तथा पदावली हैं, जो मैथिली भाषा की उत्तम कृतियाँ मानी जाती हैं।

अन्य विकल्प:

कवि

भाषा

रचनाएं

तुलसीदास

अवधी

रामचरितमानस, दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, आदि

नरपति नाल्ह

राजस्थानी

बीसलदेव रासौ

सूरदास

ब्रज

सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य-लहरी, नल-दमयन्ती आदि

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 3:

हिंदी भाषा किस भाषा से उत्पन्न हुई है ?

  1. संस्कृत
  2. बिहारी
  3. अपभ्रंश
  4. द्रविड़

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अपभ्रंश

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 3 Detailed Solution

इस प्रश्न का सही उत्तर अपभ्रंश है।

अत: सही विकल्प 3 होगा।

  • संस्कृत ►पालि►प्राकृत►अपभ्रंश►अवहट्ट►प्राचीन/आधुनिक हिन्दी।

Key Pointsअपभ्रंश तथा उनसे विकसित उपभाषा एंव बोलियाँः- 

अपभ्रंश  उपभाषा और बोलियाँ
शौरसेनी

1) पश्चिमी हिन्दी - खडी बोली, ब्रजभाषा , हरियाणी, बुन्देली, कन्नौजी

2) राजस्थानी हिन्दी - मारवाडी , जयपुरी , मेवाती , मालवी 

3) पहाडी - कुमायूँनी , गढ़वाली , नेपाली 

4) गुजराती - गुजराती

अर्धमागधी 1) पूर्वी हिन्दी - अवधी, बघेली , छत्तीसगढी
मागधी
 

 

1) बिहारी - भोजपुरी, मगही, मैथिली 

2) बंगला 

3)उडिया

3)असमिय

 

पैशाची

1) लंहदा   2) पंजाबी

महाराष्ट्री

1) मराठी

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 4:

मध्‍यकालीन भारतीय आर्यभाषा काल:

  1. 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक
  2. 1000 ई. से 21 वीं तक
  3. 1500 ई. पूर्व से 500 ई. पूर्व तक
  4. 500 ई. से 1000 ई. तक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 4 Detailed Solution

मध्‍यकालीन भारतीय आर्यभाषा काल 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक है। अन्य सभी विकल्प असंगत है। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 1- 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक है।

Key Points

हिंदी का जन्म और विकास भारतीय आर्यभाषाओं से हुआ है, मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषाओँ के विकास क्रम को मुख्यतः तीन भागों में हम देख सकते हैं:

1. पाली तथा अशोक की धर्म-लिपियाँ (500 ई.पू. - 1 ई.पू.)

2. साहित्यिक प्राकृत भाषाएं (1 ई. - 500 ई.)

3. अपभ्रंश भाषाएं (500 ई. – 1000 ई.)

Additional Information

भारतीय आर्यभाषाओँ को तीन कालखंडों में मुख्य रूप से विभाजित किया गया है - 

  1. प्राचीन भारतीय आर्यभाषा-काल

(1500 ई०पू० से 500 ई०पू० तक)

  1. मध्यकालीन  भारतीय आर्यभाषा-काल

(500 ई०पू० से 1000  ई० तक)

  1. आधुनिक भारतीय आर्यभाषा-काल     

(1000 ई० से अब तक)

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 5:

हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में कब स्वीकृति मिली? 

  1. 1949 
  2. 1950 
  3. 1968 
  4. 1976 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : 1949 

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 5 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में ‘1949’ में हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकृति मिली। अन्य विकल्प अनुचित हैं। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 1 ‘1949’ है।

स्पष्टीकरण:

संविधान सभा ने लम्बी चर्चा के बाद 14 सितम्बर सन् 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकारा गया।

अन्य विकल्प:

1. 1950 में संविधान लागू हुआ था।

2. 1968 में भारतीय संसद के दोनों सदनों ने हिंदी कोलेकर कुछ संकल्प निर्धारित किए थे।

3. 1976 में राजभाषा संबंधी कुछ नियम बनाए गए थे। 

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 6:

हिंदी साहित्य के किस काल को ‘स्वर्ण-युग’ कहा गया है?

  1. आदिकाल 
  2. भक्तिकाल 
  3. रीतिकाल 
  4. आधुनिक काल 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : भक्तिकाल 

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 6 Detailed Solution

हिंदी साहित्य के ‘भक्तिकाल’ को ‘स्वर्ण-युग’ कहा जाता है। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 2 भक्तिकाल है।

अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।

स्पष्टीकरण:

हिंदी साहित्य को चार भागों में विभाजित किया है-

1. आदिकाल

2. भक्तिकाल

3. रीतिकाल

4. आधुनिक काल 

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 7:

पूर्वी पहाड़ी के अंतर्गत बोली जाने वाली भाषा क्या है?

  1. नेपाली
  2. कुमाऊँनी
  3. गढ़वाली
  4. जौनसारी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : नेपाली

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 7 Detailed Solution

पूर्वी पहाड़ी के अंतर्गत बोली जाने वाली भाषा 'नेपाली' है। अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • पूर्वी पहाड़ी के अंतर्गत बोली जाने वाली भाषा 'नेपाली' है।
  • पूर्वी पहाड़ी की मुख्य भाषा नेपाली है। 
  • पूर्वी पहाड़ी को गोरखाली के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह नेपाल की राजभाषा है।
  • इसकी लिपि देवनागरी है।

अन्य विकल्प- 

  • 'कुमाऊँनी' तथा 'गढ़वाली' मध्य पहाड़ी हिन्दी की दो प्रमुख बोलियाँ हैं।
  • 'जौनसारी' पश्चिमी पहाड़ी की मुख्य बोली है।

Additional Informationपहाड़ी हिन्दी में तीन बोलियों को शामिल किया जाता है-

  1. पूर्वी पहाड़ी
  2. मध्य पहाड़ी
  3. श्चिमी पहाड़ी

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 8:

हिंदी के विकास के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित सर्वोच्च समिति कौन-सी है?

  1. संसदीय राजभाषा समिति
  2. विश्व हिंदी सचिवालय
  3. केंद्रीय हिंदी समिति
  4. केंद्रीय हिंदी निदेशालय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : केंद्रीय हिंदी समिति

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 8 Detailed Solution

हिंदी के विकास के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित सर्वोच्च समिति है - केंद्रीय हिंदी समिति, अन्य सभी विकल्प असंगत है। 

Key Points

  • हिंदी के विकास के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित सर्वोच्च समिति 'केंद्रीय हिंदी समिति' है। 

Important Pointsकेंद्रीय हिंदी समिति:-

  • माननीय प्रधानमंत्री इस समिति के अध्यक्ष होते है।
  • इस समिति में केंद्र सरकार के कुछ कैबिनेट मंत्री, कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री तथा हिंदी एवं भारतीय भाषाओं के विद्वान सदस्य के रूप में नामित किए जाते हैं

Additional Information

संसदीय राजभाषा समिति:-

  • संसदीय राजभाषा समिति का गठन राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 4 ( 4 ) के अंतर्गत वर्ष 1976 में किया गया था। 
  • यह उच्चाधिकार प्राप्त संसदीय समिति है जो संघ के सरकारी कामकाज में राजभाषा हिन्दी के प्रयोग में की गई प्रगति की समीक्षा करती है।
  • इसमें 30 संसद सदस्य होते हैं, 20 लोक सभा से और 10 राज्य सभा से, माननीय गृह मंत्री इस समिति के अध्यक्ष होते है ।

विश्व हिंदी सचिवालय:-

  • विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरीसस के मोका गाँव में स्थित है। सचिवालय, 11 फरवरी 2008 से कार्यरत है।
  • हिन्दी का एक अन्तर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में संवर्द्धन करने और विश्व हिन्दी सम्मेलनों के आयोजन को संस्थागत व्यवस्था प्रदान करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना का निर्णय लिया गया।
  • इसकी संकल्पना 1975 में नागपुर में आयोजित प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन के दौरान की गई
  • जब मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम ने मॉरीशस में विश्व हिन्दी सचिवालय स्थापित करने का प्रस्ताव किया।

केंद्रीय हिंदी निदेशालय:-

  • केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, नई दिल्ली स्थित एक सरकारी विभाग है,
  • जो भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन है और मानक हिन्दी के प्रसार के लिए उत्तरदायी है।
  • यह देवनागरी लिपि के उपयोग और हिन्दी वर्तनी का विनियामन भी करता है।
  • भारतीय संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 351 में हिन्दी भाषा के विकास के लिए दिए गए निर्देश को ध्यान में रखते हुए 1 मार्च 1960 को केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय की स्थापना की गई थी।
  • इसके चार क्षेत्रीय कार्यालय हैं जो चैन्नई, हैदराबाद, गुवाहाटी और कोलकाता में स्थित हैं।

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 9:

कौन अवधी बोली क्षेत्र से संबंधित कवि नहीं हैं?

  1. तुलसीदास
  2. बाबा रामचरणदास
  3. महाराज रघुराज सिंह
  4. कबीरदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : कबीरदास

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 9 Detailed Solution

कबीरदास अवधी बोली क्षेत्र के कवि नहीं हैं।

  • कबीर काशी के हैं और वहाँ बनारस की बोली बोली जाती है जिसे 'काशिका' कहा जाता है। 
  • इनकी रचनाओं की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी कहलाती है क्योंकि इसमे अरबी, फ़ारसी, पंजाबी, बुन्देलखंडी, ब्रजभाषा, खड़ीबोली आदि के शब्द मिलते हैं।

Key Pointsअन्य विकल्प -

तुलसीदास, बाबा रामचरणदास और महाराज रघुराज सिंह अवधी बोली क्षेत्र से संबंधित कवि हैं।

Important Pointsकबीर के कुछ दोहे -

  • कबीरा ते नर अन्ध है, गुरु को कहते और ।

          हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रुठै नहीं ठौर।। 

  • तिनका कबहुँ न निंदिये, जो पाँयन तर होय ।

          कबहुँ उड़ आँखिआँ न परे, पीर घनेरी होय।।

  • आया था किस काम को, तु सोया चादर तान ।

          सुरत सम्भाल ए गाफिल, अपना आप पहचान।।

Additional Informationकबीर 

  • निर्गुण काव्यधारा के संत थे। 
  • जन्म - सन 1398
  • मृत्यु - सन 1519
  • मुख्य रचनाएँ - सबद, रमैनी, बीजक, कबीर दोहावली, कबीर शब्दावली, अनुराग सागर, अमर मूल

बोलियों के क्षेत्र - 

  1. पूर्वी हिन्दी उपभाषा की बोलियाँ  
    • अवधी ( लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फैजाबाद आदि)
    • बघेली (जबलपुर, माँडवा, बालाघाट आदि)
    • छत्तीसगढ़ी (रायपुर, विलासपुर आदि)
  2. पश्चिमी हिन्दी उपभाषा की बोलियाँ ​ 
    • खड़ी बोली (मेरठ, बिजनौर, मुजमुफ्फर, सहारनपुर आदि)
    • हरियाणवी (करनाल, रोहतक अंबाला आदि )
    • ब्रजभाषा (आगरा, मथुरा, एटा ,फर्रुखाबाद आदि)
    • कन्नौजी (कानपुर, हरदोई आदि)
    • बुंदेली (झाँसी, जालौन, सागर, होशंगाबाद आदि)
  3. राजस्थानी उपभाषा की बोलियाँ 
    • मेवाती (अलबर, भरतपुर, गुड़गाँव आदि) 
    • मालवी (मंदसौर, इंदौर, रतलाम आदि)
    • जयपुरी (कोटा , बूँदी के जिले, जयपुर आदि)
    • मेवाड़ी (जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर, उदयपुर आदि)
  4. बिहारी उपभाषा की बोलियाँ  
    • भोजपुरी (जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, बलिया, बस्ती आदि) 
    • मगही (पटना, गया आदि)
  5. पहाड़ी उपभाषा की बोलियाँ  
    • मैथली 
    • कुमाऊँनी (उत्तरकाशी, नैनीताल, अल्मोड़ा , पिथौरागढ़ आदि)
    • गढ़वाली (टेहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, दक्षिणी नैनीताल आदि)
    • नेपाली (आसाम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय आदि)

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 10:

ब्रजभाषा का क्षेत्र कौन नहीं है?

  1. धौलपुर
  2. सरगुजा
  3. मथुरा
  4. आगरा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सरगुजा

हिन्दी बोली और उसका विकास Question 10 Detailed Solution

ब्रजभाषा का क्षेत्र सरगुजा नहीं है।

  • ब्रजभाषा की उत्पत्ति शौरसेनी अपभ्रंश से मानी जाती है।
  • ब्रजभाषा के प्रमुख कवि  -हैं सूरदास, रहीम, रसखान, केशव, घनानंद, बिहारी इत्यादि।

ब्रजभाषा का क्षेत्र -

  • उत्तर प्रदेश के मथुरा, अलीगढ़, आगरा, बुलंदशहर, एटा, फिरोजाबाद, बदायूं, बरेली, हरियाणा के गुड़गांव तथा राजस्थान में भरतपुर, धौलपुर, करौली, जयपुर के पूर्वी भाग और मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पश्चिमी भागों में बोली जाती है। 

ब्रजभाषा के तीन प्रधान स्वरूप है -

  • पूर्वी - मैनपुरी, बदायूं, एटा, बरेली, केंद्रीय ब्रजभाषा, मथुरा, आगरा तथा बुलंदशहर आते हैं। 
  • पश्चिमी -  भरतपुर, धौलपुर, करौली आते हैं। 
  • दक्षिणी - ग्वालियर तथा जयपुर आते हैं। 

Key Points

  • सरगुजा में सरगुजिया छत्तीसगढ़ी बोली प्रचलित है।
  • ये कोरिया और उदयपुर क्षेत्रों में भी बोली जाती है।
  • धौलपुर, मथुरा और आगरा ये ब्रजभाषा के क्षेत्र हैं।

Important Pointsअपभ्रंश और आधुनिक भारतीय भाषाएँ -

  • शौरसेनी
    • पश्चिमी हिन्दी (ब्रजभाषा, खड़ी बोली, बांगरु, कन्नौजी, बुंदेली),
    • गुजराती, 
    • राजस्थानी (मेवाती, मारवाड़ी, मालवी, जयपुरी) 
  • अर्धमागधी
    • पूर्वी हिन्दी (अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी)
  • मागधी
    • बिहारी (भोजपुरी, मैथिली, मगही), बंगला, उड़िया, असमिया
  • खस
    • पहाड़ी हिन्दी
  • पैशाची
    • लहंदा, पंजाबी
  • ब्राचड़
    • सिन्धी
  • महाराष्ट्री 
    • मराठी
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