रिपोर्ताज MCQ Quiz - Objective Question with Answer for रिपोर्ताज - Download Free PDF
Last updated on Apr 8, 2025
Latest रिपोर्ताज MCQ Objective Questions
रिपोर्ताज Question 1:
जहाँ पहिया है किस विधा की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर है रिपोर्ताज।
Key Points
- जहाँ पहिया है पी साईनाथ द्वारा रचित रिपोर्ताज है।
- यह मूलतः तमिल भाषा में लिखा गया है।
- इसमें उन्होंने तमिल नाडु के पुडुकोट्टई में ग्रामीण महिलाओं द्वारा चलाये साइकिल आंदोलन के विषय में बताया है।
- ग्रामीण महिलाओं ने अपनी आज़ादी के लिए विद्रोह का प्रतीक साइकिल को बना लिया।
- कई ग्रामीण नवशिक्षित महिलाएं सड़कों पे साइकिल चलती दिख जाया करती थीं।
Additional Information पी साईनाथ:
जन्म: 1954
पूरा नाम: पलागाम्मी साईनाथ
वे अंग्रेजी अखबार द हिंदू और द वेवसाइट इंडिया के ग्रामीण मामलों के संपादक हैं।
इनकी पत्रकारिता को सामाजिक समस्याओं, ग्रामीण हालातों, गरीबी, किसान समस्या और भारत पर वैश्वीकरण के घातक प्रभावों पर केंद्रित है।
महत्वूर्ण पुस्तक: Everybody loves a good drought: Stories from India's poorest districts.
Important Pointsरिपोर्ताज क्या है?
- किसी घटना या घटनास्थल के आँखों देखी को साहित्यिक व कलात्मक रूप में लिखने को रिपोर्ताज कहते हैं।
रिपोर्ताज Question 2:
जहाँ पहिया है किस विधा की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है रिपोर्ताज।
Key Points
- जहाँ पहिया है पी साईनाथ द्वारा रचित रिपोर्ताज है।
- यह मूलतः तमिल भाषा में लिखा गया है।
- इसमें उन्होंने तमिल नाडु के पुडुकोट्टई में ग्रामीण महिलाओं द्वारा चलाये साइकिल आंदोलन के विषय में बताया है।
- ग्रामीण महिलाओं ने अपनी आज़ादी के लिए विद्रोह का प्रतीक साइकिल को बना लिया।
- कई ग्रामीण नवशिक्षित महिलाएं सड़कों पे साइकिल चलती दिख जाया करती थीं।
Additional Information पी साईनाथ:
जन्म: 1954
पूरा नाम: पलागाम्मी साईनाथ
वे अंग्रेजी अखबार द हिंदू और द वेवसाइट इंडिया के ग्रामीण मामलों के संपादक हैं।
इनकी पत्रकारिता को सामाजिक समस्याओं, ग्रामीण हालातों, गरीबी, किसान समस्या और भारत पर वैश्वीकरण के घातक प्रभावों पर केंद्रित है।
महत्वूर्ण पुस्तक: Everybody loves a good drought: Stories from India's poorest districts.
Important Pointsरिपोर्ताज क्या है?
- किसी घटना या घटनास्थल के आँखों देखी को साहित्यिक व कलात्मक रूप में लिखने को रिपोर्ताज कहते हैं।
रिपोर्ताज Question 3:
'लक्ष्मीपुरा' किस विधा की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 3 Detailed Solution
- लक्ष्मीपुरा - रिपोर्ताज विधा की रचना है।
- लेखक :- शिवदान सिंह चौहान
Key Points
- भारतेंदु ने स्वयं जनवरी, 1877 की 'हरिश्चंद्र चंद्रिका' में दिल्ली दरबार का वर्णन किया है, जिसमें रिपोर्ताज की झलक देखी जा सकती है।
- रिपोर्ताज लेखन का प्रथम सायास प्रयास शिवदान सिंह चौहान द्वारा लिखित 'लक्ष्मीपुरा' को मान जा सकता है।
- यह सन् 1938 में 'रूपाभ' पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
Additional Information
रिपोर्ताज Question 4:
'जहाँ पहिया है' नामक रचना है:
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर है - रिपोर्ताज
- जहाँ पहिया है” पाठ के लेखक “पालगम्मी साईनाथ जी” हैं।
Key Points रिपोर्ताज
- रिपोर्ट के कलात्मक तथा साहित्यिक रूप को रिपोर्ताज कहते हैं।
- हिंदी में रिपोर्ताज के जनक शिवदान सिंह चौहान हैं।
- इनके रिपोर्ताज 'लक्ष्मीपुरा' को हिंदी का पहला रिपोर्ताज माना जाता है।
Additional Information रेखाचित्र विधा
- रेखाचित्र गद्य साहित्य के आधुनिक विधा है।
- इस विधा में लेखक रेखा चित्र के माध्यम से शब्दों को ढांचा तैयार करता है।
- लेखक किसी सत्य घटना की वस्तु का या व्यक्ति का चित्रात्मक भाषा में वर्णन करता है।
- इसमें शब्द चित्रों का प्रयोग आवश्यक है।
कहानी विधा
- कहानी गद्य साहित्य की वह सबसे अधिक रोचक एवं लोकप्रिय विधा है, जो जीवन के किसी विशेष पक्ष का मार्मिक, भावनात्मक और कलात्मक वर्णन करती है।
यात्रावृत्तान्त विधा
- यात्रावृत्तान्त किसी स्थान में बाहर से आये व्यक्ति या व्यक्तियों के अनुभवों के बारे में लिखे वृतान्त को कहते हैं।
- हिन्दी का पहला यात्रा-वृत्त “सरयू पार की यात्रा” है, जिसका का रचनाकाल 1871 ई. है
- और इसके रचनाकार या लेखक “भारतेन्दु हरिश्चन्द्र” हैं।
रिपोर्ताज Question 5:
निम्नांकित में से कौन सा कथन सही है?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर 'उपर्युक्त में से एक से अधिक' हैं।
- रिपोर्ताज गद्य-लेखन की एक विधा है।
- रिपोर्ताज फ्रांसीसी भाषा का शब्द है।
- रिपोर्ट अंग्रेजी भाषा का शब्द है।
- रिपोर्ट किसी घटना के यथातथ्य वर्णन को कहते हैं।
- रिपोर्ट के कलात्मक तथा साहित्यिक रूप को रिपोर्ताज कहते हैं।
Key Points
अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
- आँखों देखी और कानों सुनी घटनाओं पर भी रिपोर्ताज लिखा जा सकता है। कल्पना के आधार पर रिपोर्ताज नहीं लिखा जा सकता है।
- रिपोर्ताज लेखक को पत्रकार तथा कलाकार दोनों की भूमिका निभानी पडती है।
- रिपोर्ताज लेखक के लिये यह भी आवश्यक है कि वह जनसाधारण के जीवन की सच्ची और सही जानकारी (तथ्य) रखे।
Additional Information
- हिन्दी में रिपोर्ताज का आरम्भ प्रसादोत्तर युग/छायावादोत्तर युग में हुआ था।
- भारतेंदु ने स्वयं जनवरी, 1877 की 'हरिश्चंद्र चंद्रिका' में दिल्ली दरबार का वर्णन किया है, जिसमें रिपोर्ताज की झलक देखी जा सकती है।
- रिपोर्ताज लेखन का प्रथम सायास प्रयास शिवदान सिंह चौहान द्वारा लिखित 'लक्ष्मीपुरा' को मान जा सकता है।
Top रिपोर्ताज MCQ Objective Questions
'हिंदी में रिपोर्ताज' का जनक किसे माना जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF'हिंदी में रिपोर्ताज' का जनक शिवदान सिंह चौहान माना जाता है
Key Points
- इनके रिपोर्ताज 'लक्ष्मीपुरा' को हिंदी का पहला रिपोर्ताज माना जाता है।
- जिसका प्रकाशन सुमित्रानंदन पंत के संपादन में निकलने वाली 'रूपाभ' पत्रिका के दिसम्बर, 1938 ई. के अंक में हुआ था।
Important Pointsशिवदान सिंह चौहान:-
- शिवदान सिंह चौहान (1918-2000) हिन्दी साहित्य के प्रथम मार्क्सवादी आलोचक के रूप में ख्यात हैं।
- लेखक होने के साथ-साथ वे सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे।
- शिवदान सिंह चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के 'बमानी' गाँव में 15 मार्च 1918 को हुआ था।
इनके के द्वारा लिखित पुस्तकें:-
- रक्तरंजित स्पेन -1938
- प्रगतिवाद -1946
- साहित्य की परख -1948
- कश्मीर देश व संस्कृति -1949
- हिंदी गद्य साहित्य -1952
- साहित्य की समस्याएँ -1959
Additional Informationरामकुमार वर्मा की मुख्य रचनाएँ:-
- अंजलि
- अभिशाप
- निशीथ
- जौहर
- चित्तौड़ की चिता
-
पृथ्वीराज की आंखें
उपेन्द्रनाथ 'अश्क' की मुख्य रचनाएँ:-
- पिंजरा
- शहर में घूमता आईना
- गर्म राख
- लौटता हुआ दिन
- बड़े खिलाड़ी
- बरगद की बेटी
निर्मल वर्मा की मुख्य रचनाएँ:-
- लाल टीन की छत -1974
- रात का रिपोर्टर -1989
- पिछली गर्मियों में -1968
- परिन्दे -1959
- ढलान से उतरते हुए -1985
- चीड़ों पर चाँदनी -1963
'लक्ष्मीपुरा' किस विधा की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF- लक्ष्मीपुरा - रिपोर्ताज विधा की रचना है।
- लेखक :- शिवदान सिंह चौहान
Key Points
- भारतेंदु ने स्वयं जनवरी, 1877 की 'हरिश्चंद्र चंद्रिका' में दिल्ली दरबार का वर्णन किया है, जिसमें रिपोर्ताज की झलक देखी जा सकती है।
- रिपोर्ताज लेखन का प्रथम सायास प्रयास शिवदान सिंह चौहान द्वारा लिखित 'लक्ष्मीपुरा' को मान जा सकता है।
- यह सन् 1938 में 'रूपाभ' पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
Additional Information
कौन सा रांगेय राघव का रिपोर्ताज है?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- रांगेय राघव द्वारा रचित रिपोर्ताज तूफानों के बीच हैं।
- प्रकाशन वर्ष :- 1941 ई.
Key Points
- रिपोतार्ज फ्रांसीसी शब्द है , गद्य विधा के रूप में इसका आविर्भाव द्वितीय विश्वयुद्ध के आसपास हुआ ।
- हिंदी में रिपोर्ताज का जनक शिवदान सिंह चौहान को माना जाता है ।
- रिपोर्ताज के विकास में हंस पत्रिका का सर्वाधिक योगदान है ।
Important Points
रिपोतार्ज |
लेखक |
रचना वर्ष |
लक्ष्मीपुरा |
शिवदान सिंह चौहान |
1938 |
तूफानों के बीच |
रांगेय राघव |
1946 |
यह लड़ेंगे हजार साल |
शिवसागर मिश्र |
1966 |
युद्ध यात्रा |
डॉ धर्मवीर भारती |
1972 |
नेपाली क्रांति कथा |
फणीश्वर नाथ रेणु |
1978 |
श्रुत अश्रुत पूर्व |
फणीश्वर नाथ रेणु |
1984 |
जुलूस रुका है |
विवेकी राय |
1977 |
'अल्मोड़े का बाजार' किस विधा की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF"अल्मोड़े का बाजार", "रिपोतार्ज विधा" की रचना है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) रिपोतार्ज सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- रिपोर्ताज गद्य-लेखन की एक विधा है।
- रिपोर्ताज फ्रांसीसी भाषा का शब्द है।
- रिपोर्ट अंग्रेजी भाषा का शब्द है। रिपोर्ट किसी घटना के यथातथ्य वर्णन को कहते हैं। रिपोर्ट सामान्य रूप से समाचारपत्र के लिये लिखी जाती है और उसमें साहित्यिकता नहीं होती है।
- रिपोर्ट के कलात्मक तथा साहित्यिक रूप को रिपोर्ताज कहते हैं।
- हिंदी में रिपोर्ताज लेखन की परंपरा शिवदान सिंह चौहान की रचना "लक्ष्मीपुरा" (1938) से शुरू हुई।
Important Points
- अल्मोड़े का बाजार, प्रकाश चंद्र गुप्त का रिपोतार्ज है।
- प्रकाश चंद्र गुप्त के अन्य रिपोतार्ज:-
- स्वराज्य भवन
- बंगाल का अकाल
Additional Information
- जीवनी
- किसी भी महान व्यक्ति का संपूर्ण विवरण क्रमशः महत्वपूर्ण घटनाओं के माध्यम से किसी अन्य लेखक द्वारा लिखा जाना जीवनी कहलाती है।
- हिंदी में जीवनी लेखन 19वीं शताब्दी से प्रारंभ हुआ।
- सर्वप्रथम बाबू कार्तिक प्रसाद खत्री ने 1893 ईस्वी में मीराबाई का जीवन चरित्र लिखा।
- यात्रा वृत्त
- जब कोई लेखक अपने द्वारा की गई किसी यात्रा का वास्तविक कलात्मक या साहित्यिक वर्णन करता है तो ऐसी रचना को यात्रा वृत्त या यात्रा साहित्य कहते है।
- हिंदी साहित्य में अन्य गद्य विधाओं की भांति ही भारतेंदु युग से यात्रा साहित्य का आरंभ माना जा सकता है।
- प्रगीत
- काव्य में विचार की अपेक्षा भाव की प्रमुखता होती है।
- यह विधा अनुभूति प्रधान है ;इसलिए काव्य साहित्य के समाजशास्त्र के लिए एक चुनौती है।
- काव्य के समाजशास्त्र पर लुकाच,गोल्डमान, लियो लावेंथल ,रेमंड विलियम्स विचार करते हैं।
'मौत के खिलाफ जिन्दगी की लड़ाई' किस विधा की पुस्तक हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर - रिपोर्ताज
Key Points
- लेखक - शिवदान सिंह चौहान
- ये रिपोर्ताज विधा के जनक माने जाते हैंI
- इनका पहला रिपोर्ताज है - लक्ष्मीपुरा
- मौत के खिलाफ जिन्दगी की लड़ाई इनका दूसरा रिपोर्ताज हैI
- रिपोर्ताज एक फ़्रांसिसी शब्द हैI
- द्वितीय विश्वयुद्ध के समय इसका प्रादुर्भाव हुआI
'तूफानों के बीच' शीर्षक रिपोर्ताज के लेखक कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF- तूफानों के बीच ( 1941 ई. ) रिपोर्ताज के लेखक हैं :-रांगेय राघव ।
Key Points
- रिपोतार्ज फ्रांसीसी शब्द है , गद्य विधा के रूप में इसका आविर्भाव द्वितीय विश्वयुद्ध के आसपास हुआ ।
- हिंदी में रिपोर्ताज का जनक शिवदान सिंह चौहान को माना जाता है ।
- रिपोर्ताज के विकास में हंस पत्रिका का सर्वाधिक योगदान है ।
Important Points
रिपोतार्ज |
लेखक |
रचना वर्ष |
लक्ष्मीपुरा |
शिवदान सिंह चौहान |
1938 |
तूफानों के बीच |
रांगेय राघव |
1946 |
यह लड़ेंगे हजार साल |
शिवसागर मिश्र |
1966 |
युद्ध यात्रा |
डॉ धर्मवीर भारती |
1972 |
नेपाली क्रांति कथा |
फणीश्वर नाथ रेणु |
1978 |
श्रुत अश्रुत पूर्व |
फणीश्वर नाथ रेणु |
1984 |
जुलूस रुका है |
विवेकी राय |
1977 |
'ऋण जल धन जल' रिपोर्ताज के लेखक कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF"ऋण जल धन", "रिपोर्ताज विधा" की रचना के लेखक "फणीश्वर नाथ रेणु" है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) फणीश्वर नाथ रेणु सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- ऋणजल-धनजल एक "रिपोर्ताज" है जिसके रचायिता "फणीश्वर नाथ रेणु" हैं।
- फणीश्वर नाथ 'रेणु' (4 मार्च 1921 औराही हिंगना, फारबिसगंज - 11 अप्रैल 1977)
- इनके पहले उपन्यास "मैला आंचल" के लिए उन्हें "पद्मश्री पुरस्कार" से सम्मानित किया गया था।
- फणीश्वर नाथ रेणु के उपन्यास निम्नलिखित हैं:-
- मैला आंचल
- परती परिकथा
- जूलूस
- दीर्घतपा
- कितने चौराहे
- पलटू बाबू रोड
रिपोतार्ज |
लेखक |
रचना वर्ष |
लक्ष्मीपुरा |
शिवदान सिंह चौहान |
1938 |
तूफानों के बीच |
रांगेय राघव |
1946 |
यह लड़ेंगे हजार साल |
शिवसागर मिश्र |
1966 |
युद्ध यात्रा |
डॉ धर्मवीर भारती |
1972 |
नेपाली क्रांति कथा |
फणीश्वर नाथ रेणु |
1978 |
श्रुत अश्रुत पूर्व |
फणीश्वर नाथ रेणु |
1984 |
जुलूस रुका है |
विवेकी राय |
1977 |
हिंदी साहित्य का पहला 'रिपोर्ताज' माना जाता हैः
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF- हिंदी साहित्य का पहला रिपोर्ताज लक्ष्मीपुरा को माना जाता है ।
- रिपोर्ट के कलात्मक और साहित्यिक रूप को ही रिपोर्ताज कहते हैं ।
Key Points
- रिपोर्ताज फ्रांसीसी शब्द है जो अंग्रेज़ी के रिपोर्ट का समानार्थी है ।
- श्रुत अश्रुत पूर्व - रेणु
- नेपाली क्रांति कथा - रेणु
- प्लाट का मोर्चा - शमशेर बहादुर सिंह
- हिंदी में रिपोर्ताज की शुरुआत शिवदान सिंह चौहान की कृति 'लक्ष्मीपुरा' से होती है , यह रिपोर्ताज रूपाभ के दिसम्बर , 1938 के अंक में प्रकाशित हुआ था ।
'जुलूस रुका है' रिपोर्ताज के लेखक कौन है?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF'जुलूस रुका है' रिपोर्ताज के लेखक विवेकी राय जी है।
'जुलूस रुका है' रिपोर्ताज विवेकी राय जी द्वारा 1992 में लिखा गया।
Key Points
विवेकी राय:
- विवेकी राय (1924-2016) हिन्दी और भोजपुरी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
- विवेकी राय ने 85 से अधिक पुस्तकों की रचना की है।
- विवेकी राय ललित निबंध, कथा साहित्य और कविता कर्म में समभ्यस्त हैं।
- विवेकी राय की रचनाऐं गंवाई मन और मिज़ाज़ से सम्पृक्त हैं।
विवेकी राय जी के ललितनिबंध:
- मनबोध मास्टर की डायरी
- गंवाई गंध गुलाब (1980ई०)
- फिर बैतलवा डाल पर
- आस्था और चिंतन (1991ई०)
Additional Information
लेखक | रचनाएँ |
रांगेय राघव | विषाद मठ (उपन्यास) उबाल (उपन्यास) राह न रुकी (उपन्यास) देवकी का बेटा (उपन्यास) |
फणीश्वरनाथ रेणु | मैला आंचल-1954 (उपन्यास) परती परिकथा-1957 (उपन्यास) दीर्घतपा-1964 (उपन्यास) कितने चौराहे-1966 (उपन्यास) |
धर्मवीर भारती | गुनाहों का देवता-1949 (उपन्यास) सूरज का सातवां घोड़ा-1952 (उपन्यास) ग्यारह सपनों का देश (उपन्यास) प्रारंभ व समापन (उपन्यास) |
रिपोर्ताज Question 15:
हिन्दी में रिपोर्ताज विधा का जनक किसे माना जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
रिपोर्ताज Question 15 Detailed Solution
- शिव दान सिंह चौहान को हिन्दी में रिपोर्ताज विधा का जनक माना जाता है।
- इन्हे हिंदी साहित्य के प्रथम मार्क्सवादी आलोचक के रूप मे भी जाना जाता है।
- लेखक होने के साथ साथ ये सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे। अत: सही विकल्प “शिव दान सिंह चौहान” है।
हिन्दी में रिपोर्ताज का आरम्भ प्रसादोत्तर युग/छायावादोत्तर युग में हुआ था।
Key Points
- भारतेंदु ने स्वयं जनवरी, 1877 की 'हरिश्चंद्र चंद्रिका' में दिल्ली दरबार का वर्णन किया है, जिसमें रिपोर्ताज की झलक देखी जा सकती है।
- रिपोर्ताज लेखन का प्रथम सायास प्रयास शिवदान सिंह चौहान द्वारा लिखित 'लक्ष्मीपुरा' को मान जा सकता है।
- यह सन् 1938 में 'रूपाभ' पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
Additional Information
- रिपोर्ताज गद्य-लेखन की एक विधा है।
- रिपोर्ताज फ्रांसीसी भाषा का शब्द है।
- रिपोर्ट अंग्रेजी भाषा का शब्द है।
- रिपोर्ट किसी घटना के यथातथ्य वर्णन को कहते हैं।
- रिपोर्ट सामान्य रूप से समाचारपत्र के लिये लिखी जाती है और उसमें साहित्यिकता नहीं होती है।
- रिपोर्ट के कलात्मक तथा साहित्यिक रूप को रिपोर्ताज कहते हैं।
- वास्तव में रेखाचित्र की शैली में प्रभावोत्पादक ढंग से लिखे जाने में ही रिपोर्ताज की सार्थकता है।
- आँखों देखी और कानों सुनी घटनाओं पर भी रिपोर्ताज लिखा जा सकता है।
- कल्पना के आधार पर रिपोर्ताज नहीं लिखा जा सकता है।
- घटना प्रधान होने के साथ ही रिपोर्ताज को कथातत्त्व से भी युक्त होना चाहिये।
- रिपोर्ताज लेखक को पत्रकार तथा कलाकार दोनों की भूमिका निभानी पडती है।
- रिपोर्ताज लेखक के लिये यह भी आवश्यक है कि वह जनसाधारण के जीवन की सच्ची और सही जानकारी रखे।
- तभी रिपोर्ताज लेखक प्रभावोत्पादक ढंग से जनजीवन का इतिहास लिख सकता है।