कर्मधारय MCQ Quiz - Objective Question with Answer for कर्मधारय - Download Free PDF
Last updated on Jun 24, 2025
Latest कर्मधारय MCQ Objective Questions
कर्मधारय Question 1:
'नीलकमल' शब्द में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 1 Detailed Solution
'नीलकमल' शब्द में कर्मधारय समास है।
- नीलकमल = नीला है कमल जो
- कर्मधारय समास = इस समास में पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय होता है।
अन्य उदाहरण -
- अधमरा = आधा है जो मरा
- दुर्जन = दुष्ट है जो जन
Key Pointsअन्य विकल्प -
समास | समास-विग्रह |
द्विगु समास | पंचतंत्र = पांच तंत्रों का समाहार |
बहुव्रीहि समास | चतुर्भुज = चार हैं भुजाएं जिसकी (विष्णु) |
अव्ययीभाव समास | लापरवाह = परवाह के बिना |
Confusion Pointsसंधि और समास- अर्थ की दृष्टि से दोनों शब्द सामान हैं यद्यपि दोनों में कुछ अंतर है जैसे -
- संधि वर्णों का मेल है और समास शब्दों का मेल है।
- संधि में वर्णों के मेल से वर्ण परिवर्तन अथवा विकार उत्पन्न होता है जबकि समास में ऐसा नहीं होता।
- संधि के द्वारा बने शब्दों को पुनः मूल अवस्था में लाने को संधि-विच्छेद कहते हैं जबकि समास के पदों को अलग करने की
- प्रक्रिया समास-विग्रह कहलाती है।
Additional Information
- दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के परस्पर मेल को समास कहते है।
समास के छ: भेद हैं-
समास |
परिभाषा |
समास-विग्रह उदाहरण |
द्वंद्व समास |
इस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं। इसमें तथा, और, या, अथवा आदि शब्दों का लोप हो जाता है। |
शस्त्रास्त्र = शस्त्र और अस्त्र |
द्विगु समास |
इस समास में पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद उसका विशेष्य होता है। |
अठन्नी = आठ आनों का समूह |
तत्पुरुष समास |
इस समास में प्रथम पद गौण तथा द्वितीय पद प्रधान होता है। |
चर्मरोग = चर्म का रोग जन्मान्ध = जन्म से अन्धा |
कर्मधारय समास |
इस समास में पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य हो अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय हो |
चरणकमल = कमल के समान चरण |
अव्ययीभाव समास |
इस समास में पहला पद अव्यय होता है और पहला पद प्रधान भी होता है। |
यथायोग्य = योग्यता के अनुसार |
बहुव्रीहि समास |
इस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता बल्कि समस्त पद किसी अन्य के विशेषण का कार्य करते हैं। |
दीर्घबाहु- दीर्घ हैं बाहु जिसके अर्थात् विष्णु |
कर्मधारय Question 2:
निम्न विकल्पों में से उस विकल्प का चयन कीजिए जो दिए गए समस्तपद के सही कर्मधारय समास का विकल्प है I
सज्जन
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 2 Detailed Solution
सज्जन समस्तपद के सही कर्मधारय समास का विग्रह 'सत है जो जन' सही उत्तर होगा।
- कर्मधारय समास :-वह समास है जिसमें उत्तर पद प्रधान हो तथा पूर्व पद व उत्तर पद में उपमान-उपमेय अथवा विशेषण-विशेष्य सम्बन्ध हो, वह 'कर्मधारय समास' कहलाता है।
जैसे:-सज्जन - 'सत है जो जन' इसमे उत्तर पद प्रधान है।
Key Points समास :- दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं।
समास के 6 भेद होते है -
समास | |
समास | परिभाषा |
अव्ययीभाव समास |
इसमें प्रथम पद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। जैसे- यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार। |
तत्पुरुष समास |
जिस समस्त पद का उत्तरपद प्रधान होता है अर्थात दूसरा शब्द प्रधान होता है।जैसे- सत्याग्रह – सत्य के लिए आग्रह। |
कर्मधारय समास | इस समास का उत्तर पद प्रधान होता है। जैसे - चरणकमल = कमल के समान चरण |
द्विगु समास |
द्विगु समास में पूर्वपद संख्यावाचक होता है।जैसे -नवग्रह = नौ ग्रहों का समूह । |
द्वंद्व समास |
इस समास में दोनों पद ही प्रधान होते हैं इसमें किसी भी पद का गौण नहीं होता है।जैसे-जलवायु = जल और वायु। |
बहुब्रीहि समास | दो पद मिलकर तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं इसमें तीसरा पद प्रधान होता है।जैसे - नीलकंठ = नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव जी। |
कर्मधारय Question 3:
'घनश्याम' में निम्न में से कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 3 Detailed Solution
‘घनश्याम’ शब्द में ‘कर्मधारय समास’ है, अन्य विकल्प असंगत है।
- घनश्याम अर्थात घन के समान श्याम अर्थात बादलो के समान काला
Key Points
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। जैसे – कमल के समान नयन = कमलनयन, चन्द्र जैसे मुख = चंद्रमुख आदि। |
Important Points
- नञ् समास: जिसमे आगे नकारात्मक बात या अ शब्द लगा हो जैसे: असम्भव
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
||
समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व समास |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
कर्मधारय Question 4:
कर्मधारय समास को दर्शाने वाला विकल्प है-
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 4 Detailed Solution
- कर्मधारय समास को दर्शाने वाला विकल्प है - 'नीलकमल'
- समास विग्रह - 'नीला है जो कमल'
- इसमें पहला पद विशेषण (नीला) और दूसरा पद विशेष्य (संज्ञा, कमल) है अथवा एक पद उपमेय और दूसरा पद उपमान है।
अन्य विकल्प -
- त्रिभुवन - तीन भवनों का समाहार - पहला पद संख्यावाची है, अतः द्विगु समास है।
- आमरण - मरण तक- पहला पद प्रधान और दूसरा पद अव्यय है, अतः अव्ययीभाव समास है।
- समाजद्रोही - देश को धोखा देने वाला, विभक्ति चिह्न का लोप है, अतः तत्पुरुष समास का उदाहरण है।
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। ;समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छः प्रकार हैं - |
||
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्ययीभाव |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह ;समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
कर्मधारय Question 5:
'महामात्य' पद में समास है:
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 5 Detailed Solution
सही विकल्प है - कर्मधारय।
- 'महामात्य' पद में कर्मधारय समास है।
Key Points
- 'महामात्य' का समास विग्रह 'महान है जो अमात्य(प्रधानमंत्री)।' होगा।
- यहाँ अमात्य विशेष्य है और महान विशेषण है।
- जिस समास में प्रथम पद विशेषण या उपमान होता है तथा द्वितीय पद विशेष्य या उपमेय होता है, अर्थात विशेषण–विशेष्य तथा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध रहता है उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
Additional Information
- समास - दो या दो से अधिक शब्द से बने हुए नए शब्द को समास कहा जाता है।
- समास के 6 भेद होते है-
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
अव्ययीभाव |
पहला पद प्रधान तथा अव्यय हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण का कार्य करें वहां अव्ययीभाव होता है। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन निर्विवाद = बिना विवाद के |
कर्मधारय | जिस समास में पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य हो, कर्मधारय समास कहलाता है। |
कालीमिर्च = काली है जो मिर्च नीलकमल = नीला है जो कमल |
द्विगु | जिस समास में पूर्वपद संख्यावाचक हो, द्विगु समास कहलाता है। |
नवरत्न = नौ रत्नों का समूह सप्तदीप = सात दीपों का समूह |
बहुव्रीहि | जिस समास में दोनों पदों के माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध होता है, बहुव्रीहि समास कहलाता है। |
महात्मा = महान् आत्मा है जिसकी, |
द्वन्द्व | जिस समास में दोनों पद प्रधान एवं एक दूसरे के विलोम या विलोम जैसे हों तो उसे द्वंद्व समास कहते हैं। |
माता-पिता = माता और पिता, राम-कृष्ण = राम और कृष्ण |
तत्पुरुष | जिस समास में पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान हो, तत्पुरुष समास कहलाता है। | मतदाता = मत को देने वाला गिरहकट = गिरह को काटने वाला |
Top कर्मधारय MCQ Objective Questions
'प्रधानमंत्री' में कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFप्रधानमंत्री में कर्मधारय समास है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प कर्मधारय सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- प्रधानमंत्री में कर्मधारय समास है।
- कर्मधारय समास की परिभाषा
- वह समास जिसका पहला पद विशेषण एवं दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा पूर्वपद एवं उत्तरपद में उपमान – उपमेय का सम्बन्ध माना जाता है कर्मधारय समास कहलाता है।
- इस समास का उत्तरपद प्रधान होता है एवं विगृह करते समय दोनों पदों के बीच में ‘के सामान’, ‘है जो’, ‘रुपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है।
- कर्मधारय समास के उदाहरण
- चरणकमल = कमल के समान चरण
- नीलगगन =नीला है जो गगन
- चन्द्रमुख = चन्द्र जैसा मु
- अधपका – आधा है जो पका
- द्विगु समास की परिभाषा
- वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।
- जैसे:
- दोपहर : दो पहरों का समाहार
- शताब्दी : सौ सालों का समूह
- पंचतंत्र : पांच तंत्रों का समाहार
- सप्ताह : सात दिनों का समूह
- अव्ययीभाव समास की परिभाषा:-
- इस समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। अव्यय के संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाता है। इसमें पूर्वपद प्रधान होता है।
- अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है।
- अव्ययीभाव समास के उदाहरण
- आजन्म: जन्म से लेकर
- यथामति : मति के अनुसार
- प्रतिदिन : दिन-दिन
- तत्पुरुष समास :-
- वह समास, जिसका उत्तरपद या अंतिम पद प्रधान हो। अर्थात् प्रथम पद गौण हो और उत्तरपद की प्रधानता हो।
- जैसे–राजकुमार सख्त बीमार था। इस वाक्य में समस्तपद ‘राजकुमार’ जिसका विग्रह है–राजा का कुमार इस विग्रह पद में ‘राजा’ पहला पद और ‘कुमार’ (पुत्र) उत्तर पद है।
“इस मंदिर में लोग पीतांबर पहनकर पूजा करते है”। उपर्युक्त वाक्य में रेखांकित पद में कौन-सा समास है
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर कर्मधारय समास है।
Confusion Points
- यहाँ पर कर्मधारय क्यों होगा उसका सीधा सा उत्तर यह है कि वाक्य का सन्दर्भ मंदिर में कपड़े पहनने से सम्बंधित है।
- जिससे विशेषण - विशेष्य सम्बन्ध भाव स्थापित होने से कर्मधारय समास होगा, यहाँ अन्य पद की प्रधानता का प्रसंग नही है।
Key Points
- ‘पीताम्बर’ का सामासिक विग्रह ‘पीला है जो अम्बर’ होगा।
- ‘पीताम्बर’ का सामासिक विग्रह करने पर ‘पीला है जो अम्बर’ में 'है जो' शब्द आया है अर्थात विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आये तो वहाँ कर्मधारय समास होता है।
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
||
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात् हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्ययीभाव |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
- ‘पीला है जो अम्बर’ - वस्त्र (पीताम्बर) - कर्मधारय
- ‘पीत है अम्बर’ जिसके - विष्णु और कृष्ण (पीताम्बर) बहुब्रीहि
‘परमेश्वर’ में कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF'परमेश्वर' में 'कर्मधारय' समास है। 'परमेश्वर' का समास विग्रह 'परम है जो ईश्वर' होगा, जिस समास में पहला पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य (संज्ञा) हो वहाँ कर्मधारय समास होता है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 'कर्मधारय' है।
अन्य विकल्प
समास - समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। जब दो या दो से अधिक शब्दों के योग से जो छोटा शब्द बने उसे समास कहते हैं। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - रजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
||
समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
|
अव्ययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो'। |
|
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, |
|
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
|
द्वंद्व समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो । |
|
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
|
द्विगु समास और बहुव्रीहि समास में अंतर - द्विगु समास का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है जबकि बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही विशेषण का कार्य करता है। जैसे – दोपहर- दो पहरों का समूह (द्विगु समास), चतुर्भुज- चार है भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु (बहुव्रीहि समास)। |
'नीलकमल' में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 'कर्मधारय’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
Key Points
- नीलकमल अर्थात 'नीला है जो कमल' इसमें पूर्व पद उत्तर पद की विशेषता बताने का काम कर रहा है।
- अतः दोनों पदों में विशेषण विशेष्य होने का सम्बन्ध है।
- इसलिए यह कर्मधारय समास का उदाहरण है।
अन्य विकल्प:
- बहुब्रीहि समास - जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।
- द्विगु समास - वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।
- द्वंद्व समास - जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’, ‘और’ का प्रयोग होता है ।
Additional Information
- समास 'संक्षिप्तिकरण' को समास कहते हैं।
- दूसरे शब्दों में समास संक्षेप करने की एक प्रक्रिया है।
- दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द को समास कहते हैं।
'परमेश्वर' में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर ‘कर्मधारय’ है।
Key Points
- परमेश्वर शब्द का सामासिक विग्रह है - ‘परम है जो ईश्वर’।
- इसका पहला पद विशेषण है और दूसरा पद विशेष्य है।
- कर्मधारय समास - पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है।
- जैसे- कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।
अन्य विकल्प:
तत्पुरुष |
जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। |
यश को प्राप्त = यशप्राप्त मन से माना हुआ = मनमाना |
द्विगु
|
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
चार राहों का समूह = चौराहा पांच तंत्रों का समाहार = पंचतंत्र |
अव्ययीभाव
|
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
Additional Information
समास वह क्रिया है, जिसके द्वारा हिंदी में कम-से-कम शब्दों में अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
- द्वन्द्व समास
- द्विगु समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- अव्ययीभाव समास
- बहुव्रीहि समास
“कुपुत्र' में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF- कुपुत्र शब्द में कर्मधारय समास होगा। अतः विकल्प 4 सही है।
- कुपुत्र शब्द का समास विग्रह 'कुत्सित है जो पुत्र' होता है।
Key Points
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
कर्मधारय समास |
जिसका पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय हो तो, वह 'कर्मधारय समास' कहलाता है। |
जैसे – अंधविश्वास : अंधा है जो विश्वास
नीलकमल : नीला है जो कमल
|
द्विगु समास |
जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। |
जैसे - |
द्वंद्व समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो। |
जैसे – |
विशेषण और विशेष्य के योग से कौन-सा समास बनता है?
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFविशेषण और विशेष्य के योग से कर्मधारय समास बनता है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः सही उत्तर विकल्प 2 'कर्मधारय समास' है।
Key Points
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
||
समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व समास |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
“सुपुरुष” में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF“सुपुरुष” में समास है - 'कर्मधारय'
- 'सुपुरुष' का समास विग्रह = सुंदर है जो पुरुष
- वह समास जिसका पहला पद विशेषण एवं दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा
- पूर्वपद एवं उत्तरपद में उपमान - उपमेय का सम्बन्ध माना जाता है कर्मधारय समास कहलाता है।
- समास विग्रह करते समय दोनों पदों के बीच में ‘के सामान’, ‘है जो’, ‘रुपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है।
- उदाहरण -
- मृगलोचन = मृग के सामान लोचन
- नवयुवक = नव है जो युवक
- कीर्तिलता = कीर्ति रुपी लता
Key Points
तत्पुरूष:-
उदाहरण -
अव्ययीभाव:-
उदाहरण -
द्वंद्व:-
उदाहरण -
|
चन्द्रबदन शब्द में समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFचन्द्रबदन में कर्मधारय समास है
- समास विग्रह: चन्द्र है बदन पर जिसके
Key Points
- कर्मधारय समास के उदाहरण –
- विशेषण विशेष्य कर्मधारय समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।\
- समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
- कृष्णसर्प – काला सर्प
- महापुरुष – महान है जो पुरुष
- महावीर – महान वीर
- अधमरा – आधा है जो मरा
- महाकवि – महान कवि
- महापुरुष – महान है जो पुरुष
- अधमरा – आधा है जो मरा
- नवयुवक – नव है जो युवक
- समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
- विशेषण विशेष्य कर्मधारय समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।\
- बहुब्रीहि समास के उदाहरण –
- समानाधिकरण बहुब्रीहि समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए।
- समास (समस्त पद) – समास-विग्रह
- लम्बोदर – लम्बा है उदर जिसका अर्थात् गणेश
- एकदंत – एक है दाँत जिसके अर्थात् गणेश
- खगेश – खगों का ईश है जो अर्थात् गरूण
- चन्द्रभाल – चन्द्रमा है माथे पर जिसके अर्थात् शंकर
- जलज – जल में जन्म लेने वाला
- नेकनाम – नेक है नाम जिसका
- मुरारि – वह जो मुर राक्षस का शत्रु है अर्थात् कृष्ण
- वज्रदेह – वज्र है देह जिसकी (दुर्योधन)
- सुलोचना – सुन्दर है लोचन जिसका अर्थात् मेघनाथ की पत्नी
- सहस्रकर – सहस्र है कर जिसके
Additional Information
समास | परिभाषा | उदहारण |
द्वन्द समास | जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय और अथवा या एवं आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। द्विगु समास |
पाप- पूर्णया एवम अपना -पराया |
तत्पुरुष समास | जिस समास में उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होता है तथा दोनों पदों के बीच का कारक चिन्ह लुप्त हो जाता है उसे तत्पुरुष समास कहते है। | राजा का कुमार =राजकुमार |
बहुव्रीहि समास | इस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता है जब दो पद मिलकर तीसरा पद बनाते है वो प्रधान होता है।इसको विद्राह करने पर वाला जो जिसका, जिसकी जिसके ,वह आदि आते है। वह बहुब्रीहि समस्या कहलाता है। | गजानन -गज का आनन है जिसका अर्थात गणेश। त्रिनेत्र -तीन नेत्रों का समूह -शिव |
नीलगाय में कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
कर्मधारय Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - ‘कर्मधारय’।
- ‘नीलगाय’ शब्द में कर्मधारय समास है।
- अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- ‘नीलगाय’ का समास विग्रह होगा ‘नीली है गाय जो’।
- इसमें नीली और गाय शब्द के बीच विशेषण विशेष्य का संबंध है।
- अत: यहाँ कर्मधारय समास है।
कर्मधारय समास:
- जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो।
पहचान : विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में ‘है जो’, ‘के समान’ आदि आते हैं।
जैसे : महान है जो देव = महादेव।
Additional Information
- समास:- समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य ‘संक्षिप्तीकरण’ से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
- जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र।
- समास के छःप्रकार हैं।
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वन्द समास
- बहुव्रीहि समास