National Park and Wildlife Sanctuary MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for National Park and Wildlife Sanctuary - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें
Last updated on Jul 10, 2025
Latest National Park and Wildlife Sanctuary MCQ Objective Questions
National Park and Wildlife Sanctuary Question 1:
दिए गए कथनों से वन्यजीव अभयारण्य की पहचान करें:
1. यह केरल के कन्नूर जिले में स्थित है, जो पारिस्थितिक रूप से समृद्ध पश्चिमी घाट में स्थित है।
2. चींकाणिपुझा नदी इस क्षेत्र को जल निकास करती है।
3. इसकी स्थापना 1984 में हुई थी।
4. यह भारत का पहला तितली अभयारण्य है।
Answer (Detailed Solution Below)
National Park and Wildlife Sanctuary Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर अरलम वन्यजीव अभयारण्य है।
मुख्य बिंदु
- स्थान: अरलम वन्यजीव अभयारण्य केरल के कन्नूर जिले में स्थित है, जो पारिस्थितिक रूप से समृद्ध पश्चिमी घाट में स्थित है।
- नदी: चींकाणिपुझा नदी अभयारण्य से होकर बहती है, जो इसकी जैव विविधता में योगदान करती है।
- स्थापना: इसकी स्थापना 1984 में हुई थी, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के वनस्पतियों और जीवों की रक्षा करना था।
- तितली अभयारण्य: अरलम वन्यजीव अभयारण्य भारत का पहला तितली अभयारण्य है, जो समृद्ध तितली विविधता को प्रदर्शित करता है।
- यह अपने घने वन आवरण के लिए जाना जाता है, जिसमें उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन और अर्ध-सदाबहार वन शामिल हैं।
Additional Information
- पश्चिमी घाट: पश्चिमी घाट एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जो अपनी उच्च जैव विविधता और स्थानिकता के लिए जाना जाता है।
- तितली विविधता: भारत में 1,300 से अधिक प्रकार की तितलियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से कई स्थानिक प्रजातियाँ पश्चिमी घाट में पाई जाती हैं।
- संरक्षित क्षेत्र: केरल कई वन्यजीव अभयारण्यों का घर है, जिनमें पेरियार, वायनाड और चिन्नार शामिल हैं, जो भारत की पारिस्थितिक समृद्धि में योगदान करते हैं।
- संरक्षण महत्व: अरलम जैसे अभयारण्य लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- वनस्पति और जीव: अभयारण्य में विविध प्रजातियाँ जैसे मालाबार विशाल गिलहरी, स्लोथ भालू और क्षेत्र के स्थानिक विभिन्न पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
National Park and Wildlife Sanctuary Question 2:
'भारत में चीता की शुरूआत के लिए कार्य योजना' के पहले चरण में सितंबर 2022 में मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में ________ जारी किया गया।
Answer (Detailed Solution Below)
National Park and Wildlife Sanctuary Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर 8 चीते हैं।
Key Points
- भारत में चीता के आगमन हेतु कार्य योजना:-
- 'भारत में चीता के आगमन की कार्ययोजना' के पहले चरण में सितंबर 2022 में मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 8 चीतों को छोड़ा गया।
- इन चीतों को नामीबिया से लाया गया था, और उनकी रिहाई भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण थी, क्योंकि चीता को 1952 में देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
- चीते का पुनरुत्पादन एक महत्वपूर्ण संरक्षण प्रयास है, और यह आशा की जाती है कि चीते कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पनपेंगे और अंततः भारत में अपनी ऐतिहासिक सीमा को फिर से आबाद करेंगे।
Top National Park and Wildlife Sanctuary MCQ Objective Questions
'भारत में चीता की शुरूआत के लिए कार्य योजना' के पहले चरण में सितंबर 2022 में मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में ________ जारी किया गया।
Answer (Detailed Solution Below)
National Park and Wildlife Sanctuary Question 3 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 8 चीते हैं।
Key Points
- भारत में चीता के आगमन हेतु कार्य योजना:-
- 'भारत में चीता के आगमन की कार्ययोजना' के पहले चरण में सितंबर 2022 में मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 8 चीतों को छोड़ा गया।
- इन चीतों को नामीबिया से लाया गया था, और उनकी रिहाई भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण थी, क्योंकि चीता को 1952 में देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
- चीते का पुनरुत्पादन एक महत्वपूर्ण संरक्षण प्रयास है, और यह आशा की जाती है कि चीते कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पनपेंगे और अंततः भारत में अपनी ऐतिहासिक सीमा को फिर से आबाद करेंगे।
National Park and Wildlife Sanctuary Question 4:
'भारत में चीता की शुरूआत के लिए कार्य योजना' के पहले चरण में सितंबर 2022 में मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में ________ जारी किया गया।
Answer (Detailed Solution Below)
National Park and Wildlife Sanctuary Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर 8 चीते हैं।
Key Points
- भारत में चीता के आगमन हेतु कार्य योजना:-
- 'भारत में चीता के आगमन की कार्ययोजना' के पहले चरण में सितंबर 2022 में मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 8 चीतों को छोड़ा गया।
- इन चीतों को नामीबिया से लाया गया था, और उनकी रिहाई भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण थी, क्योंकि चीता को 1952 में देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
- चीते का पुनरुत्पादन एक महत्वपूर्ण संरक्षण प्रयास है, और यह आशा की जाती है कि चीते कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पनपेंगे और अंततः भारत में अपनी ऐतिहासिक सीमा को फिर से आबाद करेंगे।
National Park and Wildlife Sanctuary Question 5:
दिए गए कथनों से वन्यजीव अभयारण्य की पहचान करें:
1. यह केरल के कन्नूर जिले में स्थित है, जो पारिस्थितिक रूप से समृद्ध पश्चिमी घाट में स्थित है।
2. चींकाणिपुझा नदी इस क्षेत्र को जल निकास करती है।
3. इसकी स्थापना 1984 में हुई थी।
4. यह भारत का पहला तितली अभयारण्य है।
Answer (Detailed Solution Below)
National Park and Wildlife Sanctuary Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर अरलम वन्यजीव अभयारण्य है।
मुख्य बिंदु
- स्थान: अरलम वन्यजीव अभयारण्य केरल के कन्नूर जिले में स्थित है, जो पारिस्थितिक रूप से समृद्ध पश्चिमी घाट में स्थित है।
- नदी: चींकाणिपुझा नदी अभयारण्य से होकर बहती है, जो इसकी जैव विविधता में योगदान करती है।
- स्थापना: इसकी स्थापना 1984 में हुई थी, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के वनस्पतियों और जीवों की रक्षा करना था।
- तितली अभयारण्य: अरलम वन्यजीव अभयारण्य भारत का पहला तितली अभयारण्य है, जो समृद्ध तितली विविधता को प्रदर्शित करता है।
- यह अपने घने वन आवरण के लिए जाना जाता है, जिसमें उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन और अर्ध-सदाबहार वन शामिल हैं।
Additional Information
- पश्चिमी घाट: पश्चिमी घाट एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जो अपनी उच्च जैव विविधता और स्थानिकता के लिए जाना जाता है।
- तितली विविधता: भारत में 1,300 से अधिक प्रकार की तितलियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से कई स्थानिक प्रजातियाँ पश्चिमी घाट में पाई जाती हैं।
- संरक्षित क्षेत्र: केरल कई वन्यजीव अभयारण्यों का घर है, जिनमें पेरियार, वायनाड और चिन्नार शामिल हैं, जो भारत की पारिस्थितिक समृद्धि में योगदान करते हैं।
- संरक्षण महत्व: अरलम जैसे अभयारण्य लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- वनस्पति और जीव: अभयारण्य में विविध प्रजातियाँ जैसे मालाबार विशाल गिलहरी, स्लोथ भालू और क्षेत्र के स्थानिक विभिन्न पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।