द्वंद्व MCQ Quiz in বাংলা - Objective Question with Answer for द्वंद्व - বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন [PDF]

Last updated on Mar 28, 2025

পাওয়া द्वंद्व उत्तरे आणि तपशीलवार उपायांसह एकाधिक निवड प्रश्न (MCQ क्विझ). এই বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন द्वंद्व MCQ কুইজ পিডিএফ এবং আপনার আসন্ন পরীক্ষার জন্য প্রস্তুত করুন যেমন ব্যাঙ্কিং, এসএসসি, রেলওয়ে, ইউপিএসসি, রাজ্য পিএসসি।

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द्वंद्व Question 1:

निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द द्वंद्व समास का सही उदाहरण नहीं है ? 

  1. नर - नारी 
  2. कष्टापन्न 
  3. पैसा - कौड़ी 
  4. आचार - व्यवहार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कष्टापन्न 

द्वंद्व Question 1 Detailed Solution

द्वंद्व समास का सही उदाहरण नहीं है - कष्टापन्न 

  • कष्टापन्न में करण तत्पुरुष समास है।
  • समास विग्रह - कष्ट को आपन्न (प्राप्त)

Key Points

द्वंद्व समास :

  • इस समास में दोनों पद ही प्रधान होते हैं इसमें किसी भी पद का गौण नहीं होता है। ये दोनों पद एक-दूसरे पद के विलोम होते हैं
    लेकिन ये हमेशा नहीं होता है। इसका विग्रह करने पर और, अथवा, या, एवं का प्रयोग होता है उसे द्वंद्व समास कहते हैं।
    द्वंद्व समास में योजक चिन्ह (-) और ‘या’ का बोध होता है।
    जैसे –
    ►अपना-पराया = अपना या पराया।
    ►पाप-पुण्य = पाप और पुण्य।

Additional Information

द्वंद्व समास के उदाहरण: 

समस्तपद विग्रह
ठंडा-गरम ठंडा और गरम
पाप-पुण्य पाप और पुण्य
नर-नारी नर और नारी
हार-जीत हार और जीत
अन्न-जल अन्न और जल
गुण-दोष गुण और दोष
राधा-कृष्ण राधा और कृष्ण
नदी-नाले नदी और नाले
दाल-चावल दाल और चावल

द्वंद्व Question 2:

'चमक-दमक' में कौन-सा समास है?

  1. तत्पुरुष
  2. द्विगु
  3. अव्ययी भाव
  4. द्वंद्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : द्वंद्व

द्वंद्व Question 2 Detailed Solution

'चमक-दमक' में समास है- 'द्वंद्व'

  • चमक-दमक = चमक और दमक
  • चमक का अर्थ- प्रकाश, ज्योति, रोशनी, दमक, प्रभा
    • जिस समस्त पद में दोनों पद प्रधान हों एवं दोनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, या ‘एवं ‘ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।
  • उदाहरण-
    • गौरीशंकर = गौरी और शंकर

Key Pointsद्वंद्व समास के कुछ अन्य उदाहरण:-

  • कपड़े-लत्ते = कपड़े और लत्ते
  • मार-पीट = मार और पीट
  • दान-धर्म = दान और धर्म
  • राजा-प्रजा = राजा एवं प्रजा
  • रात-दिन = रात और दिन
  • भला-बुरा = भला और बुरा
  • खरा-खोटा = खरा या खोटा

Additional Information

तत्पुरुष:-

  • जिसमें समास में प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
  • इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।

उदाहरण-

  • भुखमरा = भूख से मरा
  • ग्रंथकार = ग्रन्थ को लिखने वाला।

द्विगु:-

  • वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।

उदाहरण-

  • शताब्दी = सौ सालों का समूह
  • चतुर्मुख = चार मुखों का समाहार

अव्ययी भाव:-

  • इस समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। अव्यय के संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाता है। इसमें पूर्वपद प्रधान होता है।
  • अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है।

उदाहरण-

  • यथारुचि = रूचि के अनुसार
  • प्रतिवर्ष = प्रत्येक वर्ष

द्वंद्व Question 3:

‘सुख -चैन’ में समास है:

  1. कर्मधारय
  2. तत्पुरुष
  3. द्विगु 
  4. द्वन्द्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : द्वन्द्व

द्वंद्व Question 3 Detailed Solution

‘सुख -चैन’ में 'द्वन्द्व' समास है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 'द्वन्द्व' है। 

स्पष्टीकरण - 

'सुख - चैन' का समास विग्रह 'सुख और चैन' होगा, जिस समस्त पद के दोनों पद प्रधान हों और विग्रह करने पर ‘और’ या ‘तथा’ का प्रयोग हो वहाँ 'द्वन्द्व' समास होता है।

अन्य विकल्प - 

Additional Information 

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास का नाम

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव समास

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व समास 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

द्वंद्व Question 4:

'जलवायु' निम्न में से किस समास का उदाहरण है?

  1. द्वंद्व समास
  2. तत्पुरुष समास
  3. बहुव्रीहि समास
  4. द्विगु समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : द्वंद्व समास

द्वंद्व Question 4 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 1 ‘द्वंद्व समास’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

Key Points

  • 'जलवायु' शब्द का समास विग्रह 'जल और वायु' होगा। 
  • यह द्वंद्व समास का उदाहरण है। 
  • इस समास में दोनों पद प्रधान होते है कोई भी पद गौण नहीं होता है। 
  • ये दोनों पद एक-दूसरे पद के विलोम होते हैं लेकिन ये हमेशा नहीं होता है।
  • जिसका विग्रह करने पर और, अथवा, या, एवं का प्रयोग होता है,  द्वंद्व समास कहते हैं।

अन्य विकल्प: 

  • तत्पुरुष समास - जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। जैसे - यश को प्राप्त = यशप्राप्त 
  • बहुव्रीहि समास - जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। जैसे - तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव
  • द्विगु समास - जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। जैसे - चार राहों का समूह = चौराहा

Additional Information

  • समास - समास का तात्पर्य है "संक्षिप्तीकरण" दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं।

द्वंद्व Question 5:

किस सामासिक पद का विग्रह त्रुटिपूर्ण है-

  1. स्मृतिभ्रंश = स्मृति का भ्रंश
  2. सुखासक्त = सुख में आसक्त
  3. सुधासिक्त = सुधा से सिक्त
  4. सुर-ताल = सुर के लिए ताल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सुर-ताल = सुर के लिए ताल

द्वंद्व Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - “सुर-ताल = सुर के लिए ताल”।

  • सुर-ताल = सुर के लिए ताल” इस सामासिक पद का विग्रह त्रुटिपूर्ण है।
  • सुर-ताल’ का सही सामासिक विग्रह “सुर और ताल” होगा।
  • सुर-ताल’ पद में द्वंद्व समास है।

Key Pointsद्वंद्व समास :

  • इस समास में दोनों पद ही प्रधान होते हैं इसमें किसी भी पद का गौण नहीं होता है। ये दोनों पद एक-दूसरे पद के विलोम होते हैं
    लेकिन ये हमेशा नहीं होता है। इसका विग्रह करने पर और, अथवा, या, एवं का प्रयोग होता है उसे द्वंद्व समास कहते हैं।
    द्वंद्व समास में योजक चिन्ह (-) और ‘या’ का बोध होता है।
    जैसे –
    ►अपना-पराया = अपना या पराया।
    ►पाप-पुण्य = पाप और पुण्य।

Important Pointsसमास:

  • समास शब्द-रचना की ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अर्थ की दृष्टि से परस्पर भिन्न तथा स्वतंत्र अर्थ रखने वाले दो या दो से अधिक शब्द मिलकर किसी
    अन्य स्वतंत्र शब्द की रचना करते हैं।

समास विग्रह:

  • यह सामासिक शब्दों को विभक्ति सहित पृथक करके उनके संबंधों को स्पष्ट करने की प्रक्रिया है। यह समास रचना से पूर्ण रूप से विपरित प्रक्रिया है।
    समास के निम्नलिखित छ: भेद होते हैं:-
    ►तत्पुरुष समास
    ►कर्मधारय समास
    ►द्विगु समास
    ►द्वन्द्व समास
    ►बहुव्रीहि समास
    ►अव्ययीभाव समास

द्वंद्व Question 6:

'नमक-मिर्च' में समास है-

  1. द्वंद्व
  2. कर्मधारय
  3. अव्ययीभाव
  4. बहुब्रीहि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : द्वंद्व

द्वंद्व Question 6 Detailed Solution

'नमक-मिर्च' में "द्वंद्व" समास।

  • द्वंद्व समास- दोनों पद प्रधान होते है।
  • पहचान- योजक चिन्ह (-) का प्रयोग।

Key Points

  • कर्मधारय समास-
    • जिसका पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय हो तो, वह 'कर्मधारय समास' कहलाता है।
    • पहचान- 'दोनों पदों' के मध्य में 'है जो', 'के समान'।

जैसे- 'नीलकंठ' "नीला है जो कंठ"।

  • अव्ययीभाव समास- 'पहला पद प्रधान तथा अव्यय'।
  • पहचान- पहला पद अनु, भर, प्रति, यथा, यावत आदि।

उदाहरण- प्रतिदिन, यथासंभव।

  • बहुब्रीहि समास- 'अन्य पद प्रधान होता'।
  • पहचान- 'दोनों पद' मिलकर किसी "तीसरे पद" की ओर संकेत देते हैं।

जैसे- 'लंबोदर' "लंबा है उदर जिसका" अर्थात् "गणेश जी"।

Additional Information

  • समास-  दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने नये सार्थक शब्द को समास कहते है।
  • समास भेद- 6 भेद
  • द्विगु समास- 'उत्तर पद प्रधान होता'।
  • पहचान- पहला पद "संख्यावाचक" तथा इसमें "समूह या समाहार" का पता चलता।
  • जैसे- 'चौराहा' शब्द में 'चार राहों के समूह' का ज्ञान हो रहा।
  • तत्पुरुष समास- 'उत्तर पद प्रधान होता'।
  • पहचान- "कारक चिन्ह" का लोप हों जाना।
  • जैसे- 'गगनचुम्बी' "गगन को चूमने वाला" (कर्म कारक विभक्ति "को" का लोप)।

NOTE- शेष 4 समास ऊपर विस्तार से लिखे हुए है।

Confusion Points

  • द्वन्द समास में विग्रह करने पर​ 'और', 'अथवा', 'या', 'एवं' लगता है तथा योजक चिन्ह (-) का प्रयोग होता है।

द्वंद्व Question 7:

'गौरीशंकर' शब्द किस समास का उदाहरण है?

  1. बहुव्रीहि समास
  2. कर्मधारय समास
  3. द्वंद्व समास
  4. तत्पुरुष समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : द्वंद्व समास

द्वंद्व Question 7 Detailed Solution

सही उत्तर द्वंद्व समास है।

Key Points

  • 'गौरीशंकर' शब्द द्वंद्व समास का उदाहरण है
  • 'गौरीशंकर'- गौरी और शंकर,  द्वंद्व समास 
  • गौरी और शंकर में दोनों नाम प्रमुख हैं इसलिए इसे द्वंद्व समास कहा जाएगा।

Additional Information 

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास

परिभाषा

उदाहरण

तत्पुरुष 

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि 

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय 

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। 

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव 

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

द्वंद्व Question 8:

‘घर-आँगन’ शब्द में निम्न में से कौन सा समास है?

  1. तत्पुरुष समास
  2. द्वन्द्व समास
  3. कर्मधारय समास
  4. बहुव्रीहि समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : द्वन्द्व समास

द्वंद्व Question 8 Detailed Solution

‘घर-आँगन’ शब्द में ‘द्वन्द्व समास’ है, अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 2 द्वन्द्वसमास सही उत्तर होगा।
घर - आँगन का समास विग्रह - 'घर और आँगन' होगा

द्वंद्व समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो। जैसे – अन्न और जल = अन्न-जल, अपना और पराया = अपना-पराया।

Confusion Points

समास

परिभाषा

उदाहरण

तत्पुरुष समास

जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।

विद्यालय-विद्या के लिए आलय

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।

चतुर्मुख अर्थात चार हैं मुख जिसके (ब्रह्म)

कर्मधारय समास

पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है।

नवयुवक-नव है जो युवक

Additional Information

समास

दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं। इसके : भेद हैं-

अव्ययीभाव समास, तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु समास, द्वंद्व समास, बहुब्रीहि समास।

द्वंद्व Question 9:

अड़ोस-पड़ोस की सफाई जरूरी है - रेखांकित शब्द कौन-सा समास है ?

  1. द्वंद्व समास
  2. द्विगु समास
  3. कर्मधारय समास
  4. तत्पुरुष समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : द्वंद्व समास

द्वंद्व Question 9 Detailed Solution

अड़ोस-पड़ोस की सफाई जरूरी है - रेखांकित शब्द समास है - 'द्वंद्व समास'

  • जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।
  • उदाहरण- 
    • अन्न-जल = अन्न और जल

Key Pointsकुछ अन्य द्वंद्व समास के उदाहरण:-

  • सुख-दुख = सुख या दुःख
  • गौरीशंकर = गौरी और शंकर
  • दूध-दही = दूध अथवा दही
  • धर्माधर्म = धर्म एवं अधर्म
  • मार-पीट = मार और पीट

Additional Information

द्विगु समास:-

  • वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। 

उदाहरण-

  • शताब्दी = सौ सालों का समूह
  • दोपहर = दो पहरों का समाहार

कर्मधारय समास:-

  • वह समास जिसका पहला पद विशेषण एवं दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा पूर्वपद एवं उत्तरपद में उपमान – उपमेय का सम्बन्ध माना जाता है कर्मधारय समास कहलाता है।
  •  विग्रह करते समय दोनों पदों के बीच में ‘के सामान’, ‘है जो’, ‘रुपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है।

उदाहरण-

  • चरणकमल = कमल के समान चरण
  • नीलगगन = नीला है जो गगन
  • देहलता = देह रूपी लता

तत्पुरुष समास:-

  • वह समास जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
  • इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।

उदाहरण-

  • करुणापूर्ण = करुणा से पूर्ण
  • रसोईघर = रसोई के लिए घर

द्वंद्व Question 10:

जिस समास में पूर्व पद और उत्तर पद दोनों ही प्रधान हो, तो वह किस प्रकार का समास कहलाता है?

  1. द्वंद्व समास
  2. द्विगु समास
  3. तत्पुरुष समास
  4. बहुब्रीहि समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : द्वंद्व समास

द्वंद्व Question 10 Detailed Solution

सही उत्तर है - ‘द्वंद्व समास’।
  • जिस समास में पूर्व पद और उत्तर पद दोनों ही प्रधान हो, तो वह ‘द्वंद्व समास’ कहलाता है।

Key Points

  • पदों के अर्थ की प्रधानता के आधार पर द्वन्द्व समास में दोनों पद प्रधान होते हैं।
  • इस समास का सामासिक पद और / या / अथवा आदि संयोजक शब्दों के लोप कर देने से बनता है।
  • द्वन्द्व के सामासिक पद के दोनों शब्द प्रायः एक दूसरे के विलोम होते हैं, सदैव नहीं।

द्वन्द्व समास के उदाहरण:

  • दाल-रोटी = दाल और रोटी
  • अपना-पराया = अपना या पराया

Additional Information

समास:- समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है।

  • समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
    जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र

समास के छः प्रकार हैं।

  • अव्ययीभाव समास
  • तत्पुरुष समास
  • कर्मधारय समास
  • द्विगु समास
  • द्वन्द समास 
  • बहुव्रीहि समास
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