पूर्ववाचनगतिविधिः इत्यस्य प्रमुखोद्देशः अस्ति-

This question was previously asked in
CTET November 2012 Paper- 1 (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit)
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  1. छात्राणां ज्ञानवृद्धि
  2. पाठे रुचिवर्धनम्
  3. आनन्दप्रदानाम् अनुभवानां ज्ञानम्
  4. नूतनशब्दानां पाठनम्

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Option 1 : छात्राणां ज्ञानवृद्धि
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प्रश्न की हिन्दी - पूर्ववाचनगतिविधि इसका प्रमुख उद्देश्य है -

स्पष्टीकरण -

  • पूर्व वाचन गतिविधि से तात्पर्य -  पाठ को पढ़ने की क्रिया से सम्बन्धित है। इसका प्रमुख उद्देश्य छात्रों के ज्ञान में वृद्धि करना है।

Additional Information

  • शिक्षण एक उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है, जहाँ अध्यापक द्वारा छात्रों को विभिन्न विषयों का ज्ञान दिया जाता है। विषय का ज्ञान प्राप्त करने के लिए किसी सामग्री की आवश्यकता होती है। वह सामग्री होती है - पाठ्यपुस्तक। पाठ्यपुस्तक के अध्ययन/पठन/वाचन से छात्रों को उस विषय का ज्ञान होता है।

शिक्षण की तीन अवस्थाएं होती हैं, जिसको अनुसरण करते हुए अध्यापक द्वारा एक विषय को पढ़ाया जाता है- 

पूर्व सक्रियात्मक अवस्था

अन्तः-सक्रियात्मक अवस्था

पश्च-सक्रियात्मक अवस्था

शिक्षण उद्देश्य

पाठ्यवस्तु

शिक्षण सामग्री

पाठ-योजना

प्रस्तुतिकरण (इसके अन्तर्गत वाचनविधि/पाठ को पढ़ा जाता है, जिससे छात्रों के ज्ञान में वृद्धि होती है।)

प्रश्नोत्तर

श्यामपट्ट कार्य

प्रदर्शन

मूल्यांकन प्रश्न

पुनर्बलन

शिक्षण का मूल्यांकन

शिक्षण में सुधार

शिक्षण की प्रतिपुष्टि

 

  • इन तीनों अवस्थाओं में सर्वप्रथम पहली अवस्था में शिक्षक पाठ को पढ़ाने से पूर्व उसके उद्देश्य निर्धारित करता है, पाठ को पढ़ाते समय उपयोग होने वाली सामग्री का चयन करता है। यह पूर्व सक्रियात्मक अवस्था है, जिसमें अध्यापक पाठ को पढ़ाने हेतु पाठ-योजना तैयार करता है।
  • दूसरी अवस्था में कक्षा कक्ष में अध्यापक और छात्रों के बीच उस विषय को लेकर अन्तःक्रिया होती है, जिसमें सर्वप्रथम अध्यापक स्वयं अथवा छात्रों से पाठ को पढ़ने के लिए कहता है। इसी क्रम में अनेक क्रियाएं होती है - आदर्शवाचन, अनुकरण वाचन, मौन वाचन, प्रश्नोत्तर, दत्तकार्य इत्यादि। जिससे छात्रों के ज्ञान में वृद्धि होती है।
  • तीसरी अवस्था में शिक्षक पाठ को पढ़ाने के उपरान्त स्वयं का मूल्यांकन करता हुआ, यह अनुभव करता है कि उसे कहाँ सुधार की आवश्यकता है। इस प्रकार उसे प्रतिपुष्टि मिलती है। वह छात्रों द्वारा भी प्रतिपुष्टि लेकर अपने शिक्षण में सुधार कर सकता है। 

अतः कहा जा सकता है कि पूर्व वाचन गतिविधि का उद्देश्य छात्रों के ज्ञान में वृद्धि करना है।

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