शिक्षकों को निम्नलिखित में से किन शिक्षण विधियों को अभ्यास में लाना चाहिए?

This question was previously asked in
HTET TGT Social Science 2011 Official Paper
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  1. व्याख्यान विधि
  2. अन्तःक्रियात्मक विधियाँ
  3. वर्णनात्मक विधि
  4. उपरोक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अन्तःक्रियात्मक विधियाँ
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HTET PGT Official Computer Science Paper - 2019
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शिक्षण पद्धति सिद्धांतों, शिक्षाशास्त्र और प्रबंधन रणनीतियों की सहायता से सिद्धांत को व्यवहार में लाने का एक तरीका है। यह शिक्षकों को योजना बनाने और पाठ को सुसंगत रूप से प्रस्तुत करने में मदद करता है।

  • अधिगम-शिक्षण विधियों के अलग-अलग प्रकार हैं, जो सीखने को एक फलदायी प्रक्रिया बनाती हैं और 'अन्तःक्रियात्मक विधियाँ​' उनमें से एक है। 

Key Points

अन्तःक्रियात्मक विधियाँ:

  • अन्तःक्रियात्मक विधियां बच्चों की सक्रिय भागीदारी और जुड़ाव को सुनिश्चित करती है जो बच्चे के सीखने और उसके व्यक्तित्व को आकार देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • इन पद्धतियों में, शिक्षक छात्रों को अपनी गति से सीखने के लिए उचित वातावरण और सामग्री प्रदान करके एक सहायक के रूप में सुविधा प्रदान करते हैं।
  • ये छात्रों को स्वयं कार्य करने और समस्याओं को हल करने तथा किसी कार्य की समझ प्रदर्शित करने के लिए ग्रंथों का विश्लेषण करने की स्वायत्ताता व नियंत्रण देते हैं ।

अतः, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि शिक्षकों को 'अन्तःक्रियात्मक विधियाँ' अभ्यास में लानी चाहिए।

Additional Information

  • भाषण विधि: यह एक शिक्षक-केंद्रित पद्धति है जिसमें शिक्षक विभिन्न विषयों पर व्याख्यान देता है, जिससे कक्षा नीरस बनती है और छात्रों को एक निष्क्रिय शिक्षार्थी बनाती है।
  • वर्णनात्मक: इनका उपयोग बच्चों को प्रासंगिक शिक्षण वातावरण प्रदान करने तथा उन्हें प्रभावी ढंग से सीखने में संलग्न करने के लिए प्राथमिक स्तर पर शिक्षण की एक विधि के रूप में किया जाता है।
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