Question
Download Solution PDFगियर को किसके द्वारा ढाला जाता है?
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NPCIL SA/ST ME GJ Held on 08/11/2019, Shift-1
Answer (Detailed Solution Below)
Option 1 : स्थायी साँचा संचकन
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NPCIL Scientific Assistant Quantum Mechanics Test
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Detailed Solution
Download Solution PDFधातु संचकन
- इसे उस प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें पिघले हुए धातु को सांचे में डाला जाता है जिसमें आवश्यक ज्यामितीय आकृति की एक खोखली गुहिका शामिल होती है और इसे ठोस भाग के रूप में ठंडा होने के लिए छोड़ दिया जाता है।
- संचकन में प्रयोग किया जाने वाले मूल रूप से सांचे के तीन प्रकार होते हैं:
- अस्थायी साँचा
- रेत ढलाई
- आवरण ढलाई
- पूर्ण ढलाई
- निवेशन ढलाई
- CO2 ढलाई
- स्थायी साँचा
- अपकेंद्री ढलाई
- रूपदा ढलाई
- विपंक ढलाई
- निष्पीडित ढलाई
- निरंतर ढलाई
- अस्थायी साँचा
रूपदा संचकन
- रूपदा संकचन एक ढलाई प्रक्रिया है जिसमें पिघले हुए धातु को विभाजित सांचे के रूपदा में उच्च दबाव और वेग के तहत अंत:क्षिप्त किया जाता है। इसे दबाव रूपदा संचकन भी कहा जाता है।
- इस प्रकार के संचकन के तहत प्रयोग किया जाने वाला विभाजित साँचा पुन: प्रयोज्य होता है।
- गियर को इस प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है।
रूपदा संचकन प्रक्रिया के लाभ:
- उच्च उत्पादन दर
- आयाम के भाग में उच्च सटीकता
- न्यूनतम यांत्रिक परिष्करण के लिए सुचारु सतह परिष्करण
- कई जटिल भागों जैसे छेद मुख स्लॉट ट्रेडमार्क संख्या इत्यादि बनाने की क्षमता है।
- बहुत पतली दीवार अनुभागों का उत्पादन किया जा सकता है जो अन्य संचकन विधि द्वारा उत्पादित नहीं किया जा सकता है।
विपंक संचकन
- विपंक संचकन स्थायी सांचे की प्रक्रिया की भिन्नता होती है जिसमें धातु को केवल सांचे में तब रहने की अनुमति होती है जब तक की वांछनीय मोटाई वाला आवरण निर्मित नहीं हो जाता है।
- सांचे को फिर उल्टा कर दिया जाता है और शेष द्रव्य को बाहर निकाल लिया जाता है।
- खोखले चिंबुक संचकन, खिलौने, सजावट की वस्तुए, मूर्तियां, लैंपशेड, पतले अनुभाग वाले आभूषणों इत्यादि के लिए उपयोग किया जाता है।
अपकेंद्री संचकन
- अपकेंद्री संचकन में धातु को अपकेंद्री बल के कारण सदैव बाहर की ओर दबाया जाता है इस प्रकार संकेंद्रित छिद्र बनाने के लिए कोर की आवश्यकता नहीं होती है।
Last updated on Mar 27, 2025
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