Question
Download Solution PDFनिर्देश: सही/सबसे उपयुक्त विकल्पों का चयन करके निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये।
कथन A): चोल मंदिर धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन के केंद्र थे।
कथन B): चोल काल के कांस्य के चित्र देवताओं के थे, लेकिन कभी-कभी भक्तों के भी होते थे।
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFचोल राजवंश एक तमिल राजवंश था जिसने मुख्य रूप से 13वीं शताब्दी तक दक्षिणी भारत में शासन किया था।
- राजवंश की उत्पत्ति कावेरी नदी की उपजाऊ घाटी में हुई थी। करिकाल चोल प्रारंभिक चोल राजाओं में सबसे प्रसिद्ध थे, जबकि राजराज चोल, राजेंद्र चोल और कुलोथुंगा चोल प्रथम मध्यकालीन चोलों के प्रसिद्ध सम्राट थे।
Key Points
चोल मंदिर और कांस्य मूर्तिकला:
- चोल मंदिर अक्सर अपने आसपास बसी बस्तियों का केंद्र बन जाते थे।
- ये शिल्प उत्पादन के केंद्र थे।
- वे केवल पूजा स्थल ही नहीं थे, वे आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन के भी केंद्र थे।
- मंदिरों से जुड़े शिल्प की मात्रा में, कांस्य चित्रों का निर्माण सबसे विशिष्ट था।
- चोल कांस्य प्रतिमाओं को विश्व में सर्वश्रेष्ठ में से एक माना जाता है।
- जबकि अधिकांश चित्र देवताओं के थे, कभी-कभी चित्र भक्तों के भी बनाए जाते थे।
इसलिए, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि A) और B) दोनों सत्य हैं लेकिन B), A) की सही व्याख्या नहीं है।
Last updated on Apr 30, 2025
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