पाल कला के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। 

1. लयात्मक एवं प्रवाहमान रेखाएँ तथा हलकी रंग योजना पाल शैली की चित्रकला की प्रमखु विशेषताएँ हैं।

2. ये चित्रकला जैन धर्म के विषयों से संबंधित ताड़ के पत्तों पर बड़ी संख्या में पांडुलिपियों के रूप में हैं।

निम्नलिखित में से कौन सा/से ऊपर दिए गए कथन गलत हैं/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. दोनों 1 और 2
  4. न तो 1 और न ही 2

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल 2

Detailed Solution

Download Solution PDF

सही उत्तर केवल 2 है।

Key Points

  • पाल कला की विशेषताएं:
    • बंगाल के पाल भारत में लघु चित्रकला के अग्रदूत थे।
    • लयात्मक एवं प्रवाहमान रेखाएँ तथा हलकी रंग योजना पाल शैली की चित्रकला की प्रमखु विशेषताएँ हैं। अत: कथन 1 सही है।
    • ये चित्र बौद्ध विषयों से संबंधित ताड़ के पत्तों पर बड़ी संख्या में पांडुलिपियों के रूप में मौजूद हैं। अत: कथन 2 गलत है।
    • यह एक प्राकृतिक शैली है जो समकालीन कांस्य और पत्थर की मूर्तिकला के आदर्श रूपों से मिलती-जुलती है और अजंता की शास्त्रीय कला की कुछ भावना को दर्शाती है।
    • सबसे अच्छा उदाहरण अष्‍टसहस्‍त्र‍िका प्रज्ञापारामिता की पांडुलिपि है।
    • नालंदा, ओदंतपुरी, विक्रमशिला और सोमरूप के बौद्ध मठ बौद्ध शिक्षा और कला के महान केंद्र थे। 13वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में मुस्लिम आक्रमणकारियों के हाथों बौद्ध मठों के विनाश के बाद पाल कला का अचानक अंत हो गया।
    • कुछ भिक्षु और कलाकार भाग गए और नेपाल चले गए, जिससे वहाँ की मौजूदा कला परंपराओं को मजबूत करने में मदद मिली।
Get Free Access Now
Hot Links: teen patti joy official teen patti apk teen patti 3a teen patti real money app teen patti earning app