शिक्षकः कक्षायां पाठ्यपुस्तकस्य सक्रियबोधनार्थं प्रेरयितुम् इच्छति। तस्य कृते एतद् महत्वपूर्ण यत् छात्राः

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CTET Feb 2015 Paper 2 Maths & Science (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit)
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  1. पाठ्यपुस्तके उत्तराणि लिखन्तु
  2. शिक्षकेण पृष्टान् प्रश्नान् ध्यानेन श्रृण्वन्तु
  3. पुस्तिकायां उत्तराणि लिखन्तु
  4. स्वयं प्रश्नान् पृच्छन्तु

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Option 4 : स्वयं प्रश्नान् पृच्छन्तु
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प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - शिक्षक कक्षा में पाठ्यपुस्तक का सक्रिय बोध करने के लिए प्रेरित करना चाहता है | इसके लिए महत्वपूर्ण है कि छात्रों को-

स्पष्टीकरण - शिक्षक कक्षा में पाठ्यपुस्तक का सक्रिय बोध करने के लिए प्रेरित करना चाहते है। अतः महत्वपूर्ण है कि छात्र खुद से प्रश्न पूछें।

Important Points

शिक्षक अपने शिक्षण को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से जो भी कक्षागत व्यवहार हेतु व्यूह रचना अपनाता है वह 'शिक्षण कौशल' कहलाता है।

प्रश्न पूछना -

प्रश्न पूछना शिक्षण की सर्वाधिक प्राचीन विधा है। प्राचीन समय में अपने शिष्यों को सिखाने में इसी विधि को अपनाया जाता था। अपनी शंकाओं का समाधान भी प्रश्न उत्तर के माध्यम से ही हो सकता है। वास्तव में शिक्षक अपने पाठ को सिखाने में एवं छात्रों के ज्ञान का पता लगाने में प्रश्नोत्तर विधि का ही प्रयोग करता है। तथा कक्षा में पाठ्यपुस्तक का सक्रिय बोध करने के लिए भी प्रश्नोत्तर विधि का प्रयोग ही सकता है। जिसमें छात्रों का सहभाग अधिक बना रहे। 

 

रूसो के अनुसार "बालक प्रश्न पूछने की अपेक्षा प्रश्न पूछे जाने वाले से अधिक सीखते हैं।"

प्रश्नों का महत्व -

 

  • छात्रों का ध्यान पाठ्यवस्तु की ओर आकर्षित करने के लिए उन्हें प्रेरित करना।
  • छात्रों में रुचि और जिज्ञासा जागृत करना।
  • पुराने ज्ञान का नवीन ज्ञान से संबंध जोड़ना।
  •  शिक्षण के समय छात्रों के मस्तिष्क को क्रियाशील रखना।
  •  छात्रों की कल्पना शक्ति का विकास करना।
  • छात्रों के मानसिक विकास में सहयोग देना।
  • छात्रों द्वारा प्राप्त किए ज्ञान का दृढीकरण करना।
  • शिक्षण कार्य की सफलता अथवा असफलता को स्पष्ट करना।
  • शिक्षक को यह बताना कि छात्र पाठ्यवस्तु को समझ गए अथवा नहीं।
  • छात्रों को अपने ज्ञान और कौशल के प्रयोग एवं प्रदर्शन करने के अवसर प्रदान करना।
  • पाठ की पुनरावृति करने में सहयोग देना।
  • शिक्षण में छात्रों की भागीदारी बढ़ाना।
  • छात्रों की व्यक्तिगत कठिनाइयों और कमजोरियों का पता लगाना।
  • सीखने और सिखाने के परिणामों की जांच करना।
  • छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत करना और उन्हें और ज्ञानार्जन के लिए प्रेरित करना।

अत: यह स्पष्ट होता है कि कक्षा में पाठ्यपुस्तक का सक्रिय बोध करने के लिए तथा छात्रों को प्रेरित करने के लिए छात्र खुद से प्रश्न पूछें यह महत्वपूर्ण है कार्य है।

Additional Information

 अन्य विकल्पों का विश्लेषण :

  • पाठ्यपुस्तके उत्तराणि लिखन्तु - पाठ्य पुस्तक में उत्तर लिखे। 
  • शिक्षकेण पृष्टान् प्रश्नान् ध्यानेन श्रृण्वन्तु - शिक्षकों ने पूछे प्रश्न को ध्यान से सुनेंगे। 
  • पुस्तिकायां उत्तराणि लिखन्तु - पुस्तिका में उत्तर लिखेंगे।  
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