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Download Solution PDFबच्चन सिंह ने रीतिकाव्य परंपरा का आरंभ किस कवि से है ?
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MPPSC Assistant Prof 2025 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 01 Jun, 2025)
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Option 3 : चिंतामणि
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MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
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Detailed Solution
Download Solution PDFबच्चन सिंह ने रीतिकाव्य परंपरा का आरंभ चिंतामणि कवि से है।
Key Pointsचिंतामणि त्रिपाठी-
- जन्म- 1609-1685 ई.
- रसवादी आचार्य माने जाते हैं।यह शाहजी भोसला और शाहजहाँ के आश्रयदाता कवि रहे है।
- रचनाएं-
- कविकुलकल्पतरु
- छंद विचार
- कवित्त विचार
- काव्य विवेक
- काव्य प्रकाश आदि।
Important Pointsकेशवदास-
- जन्म- 1555-1617 ई.
- रीतिकाल की रीतिबद्ध शाखा के प्रमुख कवि है।
- यह निम्बार्क सम्प्रदाय में दीक्षित थे।
- उपनाम- वेदांती मिश्र।
- ये इंद्रजीत सिंह के दरबारी कवि थे,'कविप्रिया' ग्रन्थ की रचना इंद्रजीत सिंह की प्रेमिका गणिका प्रवीण राय को शिक्षा देने के लिए की गयी थी।
- रचनाएँ-
- रसिकप्रिया(1591 ई.)
- कविप्रिया(1601 ई.)
- रामचंद्रिका(1601 ई.)
- रतनबावनी(1607 ई.) आदि।
- रामचन्द्र शुक्ल-
- "केशवदास जी संस्कृत के पंडित थे अतः शास्त्रीय पद्धति से साहित्यचर्चा का प्रचार भाषा मे पूर्ण रूप से करने की इच्छा उनके लिए स्वभाविक थी।"
बिहारी-
- जन्म-1595-1663 ई.
- ये रीतिकाल की रीतिसिद्ध शाखा के प्रमुख कवि है।
- राजा जयसिंह के दरबारी कवि थे।
- प्रमुख रचना-
- बिहारी सतसई-दोहा छंद में रचित मुक्तक काव्य है।
- बिहारी को राधचरण गोस्वामी ने 'पीयूषवर्षी मेघ' कहा है।
- बिहारी के काव्य को पद्म सिंह शर्मा ने 'शक्कर की रोटी' कहा है।
सेनापति-
- जन्म-1589 ई.
- रीतिसिद्ध कवि है।
- रचनाएँ-
- कवित्त रत्नाकर
- काव्य कल्पद्रुप आदि।
Last updated on Jul 7, 2025
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