"हरबारीर्यपञ्चपदी" इत्यस्य विधेः विकसितं रूपं किम्?

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REET 2017 Level 1 (Hindi-I/English/Sanskrit) Official Paper
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  1. विश्लेषणात्मकविधिः
  2. मूल्याङ्कनविधिः
  3. व्याकरणविधिः
  4. व्याख्याविधिः

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Option 2 : मूल्याङ्कनविधिः
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प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'हरबारीर्यपञ्चपदी' इस विधि का विकसित रूप क्या है?

स्पष्टीकरण -

हरबर्टीय पञ्चपदी - शिक्षाशास्री हरबर्ट महोदय के द्वारा इस सिद्धान्त की स्थापना की गई। इसलिए ही इसे हरबर्टीय पञ्चपदी कहते हैं। इसविधि में उल्लिखित पाँच सोपान इस प्रकार है -

  1. प्रस्तावना (उन्मुखीकरणम्) इसके माध्यम से छात्रों के पूर्वज्ञान को ज्ञात किया जाता है। पूर्वज्ञान पर आधारित चित्र, मानचित्र, दिखाकर कुछ प्रश्न पूछे जाते है। प्रश्नों द्वारा छात्रों को मानसिक रूप से तैयार किया जाता है। पाठ की सूचना शिक्षक द्वारा कक्षा में दी जाती है।
  2. विषयोपस्थापना (प्रदर्शन) इस सोपान के अन्तर्गत नवीन विषय का शिक्षण प्रारम्भ किया जाता है। प्रत्येक शिक्षक और विषय के शिक्षण के लिए भिन्न-भिन्न शैली होती है। जैसे – गद्य शिक्षण में आदर्श वाचन, अनुकरण वाचन, अशुद्धि संशोधन आदि विविध विधियों से काठिन्यनिवारण, पाठप्रवर्धन इत्यादि का समावेश किया जाता है।
  3. तुलना (अमूर्तीकरणम्) छात्रों में जिस स्थल में कठिनता अनुभव हो उनको निवारण के लिए समान भाव एवं विषय से युक्त उदाहरण, दृश्य-श्रव्योपकरण, या सारकथन का प्रयोग किया जाता है।
  4. सामान्यीकरण इस सोपान में छात्र पाठ के निष्कर्ष पर पहुँचते हैं। जैसे व्याकरण पाठ में उदाहरणों से नियम के प्रति, गद्यपाठ में पाठ के मुख्य सार के प्रति। नियमों एवं सिद्धान्त का स्रोत एवं साधनों का सामान्यीकरण किया जाता है।
  5. प्रयोग विषय का अध्ययन करने के बाद नव अर्जित ज्ञान का प्रयोग तथा शिक्षण की सफलता के लिए, अभ्यास कार्य करवाया जाता है। विद्यार्थियों में जो शंका होती है, उसको दूर किया जाता है। उसके बाद कुछ मौखिक एवं लिखित कार्य दिया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों में सम्पादित ज्ञान का परिपोषण करना है।

Important Points

'हरबर्टीय पञ्चपदी' विधि का विकसित-रूप मूल्यांकन विधि है। इसमें प्रत्येक सोपान से सम्बन्धित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कक्षा में आयोजित क्रियाकलापों का सयोजन करके मूल्यांकन किया जाता है।

  • मूल्याङ्कनविधि मूल्यांकन छात्र के व्यवहार में हुए परिवर्तनों का ज्ञान कराता है। शिक्षण के उद्देश्य प्राप्ति किस सीमा तक हुई है इसका पता भी मूल्यांकन से चलता है।

Additional Information

  • विश्लेषणात्मकविधि – पाठ्यवस्तु का पूर्ण ज्ञान कराने के लिए पहले वाक्य सिखाकर उसके पश्चात् शब्द अनन्तर वर्ण सिखाने की विधि को विश्लेषणात्मक विधि कहते हैं।
  • व्याकरणविधि - इस विधि में विद्यार्थियों को मुख्य रुप से व्याकरण के नियमों से परिचित करा कर द्वितीय भाषा शिक्षण पर बल दिया जाता है।
  • व्याख्याविधि - हरबर्टीय पञ्चपदी विधि को ही कथन या व्याख्या विधि भी कहते हैं।
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Last updated on May 8, 2025

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