Question
Download Solution PDFनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
(A) एक उत्तल दर्पण सदैव एक आभासी और छोटा प्रतिबिंब निर्मित करता है।
(B) एक अवतल लेंस सदैव एक आभासी और छोटा प्रतिबिंब निर्मित करता है।
(C) एक अवतल दर्पण एक वास्तविक छोटा और साथ ही आभासी छोटा प्रतिबिंब निर्मित करता है।
(D) एक उत्तल लेंस एक आवर्धक के रूप में उपयोग करते समय एक वास्तविक और आवर्धित प्रतिबिंब निर्मित करता है।
सही कथन हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसही कथन केवल A और B हैं।
स्पष्टीकरण:
उत्तल दर्पण: इसे अपसारी दर्पण के नाम से भी जाना जाता है।
- चूँकि यह सभी आपतित किरणों को मुख्य अक्ष के समानांतर अपसरित कर देता है।
- ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि यह दूसरी ओर फोकस बिंदु पर फोकसित है।
- उत्तल दर्पण से निर्मित प्रत्येक प्रतिबिंब का आकार छोटा हो जाता है अर्थात छोटा प्रतिबिंब निर्मित होता है।
- चूँकि उत्तल दर्पण सभी आपतित किरणों को विसरित कर देता है, इसलिए यह उस ओर प्रतिच्छेद नहीं करेगा, जहाँ कोई वस्तु रखी गई है।
- यह प्रतिच्छेद करता है और दर्पण के दूसरी ओर एक प्रतिबिंब निर्मित करता है।
- उत्तल दर्पण सदैव आभासी एवं छोटा प्रतिबिंब निर्मित करता है। (सही)
उत्तल दर्पण के लिए प्रतिबिंब की स्थिति एवं प्रकृति
उत्तल लेंस:
- एक साधारण सूक्ष्मदर्शी मात्र एक लेंस होता है, जिसका उपयोग किसी वस्तु को बड़ा करने के लिए किया जाता है।
- उत्तल लेंस का उपयोग साधारण सूक्ष्मदर्शी के रूप में किया जाता है।
- चूँकि हम चित्र में देख सकते हैं, प्राप्त प्रतिबिंब वस्तु के एक ही ओर है, इसलिए यह आभासी है।
- प्राप्त प्रतिबिंब किसी वस्तु के समान है। (उल्टा नहीं) इसलिए यह एक सीधा प्रतिबिंब है।
- किसी भी वास्तविक वस्तु द्वारा प्रतिबिंब का स्वरूप आभासी (वास्तविक नहीं) होता है ।
उत्तल लेंस के लिए प्रतिबिंब की स्थिति एवं प्रकृति
अवतल दर्पण:
- इसे अभिसारी दर्पण के रूप में भी जाना जाता है
- यदि किसी वक्रित शीशे को बाहर से रंगा जाए तो भीतरी भाग परावर्तित हो जाता है, जिसे अवतल दर्पण कहते हैं।
- एक अवतल दर्पण क्योंकि यह सभी परावर्तित किरणों को एक बिंदु पर एकत्रित करता है।
- अवतल दर्पण वास्तविक तथा उलटा तथा छोटा प्रतिबिंब निर्मित कर सकता है।
अवतल दर्पण के लिए प्रतिबिंब की स्थिति एवं प्रकृति
अवतल लेंस:
- अवतल लेंस को अपसारी लेंस के रूप में भी जाना जाता है।
- यह प्रकाशिक अक्ष के समानांतर गमन करने वाली सभी आपतित किरणों को अपसरित कर देता है।
- ऐसा प्रतीत होता है कि यह यह काल्पनिक किरणों के प्रतिच्छेदन के कारण लेंस के दूसरे पक्ष पर फोकसित है।
- अवतल लेंस से निर्मित प्रत्येक प्रतिबिंब का आकार किसी वस्तु की तुलना में छोटा हो जाता है।
- इसलिए अवतल लेंस सदैव आभासी तथा लघु प्रतिबिंब का निर्माण करते हैं। (सही)
अवतल लेंस के लिए प्रतिबिंब की स्थिति एवं प्रकृति
- किसी वस्तु की स्थिति के आधार पर प्रतिबिंब उसी ओर या दूसरी ओर निर्मित होता है।
- अवतल दर्पण के कारण प्रतिबिंब का स्वरूप वास्तविक या आभासी हो सकता है।
- निर्मित प्रतिबिंब का आकार वस्तु की स्थिति पर निर्भर करता है।
Last updated on Apr 30, 2025
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