एक लंबी परिनालिका में प्रति मीटर 1000 फेरे होते हैं और इसमें 1 A की धारा प्रवाहित होती है। इसमें µr = 1000 का एक मृदु लोहे का क्रोड होता है। क्रोड को क्यूरी तापमान, Tc से ऊपर गर्म किया जाता है।

  1. परिनालिका में H क्षेत्र (लगभग) अपरिवर्तित है लेकिन B क्षेत्र में भारी कमी आई है।
  2. परिनालिका में H और B क्षेत्र लगभग अपरिवर्तित रहते हैं।
  3. क्रोड में चुंबकीयकरण दिशा उत्क्रमित कर देता है।
  4. क्रोड में चुंबकत्व लगभग 108 के गुणांक से कम हो जाता है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option :

Detailed Solution

Download Solution PDF

संकल्पना: 

परिनालिका में, 

H = nI = a स्थिरांक   ----(1)

B = μ0μrnI     ----(2)

(1) को (2) में प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है-

B = μ0μrH    ----(3)

हल: 

(3) से हम प्राप्त करते हैं-

(2) को (3) में प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है-

H = nl

अत: H, μसे स्वतंत्र है

→साथ ही हम जानते हैं-

अनुपात निम्न है

अतः क्रोड का चुम्बकत्व 108 कम हो जाता है

सही उत्तर विकल्प (1) और (4) हैं।

More Solenoids and Toroids Questions

More Moving Charges and Magnetism Questions

Hot Links: teen patti master apk download teen patti club teen patti master apk lotus teen patti teen patti real cash