Comprehension

त्र नक्रेण गृहीतः स उच्चैः आक्रोशत I आक्रोशं श्रुत्वा माता नदीतीरं गता पुत्रं च नक्रेण गृहीतम् अपश्यत् I शङ्करः अवदत् - "अम्ब ! यदि सन्यासं ग्रहीतुं मामनुमंस्यसे तर्हि अहं नक्रात् मुक्तो भविष्यामिI" अनिच्छन्त्यपि माता - वत्स! यथा तुभ्यं रोचते तथा कुरु" इति कष्टेनाकथयत् I एतछुत्वा शंकरः नक्रात मुक्तः अभवत् I नद्याः बहर्निर्ग्त्य मातुः चरणयोः प्रणामं कृत्वा सः अवदत् - " मातः ! यद्यपि गच्छाम्याहं सन्यासाय तथापि यदैव त्वं मां स्मरिष्यसि तदैव उपस्थितो भविष्यामिI" एवं प्रतिज्ञाय गृहात् निर्गच्छत् I

अथ परिव्राजकैः सः देशादेशं पर्यटन् शंकरः काश्यां गोविन्द्पादाचार्येभ्यः वेदांतविद्यामधीतवान् I अनन्तरं मुख्यानाम् उपनिषदाम् , ब्रह्मसूत्राणां श्रीमाद्भाग्वाद्गीतायाश्च भाष्याणि अरचयत् I अनेन विराचितानि बहूनिस्रोत्काव्यान्यपि सन्ति येषु भजगोविंदस्त्रोतम् अतीव लोकप्रियमस्ति I

एवं मन्यते यत् मरणासन्ना माता यदेवास्य स्मरणं अकरोत् तदैवायं तत्समीपं आगच्छत् I दिवं गतायां मातरि संयस्तोऽपि सः ंपुत्रोचितं सर्वं कृत्यं सम्पदितवान् I ततः सर्वतः परिभ्रमन् स जनेभ्यः अद्वैतवेदांतसिद्धांतस्य ज्ञानमुपदिष्टवान् I 

अस्मिन्नेव प्रचारक्रमे स द्वारिकायां, बदर्यां , जगान्नाथ्पुर्यां, श्रृङ्गेर्यां, च चतुरः मठान् समस्थापयत् I अन्ते च द्वात्रिन्शे एव वयसि स ब्रह्मभावम् उपगतः I

 

साहित्ये अर्थस्य -

This question was previously asked in
CTET Paper 1 - 20th Dec 2021 (Eng/Hin/Sans/Ben/Mar/Tel)
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  1. एकः एव स्तरः अस्ति।
  2. द्वौ स्तरौ स्तः।
  3. त्रयः स्तराः सन्ति।
  4. बहवः स्तराः सन्ति।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : बहवः स्तराः सन्ति।
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CTET CT 1: TET CDP (Development)
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प्रश्न की हिन्दी - साहित्य में अर्थ का -

स्पष्टीकरण -

  • साहित्य में अर्थ के चार स्तर है।
  • अर्थ अर्थात् जिसे हम पढ़कर ग्रहण करते हैं या किसी विषय को समझकर अपने शब्दों या वाक्यों में कहने का प्रयास करते हैं।
  • पढ़कर अर्थ को ग्रहण करना - यह पठन कौशल के अन्तर्गत आता है। 
  • किसी कहानी या घटना को सुनकर अपने शब्दों में कहना और लिखना - वाचन और लेखन कौशल के अन्तर्गत आता है।

Important Pointsसाहित्य में अर्थ के चार स्तर बताए गए हैं। जो निम्नलिखित हैं-

  • शाब्दिक स्तर
  • वाक्य स्तर
  • गद्यांश स्तर
  • कहानी स्तर (ये चारों ही स्तर छात्रों को अर्थ को गहन रूप से समझने में सहायता करते हैं। शिक्षक को इन चारों ही स्तरों से सम्बन्धित प्रश्न छात्रों से पूछने चाहिए।)
  • शाब्दिक और वाक्य स्तर - इन स्तरों में प्रारम्भिक स्तर हैं। जो अर्थ को समझने में सहायता प्रदान करते हैं।

इन चारों ही स्तर से सम्बन्धित उदाहरण निम्नलिखित है -

  • शाब्दिक स्तर -
    • लेखक ने कहा - यह काम कर पाना बहुत चुनौतीपूर्ण है। यहाँ लेखक कौन है ? - यह शाब्दिक स्तर है। जहाँ लेखक कौन है - यह बताना है।
  • वाक्य स्तर -
    • जहाँ वाक्यों को अपने शब्दों में लिखा जाता है। यह वाक्य स्तर है।
  • गद्यांश स्तर -
    • इस स्तर में किसी गद्यांश के महत्वपूर्ण अंश या घटना की व्याख्या करनी होती है।
  • कहानी स्तर -
    • इस स्तर में किसी कहानी से हमें शिक्षा मिलती है, इसे तथ्यों के साथ स्पष्ट किया जाता है।

 

इस तरह कहा जा सकता है कि साहित्य में अर्थ के बहवः स्तराः (बहुत स्तर) है।

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